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Read the New Testament in 24 Weeks

A reading plan that walks through the entire New Testament in 24 weeks of daily readings.
Duration: 168 days
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)
Version
प्रकासित वाक्य 14-16

छुट्ठा मनइयन क गाना

14 फिन मइँ देखेउँ कि मोरे समन्वा सिय्योन पर्वत प मेमना खड़ा अहइ। ओकरे साथे 1,44,000 मनई खड़ा रहेन जेकरे माथे प ओकर अउर ओकरे बाप क नाम लिखा रहा।

फिन मइँ एक आकासबाणी सुनेउँ ओकर महानाद एक विसाल जल प्रपात क तरह रहा यो भयंकर बादर क गरजइ क तरह रहा। जउन महानाद मइँ सुनेउँ रहा उ तमाम वीणा बादकन क बजावा वीणा स पइदा संगीत क तरह रहा। उ सबेन्ह सिंहासन चारउँ प्रानीयन अउर बुजुर्गन क सामने एक ठु नवा गना गावत रहेन। जउने 1,44,000 मनइयन क धरती प फिरौती दइके बन्धन स छुड़ाइ लीन्ह ग रहा, जउने क कउनउँ मनई उ गाना क नाहीं सिख सकत रहा।

उ अइसेन मनई रहेन जउन कि कउनउँ स्त्री क संसर्ग स आपन का दूसित नाहीं किए रहेन साथ जुड़ा नाहीं रहेन, उ पचे कुँवारा रहेन, जहाँ जहाँ मेमना जात रहा ओकर पीछा करत रहेन। पूरी मनइयन क जाति स ओनका फिरौती दइके बंधन स छुटकारा दीन्ह ग रहा। उ पचे परमेस्सर अउर मेमना क बरे फसल क पहिला फल रहेन। उ कबहुँ झूठ नाहीं बोले रहेन, अउर निर्दोस रहेन!

तीन सरगदूत

फिन मइँ आसमान मँ उँची उड़ान भरत एक अउर सरगदूत देखेउँ। ओकरे लगे धरती प रहइ वालेन, हर देस, जाति, भाखा अउर सभी कुल क मनइयन क बरे अनन्त सुसमाचार क एक संदेस रहा। ऊँची आवाज मँ उ बोला, “परमेस्सर स डेराअ अउर ओकर स्तुति करा। काहेकि ओकरे निआव क समइ आइ ग अहइ। ओकर आराधाना करा जे आसमान, धरती, समुद्दर अउर जल स्रोत क बनाएस।”

एकरे बाद ओकरे पाछे एक अउर सरगदूत आवा अउर बोला, “ओकर पतन होइ चुका अहइ! महान नगरी बाबुल क पतन होइ चुका अहइ। उ सब जाति क अपने पइदा अनैतिक व्यभिचार स परमेस्सर क गुस्सा क वासना भरी दाखरस पिआएस।”

उ दूइनउँ क बाद फिन अउर एक सरगदूत आवा अउर जोर स बोला, “जदि केहू जानवर अउर जानवर क मूर्ति क पूजा करत ह अउर अपन हाँथे मँ माथे प ओकर मोहर लगवाए रहत ह। 10 अउर उ भी परमेस्सर क गुस्सा क दाखरस पिई। अइसी सुद्ध तीखी दाखरस जउन परमेस्सर क गुस्सा क कटोरिया मँ बनाई ग अहइ। उ मनई क पवित्तर सरगदूनत अउर मेमनन क सामने धधकत गंधक मँ यातना दीन्ह जाई। 11 जुग जुग तलक ओनकी यातना स धूँआ उठत हमेसा रही। अउर जउने पे जानवर क नाउँ क छाप छपी रही अउर उ जानवर अउ ओकर अउर ओकरी मूर्ति क पूजा करत रही। ओनका दिन रात कबहूँ चइन न मीली।” 12 इ ही क माने है कि परमेस्सर क पवित्तर लोग क धीरज अउर सहनसीलता धरइ क जरुरत अहइ जउन परमेस्सर क हुकुमन अउर ईसू मँ बिसवास क पालन करत हीं।

13 फिन एक आकासबाणी क मइँ इ कहत सुनेउँ, “एका लिखा: धन्य अहइ उ सबइ मृतक जउन अबसे पर्भू मँ मरस्थित होइके अहइँ।”

आदिमा कहत ह, “हाँ, इ ठीक अहइ। ओनका मेहनत क कारण आराम मिली काहे बरे कि ओनकर काम, ओनके साथे अहइ।”

धरती क फसल क कटनी

14 फिन मइँ देखेउँ कि मोरे समन्वा हुवाँ एक सफेद बादर रहा। अउर उ बादर प एक ठु मनई बइठा रहा जउन मनई क पूत जइसेन दीख पड़त रहा। उ अपने माथे प एक सोने क मुकुट धारण करे रहा अउर ओकरे हाथे मँ एक तेज हँसिया रही। 15 तबहिं मंदिर मँ स एक ठु अउर सरगदूत बाहेर निकला। उ बदरे प बइठे मनई स जोर क आवाज़ मँ कहेस, “हँसिया चलावा अउर फसल एकट्ठी करा, काहे बरे कि फसल काटइ क समइ आइ ग अहइ। धरती क फसल पक चुकी अहइ।” 16 इ बरे जउन बदरे प बइठा रहा, उ धरती प आपन हँसिया हिलाएस अउर धरती क फसल काट लीन्ह गइ।

