New Testament in a Year
यीसू ह लकवा के मारे मनखे ला बने करथे
(मत्ती 9:1-8; मरकुस 2:1-12)
17 एक दिन जब यीसू ह उपदेस देवत रहय, त फरीसीमन अऊ कानून के गुरूमन उहां बईठे रहंय, जऊन मन गलील अऊ यहूदिया प्रदेस के जम्मो गांव ले, अऊ यरूसलेम ले आय रहंय। अऊ परभू के सामरथ बेमरहामन ला बने करे बर यीसू के संग रहय। 18 कुछू मनखेमन लकवा के मारे एक मनखे ला खटिया म उठाके लानिन। ओमन ओला घर के भीतर ले जाय के कोसिस करिन ताकि ओला यीसू के आघू म रख सकंय। 19 जब ओमन भीड़ के मारे ओला भीतर नइं ले जा सकिन, तब ओमन छानी के ऊपर चघिन अऊ खपरा ला टारके ओमन ओला खटिया म, भीड़ के मांझा म, ठोका यीसू के आघू म उतारिन।
20 जब यीसू ह ओमन के बिसवास ला देखिस, त ओह लकवा के मारे मनखे ला कहिस, “संगी, तोर पाप छेमा होईस।”
21 फरीसीमन अऊ कानून के गुरूमन अपन-अपन मन म सोचे लगिन, “ए कोन मनखे ए जऊन ह परमेसर के निन्दा करथे? सिरिप परमेसर के छोंड़ अऊ कोन पाप ला छेमा कर सकथे?”
22 यीसू ह ओमन के मन के बात ला जानत रिहिस। ओह ओमन ले पुछिस, “तुमन ए बात अपन मन म काबर सोचत हव? 23 का कहना सरल ए? ए कहना, ‘तोर पाप छेमा होईस’, कि ए कहना, ‘उठ अऊ चल फिर।’ 24 तुमन ए बात ला जान लेवव कि मनखे के बेटा ला ए धरती म पाप छेमा करे के अधिकार हवय।” ओह लकवा के मारे मनखे ला कहिस, “मेंह तोला कहत हंव, उठ अऊ अपन खटिया उठाके घर जा[a]।” 25 तुरते ओह ओमन के आघू म उठिस अऊ जऊन खटिया म ओह पड़े रिहिस, ओला उठाईस अऊ परमेसर के इस्तुति करत अपन घर चल दीस। 26 तब ओ जम्मो झन चकित हो गीन अऊ परमेसर के महिमा करिन। ओमन म डर हमा गीस अऊ ओमन कहे लगिन, “हमन आज चमतकार होवत देखे हवन।”
यीसू ह लेवी ला बलाथे
(मत्ती 9:9-13; मरकुस 2:13-17)
27 एकर बाद, यीसू ह बाहिर निकरिस अऊ लेवी नांव के एक झन लगान लेवइया ला अपन नाका म बईठे देखिस। यीसू ह ओला कहिस, “मोर पाछू चले आ।” 28 लेवी ह उठिस अऊ जम्मो कुछू ला छोंड़के यीसू के पाछू हो लीस।
29 तब लेवी ह यीसू बर अपन घर म एक बड़े भोज के आयोजन करिस, अऊ लगान लेवइया अऊ आने पहुनामन के एक बड़े भीड़ ह ओमन के संग म खावत रिहिस। 30 पर फरीसी अऊ कानून के गुरू मन यीसू के चेलामन ले ए कहिके सिकायत करन लगिन, “तुमन लगान लेवइया अऊ पापी मन संग काबर खाथव अऊ पीथव?”
31 यीसू ह ओमन ला जबाब दीस, “भला-चंगा मनखेमन ला डाक्टर के जरूरत नइं होवय, पर बेमरहामन ला होथे। 32 मेंह धरमीमन ला नइं, पर पापीमन ला पछताप करे बर बलाय आय हवंव।”
उपास के बारे म सवाल
(मत्ती 9:14-17; मरकुस 2:18-22)
33 ओमन यीसू ले कहिन, “यूहन्ना बतिसमा देवइया के चेलामन अक्सर उपास रखथें अऊ पराथना करथें, अऊ अइसने फरीसीमन के चेलामन घलो करथें, पर तोर चेलामन खावत-पीयत रहिथंय।”
34 यीसू ह जबाब दीस, “का तुमन बरातीमन ले, जब तक दुल्हा ह ओमन के संग हवय, उपास करा सकथव? 35 पर ओ समय आही, जब दुल्हा ह ओमन ले अलग करे जाही, तब ओमन ओ दिनमन म उपास करहीं।”
36 यीसू ह ओमन ला ए पटंतर घलो सुनाईस, “कोनो मनखे नवां ओन्ढा ला चीरके ओकर खाप ला जुन्ना ओन्ढा म नइं सिलय। कहूं ओह अइसने करथे, त नवां ओन्ढा ह चीरा जाही अऊ नवां ओन्ढा के खाप जुन्ना ओन्ढा म नइं लगही। 37 अऊ कोनो मनखे अंगूर के नवां मंद ला चमड़ा के जुन्ना थैली म नइं भरय। कहूं ओह अइसने करथे, त नवां मंद ह ओ थैली ला चीर दिही, अऊ मंद ह ढर जाही अऊ थैली ह बरबाद हो जाही। 38 नवां मंद ला चमड़ा के नवां थैली म भरना चाही। 39 कोनो मनखे अंगूर के जुन्ना मंद पीये के बाद, नवां मंद पीये नइं चाहय। ओह कहिथे, ‘जुन्ना मंद ही बने हवय।’ ”
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