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Read the New Testament in 24 Weeks

A reading plan that walks through the entire New Testament in 24 weeks of daily readings.
Duration: 168 days
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)
Version
प्रकासित वाक्य 7-8

इस्राएल क 1,44,000 मनइयन

एकरे बाद धरती क चारउँ कोनन प चार सरगदूतन क मइँ खड़े देखेउँ धरती क चारउँ हवा क उ पचे पकड़े रहेन जइसे कि धरती प, समुद्दर प अथवा पेड़न प ओनमाँ स कउनउँ हवा चलइ न पावइ। फिन मइँ देखेउँ कि एक अउर सरगदूत अहइ जउन पूरब दिसा स आवत अहइ। उ जिअत परमेस्सर क मोहर लिहे रहा। अउर उ ओन चारउ सरगदूतन स जेनका धरती अउर आसमान क नस्ट कइ देइ क अधिकार दीन्ह ग रहा, जोर स पुकार क कहत रहा, “जब तक हमने अपने परमेस्सर क सेवकन क माथे प मोहर नाहीं लगाइ देइतन, तब तलक तू धरती, समुद्दर अउर पेड़न क नुकसान न पहुँचावा।”

फिन जउन मनइयन प मोहर लगाई ग रही, मइँ औनकइ तादाद सुनेउँ। उ 1,44,000 रहेन जेनकइ ऊपर मोहर लगाई ग रही, उ सब इस्राएल क सब परिवार समूहन स रहेन:

यहूदा क परिवार समूह क 12,000

रुबेन क परिवार समूह क 12,000

गाद क परिवार समूह क 12,000

आसेर परिवार समूह क 12,000

नप्ताली परिवार समूह क 12,000

मनस्से परिवार समूह क 12,000

समौन परिवार समूह क 12,000

लेवी परिवार समूह क 12,000

इस्साकार परिवार समूह क 12,000

जबूलून परिवार समूह क 12,000

यूसुफ परिवार समूह क 12,000

बिन्यामीन परिवार समूह क 12,000

भयंकर भीड़

एकरे बाद मइँ देखेउँ कि मोरे सामने एक बहुत बड़ी भीड़ रही जेकर कउनउँ गनती नाही कइ सकत रहा। इ भीड़ मँ हर जाति क, हर वंस क, हर कुल अउर हर भाखा क मनई रहेन। उ पचे उ सिंहासन अउर उ मेमना क आगे खड़ा रहेन। उ सबेन्ह सफेद चोगा पहिरे रहेन अउर अपने हाथे मँ खजूर क टहनी लिहे रहेन। 10 उ सबेन्ह बोलावत रहेन, “सिंहासन प बइठा हमरे परमेस्सर क जय होइ अउर मेमना क जय होइ।”

11 सभी सरगदूतन सिंहासन, बुजुर्गन अउर ओन चार प्रानीयन क घेरे खड़ा रहेन। सिंहासन क सामने झुकिके प्रणाम कइके ओन सरगदूतन परमेस्सर क आराधना किहेन। 12 उ पचे कहेन, आमीन हमरे परमेस्सर क, “स्तुति, महिमा, विवेक, धन्यवाद, समादर, पराक्रम अउर सक्ति हमेसा हमेसा होत रहइ। आमीन!”

13 तबहि ओन बुजुर्गन मँ स कउनउँ एक मोसे इ पूछेस, “इ सफेद चोगा पहिरे कउन मनई अहइँ अउर इ कहाँ स आए अहइँ?”

14 मइँ ओनका जवाब दिहेउँ, “मोर प्रर्भू तू तउ जनतइ अहा।”

इ सुनिके उ मोसे कहेस, “इ पचे उहइ मनई अही जउन कठोर अत्याचार क बीच स होइके आवत अहइँ उ सबेन्ह आपन चोगा मेमना क खून स धोइके सफेद अउर उज्जर करे अहइ। 15 इही बरे अउर इ पचे परमेस्सर क सिंहासन क समन्वा खड़ा अहइँ अउर ओनके मंदिर मँ दिन रात ओकर आराधना करत ही। जउन सिंहासन पर बइठा बा, उ ओन पर आपन छाया करी। 16 न तउ कबहूँ ओनका भूख सतावात ह अउर न तउ कबहूँ पियासा रहत ह। सूरज ओनकइ कछू नाहीं बिगाड़ पावत अउर न तउ चिलचिलात धूप ओनका कबहूँ तपावत ह। 17 काहेकि उ मेमना जउन सिंहासन क बीच मँ अहइ, ओनकइ देखभाल करी। अउर ओनकर चरवाहा होइ। उ ओनका जिन्दगी देइ वाले पानी क झरना क पास लइ जाई अउर परमेस्सर ओनकी आंखिन क आंसू क पोछ देई।”

