Read the New Testament in 24 Weeks
छुट्ठा मनइयन क गाना
14 फिन मइँ देखेउँ कि मोरे समन्वा सिय्योन पर्वत प मेमना खड़ा अहइ। ओकरे साथे 1,44,000 मनई खड़ा रहेन जेकरे माथे प ओकर अउर ओकरे बाप क नाम लिखा रहा।
2 फिन मइँ एक आकासबाणी सुनेउँ ओकर महानाद एक विसाल जल प्रपात क तरह रहा यो भयंकर बादर क गरजइ क तरह रहा। जउन महानाद मइँ सुनेउँ रहा उ तमाम वीणा बादकन क बजावा वीणा स पइदा संगीत क तरह रहा। 3 उ सबेन्ह सिंहासन चारउँ प्रानीयन अउर बुजुर्गन क सामने एक ठु नवा गना गावत रहेन। जउने 1,44,000 मनइयन क धरती प फिरौती दइके बन्धन स छुड़ाइ लीन्ह ग रहा, जउने क कउनउँ मनई उ गाना क नाहीं सिख सकत रहा।
4 उ अइसेन मनई रहेन जउन कि कउनउँ स्त्री क संसर्ग स आपन का दूसित नाहीं किए रहेन साथ जुड़ा नाहीं रहेन, उ पचे कुँवारा रहेन, जहाँ जहाँ मेमना जात रहा ओकर पीछा करत रहेन। पूरी मनइयन क जाति स ओनका फिरौती दइके बंधन स छुटकारा दीन्ह ग रहा। उ पचे परमेस्सर अउर मेमना क बरे फसल क पहिला फल रहेन। 5 उ कबहुँ झूठ नाहीं बोले रहेन, अउर निर्दोस रहेन!
तीन सरगदूत
6 फिन मइँ आसमान मँ उँची उड़ान भरत एक अउर सरगदूत देखेउँ। ओकरे लगे धरती प रहइ वालेन, हर देस, जाति, भाखा अउर सभी कुल क मनइयन क बरे अनन्त सुसमाचार क एक संदेस रहा। 7 ऊँची आवाज मँ उ बोला, “परमेस्सर स डेराअ अउर ओकर स्तुति करा। काहेकि ओकरे निआव क समइ आइ ग अहइ। ओकर आराधाना करा जे आसमान, धरती, समुद्दर अउर जल स्रोत क बनाएस।”
8 एकरे बाद ओकरे पाछे एक अउर सरगदूत आवा अउर बोला, “ओकर पतन होइ चुका अहइ! महान नगरी बाबुल क पतन होइ चुका अहइ। उ सब जाति क अपने पइदा अनैतिक व्यभिचार स परमेस्सर क गुस्सा क वासना भरी दाखरस पिआएस।”
9 उ दूइनउँ क बाद फिन अउर एक सरगदूत आवा अउर जोर स बोला, “जदि केहू जानवर अउर जानवर क मूर्ति क पूजा करत ह अउर अपन हाँथे मँ माथे प ओकर मोहर लगवाए रहत ह। 10 अउर उ भी परमेस्सर क गुस्सा क दाखरस पिई। अइसी सुद्ध तीखी दाखरस जउन परमेस्सर क गुस्सा क कटोरिया मँ बनाई ग अहइ। उ मनई क पवित्तर सरगदूनत अउर मेमनन क सामने धधकत गंधक मँ यातना दीन्ह जाई। 11 जुग जुग तलक ओनकी यातना स धूँआ उठत हमेसा रही। अउर जउने पे जानवर क नाउँ क छाप छपी रही अउर उ जानवर अउ ओकर अउर ओकरी मूर्ति क पूजा करत रही। ओनका दिन रात कबहूँ चइन न मीली।” 12 इ ही क माने है कि परमेस्सर क पवित्तर लोग क धीरज अउर सहनसीलता धरइ क जरुरत अहइ जउन परमेस्सर क हुकुमन अउर ईसू मँ बिसवास क पालन करत हीं।
13 फिन एक आकासबाणी क मइँ इ कहत सुनेउँ, “एका लिखा: धन्य अहइ उ सबइ मृतक जउन अबसे पर्भू मँ मरस्थित होइके अहइँ।”
आदिमा कहत ह, “हाँ, इ ठीक अहइ। ओनका मेहनत क कारण आराम मिली काहे बरे कि ओनकर काम, ओनके साथे अहइ।”
धरती क फसल क कटनी
14 फिन मइँ देखेउँ कि मोरे समन्वा हुवाँ एक सफेद बादर रहा। अउर उ बादर प एक ठु मनई बइठा रहा जउन मनई क पूत जइसेन दीख पड़त रहा। उ अपने माथे प एक सोने क मुकुट धारण करे रहा अउर ओकरे हाथे मँ एक तेज हँसिया रही। 15 तबहिं मंदिर मँ स एक ठु अउर सरगदूत बाहेर निकला। उ बदरे प बइठे मनई स जोर क आवाज़ मँ कहेस, “हँसिया चलावा अउर फसल एकट्ठी करा, काहे बरे कि फसल काटइ क समइ आइ ग अहइ। धरती क फसल पक चुकी अहइ।” 16 इ बरे जउन बदरे प बइठा रहा, उ धरती प आपन हँसिया हिलाएस अउर धरती क फसल काट लीन्ह गइ।
