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Read the Gospels in 40 Days

Read through the four Gospels--Matthew, Mark, Luke, and John--in 40 days.
Duration: 40 days
New Chhattisgarhi Translation (नवां नियम छत्तीसगढ़ी) (NCA)
Version
मरकुस 13-14

संसार के अंत समय के चिन्‍हां

(मत्ती 24:1-2; लूका 21:5-6)

13 जब यीसू ह मंदिर ले निकरत रिहिस, तब ओकर चेलामन ले एक झन ओला कहिस, “हे गुरू! देख, कइसने सुन्‍दर-सुन्‍दर पथरा अऊ ओम ले बने सुन्‍दर-सुन्‍दर भवन।”

यीसू ह ओला कहिस, “तेंह जऊन बड़े-बड़े भवन ला देखत हवस? इहां एको ठन पथरा नइं बांचय; जम्मो ह गिराय जाही।”

जब यीसू ह जैतून पहाड़ ऊपर मंदिर कोति मुहूं करके बईठे रिहिस, तब पतरस, याकूब, यूहन्ना अऊ अन्द्रियास अलग म ओकर ले पुछिन, “हमन ला बता कि ए बातमन कब होही? अऊ जब ए बातमन पूरा होय के समय आही, तब ओ बखत का चिन्‍हां दिखही?”

यीसू ह ओमन ला कहिस, “सचेत रहव कि कोनो तुमन ला झन भरमावय। कतको झन मोर नांव म आके कहिहीं कि मेंह मसीह अंव, अऊ बहुंते झन ला भरमाहीं। जब तुमन लड़ई अऊ युद्ध के चरचा सुनव, त झन घबराहू काबरकि ए बात के होवई जरूरी ए, पर ओ बखत अंत नइं होवय। काबरकि देस ऊपर देस अऊ राज ऊपर राज चढ़ई करहीं। जगह-जगह म भुइंडोल होही अऊ अकाल पड़ही। एह लइका जने के पीरा के सुरूआत सहीं होही।

अपन बारे म सचेत रहव काबरकि मनखेमन तुमन ला धरके अदालत म ले जाहीं अऊ तुमन ला यहूदीमन के सभा घर म पीटहीं। मोर खातिर तुमन हाकिम, अऊ राजामन के आघू म ठाढ़ होहू कि ओमन ला मोर गवाही देवव। 10 अऊ एह जरूरी ए कि सुघर संदेस ह पहिली जम्मो देस म मनखेमन ला परचार करे जावय। 11 जब ओमन तुमन ला पकड़के अदालत म ले जावंय, तब आघू ले फिकर झन करहू कि हमन का कहिबो। पर जऊन कुछू तुमन ला ओ घड़ी बताय जाथे, ओही कहव काबरकि बोलइया तुमन नइं, पर पबितर आतमा अय।

12 ओ समय भाई ह भाई ला अऊ बाप ह बेटा ला मरवाय बर दूसर के हांथ म सऊंपही अऊ लइकामन अपन दाई-ददा के बिरोध म होके ओमन ला मरवाय बर दूसर के हांथ म सऊंपहीं। 13 मोर खातिर, जम्मो मनखेमन तुमन ले बईरता करहीं, पर जऊन ह आखिरी तक धीरज धरे रहिही, ओही ह उद्धार पाही।

