M’Cheyne Bible Reading Plan
सरीर स बहइवाला स्राव क नेम
15 यहोवा मूसा अउ हारून स कहेस, 2 “इस्राएल क लोगन स कहा: जब कउनो मनई क सरीर स धात क स्राव होत ह तब उ व्यक्ति असुद्ध होत ह। 3 उ धात सरीर स खुला बहत ह या सरीर ओका बहइ स रोक देत ह ऍकर कउनो महत्व नाहीं।
4 “अगर धात तजइवाला बिछउना पइ सोवत रहत ह तउ उ बिस्तर असुद्ध होइ जाइ। जउने जगह प उ बइठत ह उ असुद्ध होइ जाइ। 5 अगर कउनो मनई ओकरे बिछउना क छुअत ह तउ ओका आपन ओढ़नन क धोवइ चाही अउ पानी स नहाइ चाही। उ साँझ तलक असुद्ध रही। 6 अगर कउनो मनई उ चीज प बइठत ह जउने पइ धात तजइवाला मनई बइठा होइ तउ ओका आपन ओढ़ना धोवइ चाही अउर बहत पानी मँ नहाइ चाही। उ साँझ तलक असुद्ध रही। 7 अगर कउनो मनई उ मनई क छुअत ह जउन धात क तजे बाटइ तउ ओका आपन ओढ़नन क धोवइ चाही अउ बहत पानी मँ नहाइ चाही। उ साँझ तलक असुद्ध रही।
8 “अगर धात तजइवाला मनई कउनो सुद्ध मनई पइ छूवत ह तउ सुद्ध मनई क आपन ओढ़ना धोवइ चाही अउ नहाइ चाही। उ मनई साँझ तलक असुद्ध रही। 9 पसु पइ बइठइ क काठी जउने प धात तजइवाला मनई बइठा होइ तउ उ असुद्ध होइ जाइ। 10 एह बरे कउनो मनई जउन धात तजइवाला मनई क नीचे रहइवाली कउनो चीजे क छुअत ह तउ उ साँझ तलक असुद्ध रही। जउन मनई धात तजइवाला मनई रहइवाली कउनो नीचे क चीजन क लइ जात ह तउ ओका आपन ओढ़नन क धोवइ चाही अउ पानी मँ नहाइ चाही। उ साँझ तलक असुद्ध रही।
11 “सम्भव अहइ कि धात तजइवाला मनई पानी मँ बिना हाथ धोइके कउनो दूसर मनई क छुअइ। तब दूसर मनई आपन ओढ़नन क धोवइ चाही अउ पानी मँ नहाइ। उ साँझ तलक असुद्ध रही।
12 “धात तजइवाला मनई अगर माटी क खोरा छुअइ तउ उ खोरा जरूर फोड़ देइ चाही। अगर धात तजइवाला मनई कउनो काठे क खोरा छुअइ तउ उ खोरा क बहत पानी मँ अच्छी तरह धोवइ चाही।
13 “जब धात तजइवाला कउनो मनई आपन धात तजे स सुद्ध कीन्ह जात ह तउ ओका आपन सुद्धि बरे उ दिना स सात दिन गनइ चाही। तब ओका आपन ओढ़ना धोवइ चाही अउ बहत पानी मँ नहाइ चाही। उ सुद्ध होइ जाइ। 14 अठएँ दिन उ मनई क दुइ फ़ाखता या दुइ कबूतरे क बच्चा लेइ चाही। ओका मिलापवाला तम्बू क दुआरे पइ यहोवा क समन्वा आवइ चाही। उ मनई दुइ पंछी याजक क देइ। 15 याजक पंछियन क बलि चढ़ाई। एक क पापबलि बरे अउ दूसर क होमबलि बरे। इ तरह याजक इ मनई क यहोवा क समन्वा ओकरे धात तजइ बरे प्रायस्चित करी।
16 “अगर मनसेधू क वीर्य निकरि जात ह तउ ओका बहत पानी मँ नहाइ चाही। उ साँझ तलक असुद्ध रही। 17 अगर वीर्य कउनो ओढ़ना या चाम पइ गिरइ तउ उ ओढ़ना या चाम पानी मँ धोवइ चाही। इ साँझ तलक असुद्ध रही। 18 अगर कउनो मनसेधू कउनो स्त्री क संग सोवत ह अउ वीर्य निकरत ह तउ स्त्री अउ मनसेधू दुइनउँ क बहत पानी मँ नहाइ चाही। उ पचे साँझ तलक असुद्ध रइहीं।
