Read the New Testament in 24 Weeks
नवां करार के महा पुरोहित
8 हमर कहे के सार बात ए अय: हमर करा एक अइसने महा पुरोहित हवय, जऊन ह स्वरग म महामहिम परमेसर के सिंघासन के जेवनी हांथ कोति जा बईठिस, 2 अऊ ओह ओ पबितर जगह म सेवा करथे, जऊन ह अराधना के सही तम्बू ए अऊ एह मनखे के दुवारा नइं, पर परभू के दुवारा खड़े करे गे हवय।
3 हर एक महा पुरोहित ह भेंट अऊ बलिदान चघाय बर ठहिराय जाथे, एकरसेति ए महा पुरोहित बर घलो जरूरी रिहिस कि ओकर करा चघाय बर कुछू रहय। 4 यदि ओह धरती म होतिस, त ओह एक पुरोहित नइं होतिस, काबरकि मूसा के कानून के मुताबिक भेंट चघाय बर पुरोहितमन हवंय। 5 जऊन सेवा ओमन पुरोहित के रूप म पबितर जगह म करथें, ओह ओकर एक नकल अऊ छइहां ए, जऊन ह स्वरग म हवय। एकरसेति जब मूसा ह अराधना के तम्बू ला बनइया रिहिस, त ओला ए चेतउनी मिले रिहिस, “देख, तेंह हर एक चीज ओ नमूना के मुताबिक बना, जऊन ह तोला पहाड़ के ऊपर देखाय गे रिहिस।”[a] 6 पर जऊन सेवकई यीसू ला मिले हवय, ओह अऊ उत्तम अय, जइसने कि ओ करार जेकर मध्यस्थ यीसू अय, जुन्ना करार ले अऊ उत्तम अय, काबरकि एह अऊ उत्तम परतिगियां ऊपर अधारित हवय।
7 यदि पहिली करार म कुछू गलती नइं होतिस, त दूसर करार के जरूरत नइं होतिस। 8 पर परमेसर ह मनखेमन म गलती पाईस अऊ कहिस;
“परभू ह कहिथे, समय ह आवत हवय,
जब मेंह इसरायल के घराना संग
अऊ यहूदा के घराना संग
नवां करार करहूं।
9 एह ओ करार सहीं नइं होवय,
जऊन ला मेंह ओमन के पुरखामन संग करे रहेंव,
जब मेंह ओमन के हांथ धरके ओमन ला
मिसर देस ले निकार लानेंव,
काबरकि ओमन मोर करार के पालन नइं करिन,
एकर खातिर मेंह ओमन के खियाल नइं रखेंव,
परभू ह ए बात कहिथे।
10 परभू ह कहिथे, ओ समय के बाद,
मेंह इसरायल के घराना के संग ए करार करहूं –
मेंह अपन कानून ला ओमन के मन म डालहूं
अऊ ओमन ला ओमन के हिरदय म लिखहूं।
मेंह ओमन के परमेसर होहूं अऊ ओमन मोर मनखे होहीं।
11 कोनो अपन पड़ोसी ला, ए नइं सीखोही
या कोनो अपन भाई ले, ए नइं कहिही कि ‘परभू ला जानव,’
काबरकि छोटे ले लेके बड़े तक, ओमन जम्मो झन मोला जानहीं।
12 मेंह ओमन के पाप ला छेमा करहूं,
अऊ ओमन के पाप ला फेर कभू सुरता नइं करहूं।”[b]
13 ए करार ला “नवां करार” कहे के दुवारा, परमेसर ह पहिली के करार ला बिगर काम के ठहराईस; अऊ जऊन चीज ह बिगर काम के अऊ जुन्ना हो जाथे, ओह जल्दी लोप हो जाही।
धरती के तम्बू म अराधना
9 पहिली करार म, अराधना के नियम रिहिस अऊ अराधना के एक पबितर जगह घलो रिहिस, जऊन ह ए धरती म रिहिस। 2 एक तम्बू बनाय गीस। एकर पहिली कमरा म दीया, मेज अऊ परमेसर ला चघाय गे रोटी रहय; एला पबितर जगह कहे जावय। 3 दूसरा परदा के पाछू एक ठन कमरा रहय, जऊन ला परम पबितर जगह कहे जावय, 4 ओम धूप जलाय बर सोना के बेदी अऊ सोना ले मढ़े गय करार के संदूक रहय। ए संदूक म मन्ना ले भरे सोना के कटोरा, हारून के लउठी, जऊन म पीका आ गे रहय अऊ पथरा के पटियामन रहंय अऊ ए पटियामन म दस हुकूम लिखाय रहय। 5 संदूक के ऊपर म महिमा के करुबमन (स्वरगदूतमन सहीं महिमामय जीव) रहंय, जेमन पछताप के जगह ला छइहां करे रहंय। पर हमन अभी ए जम्मो बातमन के चरचा नइं कर सकन।
6 ए किसम ले हर एक चीजमन ला रखे गे रिहिस। पुरोहितमन बाहिर के कमरा म जावंय अऊ अपन सेवा ला करंय। 7 पर सिरिप महा पुरोहित ह भीतर के कमरा म जावय अऊ ओ घलो साल म सिरिप एक बार खून लेके उहां जावय अऊ ओ खून ला, ओह खुद के अऊ मनखेमन के ओ पाप के खातिर परमेसर ला चघावय, जऊन ला ओमन बिगर जाने करे रहंय। 8 एकर दुवारा पबितर आतमा ह ए बतावत रिहिस कि जब तक पहिली तम्बू ह खड़े रिहिस, तब तक परम पबितर जगह के रसता ह नइं खोले गे रिहिस। 9 एह आज के समय बर एक नमूना ए, जऊन ह ए बताथे कि जऊन भेंट अऊ बलिदान मन चघाय जावत रिहिन, ओमन अराधना करइयामन के मन ला साफ नइं कर सकंय। 10 ओमन सिरिप खाय-पीये के चीज अऊ नाना किसम के सुध होय के रीति-रिवाज अंय। एमन बाहिरी नियम अंय, जऊन ह नवां हुकूम के आवत तक लागू रहिथे।
