Print Page Options
Previous Prev Day Next DayNext

New Testament in a Year

Read the New Testament from start to finish, from Matthew to Revelation.
Duration: 365 days
Saral Hindi Bible (SHB)
Version
इब्री 11:20-40

20 यह विश्वास ही था कि इसहाक ने याक़ोब तथा एसाव को उनके आनेवाले जीवन के लिए आशीर्वाद दिया.

21 यह विश्वास ही था कि याक़ोब ने अपने मरते समय योसेफ़ के दोनों पुत्रों को अपनी लाठी का सहारा ले आशीर्वाद दिया और आराधना की.

22 यह विश्वास ही था कि योसेफ़ ने अपनी मृत्यु के समय इस्राएलियों के निर्गमन जाने का वर्णन किया तथा अपनी अस्थियों के विषय में आज्ञा दीं.

23 यह विश्वास ही था कि जब मोशेह का जन्म हुआ, उनके माता-पिता ने उन्हें तीन माह तक छिपाए रखा. उन्होंने देखा कि शिशु सुन्दर है इसलिए वे राज-आज्ञा से भयभीत न हुए.

24 यह विश्वास ही था कि मोशेह ने बड़े होने पर फ़रोह की पुत्री की सन्तान कहलाना अस्वीकार कर दिया 25 और पाप के क्षण भर के सुखों के आनन्द की बजाय परमेश्वर की प्रजा के साथ दुःख सहना सही समझा. 26 उनकी दृष्टि में मसीह के लिए सही गई निन्दा मिस्र देश के भण्ड़ारों से कहीं अधिक कीमती थी क्योंकि उनकी आँखें उस ईनाम पर स्थिर थी. 27 यह विश्वास ही था कि मोशेह मिस्र देश को छोड़ कर चले गए. उन्हें फ़रोह के क्रोध का कोई भय न था. वह आगे ही बढ़ते चले गए मानो वह उन्हें देख रहे थे, जो अनदेखे हैं. 28 यह विश्वास ही था कि मोशेह ने इस्राएलियों को फ़सह-उत्सव मनाने तथा बलि लहू छिड़कने की आज्ञा दी कि वह, जो पहिलौठे पुत्रों का नाश कर रहा था, उनमें से किसी को स्पर्श न करे.

29 यह विश्वास ही था कि उन्होंने लाल सागर ऐसे पार कर लिया, मानो वे सूखी भूमि पर चल रहे हों किन्तु जब मिस्रवासियों ने वही करना चाहा तो डूब मरे.

30 यह विश्वास ही था जिसके द्वारा येरीख़ो नगर की दीवार उनके सात दिन तक परिक्रमा करने पर गिर पड़ी.

31 यह विश्वास ही था कि नगरवधू राख़ाब ने गुप्तचरों का स्वागत मैत्रीभाव में किया तथा आज्ञा न मानने वालों के साथ नाश नहीं हुई.

32 मैं और क्या कहूँ? समय की कमी मुझे आज्ञा नहीं देती कि मैं गिदौन, बाराक, शिमशोन, येफ़्ताह, दाविद, शमुएल तथा भविष्यद्वक्ताओं का वर्णन करूँ, 33 जो विश्वास से राज्यों पर विजयी हुए, जिन्होंने धार्मिकता में राज्य किया, जिन्हें प्रतिज्ञाओं का फल प्राप्त हुआ, जिन्होंने सिंहों के मुँह बान्ध दिए; 34 आग की लपटों को ठण्डा कर दिया, तलवार की धार से बच निकले; जिन्हें निर्बल से बलवन्त बना दिया गया; युद्ध में वीर साबित हुए; जिन्होंने विदेशी सेनाओं को खदेड़ दिया; 35 दोबारा जी उठने के द्वारा स्त्रियों को उनके मृतक दोबारा जीवित प्राप्त हो गए. कुछ अन्य थे, जिन्हें ताड़नाएं दी गईं और उन्होंने छुटकारा अस्वीकार कर दिया कि वे बेहतर पुनरुत्थान प्राप्त कर सकें. 36 कुछ अन्य थे, जिनकी परख उपहास, कोड़ों, बेड़ियों में जकड़े जाने और बन्दीगृह में डाले जाने के द्वारा हुई. 37 उनका पथराव किया गया, उन्हें चीर डाला गया, लालच दिया गया, तलवार से उनका वध किया गया, भेड़ों व बकरियों की खाल में मढ़ दिया गया, वे अभाव की स्थिति में थे, उन्हें यातनाएँ दी गईं तथा उनसे दुर्व्यवहार किया गया. 38 उनके लिए संसार सही स्थान साबित न हुआ. वे जंगल में, पर्वतों पर, गुफाओं में तथा भूमि के गड्ढों में भटकते-छिपते रहे.

39 ये सभी वे थे, जिन्होंने अपने विश्वास के द्वारा परमेश्वर का अनुग्रह प्राप्त किया किन्तु इन्होंने वह प्राप्त नहीं किया, जिसकी इनसे प्रतिज्ञा की गई थी 40 क्योंकि उनके लिए परमेश्वर के द्वारा कुछ बेहतर ही निर्धारित था कि हमारे साथ जुड़े बिना उन्हें सिद्धता प्राप्त न हो.

Saral Hindi Bible (SHB)

New Testament, Saral Hindi Bible (नए करार, सरल हिन्दी बाइबल) Copyright © 1978, 2009, 2016 by Biblica, Inc.® All rights reserved worldwide.