सातवी मोहर

फिन मेमना जब सावती मोहर तोड़ेस तउ सरग मँ करीब आधा घन्टा तक सत्राटा छावा रहा। फिन मइँ सात सरगदूतन देखेउँ जउन परमेस्सर क सामने खड़ा रहेन। ओनका सात तुरही दीन्ह गइ रहिन।

फिन एक अउर सरगदूत आवा अउर वेदी प खड़ा होइ गवा। ओकरे लगे सोने क एक ठु धूपदान रहा। ओका परमेस्सर क पवित्तर लोगन क पराथना क साथ सोने क उ वेदी प जउन सिंहासन क समन्वा रही चढ़ावइ क बरे तमाम धूप दीन्ह गइन। फिन सरगदूत क हाथे स धूप क उ धुआँ परमेस्सर क लोगन क पराथना क साथे परमेस्सर क समन्वा पहुँचा। एकरे बाद सरगदूत उ धूपदान क उठाएस, ओका बेदी क आग स भरेस अउर उचल क धरती प फेंक दिहेस। तब हुवाँ गरजना भइ, भयंकर आवाज आवइ लाग अउर बिजली चमकइ लाग। भूकम्प आइ गवा।

सातहुँ सरगदूतन क आपन तुरही बजाउब

फिन उ सात सरगदून जेकरे लगे सात तुरही रहिन, ओनका फूकइ क बरे तय्यार होइ गएन।

जइसेन पहिला सरगदूत तुरही मँ फूँक मारेस, वइसेन खून, ओला, अउर आग एकइ साथे देखाइ लागेन अउर ओनका धरती प नीचे उछालिके फेंक दीन्ह गवा। जउने स धतरी एक तिहाई हिस्सा जलभुन क राख होइ गवा। एक तिहाई पेड़ जलत भए राख होइ गएन अउन संसार क पूरी घास राख होइ गइ।

दूसरा सरगदूत जब तुरही मँ फूँक मारेस तउ अइसा लगा जइसे आग क एक जलत विसाल पहाड़े क समान कउनो चीज समुद्दर मँ फेक दीन्ह गइ होइ। एहसे एक तिहाई समुद्दर खून मँ बदल गवा। अउर समुद्दर क एक तिहाई जीवित प्रानी मरि गएन अउर एक तिहाई पानी क जहाज विलाइ गएन।

10 तिसरा सरगदूत जब तुरही मँ फूँक मारेस तउ आकास स मसाल क तरह जरत भवा एक बड़का तारा गिर पड़ा इ तारा एक तिहाई नदियन अउर झरनन क पानी प जाइ गिरा। 11 इ तारा क नाउँ रहा “नागदौना” जउन समूचे पानी क एक तिहाई हिस्सा नागदौना[a] मँ बदल गवा। अउर उ पानी क जे पियेस ह बहुत मनई मर गएन। काहेकि पानी बहुत तीत होइ ग रहा।

12 अउ चौथा सरगदूत तुरही मँ फूँक मारेस, तउ एक तिहाई सूरज अउर साथे मँ एक तिहाई चन्द्रमा अउर एक तिहाई तारन प आफत आइ गइ। ओनकइ एक तिहाई हिस्सा काला पड़ गवा। इ तरह स एक तिहाई दिन अउर एक तिहाई रात अन्धेरे मँ बूड़ गएन।

13 फिन मइँ देखेउँ कि एक गरुड़ अबइ ऊँच अकास मँ उड़त रहा। मइँ ओका जोर स कहत सुनेउँ, “जउन तीन सरगदूत बचा अहइँ अउर आपन तुरही बचावइवाला अहइ, ओनके तुरही बजाए स धरती प रहइवाले प बिपति आवइ! बिपत्ति आवइ! बिपत्ति आवइ!”

Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)

Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.