Chronological
एल्काना अउ ओकर परिवार सीलो मँ आराधना करत ह
1 एल्काना नाउँ क एक मनई रहा। उ एप्रैम क पहाड़ी पहँटा क रामातैसोपीम क बसइया रहा। एल्काना जुफ परिवार स रहा। एल्काना यरोहाम क पूत रहा। यरोहाम एलीहू क पूत रहा। एलीहू तोहू क पूत रहा। अउर तोहू सूप क पूत रहा जउन एप्रैम क परिवार कबीला स रहा।
2 एल्काना क दुइ मेहरारू रहीं। एक क नाउँ हन्ना रहा अउ दूसरी क नाउँ पनिन्ना रहा। पनिन्ना लड़कोर रहिन, मुला हन्ना क कउनो अउलाद नाहीं रही।
3 एल्काना हर बरिस आपन सहर रामातैसोपीम क तजि देत रहा अउ सीलो नगर जात रहा। एल्काना सर्वसक्तीमान यहोवा क आराधना सीलो मँ करत रहा अउ हुवँ यहोवा क बलि भेंट[a] चढ़ावत रहा। सीलो उ जगह रही जहाँ होप्नी अउ पीनहास यहोवा क याजक क तरह सेवा करत रहेन। होप्नी अउ पीनहास एली क पूत रहेन। 4 जब कबहुँ एल्काना आपन बलि भेंट चढ़ावत रहा, उ गोस क एक हींसा आपन मेहरारू पनिन्ना क देत रहा। एल्काना गोस क भाग पनिन्ना क लरिकन क भी देत रहा। 5 एल्काना गोस क हींसा क बराबर हन्ना क भी हमेसा दइ देत रहा। एल्कना इ तब भी करत रहा जब यहोवा हन्ना क कउनो अउलाद नाहीं दिहे रहेन। एल्काना इ ऍह बरे करत रहा कि हन्ना ओकर इ मेहरारु रही जेसे उ सच्चा पिरेम करत रहा।
पनिन्ना हन्ना क परेसान करत रही
6 पनिन्ना हन्ना क हमेसा चिढ़ाइके खिसियावत रही अउ ओका परेसान करत रही। पनिन्ना इ ऍह बरे करत रही काहेकि हन्ना कउनो बच्चा क कोख स पइदा नाहीं कइ सकत रही। 7 हर बरिस जब ओकर परिवार सीलो मँ यहोवा क घरे मँ जात पनिन्ना हन्ना क परेसान करत अउर उ रोवत अउर कछू भी नाहीं खावत। 8 ओकर भतार, एल्काना, उ से कहेस, “हन्ना, तू काहे रोवति अहा? तू काहे नाहीं खाइया? तू दुःखी काहे अहा? का मइँ तोहार बरे दस बेटवन स बेहतर नाहीं अहइ?”
हन्ना क बिनती
9 खाए अउ पिए क पाछे हन्ना चुपचाप उठी अउ यहोवा स पराथना करइ गइ। यहोवा क पवित्तर आराधनालय क दुआरे क निअरे कुर्सी प याजक एलि बइठा रहा। 10 हन्ना बहोत दुखी रही। उ फूट-फूट कर रोवत रही। उ यहोवा स बिनती करेस। 11 उ परमेस्सर स खास प्रतिग्या किहेस। उ कहेस, “सर्वसक्तीमान यहोवा, लखा मइँ केतना जिआदा दुखी हउँ। मोका याद राखा। मोका बिसरा नाहीं। जदि आप मोका एक पूत देब्या तउ मइँ पूरी जिन्नगी भइ ओका आपका अर्पण कइ देब। उ नाज़ीर होइ जाब। उ दाखरस या कउनो नसीला दाखरस न पिइ। अउ कउनो ओकर बार नाहीं काटी।”