19 “अगर कउनो स्त्री मासिक रकत स्राव क समइ मासिक धर्म स बाटइ तउ उ सात दिना तलक असुद्ध रही। अगर कउनो मनई ओका छुअत ह तउ उ मनई साँझ तलक असुद्ध रही। 20 आपन मासिक धर्म क समइ स्त्री जउन कउनो चीज पइ ओलरी, उ भी असुद्ध रही अउ उ समइ मँ जउने चीजे प उ बइठी, उ भी असुद्ध होइ। 21 अगर कउनो मनई उ स्त्री क बिछउना क छुअत ह तउ ओका आपन ओढ़नन क बहत पानी मँ धोवइ अउ नहाइ चाही। उ साँझ तलक असुद्ध रही। 22 अगर कउनो मनई उ चीज क छुअत ह जेह पइ उ स्त्री बइठी होइ तउ उ मनई क आपन ओढ़ना बहत पानी मँ धोवइ चाही अउ नहाइ चाही। उ साँझ तलक असुद्ध रही। 23 उ मनई स्त्री क बिछउना क छुअत ह या उ चीज क छुअत ह जेह पइ उ बइठी होइ, तउ उ मनई साँझ तलक असुद्ध रही।
24 “अगर कउनो मनई कउनो स्त्री क संग मासिक धर्म क समइ मँ यौन सम्बंध रखत ह तउ उ मनई सात दिना तलक असुद्ध रही। हर उ बिछउना जउने प उ सोवत ह असुद्ध होइ।
25 “अगर कउनो स्त्री क कइउ दिना तलक रकत स्राव रहत ह जउन ओकरे मासिक धर्म क समइ नाहीं होत, या निस्चित समइ क पाछे मासिक धर्म होत ह तउ उ उहइ तरह असुद्ध होइ जेह तरह मासिक धर्म क समइ अउ तब तलक असुद्ध रही जब तलक रही। 26 पूरा रकत स्राव क समइ उ स्त्री जेह बिछउना पइ ओलरी, उ वइसा ही होइ जइसा मासिक धर्म क समइ। जउन कउनो चीजे पइ उ स्त्री बइठी, उ वइसे ही असुद्ध होइ जइसेन उ मासिक धर्म स असुद्ध होत ह। 27 अगर कउनो मनई ओन चिजियन क छुअत ह तउ उ असुद्ध होइ। इ मनई क बहत पानी स आपन (कपड़ा) धोवइ चाही अउ नहाइ चाही। उ साँझ तलक असुद्ध रही। 28 ओकरे पाछे जब उ स्त्री मासिक धर्म स असुद्ध होइ जात ह तब स ओका सात दिन जरूर गनइ चाही एकरे पाछे उ सुद्ध होइ। 29 फिन अठएँ दिन ओका दुइ फाखता अउ दुइ कबूतरे क बच्चा लेइ चाही। ओका ओनका मिलापवाला तम्बू क दुआरे पइ याजक क लगे जरूर लावइ चाही। 30 तब याजक क एक पंछी पापबलि क रुप मँ अउ दूसर क होमबलि क रुप मँ चढ़ावइ चाही। इ तरह उ याजक ओका यहोवा क समन्वा ओकरे स्राव बरे प्रायस्चित करी।
31 “एह बरे तू इस्राएल क लोगन क उपदेस द्या कि उ पचन्क अपने आप क अलग करइ चाही जउन उ असुद्ध अहइ। इ तरह उ मोर पवित्तर तम्बू क दूसित नाहीं करब्या जउन ओकर बीच बाटइ। अगर उ पचे ऍका दूसित करत हीं तउ आपन असुद्धी क कारण जरूर मरइ क होइ।”
