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Read the Gospels in 40 Days

Read through the four Gospels--Matthew, Mark, Luke, and John--in 40 days.
Duration: 40 days
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)
Version
लूका 4-6

ईसू क परीच्छा

(मत्ती 4:1-11; मरकुस 1:12-13)

पवित्तर आतिमा स भरा भवा ईसू यरदन नदी स लौटि आवा। आतिमा ओका ऊसरे मँ राह देखॉवत रही। हुवाँ सइतान चालीस दिन ताईं ओकर परीच्छा लिहस। ओ दिनन मँ ईसू बे खइया क खाए रहा। फिन जब समइ पूर भवा तउ ईसू भुखान।

एह बरे सइतान ओसे कहेस, “जदि तू परमेस्सर क पूत अहा तउ इ पथरे स रोटी बनइ बरे कहा।”

ऍह पइ ईसू जवाब दिहस, “पवित्तर सास्तरन मँ लिखा बा:

‘मनई सिरिफ रोटी प नाहीं जिअत।’” (A)

फिन सइतान ओका बहोत ऊँच लइ गवा अउर छिन भर मँ समूचे संसार क राज्य ओका देखॉवत बोला, अउर सइतान ओहसे कहेस, “मइँ इन राज्यन क तोहका हुकूमत अउर धन दौलत दइ देइहउँ अउर मइँ जेका चाहउँ ओका दइ सकत हउँ। एह बरे जदि तू मोर आराधना करब्या तउ इ सब तोहार होइ जाई।”

ईसू ओका जवाब देत भवा बोला, “पवित्तर सास्तरन मँ लिखा बा:

‘तोहका सिरिफ आपन पर्भू परमेस्सर क ही आराधना करइ चाही।
    तोहका सिरिफ उहइ क सेवा करइ चाही!’” (B)

तब उ ओका यरूसलेम लइ गवा अउर हुवाँ मन्दिर क सबते ऊँची चोटी प लइ जाइके खड़ा कइ दिहस। अउर उ ओसे बोला, “जदि तू परमेस्सर क पूत अहा तउ हिआँ स अपने आपक तरखाले गिरइ द्या। 10 पवित्तर सास्तर मँ लिखा अहइ:

‘उ आपन सरगदूतन क तोहरे बारे मँ हुकुम देई
    कि उ पचे तोहार रच्छा करइँ।’ (C)

11 अउर लिखा अहइ:

‘उ पचे तोहका आपन बाँहे मँ अइसे उठइहीं कि
    तोहार गोड़ कउनो पाथर स न टकराई।’” (D)

12 ईसू जवाब देत भवा कहेस, “पवित्तर सास्तरन मँ इ भी लिखा बा,

‘तोहका आपन पर्भू परमेस्सर क परीच्छा मँ नाहीं नावइ चाही।’” (E)

13 तउ जब सइतान ओकर सबइ तरह क परीच्छा लइके हारि गवा तउ दूसरइ समइ तलक ओका तजिके चल दिहस।

ईसू का लोगन क उपदेस

(मत्ती 4:12-17; मरकुस 1:14-15)

14 फिन ईसू आतिमा क समर्थ स भरा भवा गलील लौटि आवा अउर उ समूचे पहँटा मँ ओकर चर्चा फैलि गइ। 15 उ ओनके आराधनालय मँ उपदेस दिहेस। सबइ ओकर प्रसंसा करत रहेन।

ईसू क आपन सहर मँ जाब

(मत्ती 13:53-58; मरकुस 6:1-6)

16 फिन उ नासरत आवा जहाँ उ पला अउर बड़ा भवा। आपन आदत क मुताबिक सबित क दिन उ आराधनालय मँ गवा। जबहिं उ पाठ बाँचइ खड़ा भवा। 17 तउ यसायाह नबी क किताब ओका दीन्ह गई। जब उ किताब खोलेस तउ ओका जगह मिला जहाँ लिखा रहा कि:

18 “पर्भू क आतिमा मोरे मँ समाइ गइ
    अहइ काहेकि किहेस ह उ मोर अभिसेक कि दीनउँ क सुसमाचार सुनाउब
मइँ, उ मोका पठएस ह बंदीयन क इ बतावइ कि उ पचे अजाद अहइँ।
    आँधर क आँखिन मँ जोति सरसावइ,
अउर दलितन क छुटकारा देवॉवइ;
19     पर्भू क अनुग्रह क समइ बतावइ क भेजा अहइ!” (F)

20 फिन उ किताब क बंद कइके परिचारक क हथवा मँ दइ दिहस अउर बैठ गवा। आराधनालय मँ सबइ क आँखिन ओका निहारत रहिन। 21 तब उ ओनसे कहब सुरु किहेस, “आज इ बचन तोहरे काने मँ पूर भवा!”

22 हर कउनो ओकरे बारे मँ अच्छी बातन कहत रहेन। ओकरे मुँहना स जउन सुन्दर बचन निकरत रहेन, ओन प सबन क अचरज भवा। उ पचे कहेन, “का इ यूसुफ क बेटवा नाहीं अहइ?”

23 फिन ईसू ओनसे कहेस, “तू पचे जरूर मोका इ कहावत सुनउब्या, ‘अरे वैद्य खुद आपन इलाज करा।’ कफरनहूम मँ तोहरे जउन काजे क बारे मँ हम पचे सुना ह, उ काजे क हिआँ आपन खुद क सहर मँ भी कइ डावा!” 24 ईसू तब ओनसे कहेस, “मइँ तोहसे सच कहत हउँ कि आपन सहर मँ कउनो नबी क स्वागत नाहीं होत।

25-26 “मइँ तोहसे सच कहत हउँ इस्राएल मँ एलिय्याह क समइ मँ जब अकास जइसे मुँद गवा रहा अउर साढ़े तीन बरिस तलक पूरी धरती मँ खौफनाक अकाल पड़ि गवा, तउ हुवाँ बहुत विधवन रहेन। मुला सैदा पहँटा के सारपत सहर क एक विधवा क तजिके एलिय्याह क कउनो अउर क लगे नाहीं पठवा गवा रहा।

27 “अउर नबी एलीसा क समइया मँ इस्राएल मँ ढेर कोढ़ी रहेन मुला ओहमाँ स सीरिया क बसइया नामान क तजिके अउर कउनो क सुद्ध नाहीं कीन्ह गवा रहा।”

28 तउ जबहिं आराधनालय मँ मनइयन इ सुनेन तउ सबहिं बहोत क्रोध स भर गएन। 29 तउ उ पचे खड़ा भएन अउर ओका सहर स बाहेर ढकेल दिहेन। उ सबइ ओका पहाड़े क उ चोटी प लइ गएन जेह प ओकर सहर बसा रहा जेसे उ पचे हुवाँ तरखाले झोंकि देइँ। 30 मुला उ ओनके बीच स निकरिके कहूँ आपन राहे प चला गवा।

ईसू का एक मनई क दुस्ट आतिमा स छुटकारा

(मरकुस 1:21-28)

31 फिन उ गलील क एक सहर कफरनहूम गवा अउर सबित क दिन मनइयन क उपदेस देइ लाग। 32 मनई ओकरे उपदेस स अचरज मँ पड़ि गएन काहेकि ओकर संदेस मुड्ढ विद्वान क तरह रहा।

33 हुवँई एक ठु मनई आराधनालय मँ रहा जेहमाँ एक दुस्ट आतिमा क सवारी रही। उ जोर स चिल्लान, 34 “हे नासरत क ईसू! तु हमसे का चाहत बाट्या? का तू हमार नास करइ आइ अहा? मइँ जानत हउँ तू कउन अहा तू परमेस्सर क पवित्तर मनई अहा!” 35 ईसू झिड़कत भवा ओसे कहेस, “चुप रहा। एहमाँ स बाहेर निकरि आवा!” एह पइ दुस्ट आतिमा उ मनई क लोगन्क समन्वा दइ मारेस अउर ओका बे नसकान किए ओसे बाहेर निकरि गइ।