12 जब तलक हन्ना यहोवा क समन्वा आराधना करत रही, एली ओकर मुँह निहारत रहेस। 13 हन्ना हिरदय स बिनती करत रही। ओकर ओंठ हीलत रहेन, मुला कउनो अवाज नाहीं निकरत रही। एली समझेस कि हन्ना दाखरसे स मदमस्त बा। 14 एली हन्ना स कहेस, “तोहरे लगे पिअइ क बहोत जियादा रहा। अब समइ आ गवा कि दाखरस पिअइ छोड़ देइ चाही।”
15 हन्ना जवाब दिहेस, “मइँ सराब या जौ क दाखरस नाहीं पिएउँ ह। मइँ बहोत जिआदा मसीबत म अहउँ। मइँ यहोवा क आपन सब समस्या क बतावत रहेउँ ह। 16 जिन सोचा कि मइँ बुरी अउरत हउँ। मइँ ऍतनी देर ताई ऍह बरे पराथना करत रहेउँ ह कि मोका ढेर परेसानी अहइ अउ मइँ जिआदा दुखी अहउँ।”
17 एली जवाब दिहेस, “सान्ति स जा। इस्राएल क परमेस्सर तोहका उ देइँ जउन तू मांग्या ह।”
18 हन्ना कहेस, “मोका आसा अहइ कि आप मोसे खुस अहइँ।” तब्बइ हन्ना गइ अउ तनिक खाएस। उ अब तनिकउ दुखी नाहीं रही।
19 दूसर दिन भिन्सारे एल्काना क परिवार उठा। उ सबइ परमेस्सर क आराधना किहेन अउर उ पचे आपन घर रामा क लउटि आएन।
समूएल क जन्म
एल्काना आपन मेहरारु क लगे सोएस। यहोवा हन्ना क याद राखेस। 20 तब उस समइ निम्नलिखित साल मँ हन्ना गोड़ स भारी भइ अउ ओसे एक बेटवा भवा। हन्ना ओकर नाउँ समूएल राखेस। उ कहेस, “एकर नाउँ समूएल अहइ काहेकि मइँ एक यहोवा स माँगा ह।”
21 उ बरिस एल्काना बलि भेंट देइ अउ परमेस्सर क समन्वा कीन्ह गइ प्रण क पूरा करइ सीलो गवा। उ आपन परिवारे क आपन संग लइ गवा ह। 22 मुला हन्ना नाहीं गइ। उ एल्काना स कहेस, “जब लरिका कछू ठोस चीज खाइ लागी तबहिं मइँ ऍका सीलो लइ जाब। मइँ ओका यहोवा क देब। उ एक नाजीर बनी। उ सीलो मँ रही।”
23 हन्ना क भतार एल्काना ओसे कहेस, “उहइ करा जउन तू उत्तिम समझत ह। तू तब ताई घर मँ रहि सकत ह जब तलक लरिका कछू ठोस खइया क खाइ के जोग्गा बाढ़ नाहीं जात। जउन तू कहया ह यहोवा उहइ करइँ।” ऍह बरे आपन बचवा क पालब पोसब बरे तब ताई घरे प रहि गइ जब ताई उ ठोस खइया क खाइ बरे बाढ़ नाहीं जात।
हन्ना समूएल क सीलो मँ एली क लगे लइ जात ह
24 जब लरिका ठोस खइया खाइ बरे बाढ़ गवा तब हन्ना सीलो मँ यहोवा क आराधनालय लइ गइ। हन्ना आपन संग तीन बरिस क एक बछवा, बीस पौण्ड आटा अउ एक मसक दाखरस भी लइ गइ।
25 उ पचे यहोवा क समन्वा गएन। एल्काना यहोवा क बलि क रुप मँ, जइसा उ अक्सर करत रहा, बर्धा क मारेस। तबहिं हन्ना बचवा क एली क लगे लइ गइ। 26 हन्ना एली स कहेस, “महोदय, छिमा करइँ। मइँ उहइ मेहरारु हउँ जउन परमेस्सर क पराथना करत आप क बगल मँ खड़ी रही। मइँ बचन दिए रहेउँ कि मइँ फुरइ कहत हउँ। 27 मइँ इ बचवा बरे पराथना किहे रहेउँ। यहोवा मोका इ बचवा दिहेस ह। 28 अउर अब मइँ इ बचवा क यहोवा क दइ देत हउँ। इ पूरी जिन्नगी यहोवा क रही।”