14 जब तुमन बिनासकारी अब्‍बड़ घिन मनखे ला उहां ठाढ़े देखव जिहां ओकर होना उचित नो हय – पढ़इया ह समझ ले – तब जऊन मन यहूदिया म होवंय, ओमन पहाड़ ऊपर भाग जावंय। 15 जऊन मनखे ह अपन घर के छानी म होवय, ओह घर के भीतरी ले कुछू लाने बर झन उतरय। 16 अऊ जऊन ह खेत म होवय, ओह अपन ओढ़ना लाने बर झन लहुंटय। 17 ओ दिन म जऊन माईलोगनमन आसरा (पेट) म होहीं अऊ जऊन दाईमन लइकामन ला गोरस पीयावत होहीं, ओमन खातिर हाय-हाय। 18 परमेसर ले बिनती करत रहव कि एह जड़काला म झन होवय। 19 काबरकि ओ दिनमन म अइसने बिपत्ती आही कि जब ले परमेसर ह संसार ला रचे हवय, तब ले लेके अब तक न तो अइसने होय हवय अऊ न कभू फेर होही। 20 अऊ कहूं परभू ह ओ दिनमन ला घटाय नइं होतिस, त कोनो जीवमन नइं बांचतिन। पर अपन चुने मनखेमन के खातिर, ओह ओ दिनमन ला घटाईस। 21 ओ बखत कहूं कोनो तुमन ला ए कहय कि देखव मसीह ह इहां हवय, या देखव मसीह ह उहां हवय, त बिसवास झन करहू। 22 काबरकि लबरा मसीह अऊ लबरा अगमजानीमन परगट होहीं अऊ अइसने चिन्‍हां अऊ चमतकार देखाहीं कि कहूं हो सकय, त चुने मनखेमन ला घलो भरमा देवंय। 23 एकरसेति सचेत रहव। मेंह तुमन ला जम्मो बात आघू ले बता दे हवंव।”

मनखे के बेटा के अवई

(मत्ती 24:29-31; लूका 21:25-28)

24 “ओ बिपत पड़े के बाद,
    ओ दिनमन म सूरज ह अंधियार हो जाही अऊ चंदा ह अपन अंजोर नइं दिही।
25 अऊ अकास के जम्मो सक्तिमन हलाय जाहीं अऊ तारामन गिर जाहीं।[a]

26 तब मनखेमन मनखे के बेटा ला अब्‍बड़ सक्ति अऊ महिमा के संग बादर म आवत देखहीं। 27 अऊ ओह अपन स्वरगदूतमन ला पठोके धरती के ए छोर ले लेके धरती के ओ छोर तक – चारों दिग ले, अपन चुने मनखेमन ला संकेलही।

28 अंजीर के रूख ले ए बात सिखव। जब ओकर डंगालीमन कोंवर हो जाथें अऊ पानामन निकरे लगथें, तब तुमन जान लेथव कि धूपकाला ह लकठा म हवय। 29 ओही किसम ले जब तुमन ए बातमन ला होवत देखव, त जान लेवव कि समय ह लकठा म आ गे हवय अऊ सुरू होवइयाच हवय। 30 मेंह तुमन ला सच कहत हंव कि जब तक ए बातमन नइं हो लिहीं, तब तक ए पीढ़ी के मनखेमन नइं मरंय। 31 अकास अऊ धरती ह टर जाही, पर मोर बचन ह कभू नइं टरय।”

ओ दिन अऊ समय ह अनजान

(मत्ती 24:36-44)

32 “ओ दिन अऊ समय के बारे म कोनो नइं जानंय, न स्‍वरग के दूतमन, न बेटा, पर ओला सिरिप ददा जानथे। 33 सचेत अऊ सावधान रहव काबरकि तुमन नइं जानव कि ओ समय ह कब आही। 34 एह ओ मनखे के सहीं अय, जऊन ह परदेस जाथे अऊ जाय के पहिली अपन घर ला अपन सेवकमन के भरोसा म छोंड़के ओमन ला अपन-अपन काम बता देथे अऊ घर के चौकीदार ला सचेत रहे के हुकूम देथे।

35 ए खातिर सचेत रहव काबरकि तुमन नइं जानत हव कि घर के मालिक ह कब आ जाही, संझा बखत या आधा रतिहा या कुकरा बासत या बड़े बिहनियां। 36 अइसने झन होवय कि ओह अचानक आवय अऊ तुमन ला सुतत पावय। 37 जऊन बात मेंह तुमन ला कहत हंव, ओहीच बात मेंह जम्मो झन ला कहत हंव – सचेत रहव।”

यीसू के बिरोध म सडयंत्र

(मत्ती 26:1-5; लूका 22:1-2; यूहन्ना 11:45-53)

