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New Testament in a Year

Read the New Testament from start to finish, from Matthew to Revelation.
Duration: 365 days
Saral Hindi Bible (SHB)
Version
मत्तियाह 27:27-50

येशु के सिर पर काँटों का मुकुट

(मारक 15:16-20)

27 तब पिलातॉस के सैनिक येशु को प्राइतोरियम (किले में) ले गए और सारे सैनिकों ने उन्हें घेर लिया. 28 जो वस्त्र येशु पहने हुए थे, उतार कर उन्होंने उन्हें एक चमकीला लाल वस्त्र पहना दिया. 29 उन्होंने एक कँटीली लता को गूँथ कर उसका मुकुट बना उनके सिर पर रख दिया और उनके दायें हाथ में एक नरकुल की एक छड़ी थमा दी. तब वे उनके सामने घुटने टेक कर यह कहते हुए उनका मज़ाक करने लगे, “यहूदियों के राजा की जय!” 30 उन्होंने येशु पर थूका भी और फिर उनके हाथ से उस नरकुल छड़ी को ले कर उसी से उनके सिर पर प्रहार करने लगे. 31 इस प्रकार जब वे येशु का उपहास कर चुके, उन्होंने वह लाल वस्त्र उतार कर उन्हीं के वस्त्र उन्हें पहना दिए और उन्हें उस स्थल पर ले जाने लगे जहाँ उन्हें क्रूस पर चढ़ाया जाना था.

क्रूस-मार्ग पर येशु

(मारक 15:21-24; लूकॉ 23:26-31; योहन 19:17)

32 जब वे बाहर निकले, उन्हें शिमोन नामक एक व्यक्ति, जो कुरैनवासी था, दिखाई दिया. उन्होंने उसे येशु का क्रूस उठा कर चलने के लिए मजबूर किया. 33 जब वे सब गोलगोथा नामक स्थल पर पहुँचे, जिसका अर्थ है खोपड़ी का स्थान, 34 उन्होंने येशु को पीने के लिए दाखरस तथा कड़वे रस का मिश्रण दिया किन्तु उन्होंने मात्र चख कर उसे पीना अस्वीकार कर दिया.

35 येशु को क्रूसित करने के बाद उन्होंने उनके वस्त्रों को आपस में बांट लेने के लिए पासा फेंका 36 और वहीं बैठ कर उनकी चौकसी करने लगे. 37 उन्होंने उनके सिर के ऊपर दोषपत्र लगा दिया था, जिस पर लिखा था: “यह येशु है—यहूदियों का राजा.”

38 उसी समय दो अपराधियों को भी उनके साथ क्रूस पर चढ़ाया गया था, एक को उनकी दायीं ओर, दूसरे को उनकी बायीं ओर.

39 जो भी उस रास्ते से निकलता था, निन्दा करता हुआ निकलता था. वे सिर हिला-हिला कर कहते जाते थे, 40 “अरे तू! तू तो कहता था कि मन्दिर को ढाह दो और मैं इसे तीन दिन में खड़ा कर दूँगा, अब स्वयं को तो बचा कर दिखा! यदि तू परमेश्वर का पुत्र है तो उतर आ क्रूस से!” 41 इसी प्रकार प्रधान याजक भी शास्त्रियों और पुरनियों के साथ मिल कर उनका उपहास करते हुए कह रहे थे, 42 “दूसरों को तो बचाता फिरा है, स्वयं को नहीं बचा सकता! इस्राएल का राजा है! क्रूस से नीचे आकर दिखाए तो हम इसका विश्वास कर लेंगे. 43 यह परमेश्वर में विश्वास करता है क्योंकि इसने दावा किया था, ‘मैं ही परमेश्वर-पुत्र हूँ,’ तब परमेश्वर इसे अभी छुड़ा दें—यदि वह इससे प्रेम करते हैं.” 44 उनके साथ क्रूस पर चढ़ाये गए राजद्रोही भी इसी प्रकार उनकी उल्लाहना कर रहे थे.

येशु की मृत्यु

(मारक 15:33-41; लूकॉ 23:44-49; योहन 19:28-37)

45 छठे घण्टे से ले कर नवें घण्टे तक उस सारे प्रदेश पर अन्धकार छाया रहा. 46 नवें घण्टे के लगभग येशु ने ऊँची आवाज़ में पुकार कर कहा, “एली, एली, लमा सबख़थानी?” जिसका अर्थ है, “मेरे परमेश्वर! मेरे परमेश्वर! आपने मुझे क्यों छोड़ दिया?”

47 उनमें से कुछ ने, जो वहाँ खड़े थे, यह सुन कर कहा, “अरे! सुनो-सुनो! एलियाह को पुकार रहा है!”

48 उनमें से एक ने तुरन्त दौड़ कर एक स्पंज सिरके में भिगोया और एक नरकुल की एक छड़ी पर रख कर येशु के ओंठों तक बढ़ा दिया. 49 किन्तु औरों ने कहा, “ठहरो, ठहरो, देखें एलियाह उसे बचाने आते भी हैं या नहीं.”

50 येशु ने एक बार फिर ऊँची आवाज़ में पुकारा और अपने प्राण त्याग दिए.

Saral Hindi Bible (SHB)

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