तबहिं हन्ना बचवा क उहइँ छोड़ेस अउ यहोवा क आराधना किहेस।
हन्ना धन्नवाद देत ह
2 हन्ना कहेस,
“यहोवा मँ, मोर हिरदइ खुस अहइ।
मइँ आपन परमेस्सर मँ जिआदा सक्ती[b] पावत हउँ।
मइँ आपन दुस्मनन क हराइ दिहउँ ह मइँ आपन जीत स खूब खुस हउँ।[c]
मइँ आपन दुस्मनन प हसेउँ ह।
2 “कउनो अइसा नाहीं अहइ जउन यहोवा क नाईं पवित्तर अहइ।
तोहार अलावा कउनो परमेस्सर नाहीं।
हम लोगन क परमेस्सर क नाईं कउनो चट्टान नाहीं अहइ।
3 “बन्द कइ द्या डींग मारब,
घमण्ड भरी बात जिन करा।
काहेकी यहोवा परमेस्सर अहइ सब कछु जानत ह।
परमेस्सर मनइयन क राह देखाँवत ह अउ ओनकइ निआव करत ह।
4 सक्तीसाली जोधा क धनुस टूटत हीं,
अउ दुर्बल सक्तीसाली बनत हीं।
5 जउन लोगन क पास पाछे टेमॅ मँ खाइ बरे ढेर क खइया रहेन
अब ओका रोटी प्राप्त करइ बरे काम करइ क होइ।
मुला जउन लोग बीत गवा टेमॅ मँ भूखा रहेन,
अब ओका देर तलक भूखा नाहीं रहइ क होइ।
मेहरारु जउन बच्चा क पइदा नाहीं कइ सकत रहेन,
अब सात गदेलन की मँ अहइँ।
मुला जेकर पास ढेर गदेलन रहेन,
उ दुःखी अहइ काहेकि उ पचे अब मरि गएन।
6 “यहोवा लोगन क मउत देत ह,
अउ उ ओन सब क जिआवत ह।
यहोवा लोगन क नरके मँ पठवत ह,
अउर उ फुन स ओन सब क ऊपर उठावत ह।
7 यहोवा मनइयन क दीन बनवत ह,
अउ उहइ मनइयन क धनी बनवत ह।
यहोवा मनइयन क विनम्र बनवत ह,
अउ उ मनइयन क बड़कवा बनावत ह।
8 यहोवा गरीबन क धूरि स उठावत ह।
यहोवा गरीबन क दुखे स उबारत ह।
यहोवा गरीबन क राजा क संग बइठावत ह।
उ गरीबन क खास मनई बनवत ह अउ उ ओनका मान्य मेहमान बनवत ह।
यहोवा समूचइ दुनिया क रचेस ह।
उ सारे जग क खंभा प टेकाएस ह।
9 “यहोवा आपन पवित्तर लोगन क रच्छा करत ह।
उ ओनका ठोकर खाई स बचावत ह।
मुला पापी मनइयन क नास कइ दीन्ह जाई।
उ पचे घनघोर अँधियारे मँ भहरइहीं।
ओकर सक्ती ओकर विजय प्राप्त करइ मँ मददगार नाहीं होइ।
10 यहोवा आपन दुस्मनन क नास करत ह।
सर्वोच्य परमेस्सर अकास मँ लोगन क खिलाफ गरजब।
यहोवा जमीन क छोर ताईं निआव करिहीं।
उ आपन राजा क सक्ती देइहीं।
उ आपन राजा क बरिआर करी।”
11 एल्काना अउ ओकर परिवार आपन घरे रामा क गएन। लरिका सीलो मँ रहि गवा अउ याजक एली क मातहत होइके यहोवा क सेवा करत रहा।
एली क पापी बेटवा