14 दू दिन के पाछू, फसह अऊ बिगर खमीर के रोटी के तिहार होवइया रिहिस। अऊ ओ समय मुखिया पुरोहित अऊ नियम के सिखोइया मन ए ताक म रिहिन कि यीसू ला कइसने चुपेचाप पकड़के मार डारंय। पर ओमन कहिन, “तिहार के बखत म अइसने नइं करन। कहूं अइसने झन होवय कि मनखेमन म हुड़दंग हो जावय।”

ओ समय म, जब यीसू बैतनियाह म सिमोन कोढ़ी के घर म खाना खावत रिहिस, तब एक झन माईलोगन ह संगमरमर के पथरा के चुकिया म जटामासी के अब्‍बड़ महंगा इतर तेल लेके आईस, अऊ ओह चुकिया ला फोरके इतर ला यीसू के मुड़ ऊपर रितोईस।

उहां कुछू मनखेमन खिसियाके एक-दूसर ला कहन लगिन, “ए इतर ला काबर बरबाद कर दीस? एला बेंचे रहे ले तीन सौ दिन के बनी ले घलो जादा पईसा मिले रहितिस, जऊन ला गरीबमन म बांटे जा सकत रिहिस।” अऊ ओमन ओकर ऊपर अब्‍बड़ खिसियाईन।

यीसू ह कहिस, “ओला छोंड़ दव। ओला काबर सतावत हवव? ओह तो मोर संग सुघर बुता करे हवय। गरीबमन तुम्‍हर संग हमेसा रहिहीं अऊ तुमन जब चाहव, तब ओमन के मदद कर सकत हव, पर मेंह तुम्‍हर संग हमेसा नइं रहंव। जऊन कुछू ओह कर सकत रिहिस, ओह करिस। मोर गड़ियाय जाय के तियारी म ओह आघू ले मोर देहें ऊपर इतर लगाय हवय। मेंह तुमन ला सच कहत हंव कि जम्मो संसार म जिहां-जिहां मोर सुघर संदेस के परचार करे जाही, उहां ओकर ए काम के चरचा घलो ओकर सुरता म करे जाही।”

10 तब यहूदा इस्करियोती जऊन ह बारहों चेलामन ले एक झन रिहिस, मुखिया पुरोहितमन करा गीस कि ओह यीसू ला ओमन के हांथ म पकड़वा देवय। 11 ओमन ए सुनके बहुंत खुस होईन, अऊ ओला रूपिया दे बर राजी होईन। एकरसेति ओह यीसू ला पकड़वाय बर मऊका खोजन लगिस।

यीसू ह अपन चेलामन संग फसह के भोज खाथे

(मत्ती 26:17-25; लूका 22:7-14, 21-23; यूहन्ना 13:21-30)

12 बिन खमीर के रोटी के तिहार के पहिली दिन, ए रिवाज रिहिस कि फसह के मेढ़ा-पीला के बलिदान करे जावय; त यीसू के चेलामन ओकर ले पुछिन, “तेंह कहां चाहथस कि हमन जाके तोर बर फसह के भोज खाय के तियारी करन?”

13 ओह अपन चेलामन ले दू झन ला, ए कहिके पठोईस, “सहर म जावव अऊ एक मनखे पानी के मटकी बोहे तुमन ला मिलही। ओकर पाछू-पाछू जावव। 14 ओह जऊन घर म जाही, ओ घर के मालिक ला कहव, ‘गुरू ह पुछत हवय कि ओकर पहुना कमरा कहां हवय, जिहां ओह अपन चेलामन संग फसह के भोज खा सकय।’ 15 ओह तुमन ला अटारी म सजे-सजाय अऊ तियार एक ठन बड़े कमरा देखाही। उहां हमर भोज खातिर तियारी करव।”

16 तब चेलामन सहर म गीन अऊ जइसने यीसू ह ओमन ला कहे रिहिस, वइसनेच पाईन अऊ ओमन फसह के भोज तियार करिन।

17 जब सांझ होईस, त यीसू ह बारहों चेलामन संग आईस। 18 जब ओमन बईठके खावत रिहिन, त यीसू ह कहिस, “मेंह तुमन ला सच कहत हंव – तुमन ले एक झन जऊन ह मोर संग खाना खावत हवय, मोला पकड़वाही।”

19 चेलामन उदास होके एक-एक करके पुछन लगिन, “का ओह में अंव?”