36 सबइ कोउ अचरजे मँ पड़ि गएन। उ सबइ एक दूसर स बतियात कहेन, “इ कइसा सन्देस बा? हक अउर सक्ती क संग इ दुस्ट आतिमन क हुकुम देत ह अउर उ सबइ बाहेर निकरि जात हीं।” 37 उ पहँटा मँ लगे हर ठउरे प ओकरे बारे मँ खबर सँचर गइ।

रोगी स्त्री क चंगा कीन्ह जाब

(मत्ती 8:14-17; मरकुस 1:29-34)

38 तब ईसू आराधनालय क तजिके समौन क घर चला गवा। समौन क सासे क बहोत बोखार चढ़ा रहा। उ पचे ईसू स मदद बरे बिनती किहेन। 39 ईसू ओकरे सिरहाने खड़ा भवा अउर बोखारे क डाटेस। बोखार ओहका छोड़ि दिहस। उ फउरन खड़ी होइ गइ अउर ओनकर सेवा करइ लाग।

ईसू बहोतन क चंगा किहेस

40 जब सूरज ओनवबत रहा तउ जेकरे हिआँ किसिम किसिम क बेमारी स पीड़ित रहेन, उ सबइ ओनका ओकरे लगे लइ आएन। अउर उ आपन हथवा ओहमाँ स हर एक पर रखत भए ओनका चंगा किहे। 41 ओहमाँ बहोतन मँ दुस्ट आतिमन चिचियात भइ इ कहत बाहेर निकरि आइन, “तू परमेस्सर क पूत अहा।” मुला उ ओनका डाँटेस अउर बोलइ नाहीं दिहस, काहेकि उ सबइ जानत रहिन कि “उ मसीह अहइ।”

ईसू क दूसर सहरन क जात्रा

(मरकुस 1:35-39)

42 जब भिनसार भवा तउ हुवाँ स उ कउनो एकांत ठउर चला गवा। मुला भीड़ ओका हेरत हेरत हुवँइ जाइके पहोंच गइ जहाँ उ रहा। उ पचे ओका ओनका छोड़िके न जाइ स रोकेन। 43 मुला उ ओनसे कहेस, “परमेस्सर क राज्य क बारे मँ सुसमाचार मोका दूसर सहरन मँ भी पठवइ क बा काहेकि मोका यह बरे पठवा ग अहइ।”

44 अउर इ तरह उ यहूदिया क आराधनालय मँ लगातार उपदेस देत रहा।

ईसू क पहिले चेलन

(मत्ती 4:18-22; मरकुस 1:16-20)

अइसा भवा कि भीड़ मँ मनइयन ईसू क चारिहुँ कइँती स घेरिके जब परमेस्सर क बचन सुनत रहेन अउर उ गन्नेसरत नाउँ क झिलिया क किनारे खड़ा रहा। तबहिं उ झीले क किनारे दुइ नाउ देखेस। मछुआरा ओहमाँ स निकरिके आपन जाल साफ करत रहेन। ईसू ओहमाँ स एक नाउ प जउन समौन क रही, चढ़ि गवा अउर उ नाउ क किनारे स हटावइ बरे कहेस। फिन उ नाउ प बइठि गवा अउर हुवँई नाउ प स मनइयन क भीड़े क उपदेस देइ लाग।

जब उ उपदेस देब बंद किहेस तउ उ समौन स कहेस, “गहिर पानी कइँती बढ़ा अउर मछरी धरइ क आपन जालि डावा।”

समौन कहेस, “स्वामी हम सारी राति बहोत मेहनत कीन्ह ह, मुला हमका कछू नाहीं मिला। तउ भी तू कहत बाट्या, यह बरे मइँ जालि नाइ देत हउँ।” जब उ पचे जलिया डारि दिहन तउ ढेर मछरी धरी गइन। ओनकइ जालि जइसे फाटत रहिन। तउ उ पचे दूसर नाउन मँ बइठन आपन साथी संगी क इसारा कइके मदद बरे बोलाएन। उ सबइ आइ गएन अउर उ सबइ दुइनउँ नाउन प ऍतनी ढेरि क मछरी लादि दिहन कि माना उ पचे बूड़इ लागेन।