12 एली क दुइ बेटवन बुरा मनई रहेन। उ पचे यहोवा क परवाह नाहीं करत रहेन। 13 उ पचे एकर परवाह नाहीं करत रहेन कि याजकन स मनइयन बरे कइसे ब्योहार क आसा कीन्ह जात ह। याजकन क मनइयन बरे इ करइ क चाही। जब कबहुँ कउनो मनई बलि भेंट लइ आवत ह तउ याजकन क एक बासन मँ माँस क खउलत पानी मँ बुलकावइ चाही। याजक क सेवक बरे आपन हाथे मँ खास काँटा लइके आवइ चाही। काँटा मँ तीन नोंक होइ चाही। 14 याजक क सेवक क काँटा क बासन या कतली मँ नावइ चाही। काँटा जउन कछू बासन क बाहेर लइ आवइ उ माँस याजकन क होइ। इ अहइ जउन याजकन क जरिए उ इस्राएलियन बरे कीन्ह जाइ चाही जउन सीलो मँ बलि भेंट करइ आवइँ। 15 मुला एली क बेटवन इ नाहीं किहेन। चर्बी क वेदी प जराई जाइ स पहिले भी ओनकइ बेटवन उ लोगन क लगे आइ जे बलि चढ़ात ह अउ ओनका कहेस, “याजक क कछू माँस भूँजइ बरे द्या। याजक तोहसे बुलकावा भवा माँस न लेइहीं।”
16 बलि क देवइया इ कइ सकत ह, “चर्बी पहिले बारा। तब तू जउन चाहा लइ सकत ह।” अगर अइसा होत तउ याजक क नउकर जवाब देत, “नाहीं मोका अबहीं गोस द्या, अगर तू मोका इ नाहीं देत ह तउ मइँ ऍका तोहसे लइ जाब।”
17 इ तरह एली क बेटवन इ देखावत रहेन कि उ पचे यहोवा क भेंटे मँ दीन्ह बलि क वास्ते मान नाहीं देत रहेन। इ यहोवा क खिलाफ बहोत बुरा पाप रहा।
18 मुला समूएल यहोवा क सेवकई करत रहा। समूएल सन क बना खास एपोद पहिरत रहा। 19 हर बरिस समूएल क महतारी एक ठु नान्ह चोगा समूएल बरे बनवत रही। उ हर बरिस आपन भतार क संग बलि भेंट करइ बरे सीलो जात रही तउ उ नान्ह क चोगा समूएल बरे लइ जात रही।
20 एली एल्काना अउ ओकर मेहरारु क आसीर्बाद देत रहा। एली कहेस, “यहोवा, तोहका हन्ना क जरिए जिआदा लरिका देइँ। इ लरिकन उ लरिका क ठउर लेइहीं जेकरे सन्ती हन्ना पराथना किहेस ह अउ यहोवा क दिहेस ह।”
तब एल्काना अउ हन्ना घरवा लउटेन, अउर 21 यहोवा हन्ना प दाया किहेस। ओकर तीन पूत अउ दुइ बिटिया भइन। अउर लरिका समूएल यहोवा क लगे बाढ़ गवा।
एली आपन पापी बेटवन क बस मँ नाहीं कइ सका
22 एली बहोत बूढ़ा होइ गवा। उ बार बार ओन कुकर्म क बारे मँ सुनत रहा जउन ओकर पूत सीलो मँ सबहिं इस्राएलियन क संग करत रहेन। एली इ भी सुनेस कि जउन मेहरारू मिलापवाला तम्बू क दुआर प सेवकाई करत रहीं ओनके संग ओकर बेटवन सोवत रहेन।
23 एली आपन बेटवन स कहेस, “तू पचे जउन कछू बुरा करम किहे अहा ओकरे बारे मँ मनइयन हिआँ मोका बताएन ह। तू पचे इ बुरा करम काहे करत ह? 24 मोर बेटवन, इ बुरा करम क जिन करा। इ सबइ अच्छा नाहीं अहइ, यहोवा क लोग तोहरे बारे मँ अफवाह फैला रहत ह। 25 अगर कउनो मनई कउनो दूसर मनई क खिलाफ पाप करत ह तउ यहोवा ओकर मदद करत ह। अगर कउनो मनई यहोवा क खिलाफ पाप करत ह तउ उ मनई क मदद कउन कइ सकत ह?”