17 फिन सरग क मन्दिर मँ स एक अउर सरगदूत बाहेर निकला ओकरे लगे भी एक तेज हँसिया रही। 18 उहइ समइ प वेदी स एक अउर सरगदूत आवा। उ सरगदूत क आगी पइ अधिकार रहा। उ सरगदूत स जोर क आवाज़ मँ कहेस, “अपने जोरदार हँसिया क चलावा अउर धरती क बेल स अंगूर क गुच्छा उतारा ल्या काहे बरे कि एकर अंगूर पक चुका अहइँ।” 19 इ बरे उ सरगदूत धरती प आपन हँसिया झुलाएस अउर धरती क अंगूर उतारी लिहेस अउर ओनका परमेस्सर क भयंकर कोप क विसाल रसकुण्ड मँ डाइ दिहेस। 20 अगूंर सहर क बाहेर क धानी मँ रौंद क निचोड़ लीन्ह गएन। धानी मँ स खून बहै लाग। खून घोड़ा क लगाम जेतना ऊपर चड़ि गवा अउर लगभग तीन सौ किलोमीटर क दूरी तलक फइल गवा।
आखिरी विनास क सरगदूतन
15 आकास मँ फिन मइँ एक अउर महान अचरज भरी निसानी देखेउँ। मइँ देखेउँ कि सात सरगदूतन अहइँ जउन सात आखिरी महाविनास लिहे भए अहइँ। इ सबइ आखिरी विनास अहीं, काहे बरे कि एकरे साथेन परमेस्सर क गुस्सा खतम होई जाई।
2 फिन मोका आग स मिला काँच क समुद्दर जइसा देखाइ पड़ा। अउर मइँ देखे कि उ पचे उ जनावर क मूरत प अउर ओनके नाउँ स जुड़ी संख्या प जीत हालिस कइ लिहे अहइँ, ओनहूँ काँच क समुद्दर प खड़ा अहइँ। उ पचे परमेस्सर क दीन्ह गइ वीणा लिहे रहेन। 3 उ पचे परमेस्सर क सेवकन मूसा अउर मेमना क इ गाना गावत रहेन:
“जउन काम तू करत रहत ह्या उ सबइ महान अहइँ।
तोहार काम करइ क ताकत अचरजभरी
अउर अनन्त अहइ हे सर्वसक्तिमान पर्भू परमेस्सर तोहार मार्ग धर्म संगत अउर सच्चे अहइँ।
तू सब जातिन क राजा अह्या,
4 हे प्रर्भू, तोहसे मनई हमेसा ड़ेरात रहिहइँ
तोहार नाउँ लइके, मनई स्तुति करिहइँ
काहे बरे कि तू अकेले पवित्तर अहा।
तोहरे समन्वा सब रास्ट्रन अहइँ अउर तोहार आराधना करिहइँ।
काहे बरे कि इ बात अउर पता चलि ग अहइ तू जउन करत ह्या उहइ, निआव अहइ।”
5 एकरे बाद मइँ देखेउँ कि सरग क मन्दिर मतलब करार क तम्बू क खोला गवा 6 अउर उ पचे सातउँ सरगदूतन जेनके लगे आखिरी साथ महामारी रहिन, मन्दिर स बाहर आएन। उ पचे चमकीले साफ मलमल क कपड़ा पहिने रहेन। अपने सीना प सोनेक पटका बाँधे रहेन। 7 फिन उ चार प्रनियन मँ स एक उ सताउँ सरगदूतन क सोना क कटोरा दिहेस जउन हमेसा हमेसा क बरे अमर परमेस्सर क गुस्सा स भरा रहेन। 8 उ मन्दिर परमेस्सर क महिमा अउर ओकरे सक्ति क धुँअन स भरा रहा जइसे कि जब तलक ओन सात सरगदूतन क सात माहमारी पूरा न होइ जाइँ, तब तलक मन्दिर मँ कउनउँ धुसइ न पावइ।
परमेस्सर क गुस्सा क कटोरा
16 फिन मइँ सुनेउँ कि मन्दिर मँ स एक जोर क आवाज़ ओन सात सरगदूतन स कहत अहइ, “जा अउर परमेस्सर क गुस्सा क सातउँ कटोरन क धरती प उड़ेर द्या।”
2 इ बरे पहिला सरगदूतन गवा अउर उ धरती प आपन कटोरा उड़ेर दिहेस। एकइ नतीजा इ भवा कि उ मनई जेनके ऊपर जनावर क निसानी छपी रही अउर जउन ओकरी मूरती क पूजा करत रहेन, क ऊपर भयानक पीड़ा पइदा करइवाले छाला फूट आएन।
