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New Testament in a Year

Read the New Testament from start to finish, from Matthew to Revelation.
Duration: 365 days
Saral Hindi Bible (SHB)
Version
1 तिमोथियॉस 5

कलीसियापालवृत्ति सम्बन्धी निर्देश

अपने से अधिक उम्र के व्यक्ति को अपमान के भाव से न डाँटो किन्तु उसे पिता मानकर उससे विनती करो. अपने से कम उम्र के व्यक्ति को भाई, अधिक उम्र की स्त्रियों को माता तथा कम उम्र की स्त्रियों को निर्मल भाव से बहन मानो.

विधवाओं सम्बन्धी निर्देश

असमर्थ विधवाओं का सम्मान करो. परन्तु यदि किसी विधवा के पुत्र-पौत्र हों तो वे सबसे पहिले अपने ही परिवार के प्रति अपने कर्तव्य-पालन द्वारा परमेश्वर के भक्त होना सीखें तथा अपने माता-पिता के उपकारों का फल दें क्योंकि परमेश्वर को यही भाता है. वह, जो वास्तव में विधवा है तथा जो अकेली रह गई है, परमेश्वर पर ही आश्रित रहती है और दिन-रात परमेश्वर से विनती तथा प्रार्थना करने में लवलीन रहती है. वह विधवा, जिसकी जीवनशैली निर्लज्जता भरी है, जीते जी मरी हुई है. तुम उन्हें ऊपर बताए गए निर्देश भी दो कि वे प्रशंसनीय रहें. यदि कोई अपने परिजनों, विशेषकर अपने परिवार की चिन्ता नहीं करता है, उसने विश्वास का त्याग कर दिया है और वह अविश्वासी व्यक्ति से भी तुच्छ है.

उसी विधवा का पंजीकरण करो जिसकी आयु साठ वर्ष से अधिक हो तथा जिसका एक ही पति रहा हो; 10 जो अपने भले कामों के लिए सुनाम हो; जिसने अपनी सन्तान का उत्तम पालन-पोषण किया हो; आतिथ्य सत्कार किया हो; पवित्र लोगों के चरण धोए हों; दीन-दुःखियों की सहायता की हो तथा सब प्रकार के भले कामों में लीन रही हो.

11 तुलना में कम आयु की विधवाओं के नाम न लिखना क्योंकि कामवासना प्रबल होने पर वे मसीह से दूर हो दूसरे विवाह की कामना करने लगेंगी. 12 न्याय-दण्ड ही उनकी नियति होगी क्योंकि उन्होंने पंजीकरण से सम्बन्धित अपनी पूर्व शपथ तोड़ दी है. 13 इसके अलावा वे आलसी रहने लगती हैं तथा घर-घर घूमा करती हैं. वे न केवल आलसी रहती हैं परन्तु बाकियों के कामों में हस्तक्षेप करती तथा दूसरों की बुराई में आनन्द लेती हैं, तथा वे बाते बोलती है, जो उन्हें नहीं बोलनी चाहिये. 14 इसलिए मैं चाहता हूँ कि कम आयु की विधवाएँ विवाह करें, सन्तान उत्पन्न करें, गृहस्थी सम्भालें तथा विरोधियों को निन्दा का कोई अवसर न दें. 15 कुछ हैं, जो पहले ही मुड़कर शैतान की शिष्य बन चुकी हैं.

16 यदि किसी विश्वासी परिवार में आश्रित विधवाएँ हैं तो वही उसकी सहायता करे कि उसका बोझ कलीसिया पर न पड़े, कि कलीसिया ऐसों की सहायता कर सके, जो वास्तव में असमर्थ हैं.

प्राचीन सम्बन्धी निर्देश

17 जो कलीसिया के प्राचीन अपनी ज़िम्मेदारी का कुशलतापूर्वक निर्वाह करते हैं, वे दुगने सम्मान के अधिकारी हैं विशेषकर वे, जो वचन सुनाने में तथा शिक्षा देने के काम में परिश्रम करते हैं. 18 पवित्रशास्त्र का लेख है: दवनी करते बैल का मुँह मत बांधो, तथा मज़दूर अपने मज़दूरी का हकदार है. 19 किसी भी कलीसिया-प्राचीन के विरुद्ध दो या तीन गवाहों के बिना कोई भी आरोप स्वीकार न करो. 20 वे, जो पाप में लीन हैं, सबके सामने उनकी उल्लाहना करो, जिससे कि अन्य लोगों में भय रहे.

21 मैं परमेश्वर, मसीह येशु तथा चुने हुए स्वर्गदूतों के सामने तुम्हें यह ज़िम्मेदारी सौंपता हूँ कि बिना किसी पक्षपात के इन आदेशों का पालन करो. पक्षपात के भाव में कुछ भी न किया जाए.

22 किसी को दीक्षा देने में उतावली न करो. अन्यों के पाप में सहभागी न हो जाओ. स्वयं को पवित्र बनाए रखो.

23 अब से सिर्फ जल ही तुम्हारा पेय न रहे परन्तु अपने उदर तथा बार-बार हो रहे रोगों के कारण थोड़ी मात्रा में दाखरस का सेवन भी करते रहना.

24 कुछ व्यक्तियों के पाप प्रकट हैं और उनके पाप पहले ही न्याय-प्रक्रिया तक पहुँच जाते हैं, पर शेष के उनके पीछे-पीछे आते हैं. 25 इसी प्रकार अच्छे काम भी प्रकट हैं और जो नहीं हैं, वे छिपाए नहीं जा सकते.

Saral Hindi Bible (SHB)

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