8-9 जब समौन पतरस इ निहारेस तउ उ ईसू क गोड़वा मँ गिरिके बोला, “मोसे दूर रहा, काहेकि हे पर्भू मइँ एक पापी मनई हउँ।” उ इ एह बरे कहेस कि ऍतनी मछरी बटोर पावइ क कारण ओका अउर ओकॅरे सबहीं साथी क बहोत अचरज होत रहा। 10 जब्दी क बेटवा याकूब अउर यूहन्ना क भी, जउन समौन क साथी रहेन, इ तरह बहोत अचरज भवा।

तउ ईसू समौन स कहेस, “डेराअ जिन, काहेकि अबहिं स तू मनइयन क बटोरब्या।”

11 फिन उ पचे आपन नाउन क किनारे लइ आएन अउर सब कछू तजिके ईसू क पाछे होइ गएन।

कोढ़ी क सुद्ध कीन्ह जाब

(मत्ती 8:1-4; मरकुस 1:40-45)

12 तउ अइसा भवा कि जब ईसू एक नगर मँ रहा तबहीं हुवाँ कोढ़ स बिआपा एक ठु मनई रहा। उ जइसेन ईसू क निहारेस तउ दण्डवत प्रणाम कइके ओसे बिनती किहेस, “पर्भू, जदि तू चाहा तउ मोका चंगा कइ सकत ह।”

13 ऍह पइ ईसू आपन हाथ बढ़ाइके कोढ़ी क इ कहत भवा छुएस, “मइँ चाहत हउँ, चंगा होइ जा!” अउर फउरन ओकर कोढ़ जात रहा। 14 फिन ईसू ओका हुकुम दिहेस, “ऍकरे बारे मँ उ कउनो स कछू न कहइ। मुला याजक क लगे जा अउर अपने सुद्ध होइ बरे मूसा क हुकुम क मुताबिक भेंट चढ़ाइ द्या जइसे मनइयन क तोहरे चंगा होइ क प्रमाण मिलइ।”

15 मुला ईसू क बारे मँ खबर अउर जिआदा रफ्तार स संचरइ लाग। अउर मनइयन क झुंड क झुंड ऍकट्ठा होइके ओका सुनइ अउर आपन बेरामी स जरटुट होइ बरे ओकरे नगिचे आवत रहेन। 16 मुला ईसू अक्सर कहूँ एकान्त जंगल मँ चला जात रहा अउर उहाँ पराथना करत रहा।

लकवा क रोगी क चंगा करब

(मत्ती 9:1-8; मरकुस 2:1-12)

17 अइसा भवा कि एक दिना जब उ उपदेस देत रहा तउ हुवाँ फरीसियन अउर धरम सास्तिरियन भी बइठा रहेन। उ सबइ गलील अउर यहूदिया क हर सहर अउर यरूसलेम स आए रहेन। मनइयन क चंगा करइ क पर्भू क सक्ती ओकरे साथे रही। 18 तबहीं कछू मनई खटिया प लकवा क एक बेरमिया क ओकरे लगे लइ आएन। उ पचे ओका भितरे लइ आइके ईसू क समन्वा धरइ क जतन करत रहेन। 19 मुला भीड़ क कारण भीतर जाइके रस्ता न मिल पावइ स उ सबइ छत प चढ़ि गएन अउर उ पचे ओका बिछउना क साथ छत क बीचोबीचे स खपरैल टारिके भोर के बीच मँ ईसू क समन्वा उतार दिहन। 20 ओनके बिसवास क लकत भवा ईसू कहेस, “अरे तोहार, पाप छमा होइ गएन।”

21 तब धरम सास्तिरियन अउर फरीसियन आपन मँ सोचइ लागेन, “इ कउन बा जउन परमेस्सर बरे अइसे बेज्जती स बोलत ह? परमेस्सर क तजिके दूसर कउन अहइ जउन पाप छमा कइ सकत ह?”