3 एकरे बाद दूसर सरगदूतन आपन कटोरा समुद्दर मँ उड़ेर दिहेस अउर समुद्दर क पानी मरे भए मनई क खून मँ बदल गवा अउर समुद्दर मँ रहइवाले सब जीवजन्तु मरि गएन।
4 फिन तीसरा सरगदूतन नदियन अउर पानी क झरनन पइ आपन कटोरा उड़ेर दिहेस अउर उ खून मँ बदल गएन। 5 उहइ समइ प मइँ पानी सरगदूतन क इ कहत सुनेउँ:
“तू ही अहा उ, जउन पुण्यातिमा! जउन अहइ, जउन रहा
सदा-सदा स तू ही अहा जउन अहइ
एक ही पवित्तर, करत भए निआव ओनकर,
6 ओन सबन पवित्तर लोगन
अउर नबियन क खुन बहाए अहइ।
तू ओनका पिअइ क बरे केवल खून दिह्या।
काहे बरे कि ओन इहइ क काबिल रहेन।”
7 फिन मइँ वेदी स आवत आवाज़ सुनेउँ:
“हाँ, सर्वसक्तिमान प्रर्भू परमेस्सर,
तोहार निआव सच्चा अउर उचित अहइ।”
8 फिन चौथा सरगदूत आपन कटोरा सूरज क ऊपर उड़ेर दिहेस। इ तहर ओका मनइयन क आग स जलावइ क ताकत दइ दीन्ह गइ। 9 अउर मनई भयानक गरमी स झुलसइ लागेन। उ परमेस्सर क नाउँ क कोसइ लागेन काहे बरे कि इन जेका महमारी प क अधिकार अहइ। मुला उ पचे आपन मनफिरावा नाहीं किहेन अउर न जिन्नगी क बदलेन अउर परमेस्सर क महिमा किहेन।
10 एकरे बाद पाँचवा सरगदूत आपन कटोरा उ जनावर क सिंहासन प उड़ेरे दिहेस अउर ओकर राज अँधेरे मँ डूब गवा। सब मनई तकलीफ क आपन जीभ काट लिहेन। 11 आपन आपन पीड़ा अउर छालन क कारण उ सरग क परमेस्सर क निन्दा तउ करइ लागेन मुला आपन मनफिरावा नाहीं किहेन।
12 फिन छठवाँ सरगदूत आपन कटोरा फरात नाउँ क महानदी प उड़ेर दिहेस अउर ओकर पानी सूख गवा। एहसे पूरब दिसा क राजन क बरे रास्ता तइयार होइ गवा। 13 फिन मइँ देखेउँ कि उ भयंकर अजगर क मुँहे स, उ जनावर क मुँह स, अउर कपटी नबियन क मुँहसे तीन दुस्ट आतिमन निकलिन, जउन मेड़क क तरह दिखाई पड़त रहिन। 14 इ सब दुस्ट क आतिमन रहिन अउर ओनके मँ अदभुत कारजन करइ क ताकत रही। उ पूरी दुनिया क राजा लोगन मँ सबसे सर्वसक्तिमान परमेस्सर क महान दिन, जुद्ध करइ क बरे एकट्ठा करइ क निकल पड़ेन।
15 “सावधान! मइँ चोर क समान आवत हउँ। उ धन्य अहइ जउन जागत रहत ह अउर अपने क परन क अपने साथे रखत ह जइसेन कि उ नंगा न घूमइ अउर मनई ओका लज्जित होत न देइँ।”
16 इ तरह स उ दुस्ट आतिमन ओन राजन क एकट्ठा कइके उ जगह प लइ आएन जउने क इब्रानी भाखा मँ हर मगिदोन कहा जात ह।
17 एकरे बाद सातवाँ सरगदूत आपन कटोरा हवा मँ उड़ेर दिहेस! अउर सिंहासन स पइदा भवा एक भयंकर आवाज़ मन्दिर मँ स कहत तिकरी, “इ खतम होइ गवा!” 18 तबहि बिजली कउँधइ लाग, आवाज़ क अउर गरजन अउर एक ठू जर्बदस्त भूचाल आइ गवा। मनई क धरती प परगट होइ क बाद क इ सबसे भयानक भूचाल रहा। 19 उ बड़ा सहर तीन टुकड़न मँ बिखर गवा, अउर अधर्मियन क रास्ट्रन नगरन क नस्ट होइ गए। परमेस्सर महानगरी बाबुल क दण्ड़ देइ क बरे याद करे रहा। आपन भयंकर प्रकोप क काटोरा मँ स ओका दइ दिहेस। 20 सब द्वीप गायब होई गएन। कउनो पहाड़ तक क पता नाहीं चल पावत रहा। 21 पचास पचास किलो क ओला, आसमान स मनइयन क ऊपर बरसइ लागेन। ओलन क भयंकर विपत्ति क कारण सब मनई परमेस्सर क कोसत रहेन, काहे बरे कि इ भयानक आफत रही।
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.