20 यीसू ह ओमन ला कहिस, “ओह तुमन बारहों म ले एक झन अय, जऊन ह मोर संग थारी म हांथ डारत हवय। 21 मनखे के बेटा ह मरही, जइसने परमेसर के बचन म ओकर बारे म लिखे हवय, पर ओ मनखे ऊपर ‘हाय’, जऊन ह मनखे के बेटा ला पकड़वाथे। कहूं ओ मनखे के जनम नइं होतिस, त ओकर बर बने होतिस।”

परभू-भोज

(मत्ती 26:26-30; लूका 22:14-20; 1 कुरिन्‍थुस 11:23-25)

22 जब ओमन खावत रिहिन, तब यीसू ह रोटी ला लीस अऊ परमेसर ला धनबाद देके ओला टोरिस अऊ अपन चेलामन ला देके कहिस, “लेवव, एह मोर देहें अय।”

23 तब ओह अंगूर के मंद के कटोरा ला लीस अऊ परमेसर ला धनबाद देके ओमन ला दीस, अऊ ओमन जम्मो झन ओम ले पीईन।

24 यीसू ह ओमन ला कहिस, “एह करार के मोर लहू ए, जऊन ह बहुंते मनखे खातिर बोहाय जावत हवय। 25 मेंह तुमन ला सच कहत हंव कि अंगूर के मंद ला ओ दिन तक फेर नइं पीयंव, जब तक परमेसर के राज म नवां ला नइं पी लूहूं।”

26 तब ओमन एक भजन गायके बाद, जैतून पहाड़ ऊपर चल दीन।

यीसू ह पतरस के मुकरे के अगमबानी करथे

(मत्ती 26:31-35; लूका 22:31-34; यूहन्ना 13:36-38)

27 यीसू ह ओमन ला कहिस, “तुमन जम्मो झन मोला छोंड़के भाग जाहू, काबरकि परमेसर के बचन म लिखे हवय,

‘मेंह चरवाहा ला मारहूं, अऊ मेढ़ामन तितिर-बितिर हो जाहीं।’[b]

28 पर मेंह अपन जी उठे के बाद, तुम्‍हर ले आघू गलील प्रदेस जाहूं।”

29 पतरस ह ओला कहिस, “कहूं जम्मो झन तोला छोंड़ दिहीं त छोंड़ दिहीं, पर मेंह तोला कभू नइं छोड़ंव।”

30 यीसू ह पतरस ला कहिस, “मेंह तोला सच कहत हंव कि आजेच रतिहा कुकरा के दू बार बासे के पहिली, तेंह तीन बार इनकार करबे कि तेंह मोला जानथस।”

31 पर पतरस जोर देके कहिस, “कहूं मोला तोर संग मरना घलो पड़ जावय, तभो ले मेंह तोर कभू इनकार नइं करंव।” अइसनेच जम्मो चेलामन घलो कहिन।

यीसू गतसमनी म पराथना करथे

(मत्ती 26:36-46; लूका 22:39-46)

32 तब ओमन गतसमनी नांव के एक ठऊर म आईन। यीसू ह अपन चेलामन ला कहिस, “इहां बईठे रहव, जब तक कि मेंह पराथना करत हंव।” 33 ओह पतरस, याकूब अऊ यूहन्ना ला अपन संग लीस, अऊ अब्‍बड़ घबराईस अऊ बियाकुल होईस। 34 अऊ ओह ओमन ला कहिस, “मोर मन ह अतकी उदास हवय कि मेंह मर जावंव सहीं लगत हवय। तुमन इहां ठहरव अऊ जागत रहव।”