मुला एली क बेटवन एली क बात सुनइ स इनकार कइ दिहन। ऍह बरे यहोवा एली क बेटवन क मार डावइ क ठान लिहेस।
26 लरिका समूएल बाढ़त रहा। उ परमेस्सर अउ मनइयन क खुस किहेस।
एली क परिवार क बारे मँ खउफनाक भविस्सबाणी
27 परमेस्सर क एक मनई एली क लगे आवा अउ कहेस, “यहोवा इ कहत ह, ‘तोहार पुरखन फिरौन क परिवार क गुलाम रहेन। मुला उ टेम मँ मइँ तोहरे पुरखन क समन्वा परगट भवा रहेउँ। 28 मइँ तोहरे परिवार क इस्राएल क सबहिं परिवार समूहन मँ स चुनेउँ ह। मइँ तोहरे परिवार समूह क आपन याजकन बनवइ बरे चुनेउँ ह। मइँ ओनका आपन वेदी प बलि चढ़ावइ बरे चुनेउँ ह। मइँ ओनका धूप सुलगावइ अउ एपोद पहिरइ बरे चुनेउँ ह। मइँ तोहरे परिवार क भेंट क गोस दीन्ह ह जउन इस्राएल क मनई मोका चढ़ावत हीं। 29 ऍह बरे तू पचे ओन बलिदानन अउ अन्नबलि क मान काहे नाहीं करत्या? तू पचे आपन बेटवन क मोसे जिआदा पिरेम करत ह। तू पचे गोस क बढ़िया हींसा खाइके मोटा होइ गवा ह जेका लोग मोका भेंट चढ़ात हीं।’
30 “इस्राएल क परमेस्सर यहोवा इ बचन दिहे रहेन कि तोहरे बाप क परिवार सदा ओनकइ सेवकाई करिहीं। मुला अब यहोवा इ कहत हीं, ‘वइसा कबहुँ न होइ। मइँ ओन मनइयन क मान करब जउन मोर मान करिहीं। मुला ओनकइ बुरा होइ जउन मोर मान करइ स इन्कार करत हीं। 31 उ टेमॅ आवत अहइ जब मइँ तोहरे सन्तानन क नास करब। तोहरे बंस मँ कउनो बुढ़वा होइ बरे न बची। 32 इस्राएल बरे नीक चीज होइहीं, मुला तू घरे मँ खराब घटना घटत देखब्या। कउनो मनई बुढ़वा होइ बरे न बची। 33 सिरिफ एक मनई क आपन वेदी प याजक क नाई सेवा बरे बचाउब। उ बहोत जिआदा बुढ़ाई तलक जिई। उ तब तक रही जब ताई ओकरे आँखिन क अउर ओकर सक्ती जात रही। तोहरे बचा खुचा सन्तानन तरवारे क घाट उतार दीन्ह जइँही। 34 मइँ तोहका एक चीन्हा देब जेहसे इ मालूम होइ कि बात फुर होइहीं। तोहार दुइनउँ पूत होफिन अउ फिनहस एक ही दिना मरिहीं। 35 मइँ आपन बरे एक बिस्सासी याजक चुनब। उ याजक मोर बात मानी अउर जउन मइँ चाहब उ करी। मइँ इ याजक बरे परिवार क सक्तीवाला बनउब। उ हमेसा मोरे चुना भवा राजा क समन्वा सेवा करी। 36 तब सबहिं मनइयन जउन तोहरे परिवारे मँ जिअत रइहीं, अइहीं अउ इ याजक क अगवा निहरिहीं। इ सब मनई तनिक धन स रोटी क टूका बरे भीख मँगिहीं। उ पचे कइहीं, “मेहरबानी कइके याजक क काम हमका दइ द्या जेसे हम खइया क पाइ सकी।”’”
परमेस्सर समूएल क बोलावत ह
3 लरिका समूएल एली क अधीन होइके यहोवा क सेवा करत रहा। ओन दिनन मँ यहोवा अक्सर लोगन स सीधा बात नाहीं करत रहा। अउर बहोत कम लोगन क दर्सन होत रहा।
2 एली क आँख ऍतनी कमजोर रही कि उ आँधर जइसा रहा। एक रात उ बिछौना प ओलरा रहा। 3 समूएल यहोवा क पवित्तर आराधनालय मँ बिस्तर प पउढ़ा रहा। उ पवित्तर आराधनालय मँ परमेस्सर क पवित्तर सन्दूख रही। यहोवा क दिया अबहुँ जरत रहा। 4 यहोवा समूएल क बोलाएस। समूएल जवाब दिहेस, “मइँ हिआँ हाजिर हउँ।” 5 समूएल सोचा कि ओका एली बोलावत ह। ऍह बरे समूएल दौड़त भवा एली क लगे गवा। समूएल एली स कहेस, “मइँ हिआँ हउँ। आप मोका बोलाएन ह।”