17 फिन सरग क मन्दिर मँ स एक अउर सरगदूत बाहेर निकला ओकरे लगे भी एक तेज हँसिया रही। 18 उहइ समइ प वेदी स एक अउर सरगदूत आवा। उ सरगदूत क आगी पइ अधिकार रहा। उ सरगदूत स जोर क आवाज़ मँ कहेस, “अपने जोरदार हँसिया क चलावा अउर धरती क बेल स अंगूर क गुच्छा उतारा ल्या काहे बरे कि एकर अंगूर पक चुका अहइँ।” 19 इ बरे उ सरगदूत धरती प आपन हँसिया झुलाएस अउर धरती क अंगूर उतारी लिहेस अउर ओनका परमेस्सर क भयंकर कोप क विसाल रसकुण्ड मँ डाइ दिहेस। 20 अगूंर सहर क बाहेर क धानी मँ रौंद क निचोड़ लीन्ह गएन। धानी मँ स खून बहै लाग। खून घोड़ा क लगाम जेतना ऊपर चड़ि गवा अउर लगभग तीन सौ किलोमीटर क दूरी तलक फइल गवा।

आखिरी विनास क सरगदूतन

15 आकास मँ फिन मइँ एक अउर महान अचरज भरी निसानी देखेउँ। मइँ देखेउँ कि सात सरगदूतन अहइँ जउन सात आखिरी महाविनास लिहे भए अहइँ। इ सबइ आखिरी विनास अहीं, काहे बरे कि एकरे साथेन परमेस्सर क गुस्सा खतम होई जाई।

फिन मोका आग स मिला काँच क समुद्दर जइसा देखाइ पड़ा। अउर मइँ देखे कि उ पचे उ जनावर क मूरत प अउर ओनके नाउँ स जुड़ी संख्या प जीत हालिस कइ लिहे अहइँ, ओनहूँ काँच क समुद्दर प खड़ा अहइँ। उ पचे परमेस्सर क दीन्ह गइ वीणा लिहे रहेन। उ पचे परमेस्सर क सेवकन मूसा अउर मेमना क इ गाना गावत रहेन:

“जउन काम तू करत रहत ह्या उ सबइ महान अहइँ।
    तोहार काम करइ क ताकत अचरजभरी
अउर अनन्त अहइ हे सर्वसक्तिमान पर्भू परमेस्सर तोहार मार्ग धर्म संगत अउर सच्चे अहइँ।
    तू सब जातिन क राजा अह्या,
हे प्रर्भू, तोहसे मनई हमेसा ड़ेरात रहिहइँ
    तोहार नाउँ लइके, मनई स्तुति करिहइँ
    काहे बरे कि तू अकेले पवित्तर अहा।
तोहरे समन्वा सब रास्ट्रन अहइँ अउर तोहार आराधना करिहइँ।
    काहे बरे कि इ बात अउर पता चलि ग अहइ तू जउन करत ह्या उहइ, निआव अहइ।”

एकरे बाद मइँ देखेउँ कि सरग क मन्दिर मतलब करार क तम्बू क खोला गवा अउर उ पचे सातउँ सरगदूतन जेनके लगे आखिरी साथ महामारी रहिन, मन्दिर स बाहर आएन। उ पचे चमकीले साफ मलमल क कपड़ा पहिने रहेन। अपने सीना प सोनेक पटका बाँधे रहेन। फिन उ चार प्रनियन मँ स एक उ सताउँ सरगदूतन क सोना क कटोरा दिहेस जउन हमेसा हमेसा क बरे अमर परमेस्सर क गुस्सा स भरा रहेन। उ मन्दिर परमेस्सर क महिमा अउर ओकरे सक्ति क धुँअन स भरा रहा जइसे कि जब तलक ओन सात सरगदूतन क सात माहमारी पूरा न होइ जाइँ, तब तलक मन्दिर मँ कउनउँ धुसइ न पावइ।

परमेस्सर क गुस्सा क कटोरा

16 फिन मइँ सुनेउँ कि मन्दिर मँ स एक जोर क आवाज़ ओन सात सरगदूतन स कहत अहइ, “जा अउर परमेस्सर क गुस्सा क सातउँ कटोरन क धरती प उड़ेर द्या।”

इ बरे पहिला सरगदूतन गवा अउर उ धरती प आपन कटोरा उड़ेर दिहेस। एकइ नतीजा इ भवा कि उ मनई जेनके ऊपर जनावर क निसानी छपी रही अउर जउन ओकरी मूरती क पूजा करत रहेन, क ऊपर भयानक पीड़ा पइदा करइवाले छाला फूट आएन।