32 इ सबइ नेम तजइवाले लोगन क बरे अहइँ। इ सबइ नेम ओन मनइयन बरे अहइँ जउन वीर्य क सरीर स बाहेर निकरइ स असुद्ध होत हीं। 33 अउर इ सबइ नेम ओन स्त्रियन बरे अहइँ जउन आपन मासिक धर्म क रकत स्राव क समइ असुद्ध होह हीं अउर उ सबइ नेम ओन मनसेधुअन बरे अहइँ जउन असुद्ध स्त्रियन क संग सोवइ स असुद्ध होत हीं।
यहोवा क दास दाऊद क एक पद: संगीत निर्देसक बरे। दाऊद इ पद यहोवा क बारे मँ उ अवसर पइ लिखे रहा जब यहोवा दाऊद क ओकर सबइ दुस्मन अउ साऊल स ओकर रच्छा किहे रहा।
1 उ कहेस, “यहोवा मोर सक्ती अहइ,
मइँ तोहसे पिरेम करत हउँ।
2 “यहोवा मोर चट्टान, मोर गढ़, मोर सरणस्थल बाटइ।”
मोर परमेस्सर मोर चट्टान अहइ।
मइँ तोहरी सरण मँ आवा हउँ।
ओकर सक्ती मोका बचावत ह।
यहोवा ऊँचके पहाड़न पइ मोर सरणस्थल अहइ।
3 यहोवा क जउन स्तुति क जोग्य अहइ,
मइँ गोहराउब
अउर मइँ आपन दुस्मनन स बचावा जाब।
4 मोर दुस्मनन मोका मारइ क जतन किहन।
मइँ चारिहुँ कइँती मउत क लसुरी स घिरा अहउँ।
मोका अधर्म क बाढ़ भयभीत कइ दिहस।
5 मोरे चारिहुँ कइँती पाताल क लसुरी रहिन।
अउर मोह पइ मउत क फंदा रहेन।
6 मइँ घेरा भवा रहेउँ अउर यहोवा क मदद बरे गोहराएउँ।
मइँ आपन परमेस्सर क गोहराएउँ।
परमेस्सर पवित्तर मन्दिर मँ बिराजा।
उ मोर पुकार अनकेस अउ मदद किहेस।
7 तब्बइ भुइँया हल गइ अउ थर्राइ उठी;
अउ पहाड़न क नेव थर्राइके हल उठिन
काहेकि यहोवा बहोतइ कोहान रहा।
8 परमेस्सर क नथुना स धुआँ फूटि पड़ा।
परमेस्सर क मुँह स ज्वाला फूटि पड़िन,
अउ ओहसे चिंगारियन छटक गइन।
9 यहोवा सरगे क चीरिके खाले उतरा।
खूब घना करिआ बादर ओकरे गोड़े तरे रहेन।
10 उ करूब सरगदूत पइ उड़ि गवा
अउर हवा क पंख पइ सवार होइके ऊँचे आकास मँ उड़ि गवा।[a]
11 यहोवा खुद क अँधियारे मँ छुपाइ लिहस, ओका अकासे क चँदोबा घेरे रहा।
उ गरजत बादर क खूब घना घटा-टोप मँ लुकान भवा रहा।
12 फिन, परमेस्सर क तेज बादर फाड़िके निकरा।
बरसा अउ बिजुरियन कौंधिन।
13 यहोवा क उद्घोष नाद अकासे मँ गूँजा।
परम परमेस्सर आपन वाणी क सुनइ दिहस।
फुन अंगारे गिरेन अउ बिजुरियन कौंधिन।
14 यहोवा बाण छोड़ेस अउर दुस्मन बिखराइ गएन।
ओकर अनेक बिजुरी क बज्रन ओनका हराइ दिहन।
15 हे यहोवा, तू गरज्या अउ मुँह स आँधी बहाया।
पानी पाछे हटिके दब गवा
अउ समुद्रे क पानी बगइर तले क देखाँइ लाग,
अउर धरती क नेंव तलक उधरि गइ।
16 यहोवा ऊपर अकासे स खाले उतरा अउर मोर रच्छा किहस।
मोका मोरे कस्टन स उबारि लिहस।
17 मोर सत्रु मोहसे कछूँ जियादा ताकतवर रहेन।
उ पचे मोहसे कहूँ जियादा बरिआर रहेन, अउ मोहसे दुस्मनी राखत रहेन।
तउ परमेस्सर मोर रच्छा किहस।
18 जब मइँ विपत्ति मँ रहेउँ, मोर दुस्मनन मोह पइ वार किहन
मुला तबहिं यहोवा मोका सँभारेस!
