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New Testament in a Year

Read the New Testament from start to finish, from Matthew to Revelation.
Duration: 365 days
Saral Hindi Bible (SHB)
Version
मत्तियाह 24:1-28

ज़ैतून पर्वत का प्रवचन

(मारक 13:1-23; लूकॉ 21:5-24)

24 येशु मन्दिर से निकल कर जा रहे थे कि शिष्यों ने उनका ध्यान मन्दिर परिसर की ओर आकर्षित किया. येशु ने उनसे कहा, “तुम यह मन्दिर परिसर देख रहे हो? सच तो यह है कि एक दिन इन भवनों का एक भी पत्थर दूसरे पर रखा न दिखेगा—हर एक पत्थर ज़मीन पर बिखरा होगा.”

येशु ज़ैतून पर्वत पर बैठे हुए थे. इस एकान्त में उनके शिष्य उनके पास आए और उनसे यह प्रश्न किया, “गुरुवर, हमें यह बताइए कि ये घटनाएँ कब घटित होंगी, आपके आने तथा जगत के अन्त का चिह्न क्या होगा?”

येशु ने उन्हें उत्तर दिया, “इस विषय में सावधान रहना कि कोई तुम्हें भरमाने न पाए क्योंकि मेरे नाम में अनेक यह दावा करते आएंगे, ‘मैं ही मसीह हूँ’ और इसके द्वारा अनेकों को भरमा देंगे. तुम युद्धों के विषय में तो सुनोगे ही साथ ही उनके विषय में उड़ते-उड़ते समाचार भी. ध्यान रहे कि तुम इससे घबरा न जाओ क्योंकि इनका होना अवश्य है—किन्तु इसे ही अन्त न समझ लेना. राष्ट्र राष्ट्र के तथा राज्य राज्य के विरुद्ध उठ खड़ा होगा. सभी जगह अकाल पड़ेंगे तथा भूकम्प आएंगे किन्तु ये सब घटनाएँ तो प्रसव-पीड़ाओं का प्रारम्भ मात्र होंगी.

“तब वे तुम्हें क्लेश देने के लिए पकड़वाएंगे और तुम्हारी हत्या कर देंगे क्योंकि मेरे कारण तुम सभी देशों की घृणा के पात्र बन जाओगे. 10 इसी समय अनेक विश्वास से हट जाएंगे तथा त्याग देंगे, वे एक दूसरे से विश्वासघात करेंगे, वे एक दूसरे से घृणा करने लगेंगे. 11 अनेक झूठे भविष्यद्वक्ता उठ खड़े होंगे. वे अनेकों को भरमा देंगे. 12 अधर्म के बढ़ने के कारण अधिकांश का प्रेम ठण्डा पड़ता जाएगा; 13 किन्तु उद्धार उसी का होगा, जो अन्तिम क्षण तक विश्वास में स्थिर रहेगा. 14 पूरे जगत में सारे राष्ट्रों के लिए प्रमाण के तौर पर राज्य के विषय में सुसमाचार का प्रचार किया जाएगा और तब जगत का अन्त हो जाएगा.”

येरूशालेम का महाकष्ट

15 “इसलिए जब तुम उस विनाशकारी घृणित वस्तु को, जिसकी चर्चा भविष्यद्वक्ता दानिएल ने की थी, पवित्र स्थान में खड़ा देखो—पाठक ध्यान दे— 16 तो वे, जो यहूदिया प्रदेश में हों पर्वतों पर भाग कर जाएँ, 17 वह, जो घर की छत पर हो, घर में से सामान लेने नीचे न आए. 18 वह, जो खेत में हो, अपना कपड़ा लेने पीछे न लौटे. 19 दयनीय होगी गर्भवती और शिशुओं को दूध पिलाती स्त्रियों की स्थिति! 20 प्रार्थनारत रहो, ऐसा न हो कि तुम्हें जाड़े या शब्बाथ पर भागना पड़े 21 क्योंकि वह महाक्लेश का समय होगा—ऐसा, जो न तो सृष्टि के प्रारम्भ से आज तक देखा गया, न ही इसके बाद दोबारा देखा जाएगा. 22 यदि यह आने वाले दिन घटाये न जाते, कोई भी जीवित न रहता. कुछ चुने हुए विशेष लोगों के लिए यह अवधि घटा दी जाएगी.”

23 “उस समय यदि कोई आ कर तुम्हें सूचित करे, ‘सुनो-सुनो, मसीह यहाँ हैं’, या ‘वह वहाँ हैं’, तो विश्वास न करना 24 क्योंकि अनेक झूठे मसीह तथा अनेक झूठे भविष्यद्वक्ता उठ खड़े होंगे. वे प्रभावशाली चमत्कार-चिह्न दिखाएंगे तथा अद्भुत काम करेंगे कि यदि सम्भव हुआ तो परमेश्वर द्वारा चुने हुओं को भरमा देंगे. 25 ध्यान दो कि मैंने समय से पूर्व ही तुम्हें इसकी चेतावनी दे दी है 26 कि यदि वे तुम्हारे पास आ कर यह कहें, ‘देखो-देखो, वह जंगल में हैं’, तो उसे देखने चले न जाना; या यदि वे यह कहें, ‘आओ, देखो, वह कोठरी में हैं’, तो उनका विश्वास न करना.”

मानव-पुत्र द्वारा कलीसिया को उठा लेना स्पष्ट होगा

27 “जैसे बिजली पूर्व दिशा से चमकती हुई पश्चिम दिशा तक चली जाती है, ठीक ऐसा ही होगा मनुष्य के पुत्र का आगमन. 28 ‘गिद्ध वहीं इकट्ठा होते हैं, जहाँ शव होता है.’”

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