Book of Common Prayer
फिलाडेलफिया के कलीसिया ला संदेस
7 “फिलाडेलफिया के कलीसिया के दूत ला ए लिख:
एह ओकर बचन ए, जऊन ह पबितर अऊ सत ए अऊ जेकर करा दाऊद राजा के कुची हवय। जऊन ला ओह खोलथे, ओला कोनो बंद नइं कर सकंय; अऊ जऊन ला ओह बंद करथे, ओला कोनो खोल नइं सकंय। 8 मेंह तुम्हर काममन ला जानथंव। देखव, मेंह तुम्हर आघू म एक उघरे कपाट रखे हवंव, जऊन ला कोनो बंद नइं कर सकंय। मेंह जानथंव कि तुम्हर ताकत थोरकन हवय, तभो ले तुमन मोर बचन माने हवव अऊ मोर बिसवास म बने हवव। 9 जऊन मन सैतान के सभा-घर के अंय अऊ अपन-आप ला यहूदी कहिथें, पर हवंय नइं, ओमन लबारी मारथें। मेंह अइसने करहूं कि ओमन तुम्हर करा आके तुम्हर गोड़ खाल्हे गिरहीं अऊ मान लिहीं कि मेंह तुमन ले मया करथंव। 10 काबरकि तुमन मोर हुकूम ला धीरज धरके माने हवव, त मेंह घलो तुमन ला ओ परिछा के घड़ी ले बंचाके रखहूं, जऊन ह जम्मो संसार ऊपर अवइया हवय। एकर दुवारा ए धरती म रहइया मनखेमन परखे जाहीं।
11 मेंह जल्दी अवइया हवंव। जऊन सिकछा तुमन ला मिले हवय, ओम बने रहव, ताकि तुम्हर मुकुट ला कोनो झन ले सकय। 12 जऊन ह बिजयी होही, मेंह ओला अपन परमेसर के मंदिर म खम्भा बनाहूं। ओह एकर ले कभू बाहिर नइं जाही। मेंह अपन परमेसर के नांव, अपन परमेसर के सहर के नांव – नवां यरूसलेम, जऊन ह मोर परमेसर करा ले स्वरग ले उतरही; ओकर ऊपर लिखहूं अऊ मेंह अपन नवां नांव ला घलो ओकर ऊपर लिखहूं। 13 जेकर कान हवय, ओह सुन ले कि पबितर आतमा ह कलीसियामन ला का कहिथे।”
15 एकरसेति जब तुमन ‘ओ बिनासकारी घिन चीज’ ला पबितर जगह म ठाढ़े देखव, जेकर बारे म दानिएल ह कहे हवय, त पढ़इया ह समझ जावय। 16 तब जऊन मन यहूदिया प्रदेस म हवंय, ओमन पहाड़ ऊपर भाग जावंय। 17 जऊन ह अपन घर के छानी ऊपर होवय, ओह अपन घर के चीजमन ला लेय बर खाल्हे झन उतरय। 18 जऊन ह खेत म होवय, ओह अपन कपड़ा ला लेय बर वापिस झन जावय। 19 ओ माईलोगनमन बर कतेक भयंकर बात होही, जऊन मन ओ दिन म देहें म होहीं अऊ जऊन मन लइकामन ला गोरस पीयावत होहीं। 20 पराथना करव कि तुमन ला जड़काला म या बिसराम के दिन म भागे ला झन पड़य। 21 काबरकि ओ समय अइसने भयंकर तकलीफ होही, जइसने संसार के सुरू ले अभी तक कभू नइं होय हवय अऊ न कभू फेर होही। 22 यदि ओ दिनमन ला कम नइं करे जातिस, त कोनो मनखे नइं बांचतिन; पर चुने गय मनखेमन के कारन, परमेसर ह ओ दिनमन ला कम कर दिही। 23 ओ समय, यदि कोनो तुमन ला ए कहय, ‘देखव, मसीह ह इहां हवय या ओह उहां हवय।’ त ओकर बात ला बिसवास झन करव। 24 काबरकि लबरा मसीह अऊ लबरा अगमजानीमन आहीं अऊ अइसने बड़े-बड़े चिन्हां अऊ चमतकार देखाहीं कि यदि हो सकय त चुने गय मनखेमन ला घलो बहका देंय। 25 देखव, मेंह तुमन ला पहिली ले बता चुके हवंव।
26 एकरसेति, यदि ओमन तुमन ला ए कहंय, ‘देखव, मसीह ह उहां सुनसान जगह म हवय।’ त उहां झन जावव; या यदि ओमन कहंय, ‘मसीह ह इहां भीतर के खोली म हवय।’ त ओमन के बात ला बिसवास झन करव। 27 काबरकि जइसने बिजली ह पूरब ले निकरथे अऊ पछिम तक चमकथे, वइसने मनखे के बेटा के अवई होही। 28 जिहां लास होथे, उहां गिधवामन जुरथें।
29 ओ दिनमन म, तकलीफ के तुरते बाद, सूरज ह अंधियार हो जाही, अऊ चंदा ह अपन अंजोर नइं दिही, तारामन अकास ले गिर जाहीं, अऊ अकास के सक्तिमन हलाय जाहीं।[a]
30 तब ओ समय, मनखे के बेटा के चिन्हां ह अकास म दिखही अऊ धरती के जम्मो जाति के मनखेमन सोक मनाहीं। ओमन मनखे के बेटा ला सामरथ अऊ बड़े महिमा के संग अकास के बादर म आवत देखहीं। 31 अऊ ओह तुरही के बड़े अवाज के संग अपन स्वरगदूतमन ला पठोही, अऊ ओमन अकास के एक छोर ले लेके दूसर छोर तक, चारों दिग ले ओकर चुने मनखेमन ला संकेलहीं।
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