Print Page Options
Previous Prev Day Next DayNext

M’Cheyne Bible Reading Plan

The classic M'Cheyne plan--read the Old Testament, New Testament, and Psalms or Gospels every day.
Duration: 365 days
Saral Hindi Bible (SHB)
Version
Error: '2 शमूएल 18 ' not found for the version: Saral Hindi Bible
2 कोरिन्थॉस 11

पौलॉस तथा झूठे प्रेरित

11 मैं चाहता हूँ कि तुम मेरी छोटी-सी मूर्खता को सह लो—जैसे वास्तव में तुम इस समय सह भी रहे हो. तुम्हारे लिए मेरी प्रेम की धुन ठीक वैसी ही है जैसी परमेश्वर की. तुम उस पवित्र कुँवारी जैसे हो, जिसकी मंगनी मैंने एकमात्र वर—मसीह येशु—को सौंपने के उद्धेश्य से की है. मुझे हमेशा यह भय लगा रहता है कि कहीं शैतान तुम्हारे मन को मसीह के प्रति तुम्हारी निष्कपट, पवित्रता से दूर न कर दे, जैसे साँप ने हव्वा को अपनी चालाकी से छल लिया था. क्योंकि जब कोई व्यक्ति आकर किसी अन्य येशु का प्रचार करता है, जिसका प्रचार हमने नहीं किया या तुम्हें कोई भिन्न आत्मा मिलती है, जो तुम्हें पहले नहीं मिली थी या तुम कोई भिन्न ईश्वरीय सुसमाचार को अपनाते हो, जिसे तुमने पहले ग्रहण नहीं किया था, तो तुम इसे सहर्ष स्वीकार कर लेते हो! मैं यह नहीं मानता कि मैं तथाकथित बड़े से बड़े प्रेरितों से तुच्छ हूँ. माना कि मैं बोलने में निपुण नहीं हूँ किन्तु निश्चित ही ज्ञान में मैं कम नहीं. वस्तुत: हमने हरेक प्रकार से हरेक क्षेत्र में तुम्हारे लिए इसे स्पष्ट कर दिया है.

इसलिए कि मैंने तुम्हारे लिए परमेश्वर के ईश्वरीय सुसमाचार का प्रचार मुफ्त में किया, क्या तुम्हें ऊँचा करने के उद्धेश्य से मेरा स्वयं को विनम्र बना लेना अपराध था? तुम्हारे बीच सेवा करते हुए मेरा भरण-पोषण अन्य कलीसियाओं द्वारा किया जा रहा था. यह एक प्रकार से उन्हें लूटना ही हुआ. तुम्हारे साथ रहते हुए आर्थिक ज़रूरत में भी मैं तुममें से किसी पर भी बोझ न बना. मकेदोनिया प्रदेश से आए साथी विश्वासियों ने मेरी सभी ज़रूरतों की पूर्ति की. हर क्षेत्र में मेरा यही प्रयास रहा है कि मैं तुम पर बोझ न बनूँ. भविष्य में भी मेरा प्रयास यही रहेगा. 10 मुझमें मसीह का सच मौजूद है, इसलिए पूरे आखाया प्रदेश के क्षेत्रों में कोई भी मुझे मेरे इस गौरव से दूर न कर सकेगा. 11 क्यों? क्या इसलिए कि मुझे तुमसे प्रेम नहीं? परमेश्वर गवाह हैं कि मैं तुमसे प्रेम करता हूँ. 12 मैं जो कुछ कर रहा हूँ, वही करता जाऊँगा कि उन व्यक्तियों की इस विषय में घमण्ड़ करने की सारी सम्भावनाएँ समाप्त हो जाएँ कि वे भी वही काम कर रहे हैं, जो हम कर रहे हैं. 13 ऐसे व्यक्ति झूठे प्रेरित तथा छल से काम करने वाले हैं, जो मसीह के प्रेरित होने का ढोंग करते हैं. 14 यह कोई आश्चर्य का विषय नहीं कि शैतान भी ज्योतिर्मय स्वर्गदूत होने का नकल करता है, 15 इसलिए इसमें यह भी बड़ी बात नहीं कि उसके सेवक भी, जिनका अन्त उनके कामों के अनुसार ही होगा, धार्मिकता के सेवक होने का नाटक करते हैं.