22 मुला ईसू ओनकइ सोचब बिचारब क ताड़ लिहस। फिन जवाबे मँ उ ओनसे कहेस, “तू पचे आपन मने मँ अइसा काहे सोचत अहा? 23-24 जिआदा असान क बाटइ? इ कहब, ‘तोहार पाप छमा हुआ’ या इ कहब, ‘उठा अउर चला’? मुला एह बरे कि तू जान ल्या कि मनई क पूत क धरती प छमा करइ क हक अहइ।” उ लकवा क बेरमिआ स कहेस, “मइँ तोहसे कहत हउँ खड़ा ह्वा! आपन बिछउना उठावा अउर घरे जा।”

25 तउ उ तुरंतहि खड़ा भवा अउर ओनके लखत लखत जउने बिछउना प उ ओलरा रहा, ओका उठाइके परमेस्सर क स्तुति करत भवा आपन घर चला गवा। 26 उ पचे जउन हुवाँ रहेन सब चकित होइके परमेस्सर क बड़कई करइ लागेन। उ पचे स्रद्धा अउर अचरज स भरि गएन अउर बोलेन, “आजु हम पचे कछू अजूवा निहारा ह!”

लेवी क ईसू क बोलॉवा

(मत्ती 9:9-13; मरकुस 2:13-17)

27 एकरे पाछे ईसू चला गवा। तबहीं उ चुंगी क चौकी पइ बइठा लेवी नाउँ क चुंगी उगहिया क लखेस। उ ओसे कहेस, “मोरे पाछे चला आवा!” 28 तउ उ खड़ा भवा अउर सब कछू तजिके ओकरे पाछे होइ गएन।

29 फिन लेवी आपन घरे प ईसू क मान बरे एक ठु स्वागत जेवनार दिहस। हुवाँ चुंगी क उगहिया अउर दूसर मनइयन क बड़का जमघट मिलिके ओकरे संग जेवंत रहा। 30 तब फरीसियन अउर धरम सास्तिरियन लोग ओकरे चेलन स इ कहत भए सिकाइत किहन, “तू चुंगी उगहिया अउर पापी मनइयन क संग काहे खात पिअत ह?”

31 जवाबे मँ ईसू ओनसे कहेस, “हिट्ठ पुट्ठ क नाहीं, मुला बेरमियन क वैद्य (डाक्टर) क जरूरत होत ह। 32 मइ मनफिराव बरे धर्मी लोगन क नाहीं मुला पापी मनइयन क बोलावइ आवा हउँ।”

उपास प ईसू क मत

(मत्ती 9:14-17; मरकुस 2:18-22)

33 उ पचे ईसू स कहेन, “यूहन्ना क चेलन अक्सर उपास राखत हीं अउर पराथना करत हीं। अउर अइसा ही फरीसियन क मनवइयन भी करत हीं मुला तोहार मनवइयन तउ खात पिअत रहत हीं।”

34 ईसू ओनसे पूछेस, “का दुल्हा क संग मेहमान जब तलक दुल्हा क लगे रहत हीं, उपास करत हीं? 35 मुला उ सबइ दिनन अबहिं जबहिं दुल्हा ओनसे छीन लीन्ह जइहीं। फिन उ दिनन मँ उ पचे उपास करिहीं।”

36 उ ओनसे एक दिस्टान्त कथा अउर कहेस, “कउनो भी नवा पोसाके स टुकड़ा फाड़िके ओका पुरान पोसाके प नाहीं लगावत अउर जदि कउनो अइसा करत ह तउ ओकर नवा पोसाक तउ फाटि जाई, ओकरे संग उ नवा पइबंद भी पुरान क साथ मेल न खाई। 37 कउनो भी पुरान मसकन मँ नई दाखरस नाहीं भरत अउर जदि भरि देत ह तउ नई दाखरस पुरान मसकन क फोरि देई, उ फैलि जाई अउर मसकन क फोरि देई। 38 मनई हमेसा नई दाखरस नई मसकन मँ ही धरत ह। 39 पुरान दाखरस पीके कउनो भी नई का नाहीं चाहत काहेकि उ कहत ह, ‘पुरान उत्तिम अहइ।’”

सबित क पर्भू ईसू

(मत्ती 12:1-8; मरकुस 2:23-28)

अब अइसा भवा कि सबित क एक दिन ईसू जब अनाजे क खेतन्स जात रहा तउ ओनकर चेलन अनाजे क बलिया तोड़तेन, हथेली प रगड़ितेन अउर ओनका चबात जात रहेन। तबहीं कछू फरीसियन कहेन, “जेका सबित क दिन कीन्ह जाब नीक नाहीं बा, ओका तू पचे काहे करत अहा?”

