Print Page Options
Previous Prev Day Next DayNext

Old/New Testament

Each day includes a passage from both the Old Testament and New Testament.
Duration: 365 days
Saral Hindi Bible (SHB)
Version
Error: 'गिनती 12-14' not found for the version: Saral Hindi Bible
मारक 5:21-43

तथा मरी हुई लड़की का जी उठना

(मत्ति 9:18-26; लूकॉ 8:40-56)

21 मसीह येशु दोबारा झील के दूसरे तट पर चले गए. एक बड़ी भीड़ उनके पास इकट्ठी हो गयी. मसीह येशु झील तट पर ही रहे. 22 स्थानीय यहूदी सभागृह का एक अधिकारी, जिसका नाम याइरॉस था, वहाँ आया. यह देख कि वह कौन हैं, वह उनके चरणों पर गिर पड़ा. 23 बड़ी ही विनती के साथ उसने मसीह येशु से कहा, “मेरी बेटी मरने पर है. कृपया चलिए और उस पर हाथ रख दीजिए कि वह स्वस्थ हो जाए और जीवित रहे.” 24 मसीह येशु उसके साथ चले गए.

बड़ी भीड़ भी उनके पीछे-पीछे चल रही थी और लोग उन पर गिरे पड़ रहे थे.

25 एक स्त्री बारह वर्ष से रक्तस्राव से पीड़ित थी. 26 अनेक चिकित्सकों के हाथों उसने अनेक पीड़ाएं सही थीं. इसमें वह अपना सब कुछ व्यय कर चुकी थी फिर भी इससे उसे लाभ के बदले हानि ही उठानी पड़ी थी. 27 मसीह येशु के विषय में सुन कर उसने भीड़ में उनके पीछे आ कर उनका वस्त्र छुआ. 28 उसका यह विश्वास था: “यदि मैं उनके वस्त्र को छू भर लूँ तो मैं स्वस्थ हो जाऊँगी.” 29 उसी क्षण उसका रक्तस्राव थम गया. स्वयं उसे अपने शरीर में यह मालूम हो गया कि वह अपनी पीड़ा से ठीक हो चुकी है.

30 उसी क्षण मसीह येशु को भी यह आभास हुआ कि उनमें से सामर्थ्य निकली है. भीड़ में ही उन्होंने मुड़ कर प्रश्न किया, “कौन है वह, जिसने मेरे वस्त्र को छुआ है?”

31 शिष्यों ने उनसे कहा, “आप तो देख ही रहे हैं कि किस प्रकार भीड़ आप पर गिरी पड़ रही है और आप प्रश्न कर रहे हैं, ‘कौन है वह, जिसने मेरे वस्त्र को छुआ है’!”

32 प्रभु की दृष्टि उसे खोजने लगी, जिसने यह किया था. 33 वह स्त्री यह जानते हुए कि उसके साथ क्या हुआ है, भय से काँपती हुई उनके चरणों पर आ गिरी और उन पर सारी सच्चाई प्रकट कर दी. 34 मसीह येशु ने उस स्त्री से कहा, “पुत्री, तुम्हारे विश्वास ने तुम्हें स्वस्थ किया है. शान्ति में विदा हो जाओ और स्वस्थ रहो.”

35 जब मसीह येशु यह कह ही रहे थे, याइरॉस के घर से आए कुछ लोगों ने यह सूचना दी, “आपकी पुत्री की मृत्यु हो चुकी है. अब गुरुवर को कष्ट देने का क्या लाभ?”

36 मसीह येशु ने यह सुन उस यहूदी सभागृह अधिकारी से कहा, “भयभीत न हो—केवल विश्वास करो.”

37 उन्होंने पेतरॉस, याक़ोब तथा याक़ोब के भाई योहन के अतिरिक्त अन्य किसी को भी अपने साथ आने की अनुमति न दी 38 और ये सब यहूदी सभागृह अधिकारी के घर पर पहुँचे. मसीह येशु ने देखा कि वहाँ शोर मचा हुआ है तथा लोग ऊँची आवाज़ में रो-पीट रहे हैं. 39 घर में प्रवेश कर मसीह येशु ने उन्हें सम्बोधित करते हुए कहा, “यह शोर और रोना-पीटना क्यों! बच्ची की मृत्यु नहीं हुई है—वह केवल सो रही है.” 40 यह सुन वे मसीह येशु का ठठ्ठा करने लगे, किन्तु मसीह येशु ने उन सभी को वहाँ से बाहर निकाल बच्ची के पिता तथा अपने साथियों को साथ ले उस कक्ष में प्रवेश किया, जहाँ वह बालिका थी.

41 वहाँ उन्होंने बालिका का हाथ पकड़ कर उससे कहा, “तालीथा कोऊम” अर्थात् बालिके, उठो! 42 उसी क्षण वह उठ खड़ी हुई और चलने-फिरने लगी. इस पर वे सभी चकित रह गए. बालिका की आयु बारह वर्ष थी. 43 मसीह येशु ने उन्हें स्पष्ट आदेश दिए कि इस घटना के विषय में कोई भी जानने न पाए और फिर उनसे कहा कि उस बालिका को खाने के लिए कुछ दिया जाए.

Saral Hindi Bible (SHB)

New Testament, Saral Hindi Bible (नए करार, सरल हिन्दी बाइबल) Copyright © 1978, 2009, 2016 by Biblica, Inc.® All rights reserved worldwide.