मुला एली कहेस, “मइँ तोहका नाहीं बोलाएउँ, आपन बिछौना प जा।”
समूएल बिछौना प गवा। 6 यहोवा फुन बोलाएस, “समूएल।” समूएल फुन दौड़िके एली क लगे गवा अउ कहेस, “मइँ हिआँ हउँ। आप मोका बोलाएन ह।”
एली कहेस, “मइँ तोहका नाहीं बोलाएउँ, आपन बिछौना प जा।”
7 समूएल अबहिं तलक यहोवा क नाहीं जानत रहा। यहोवा अबहिं तलक ओसे सोझ बात नाहीं किहे रहा।[d]
8 यहोवा समूएल क तिसरी दाई बोलाएस। समूएल फिन उठा अउ एली क लगे गवा, “मइँ आवा हउँ, आप मोका बोलाएन ह।”
तबहिं एली समझेस कि यहोवा लरिका क बोलावत अहइँ। 9 एली समूएल स कहेस, “बिछौना प जा। अगर उ तोहका फुन बोलावत ह तउ कहा, ‘यहोवा मोर संग बात करा काहेकि मइँ आप सेवक हउँ अउ सुनत हउँ।’”
तउ समूएल बिछौना प चला गवा। 10 यहोवा आवा अउ हुवाँ खड़ा होइ गवा। उ पहिले क नाई बोलाएस। उ कहेस, “समूएल, समूएल!”
समूएल कहेस, “कहा, मइँ आपक सेवक हउँ अउ सुनत हउँ।”
11 यहोवा समूएल स कहेस, “मइँ इस्राएल मँ कछू करइ ही वाला हउँ जेकर बरे जब कबहुँ कउनो मनईं सुनिहीं, इ ओकर कानन क चकित कइ देइहीं। 12 मइँ सब कछू करब। मइँ कहेउँ उ मइँ एली अउ ओकरे परिवार क खिलाफ करब। मइँ सुरु स आखिर तलक सब कछू करब। 13 मइँ एली स कहेउँ ह कि मइँ ओकरे परिवार बरे सदा सजा देब। मइँ इ ऍह बरे करब कि एली जानत ह कि ओकर बेटवन परमेस्सर क खिलाफ बुरा कहेन ह अउ किहेन ह। अउ एली ओन प बस मँ करइ बरे कामयाब नाहीं भवा। 14 इहइ कारण अहइ कि मइँ एली क परिवार बरे किरिया खायो हउँ कि बलिदान अउ अन्नबलि भेंट ओनकइ पापन क प्रायस्चित कबहुँ नाहीं कइ सकत हीं।”
15 समूएल जब तलक भिन्सार नाहीं भवा बिछौना प पउढ़ा रहा। उ बड़े तड़के उठा अउ उ यहोवा क आराधनालय क किवाड़ा खोलेस। समूएल आपन दरसन क बात एली स बतावइ मँ डेरान।
16 मुला समूएल स एली कहेस, “मोर बेटवा, समूएल।”
समूएल जवाब दिहेस, “हाँ, महोदय!”
17 एली पूछेस, “यहोवा तोहसे का कहेन? ओका मोसे जिन छिपावा। परमेस्सर तोहका सजा देइहीं, अगर तू परमेस्सर जउन संदेसा तोहका दिहेन ह, ओहमाँ स कछू भी छिपउब्या।”
18 ऍह बरे परमेस्सर एली स उ हर एक बात बताएस। समूएल एली स भी कछू नाहीं छिपाएस।
एली कहेस, “उ यहोवा अहइ। ओका वइसा ही करइ द्या जइसा ओका नीक लागत ह।”
19 यहोवा समूएल क संग रहा। समूएल बाढ़त गवा। यहोवा समूएल क कउनो संदेस क असफल नाहीं होइ दिहस। 20 तब समूचा इस्राएल, दन स लइके वीरसेबा ताई समझ गवा कि समूएल यहोवा क सच्चा धर्मदूत अहइ। 21 सीलो मँ यहोवा समूएल क समन्वा परगट भएस। यहोवा सीलो मँ समूएल क अगवा अपने आप क यहोवा क बचन[e] क तरह परगट किहेस।
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