पौलॉस द्वारा अपने कष्टों का गुणगान

16 मैं दोबारा याद दिला रहा हूँ: कोई मुझे मूर्ख न समझे किन्तु यदि तुमने मुझे ऐसा मान ही लिया है तो मुझे मूर्ख के रूप में ही स्वीकार कर लो. इससे मुझे भी गर्व करने का अवसर मिल जाएगा. 17 बेधड़क कहा गया मेरा वचन प्रभु द्वारा दिया गया नहीं है—यह सब तो एक मूर्ख की घमण्ड़ में कही गई बात है. 18 कितने तो अपनी मानवीय उपलब्धियों का घमण्ड़ कर रहे हैं, तो मैं भी घमण्ड़ क्यों न करूँ? 19 तुम तो ऐसे बुद्धिमान हो कि मूर्खों की खुशी से सह लेते हो. 20 वस्तुत: तुम तो उसकी तक सह लेते हो, जो तुम्हें दास बना लेता है, जो तुम्हारा शोषण करता है, तुम्हारा अनुचित लाभ उठाता है, स्वयं को उन्नत करता है, यहाँ तक कि वह तुम्हारे मुख पर थप्पड़ तक मार देता है! 21 मुझे स्वयं लज्जित हो कहना पड़ रहा है कि हम इन सब की तुलना में बहुत दुर्बल थे.

कोई किसी भी विषय का अभिमान करने का साहस करे—मैं यह मूर्खतापूर्वक कह रहा हूँ—मैं भी उसी प्रकार अभिमान करने का साहस कर रहा हूँ. 22 क्या वे इब्री हैं? इब्री मैं भी हूँ, क्या वे इस्राएली हैं? इस्राएली मैं भी हूँ, क्या वे अब्राहाम के वंशज हैं? अब्राहाम का वंशज मैं भी हूँ. 23 क्या वे मसीह के सेवक हैं? मैं पागल व्यक्ति की तरह कहता हूँ, मैं उनसे कहीं बढ़कर हूँ: मैंने उनसे कहीं अधिक परिश्रम किया है, उनसे कहीं अधिक बन्दी बनाया गया हूँ, अनगिनत बार पीटा गया हूँ, अक्सर ही मेरे प्राण संकट में पड़े हैं. 24 यहूदियों ने मुझे पाँच बार एक कम चालीस कोड़े लगाए. 25 तीन बार मैं बेंत से पीटा गया, एक बार मेरा पथराव किया गया और तीन बार मेरा जलयान ध्वस्त हुआ, एक रात तथा एक दिन मुझे समुद्र में व्यतीत करना पड़ा. 26 बार-बार मुझे यात्राएँ करनी पड़ीं. कभी नदियों के, कभी डाकुओं के, कभी अपने देशवासियों के, कभी अन्यजातियों के, कभी नगरों में, कभी जंगल में, कभी समुद्र में जोखिम का और कभी झूठे विश्वासियों के जोखिम का सामना करना पड़ा है. 27 मैंने अनेक रातें जाग कर, भूखे-प्यासे रह कर, अक्सर भूखे रह कर, सर्दी और थोड़े वस्त्रों में रहते हुए कठिन परिश्रम किया तथा अनेक कठिनाइयाँ झेली हैं. 28 इन सब बाहरी कठिनाइयों के अलावा प्रतिदिन मुझ पर सभी कलीसियाओं की भलाई-चिन्ता का बोझ बना रहता है. 29 कौन कमज़ोर है, जिसकी कमज़ोरी का अहसास मुझे नहीं होता? किसके पाप में पड़ने से मैं चिन्तित नहीं होता?

30 यदि मुझे घमण्ड़ करना ही है तो मैं अपनी कमज़ोरी का घमण्ड़ करूँगा. 31 प्रभु मसीह येशु के परमेश्वर तथा पिता, जो युगानुयुग धन्य हैं, गवाह हैं कि मैं झूठ नहीं बोल रहा: 32 जब मैं दमिश्क में था तो राजा अरेतॉस के राज्यपाल ने मुझे बन्दी बनाने के उद्धेश्य से नगर में पहरा बैठा दिया था 33 किन्तु मुझे शहरपनाह के एक झरोखे से एक टोकरे में बैठा कर नीचे उतार दिया गया और इस प्रकार मैं उसके हाथों से बच निकला.

Error: 'यहेजकेल 25 ' not found for the version: Saral Hindi Bible
Error: 'भजन संहिता 73 ' not found for the version: Saral Hindi Bible
Saral Hindi Bible (SHB)

New Testament, Saral Hindi Bible (नए करार, सरल हिन्दी बाइबल) Copyright © 1978, 2009, 2016 by Biblica, Inc.® All rights reserved worldwide.