35 थोरकन आघू जाके, ओह भुइयां म गिरके पराथना करन लगिस कि कहूं हो सकय, त ए दुःख के बेरा ह ओकर ले टर जावय। 36 ओह कहिस, “ददा, हे ददा! तोर दुवारा जम्मो बात हो सकथे। ए दुःख के कटोरा ला मोर म ले टार दे। तभो ले जइसने मेंह चाहत हवंव वइसने नइं, पर जइसने तेंह चाहत हवस, वइसने होवय।”

37 तब ओह अपन तीनों चेलामन करा आईस अऊ ओमन ला सुतत देखके, पतरस ला कहिस, “हे सिमोन! तेंह सुतत हवस। का तेंह एक घंटा घलो जागे नइं सकय? 38 जागत अऊ पराथना करत रहव कि तुमन परिछा म झन पड़व। आतमा ह तो चाहत हे, पर देहें ह दुरबल हवय।”

39 ओह फेर चले गीस अऊ ओहीच बात ला कहिके पराथना करिस। 40 जब ओह चेलामन करा लहुंटिस, त ओमन ला फेर सुतत पाईस, काबरकि ओमन के आंखीमन नींद के मारे बंद होवत रहंय, अऊ ओमन नइं जानत रहंय कि ओला का कहंय।

41 तब तीसरा बार आके, ओह ओमन ला कहिस, “का तुमन अभी तक ले सुतत अऊ अराम करत हवव? बहुंत हो गे। घरी ह आ गे हवय। देखव, मनखे के बेटा ह पापीमन के हांथ म पकड़वाय जावथे। 42 उठव! आवव, चलव! देखव, मोर पकड़वइया ह लकठा आ गे हवय।”

यीसू ह पकड़वाय जाथे

(मत्ती 26:47-56; लूका 22:47-53; यूहन्ना 18:3-12)

43 यीसू ह ए कहितेच रिहिस कि यहूदा जऊन ह ओकर बारहों चेलामन ले एक झन रिहिस, एक बड़े भीड़ ला लेके पहुंचिस। भीड़ के मनखेमन तलवार अऊ लउठी धरे रहंय अऊ एमन ला मुखिया पुरोहित, कानून के गुरू अऊ अगुवा मन पठोय रिहिन।

44 यीसू के पकड़वइया ह ओमन ला आघू ले ए बता दे रिहिस कि जऊन ला मेंह चूमहूं, ओहीच अय। ओला पकड़के हुसियारी के संग ले जावव। 45 यीसू करा तुरते जाके, यहूदा ह ओला कहिस, “हे गुरू!” अऊ ओह ओला चूमिस। 46 तब मनखेमन ओकर ऊपर हांथ लगाके ओला कसके पकड़ लीन। 47 ओकर लकठा म ठाढ़े मनखेमन ले एक झन अपन तलवार ला निकारिस अऊ महा पुरोहित के सेवक ऊपर चलाके ओकर कान ला काट डारिस।

48 यीसू ह ओमन ला कहिस, “का मेंह कोनो डाकू अंव कि तुमन तलवार अऊ लउठी लेके मोला पकड़े बर आय हवव? 49 मेंह तुम्‍हर संग रहिके रोज मंदिर म उपदेस देवत रहेंव, तब तुमन मोला नइं पकड़ेव। पर एह एकर खातिर होईस कि परमेसर के कहे बचन ह पूरा होवय।” 50 तब जम्मो चेलामन ओला छोंड़के भाग गीन।

51 तब एक जवान ह उघरा देहें ऊपर सिरिप चादर ला ओढ़के यीसू के पाछू हो लीस अऊ जब मनखेमन ओला पकड़े लगिन, 52 त ओह चादर ला छोंड़के उघरा देहें भाग गीस।

यीसू ह महासभा के आघू म

(मत्ती 26:57-68; लूका 22:54-55, 63-71; यूहन्ना 18:13-14, 19-24)

53 तब ओमन यीसू ला महा पुरोहित करा ले गीन अऊ जम्मो मुखिया पुरोहित, अगुवा अऊ नियम के सिखोइया मन उहां जुर गीन। 54 पतरस ह दूरिहा म होके ओकर पाछू-पाछू महा पुरोहित के अंगना भीतर गीस, अऊ उहां रखवारमन के संग बईठके आगी तापन लगिस।