जवाब देत भवा ईसू ओनसे पूछेस, “का तू पचे नाहीं पढ़्या जब दाऊद अउर ओकर साथी भुखान रहेन, तब दाऊद का किहेस? का तू नाहीं बाँच्या कि उ परमेस्सर क घरे मँ घुसिके, परमेस्सर क चढ़ाई गइ रोटिन क उठाइके खाइ लिहस अउर ओनका भी दिहेस जउन ओकरे संग रहेन? जब कि याजकन क तजिके ओकर खाब कउनो बरे नीक नाहीं।” उ अगवा फिन कहेस, “मनई क पूत सबित क दिन क भी पर्भू अहइ।”

ईसू सबित क दिन रोगी क चंगा किहेस

(मत्ती 12:9-14; मरकुस 3:1-6)

दूसर सबित क दिना अइसा भवा कि उ आराधनालय मँ जाइके उपदेस देइ लाग। हुवँई एक अइसा मनई रहा जेकर दाहिन हाथ सुखंडी होइ गवा रहा। हुवँई धरम सास्तिरियन अउर फरीसियन इ ताक मँ रहेन कि उ सबित क दिन कउनो चंगा किहे होइ तो ओह प दोख लगावइ क कउनो कारण पाइ जाइँ। उ ओनके बिचारन क जानत रहा। यह बरे उ सुखंडी हथवावाले मनई स कहेस, “उठा अउर सबन क समन्वा खड़ा होइ जा।” उ उठि गवा अउर हुवाँ खड़ा होइ गवा। तब ईसू मनइयन स कहेस, “मइँ तोहसे पूछत हउँ-सबित क दिन कउनो क भला करब चंगा अहइ या कउनो क नोसकान करब, कउनो क जिन्नगी बचाउब नीक बा या कउनो क जिन्नगी क नास करब।”

10 ईसू चारिहुँ कइँती ओन सबन क निहारेस अउर फिन ओसे कहेस, “आपन हथवा सोझ फइलावा।” उ वइसा ही किहेस अउर ओकर हाथ फिन स चंगा होइ ग। 11 मुला ऍह पइ उ पचे आपुस मँ तहत्तुक करत कोहाइ गएन अउर बिचारइ लागेन, “ईसू क का कीन्ह जाइ?”

ईसू बारह प्रेरितन क चुनेस

(मत्ती 10:1-4; मरकुस 3:13-19)

12 उ दिनन मँ अइसा भवा कि ईसू पराथना करइ बरे एक पहाड़े प गवा अउर सारी राति परमेस्सर क पराथना करइ मँ बिताएस। 13 फिन मोर भवा तउ उ आपन मनवइयन क लगे बोलॉएस। ओहमाँ स उ बारहु क चुनेस, जेनका उ “प्रेरितन” क नाउँ दिहस।

14 समौन जेका उ पतरस का नाउँ दिहेस,

अउर ओकर भइया अन्द्रियास,

याकूब अउर यूहन्ना,

फिलिप्पुस,

बरतुलमै,

15 मत्ती,

थोमा,

हलफई क बेटवा याकूब

अउर समौन जिलौती,

16 याकूब क बेटवा यहूदा

अउर यहूदा इस्करियोती जउन दगाबाज होइ गवा।

ईसू क मनइयन क उपदेस अउर चंगा करब

(मत्ती 4:23-25; 5:1-12)

17 फिन ईसू ओनके संग पहाड़ी स तरखाले उतरिके समथर भुइयाँ प खड़ा भवा। हुवँई ओकरे चेलन क भारी जमघट रहा। एकरे साथ समूचइ यहूदिया, यरूसलेम, सूर अउर सैदा क समुद्दर किनारे स अनगिनत आलम हुवाँ आइके ऍकट्ठा भवा। 18 उ पचे ओका सुनइ अउर बेरामी स छुटकारा पावइ हुवाँ आए रहेन। जउन दुस्ट आतिमा स सतावा रहेन, उ पचे भी हुवाँ आइके चंगा भएन। 19 समूची भीड़ ओका छुइ भरि लेइ क जतन मँ रही काहेकि ओहमाँ स सक्ती निकरत रही अउर ओन सबन क बेरामी स दूर करत रही।