एकरे बाद दूसर सरगदूतन आपन कटोरा समुद्दर मँ उड़ेर दिहेस अउर समुद्दर क पानी मरे भए मनई क खून मँ बदल गवा अउर समुद्दर मँ रहइवाले सब जीवजन्तु मरि गएन।

फिन तीसरा सरगदूतन नदियन अउर पानी क झरनन पइ आपन कटोरा उड़ेर दिहेस अउर उ खून मँ बदल गएन। उहइ समइ प मइँ पानी सरगदूतन क इ कहत सुनेउँ:

“तू ही अहा उ, जउन पुण्यातिमा! जउन अहइ, जउन रहा
    सदा-सदा स तू ही अहा जउन अहइ
    एक ही पवित्तर, करत भए निआव ओनकर,
ओन सबन पवित्तर लोगन
    अउर नबियन क खुन बहाए अहइ।
तू ओनका पिअइ क बरे केवल खून दिह्या।
    काहे बरे कि ओन इहइ क काबिल रहेन।”

फिन मइँ वेदी स आवत आवाज़ सुनेउँ:

“हाँ, सर्वसक्तिमान प्रर्भू परमेस्सर,
    तोहार निआव सच्चा अउर उचित अहइ।”

फिन चौथा सरगदूत आपन कटोरा सूरज क ऊपर उड़ेर दिहेस। इ तहर ओका मनइयन क आग स जलावइ क ताकत दइ दीन्ह गइ। अउर मनई भयानक गरमी स झुलसइ लागेन। उ परमेस्सर क नाउँ क कोसइ लागेन काहे बरे कि इन जेका महमारी प क अधिकार अहइ। मुला उ पचे आपन मनफिरावा नाहीं किहेन अउर न जिन्नगी क बदलेन अउर परमेस्सर क महिमा किहेन।

10 एकरे बाद पाँचवा सरगदूत आपन कटोरा उ जनावर क सिंहासन प उड़ेरे दिहेस अउर ओकर राज अँधेरे मँ डूब गवा। सब मनई तकलीफ क आपन जीभ काट लिहेन। 11 आपन आपन पीड़ा अउर छालन क कारण उ सरग क परमेस्सर क निन्दा तउ करइ लागेन मुला आपन मनफिरावा नाहीं किहेन।

12 फिन छठवाँ सरगदूत आपन कटोरा फरात नाउँ क महानदी प उड़ेर दिहेस अउर ओकर पानी सूख गवा। एहसे पूरब दिसा क राजन क बरे रास्ता तइयार होइ गवा। 13 फिन मइँ देखेउँ कि उ भयंकर अजगर क मुँहे स, उ जनावर क मुँह स, अउर कपटी नबियन क मुँहसे तीन दुस्ट आतिमन निकलिन, जउन मेड़क क तरह दिखाई पड़त रहिन। 14 इ सब दुस्ट क आतिमन रहिन अउर ओनके मँ अदभुत कारजन करइ क ताकत रही। उ पूरी दुनिया क राजा लोगन मँ सबसे सर्वसक्तिमान परमेस्सर क महान दिन, जुद्ध करइ क बरे एकट्ठा करइ क निकल पड़ेन।

15 “सावधान! मइँ चोर क समान आवत हउँ। उ धन्य अहइ जउन जागत रहत ह अउर अपने क परन क अपने साथे रखत ह जइसेन कि उ नंगा न घूमइ अउर मनई ओका लज्जित होत न देइँ।”

16 इ तरह स उ दुस्ट आतिमन ओन राजन क एकट्ठा कइके उ जगह प लइ आएन जउने क इब्रानी भाखा मँ हर मगिदोन कहा जात ह।

17 एकरे बाद सातवाँ सरगदूत आपन कटोरा हवा मँ उड़ेर दिहेस! अउर सिंहासन स पइदा भवा एक भयंकर आवाज़ मन्दिर मँ स कहत तिकरी, “इ खतम होइ गवा!” 18 तबहि बिजली कउँधइ लाग, आवाज़ क अउर गरजन अउर एक ठू जर्बदस्त भूचाल आइ गवा। मनई क धरती प परगट होइ क बाद क इ सबसे भयानक भूचाल रहा। 19 उ बड़ा सहर तीन टुकड़न मँ बिखर गवा, अउर अधर्मियन क रास्ट्रन नगरन क नस्ट होइ गए। परमेस्सर महानगरी बाबुल क दण्ड़ देइ क बरे याद करे रहा। आपन भयंकर प्रकोप क काटोरा मँ स ओका दइ दिहेस। 20 सब द्वीप गायब होई गएन। कउनो पहाड़ तक क पता नाहीं चल पावत रहा। 21 पचास पचास किलो क ओला, आसमान स मनइयन क ऊपर बरसइ लागेन। ओलन क भयंकर विपत्ति क कारण सब मनई परमेस्सर क कोसत रहेन, काहे बरे कि इ भयानक आफत रही।

Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)

Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.