19 यहोवा क मोहसे पिरेम रहा, तउ उ मोका बचाएस
अउर मोका सुरच्छित ठउरे पइ लइ गवा।
20 यहोवा मोका आपन अच्छाई क अनुसार इनाम देइ।
उ मोका मोरे सुद्धता क अनुसार बदल देइ।
21 काहेकि मइँ यहोवा क आग्या क पालन किहेउँ ह!
आपन परमेस्सर यहोवा बरे मइँ कउनो भी बुरा काम नाहीं किहेउँ।
22 मइँ तउ यहोवा क व्यवस्था विधानन क
अउ हुकुमन क हमेसा धियान मँ राखत हउँ!
23 खुद क मइँ ओकरे समन्वा पवित्तर राखत हउँ
अउ अबोध बना रहत हउँ।
24 काहेकि मइँ अबोध अहउँ!
एह बरे मोका मोर पुरस्कार देइ!
जइसा परमेस्सर लखत ह कि मइँ कउनो बुरा काम नाहीं किहेउँ, एह बरे उ मोरे बरे उत्तिम चिजियन करी।
25 हे यहोवा, तू वफ़ादार लोगन क संग वफ़ादार अहा
अउ खरे लोगन्क संग तू आपन क खरा दिखावत ह।
26 हे यहोवा, तू सुद्ध लोगन क संग सुद्ध अहा,
किन्तु तू दुट्ठ लोगन स जियादा चालाक अहा।[b]
27 हे यहोवा, तू नम्र जनन बरे सहाय अहा,
मुला जेनमाँ अहंकार भरा अहइ ओन मनइयन क तू बड़ा नाहीं बनइ देत्या।
28 उ तू ही अहा जउन मोर दीप बरत ह।
हे मोरे परमेस्सर तू मोरे अंधकार क जोति मँ बदल देत अहा!
29 हे यहोवा, तोहरी मदद स, मइँ फउजियन क संग पराइ सकत हउँ।
तोहरी ही मदद स, मइँ दुस्मनन क चहरदीवार फाँद सकत हउँ।
30 परमेस्सर क विधान पवित्तर अउ उत्तिम अहइ
अउ यहोवा क सब्द सच स पूरा होत हीं।
उ ओका बचावत ह जउन ओकरे भरोसे अहइँ।
31 यहोवा क छाँड़ि बस अउर कउन परमेस्सर बाटइ?
सिरिफ हमरे परमेस्सर क अउर कउन चट्टान अहइ?