20 फिन उ आपन चेलन क निहारत भवा बोला,

“धन्य अहा तू दीन जनन काहेकि
    परमेस्सर क राज्य तोहार अहइ।
21 धन्य अहा तू, जउन अबहीं भूखा अहा
    काहेकि तृप्ति तउ होइ तोहार,
धन्य अहा तू, जउन आजु आँसू बहावत अहा,
    काहेकि तू आगे हँसब्या।

22 “धन्य अहा तू, जब मनई क पूत क कारण लोग तोहसे घिना करइँ, अउर तोहका निकारि देइँ; अउर करइँ तोहार बुराई, नाउँ तलक क दुस्ट कहिके, काटि देइँ उ पचे। 23 तब उहइ दिन तू मगन होइके खुसी मँ उछर्या काहकेइ सरग मँ तोहार प्रतिफल महान अहइ। काहेकि ओनके पूर्वजन भी नबियन क संग अइसा ही किहन ह।

24 “हाय! धिक्कार अहइ तोहका ओ धनी मनइयो,
    काहेकि तोहका मिल गवा सुख चनइ भरपूर।
25 अहइ तोहका धिक्कार, जउन भरपेट अहा अब
    काहेकि तू भूखा रहब्या।
अहइ तोहका धिक्कार, जउन अबहिन हँसत अहा,
    काहेकि तू आँसू बहउब्या अउर सोक करब्या।

26 “बा धिक्कार तोहका, जब सबन दुआरा तोहार बड़कई होइ काहेकि ओनके पूर्वजन भी इही ब्यौहार झूठे नबियन क संग किहे रहेन।

आपन बैरी स पिरेम करा

(मत्ती 5:38-48; 7:12a)

27 “ओ सुनवइया लोगो, मइँ तोहसे कहत हउँ आपन बैरी स भी पिरेम करा। जउन तोहसे घिना करत हीं ओनके संग भलाई करा। 28 ओनका भी आसीर्बाद द्या जउन तोहका सरापत हीं। ओनके बरे पराथना करा जउन तोहरे संग नीक ब्यौहार नाहीं करतेन। 29 जदि कउनो तोहरे एक गाले प थप्पड़ियावइ तउ तू दूसर गाल भी ओकरे अगवा कइ द्या। जदि कउनो तोहार कोट तोहसे लइ लेइ तउ ओहका कुर्ता भी लइ लेइ द्या। 30 जदि कउनो तोसे माँगइ, ओका द्या। जदि कउनो तोहार कछू राखि लेइ तउ ओसे ओका वापस जिन माँगा। 31 तू आपन बरे जइसा ब्यौहार दूसरन स चाहत बाट्या, तोहका वइसा ही दूसर क संग ब्यौहार करइ चाही।

32 “जदि तू बस ओनही क पिआर करत ह, जउन तोहका पिआर करत हीं, तउ ऍहमा तोहार कउन बड़कई? काहेकि आपन स पिरेम करइवालन स पिरेम तउ पापी मनई तलक करत हीं। 33 जदि तू बस ओनहीं क भला करत ह, जउन तोहार भला करत हीं, तउ तोहार कउन बड़कई? अइसा तउ पापी तलक करत हीं। 34 जदि तू सिरिफ ओनही क उधार देत ह, जेनसे तोहका वापस मिल जाइ क आसा बा, तउ तोहार कउन बड़कई? अइसे तउ पापी भी पापी मनइयन क देत हीं कि ओनका ओनकी पूरी रकम वापस मिलि जाइ।

35 “मुला आपन दुस्मन स भी पिआर करा, ओनके संग भलाई करा। कछू भी वापस मिलि जाइके आसा तजिके उधार द्या। इ तरह तोहार फल महान होइ जाई अउर तू सर्वोच्च (परमेस्सर) क संतान बनब्या काहेकि परमेस्सर एहसाने क मानइवालन अउर दुस्ट मनइयन प भी दाया करत ह। 36 जइसे तोहार परमपिता दयालु बा, वइसे ही तू दयालु बना।