55 मुखिया पुरोहित अऊ जम्मो यहूदीमन के बड़े महासभा के मनखेमन यीसू ला मार डारे बर ओकर बिरोध म गवाही खोजत रिहिन, पर ओमन ला एको झन नइं मिलिस। 56 बहुंते झन ओकर बिरोध म लबारी गोठ कहिन, पर ओमन के गोठ एक-दूसर के संग मेल नइं खाईस।

57 तब कतको झन उठके ओकर बिरोध म ए लबारी गवाही दीन, 58 “हमन एला ए कहत सुने हवन कि एह मनखे के बनाय मंदिर ला गिरा दिही अऊ तीन दिन म दूसर बना दिही, जऊन ह मनखे के बनाय नइं होवय।” 59 तभो ले ओमन के गवाही मेल नइं खाईस।

60 तब महा पुरोहित ह ओमन के आघू म ठाढ़ होके यीसू ले पुछिस, “का तेंह कोनो जबाब नइं देवस? मनखेमन तोर बिरोध म, ए का गवाही देवत हवंय।” 61 तभो ले यीसू ह चुपेचाप रिहिस अऊ कुछू जबाब नइं दीस।

महा पुरोहित ह ओला फेर पुछिस, “का तेंह महिमामय परमेसर के बेटा मसीह अस?” 62 यीसू ह कहिस, “हां, मेंह अंव। अऊ तुमन मनखे के बेटा ला सर्वसक्तिमान परमेसर के जेवनी हांथ अंग बईठे अऊ अकास के बादरमन संग आवत देखहू।”

63 तब महा पुरोहित ह अपन ओढ़ना ला चीरके कहिस, “अब हमन ला गवाही के का जरूरत हवय? 64 तुमन ए निन्दा ला सुने हवव। तुमन के का बिचार हवय?”

ओमन जम्मो ओला मार डारे के काबिल ठहराईन। 65 तब ओमन ले कुछू झन ओकर ऊपर थूकिन। ओमन ओकर आंखी ला बांधके ओला मुक्‍का मारिन अऊ कहिन, “बता, तोला कोन मारिस?” अऊ रखवारमन घलो ओला लेके मारिन।

पतरस ह यीसू के इनकार करथे

(मत्ती 26:69-75; लूका 22:56-62; यूहन्ना 18:15-18, 25-27)

66 जब पतरस ह खाल्‍हे अंगना म रिहिस, त महा पुरोहित के एक नौकरानी टूरी आईस, 67 अऊ पतरस ला आगी तापत देखके, ओला एकटक देखिस अऊ कहिस, “तहूं घलो त ओ यीसू नासरी के संग रहय।” 68 पतरस ह इनकार करके कहिस, “मेंह नइं जानव कि तेंह का गोठियावत हस।” अइसने कहिके, ओह बाहिर दुवारी म चल दीस अऊ ओतकीच बेरा कुकरा ह बासिस।

69 जब नौकरानी टूरी ओला उहां देखिस, त ओह जऊन मन उहां ठाढ़े रहंय, ओमन ला फेर कहिस, “ए मनखे ह ओमन म ले एक झन अय।” 70 पतरस ह फेर इनकार करिस।

थोरकन बेर के पाछू, जऊन मन लकठा म ठाढ़े रहंय, ओमन पतरस ला कहिन, “सिरतोन, तेंह ओमन ले एक झन अस, काबरकि तहूं घलो गलील के अस।”

71 तब ओह अपन-आप ला सराप देवन लगिस अऊ किरिया खाके कहिस, “जेकर बारे म तुमन गोठियावत हवव, ओला में नइं जानव।”

72 तुरते कुकरा ह दूसर बेर बासिस। तब पतरस ह यीसू के कहे गोठ ला सुरता करिस कि कुकरा के दू बखत बासे के पहिली, तेंह तीन बार मोर इनकार करबे। अऊ ओह कलप-कलप के रोवन लगिस।

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