32 मोका परमेस्सर सक्ति देत ह।
उ मोर रास्ता आसान बनावत ह।
33 परमेस्सर मोरे गोड़न क हिरन क नाई तेज चाल देत ह।
उ मोका स्थिर बनावत अउर मोका चट्टानी सिखरन स गिरइ स बचावत ह।
34 परमेस्सर जुद्ध बरे मोरे बाँहन क प्रसिच्छित करत ह,
एह बरे मइँ बहोत सक्तीसाली धनुस[c] क मोड़ सकत हउँ अउ तीर छोड़ सकत हउँ।
35 हे परमेस्सर, आपन ढार स मोर रच्छा करा।
तू मोका आपन दाहिन भुजा स
आपन महान सक्ती प्रदान कइके मदद द्या।
36 हे परमेस्सर, तू मोरे गोड़े क अउर टखना क मजबूत बनावा
ताकि मइँ तेज होइके बगइर लड़खड़ाहट क बढ़ चलउँ।
37 फुन आपन दुस्मनन क पाछा करउँ, अउ ओनका धइ सकउँ।
ओनमाँ स एक क भी बच पावइ देउँ।
38 मइँ आपन दुस्मनन क हराउब।
ओनमाँ स एक भी फुन ठाड़ नाहीं होइ।
मोर सबहिं दुस्मन मोरे गोड़वा प गिरि जइहीं।
39 हे परमेस्सर, तू मोका जुद्ध मँ सक्ती दिहा,
अउर मोरे सब दुस्मनन क मोरे समन्वा निहुराइ दिहा।
40 तू मोरे दुस्मनन क पीठ मोरी कइँती फेरि दिहा,
ताकि मइँ ओनका काटि डावउँ जउन मोसे जलन राखत हीं।
41 जब मोर दुस्मनन मदद क गोहार लगाएन,
ओनका मदद देइ अगवा कउनो नाहीं आवा।
हिआँ तलक कि उ पचे यहोवा तलक क पुकारेन,
मुला यहोवा स ओनका जवाब न मिला।
42 मइँ आपन दुस्मनन क कूट कूट कइ धूरि मँ मिलइ देबउँ, जेका ब्यार उड़ाइ देत ह।
मइँ ओनका कुचर दिहेउँ अउर माटी मँ मिलाइ दिहेउँ।
43 मोका ओनसे बचाइ ल्या जउन मोसे जुद्ध करत हीं।
मोका ओन जातियन क मुखिया बनाइ द्या,
जेनका मइँ जानत तलक नाहीं हउँ ताकि उ पचे मोर सेवा करिहीं।
44 फिन उ सबइ लोग मोर सुनिहीं अउर मोरे हुकुमन क मनिहीं,
दूसर रास्ट्रन क लोग मोसे डेरइहीं।
45 उ पचे विदेसी लोग मोरे समन्वा निहुरिहीं काहेकि उ पचे मोसे भयमीत होइहीं।
उ पचे भय स थर्रात भए आपन छुपा ठउरन स बाहेर निकारि अइहीं।
46 यहोवा सजीव अहइ!
मइँ आपन चट्टान क जस गीत गावत हउँ।
मोर महान परमेस्सर मोर रच्छा करत ह।
47 धन्न बाटइ, मोर पटक देइवाला परमेस्सर जउन
देस-देस क मनइयन क मोरे बस मँ कइ दिहस ह।
48 यहोवा, तू मोका मोरे दुस्मनन स छोड़ाया ह।
तू मोर मदद किहा ताकि मइँ ओन लोगन क हराइ सकउँ जउन मोरे खिलाफ खड़ा भएन।
तू मोका कठोर मनइयन स बचाया ह।
49 हे यहोवा, इहइ कारण मइँ देसन क बीच तोहार स्तुति करत हउँ।
इहइ कारण मइँ तोहरे नाउँ क भजन गावत हउँ।
50 यहोवा आपन राजा क मदद बहोत स जुद्धन क जीतइ मँ करत ह।
उ आपन सच्चा पिरेम, आपन चुने भए राजा पइ देखाँवत ह।
उ दाऊद अउ ओकरे संताने बरे सदा बिस्सास क जोग्ग रही।
29 जउन बार बार डाँट डपट खाइ क बाद भी उहइ बेउहार करत ह तउ निहचय ही उ अचानक बर्बाद होइ जाइ। ओकर बरे कउनो आसा तलक नाहीं बची।
2 जब धर्मी जन क अधिकार पावत ह तउ लोग आनन्द मनावत हीं। जब दुट्ठ सासक बन जात ह तउ लोग कराहत हीं।