आपन क पहिचाना

(मत्ती 7:1-5)

37 “कओ क दोखी जिन कहा तउ तोहका भी दोखी नाहीं कहा जाइ। कओ क नोक्तचीनी जिन करा तउ तोहार भी नोक्ताचीनी नाहीं कीन्ह जाइ। छमा करा, तोहका छमा मिली। 38 द्या तोहका भी दीन्ह जाइ। उ पचे तोहरे झोरी मँ पूरा नाप दबाइ दबाइ के, हलाइके बाहेर निकसत भइ उड़ेरिहीं काहेकि जउने नापे स तू दूसरन क नापत ह, उहइ स तोहका नापा जाइ।”

39 उ ओनसे एक ठु दिस्टान्त कथा अउर कहेस: “का कउनो आँधर कउने दूसरे आँधर क राह देखाइ सकत ह? का उ सबइ दुइनउँ ही कउनो गड़हा मँ नाहीं भहरइहीं? 40 कउनो भी पढ़वइया आपन पढ़ावइवालन स बड़वार नाहीं होइ सकत, मुला जबहिं कउनो मनई पूरी तरह हुसियार होइ जात ह तउ उ आपन गुरु क नाई होइ जात ह।

41 “तू आपन भाई क आँखी मँ कउनो ढेंढ़ा काहे लखत ह अउर आपन आँखी क लट्ठा भी तोहका नाहीं चोंधरात। 42 तउ आपन भाई स तू कइसे कहि सकत ह ‘भाई तू अपन आँखी क तिनका मोका निकारइ द्या।’ जब तू आपन आँखी क लट्ठा क नाहीं निहरत्या। अरे कपटी, पहिले आपन आँखी क लट्ठा दूर करा, तब तोबका आपन भाई क आँखी क ढेढ़ा बाहेर निकारइ बरे देखॉइ पड़ी।

दुइ किसिम क फर

(मत्ती 7:17-20; 12:34b-35)

43 “कउनो भी अइसा उत्तिम बृच्छ नाहीं अहइ जेह पइ बुरा फर लागत होइ। न ही कउनो अइसा बुरा बृच्छ बाटइ, जेइ पइ उत्तिम फर आवति होइ। 44 हर बृच्छ आपन फर स पहिचाना जात ह। मनइयन कँटेहरी झारी स अंजीर नाहीं बटोरतेन। न ही कउनो झरबेली स मनई अंगूर बटोरत हीं। 45 एक नीक मनई क मन मँ अच्छाइ क भंडार बाटइ। अउर एक खोटा मनई, जउ ओकरे मने मँ बुराई बाटइ, उहइ स बुराई पइदा करत ह। काहेकि एक मनई मुँहना स उहइ बोलत ह, जउन ओकरे हिरदइ मँ उफनाइ के बाहेर आवत ह।

आपन क पहिचाना

(मत्ती 7:24-27)

46 “तू मोका, ‘पर्भू पर्भू’ काहे पुकारत ह अउर जउन मइँ कहत हउँ, ओह प नाहीं चलत्या। 47 हर कउनो जउन मोरे लगे आवत ह अउर मोर उपदेस सुनि लेत ह अउर ओह पर आचरण करत ह, उ कउने तरह क होत ह, मइँ तोहका बताउब। 48 उ उहइ मनई क नाई अहइ जउन मकान बनावत बाटइ। उ गहिर खुदाई किहेस अउर चट्टानें प नेंव डाएस। फिन जब बाढ़ आइ अउर नदी मकाने प टकरान तउ ओका हलाइ नाहीं पाएस, काहेकि उ बहोत अच्छी तरह स बना रहा।

49 “मुला जउन मोर उपदेस सुनत ह अउर ओहॅ प चलत नाहीं उ ओ मनई क नाई अहइ जउन बे नेंव धरे धरती प मकान बनाएस। नदी ओसे टकरान अउर उ फउरन ढहाइ गवा अउर पूरी तरह बरबाद होइ गवा।”

Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)

Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.