मसीह के लहू
11 जब मसीह ह बने चीजमन के महा पुरोहित के रूप म आईस, जऊन मन पहिली ले इहां हवंय, त ओह अऊ बड़े अऊ जादा सिद्ध तम्बू म ले होके गीस, जऊन ह मनखे के बनाय नो हय, याने कि ओ तम्बू ह ए संसार के नो हय। 12 ओह सबले पबितर जगह म बोकरा अऊ बछवा मन के लहू के संग नइं गीस, पर ओह उहां जम्मो के सेति एकेच बार अपन खुद के लहू के दूबारा गीस अऊ हमर बर सदाकाल के छुटकारा लानिस। 13 बोकरा अऊ बइला मन के लहू अऊ जरे बछवा के राख ला, ओमन के ऊपर छिंचे जाथे, जऊन मन रिवाज के मुताबिक असुध रहिथें। एह ओमन ला पबितर करथे अऊ ओमन बाहिरी रूप ले सुध हो जाथें। 14 तब मसीह, जऊन ह निरदोस रिहिस, सदाकाल के आतमा के जरिये अपन-आप ला परमेसर ला भेंट चघा दीस। ओकर लहू ह हमर बिवेक ला बेकार के काममन ले सुध करथे, ताकि हमन जीयत परमेसर के सेवा कर सकन।
15 एकरे खातिर मसीह ह एक नवां करार के मध्यस्थ ए, ताकि जऊन मन बलाय गे हवंय, ओमन ओ सदाकाल के वारिस बन जावंय, जेकर वायदा परमेसर ह करे हवय। अब मसीह अपन मिरतू के दुवारा एक छुड़ौती के कीमत दीस, ताकि ओह ओमन ला छोंड़ाय सकय, जऊन मन पहिली करार के समय पाप करे रिहिन।
16 जब कोनो वसीयत लिखथे अऊ मर जाथे, तब ओकर वारिस बर एह जरूरी ए कि ओह वसीयत करइया के मिरतू ला साबित करय। 17 काबरकि वसीयत ह तभे लागू होथे, जब वसीयत करइया ह मर जाथे। जब तक कि ओह जीयत हवय, तब तक वसीयत के कोनो मतलब नइं रहय। 18 एकरे कारन, पहिली करार ह लहू के दुवारा लागू करे गे रिहिस। 19 जब मूसा ह जम्मो मनखेमन ला कानून म बताय जम्मो हुकूम ला पढ़के सुना चुकिस, तब ओह पानी के संग बछवामन के लहू, लाल ऊन अऊ जूफा के डारा लीस अऊ ए चीजमन ला कानून के किताब अऊ जम्मो मनखेमन ऊपर छिंचिस, 20 अऊ ओह कहिस, “एह ओ करार के लहू ए, जऊन ला पालन करे के हुकूम, परमेसर ह तुमन ला देय हवय।”[c] 21 एहीच किसम ले, मूसा ह तम्बू अऊ अराधना के जम्मो चीज ऊपर लहू छिंचिस। 22 वास्तव म, मूसा के कानून के मुताबिक लगभग हर एक चीज लहू के दुवारा सुध करे जाथे अऊ बिगर लहू बोहाय पाप के छेमा नइं होवय।
मसीह के बलिदान ह पाप ला दूरिहा करथे
23 एह जरूरी रिहिस कि स्वरगीय चीजमन के नकल ह ए बलिदानमन के दुवारा सुध करे जावय, पर स्वरग के चीजमन खुद एकर ले अऊ बने बलिदान के दुवारा सुध करे जाथें। 24 काबरकि मसीह ह मनखे के बनाय ओ पबितर जगह म नइं गीस, जऊन ह सही के पबितर जगह के नमूना रिहिस, पर ओह स्वरग म गीस कि अब हमर बर, ओह परमेसर के आघू म परगट होवय। 25 मसीह ह स्वरग म अपन-आप ला बार-बार भेंट चघाय बर नइं गीस, जइसने महा पुरोहित ह हर साल परम पबितर जगह म आने के लहू लेके जाथे, 26 नइं तो जब ले संसार ह रचे गे हवय, तब ले अब तक, मसीह ला कतको बार दुःख उठाना पड़तिस। पर अब ओह ए जुग के आखिरी म, जम्मो के सेति एकेच बार परगट होईस, ताकि अपन खुद के बलिदान के दुवारा पाप ला दूर करय। 27 जइसने मनखे के एक बार मरई अऊ ओकर बाद ओकर नियाय होवई तय हवय, 28 ओहीच किसम ले, मसीह घलो अपन-आप ला एक बार बलिदान कर दीस कि ओह बहुंते मनखे के पाप ला दूर करय। अऊ ओह दूसर बार परगट होही, पर पाप के भार उठाय बर नइं, पर ओमन के उद्धार करे बर, जऊन मन ओकर बाट जोहत हवंय।
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