3 अइसा जब जउन विवेक स पिरेम राखत ह, बाप क आनन्द पहोंचावत ह। मुला जउन रंडियन क संगत करत ह, आपन धन खोइ देत ह।
4 निआव स राजा देस क स्थिरता देत ह। किन्तु राजा जब लालची होत ह तउ लोग आपन काम करवावइ बरे ओका घूस देत हीं। तब देस दुर्बल होइ जात ह।
5 जउन अपने साथी क चापलूसी करत ह उ आपन गोड़वन बरे जाल पसारत ह।
6 पापी खुद आपन बिछाइ भइ जालि मँ फँसत ह। मुला एक धर्मी गावत अउर खुस रहत ह।
7 सज्जन चाहत हीं कि गरीब क निआव मिलइ किन्तु दुट्ठन क ओनकी तनिकउ चिन्ता नाहीं होत ह।
8 जउन अइसा सोचत हीं कि हम दूसरन स उत्तिम अही, उ पचे विपत्ति उपजावत अउर सारे सहर क तहस-नहस कइ देत हीं। मुला जउन जन बु्द्धिमान होत हीं, सान्ति क कायम करत हीं।
9 बुद्धिमान जन जदि मूरख क साथ मँ वाद-विवाद सुलझावइ चाहत ह, तउ मूरख उत्तेजित हो जात ह मूरखता क बातन करत ह जेहसे दुइनउँ क बीच सन्धि नाहीं होइ पावत
10 खून क पिआसे लोग, सच्चे लोगन स घिना करत हीं। किन्तु सच्चे लोग ओनकर जिन्नगी बचावइ क जतन करत ह।
11 मूरख मनई क लउ बहोतइ हाली किरोध आवत ह। मुला बुद्धिमान धीरा धइके आपन पइ नियंत्रण राखत ह।
12 जदि एक सासक झूठी बातन क सुनत ह तउ ओकर सब अधिकारी भ्रस्ट होइ जात हीं।
13 एक हिंसाब स गरीब अउर जउन मनई क लूटत ह, उ समान अहइ। यहोवा ही दुइनउँ क बनाएस ह।
14 अगर कउनो राजा गरीब पइ निआव स पूर्ण रहत ह तउ ओकर सासन बहोत लम्बे काल बना रही।
15 सजा अउर डाँट स सुबुद्धि मिलत ह किन्तु जदि महतारी-बाप मनचाहा करइ क खुला छोड़ि देइँ, तउ उ आपन महतारी क लज्जा बनी।
16 दुट्ठ क राज मँ पाप पनप जात हीं मुला अन्तिम जीत तउ सज्जन क ही होत ह।
17 पूत क दण्डित करा जब उ अनुचित करइ, फुन तउ तोहका ओह पइ सदा ही घमण्ड होइ। उ तोहरी लज्जा क कारण कबहुँ नाहीं होइ।
18 अगर कउनो देस परमेस्सर क राहे पइ नाहीं चलत तउ उ देस मँ सान्ति नाहीं होइ। किन्तु उ देस जउन परमेस्सर क व्यवस्था पइ चलत ह, आनन्दित रही।
19 सिरिफ सब्द मात्र स दास नाहीं सुधरत ह। चाहे उ तोहार बात क समुझ लेइ, मुला ओकर पालन नाहीं करी।
20 अगर कउनो बगैर बिचारे भए बोलत ह तउ ओकरे बरे कउनो आसा नाहीं। जियादा आसा होत ह एक मूरख बरे अपेच्छा उ मनई क जउन बिचारे बिना बोलइ।
21 अगर तू आपन दास क सदा उ देब्या जउन भी उ चाहइ, तउ अंत मँ उ तोहार एक उत्तिम दास नाहीं रही।
22 किरोधी मनई मतभेद भड़कावत ह, अउर अइसा जन जेका किरोध आवत होइ, बहोत स पापन क अपराधी बनत ह।
23 मनई क अहंकार नीचा देखावत ह, मुला उ मनई जेकर हिरदय विनम्र होत आदर पावत ह।
24 जउन चोर क संग धरत ह उ आपन स दुस्मनी करत ह। काहेकि अदालत मँ जब ओका फुरइ बोलइ क होइ तउ उ कछू भी कहइ स बहोत डेरान रहब्या।
25 डर मनई बरे फंदा साबित होत ह, मुला जेकर आस्था यहोवा पइ रहत ह, सुरच्छित रहत ह।
26 बहोत लोग सासक क मीत होइ चाहत हीं, मुला उ यहोवा ही अहइ, जउन लोगन क फुरइ निआव करत ह।
27 सज्जन घिना करत हीं अइसे ओन लोगन स जउन सच्चे नाहीं होतेन, अउर दुट्ठ सच्चे लोगन स घिना राखत हीं।
हमरे बरे पराथना करा
3 भाइयो तथा बहिनियो, तोहे पचन क कछू अउर बात हमका बतावइ क बाटइ। हमरे करे पराथना करा कि पर्भू क उपदेस तेजी स फइलइ अउर महिमा पावई। जइसेन कि तोहे लोगन क बीच मँ भवा बा। 2 पराथना करा कि हम बुरे अउर दुस्ट मनइयन स दूर रही। (काहेकि सभन जने क तउ पर्भू मँ बिसवास नाहीं होत ह।)
3 मुला पर्भू तउ बिसवास स भरा अहइ। उ तोहार सक्ती बढ़ाई अउर तोहे सबन क ओह दुस्ट स बचाइ रखी। 4 हमका पर्भू मँ तोहार स्थिति क बारे मँ टृढ़ बिसवास बा। अउर हमका पूरा निस्चय बा कि हम तोहे जउन कछू करई क कहे हई, तू वइसेन ही करत अहई अउर करत रहब्या। 5 पर्भू तोहरे पचन क हिरदइ क परमेस्सर क पिरेम अउर मसीह क धैर्य भरा मजबूती कइँती आगे करइ।
करम क अनिवार्यता
6 भाइयो तथा बहिनियो, अब तोहे सबन क हमार पर्भू ईसू मसीह क नाउँ मँ इ हुकुम बा कि तू हर ओह भाइयन स दूर रहा जउन अइसेन जीवन जिअत ह जउन अनुचित चाल चलत अहइ। 7 मइँ इ ऍह बरे कहत हउँ काहेकि तू तउ खुदइ इ जानत बाट्या कि तोहे पचन क हमार अनुकरण कइसे करइ चाही काहेकि तोहरे बीच रहात भए हम कभउँ आलसी नाहीं रही। 8 हम बिना मूल चुकाए कीहीउँ स भोजन नाहीं ग्रहण कीन्ह, बल्कि जतन अउर मेरनत करत भए हम दिन रात काम मँ जुटा रहे ताकि तोहमाँ स कीहीउँ पर बोझ न पड़इ। 9 अइसा नाहीं अहइ कि हमका तोहसे सहायता लेइ क कउनउ अधिकार नाहीं बाटइ, बल्कि हम एह बरे कड़ी मेहनत करत अही ताकि तू ओकर अनुसरण कइ सका। 10 इही बरे हम जब तोहरे साथे रहे, हम तोहे पचन क इ हुकुम दिहे रहे, “अगर केउ काम न करइ चाहइ तउ उ खाना भी न खाइ।”
11 हमका अइसा बतावा गवा ह कि तोहरे बीच कछू अइसेन भी बाटेन जउन अइसेन जीवन जिअत हीं जउन ओनके अनुकूल नाहीं अहइ। उ कउनउ काम नाहीं करतेन, दुसरेन क बातन मँ टाँग अड़ावत हीं एहर-ओहर घूमत फिरत हीं। 12 अइसेन लोगन क हम पर्भू ईसू मसीह क नाउँ प समझावत हुकुम देत अही कि उ सान्ति क साथे आपन काम करइ अउर अपने कमाई क ही खाना खाइँ। 13 मुला भाइयो अउ बहिनियो! जहाँ तक तोहार बात बा, भलाई करत कभउँ न थका।
14 इ चिट्ठी क माध्यम स दीन्ह गए हमरे हुकुमन पर अगर केउ न चलइ त ओह मनई पर नजर रखा कि उ कउन बाटइ अउर ओनकर संगत स दूर रहा ताकि ओका सरम आवइ। 15 मुला ओनके साथे सत्रुअन जइसा व्यवहार न करा बल्कि भाई क समान ओका चेतावा।
चिठ्ठी समापन
16 अब सान्ति क पर्भू खुद तोहे सब समइ, सब तरह स सान्ति देइ। पर्भू तू सबके साथे रहा।
17 मइँ पौलुस खुद आपन लिखाई मँ इ नमस्कार लिखत हउँ। मइँ एह तरह सब चिट्ठी पर दसखत करत हउँ। मोरी लिखाई क सैली इहइ अहइ।
18 हमार पर्भू ईसू मसीह क अनुग्रह तोहे सभन पर बना रहइ।
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