Book of Common Prayer
परमेसर के बचन के अगमबानी
12 एकरसेति, मेंह तुमन ला हमेसा ए बातमन के सुरता करावत रहिहूं, हालाकि तुमन एमन ला जानथव अऊ ओ सच, जऊन ह तुम्हर करा हवय, ओम तुमन मजबूत हो गे हवव। 13 मेंह सोचथंव कि मोर बर एह उचित ए कि जब तक मेंह जीयत हवंव, तुम्हर सुरता ला ताजा करत रहंव, 14 काबरकि मेंह जानथंव कि मेंह ए देहें ला जल्दी छोंड़ दूहूं जइसने कि हमर परभू यीसू मसीह ह मोला बताय हवय। 15 अऊ मेंह ए बात के पूरा कोसिस करहूं कि मोर मरे के बाद, तुमन ए बातमन ला हमेसा सुरता करव।
16 जब हमन तुमन ला हमर परभू यीसू मसीह के सामरथ अऊ अवई के बारे बताएन, त हमन चतुरई ले गढ़े गय कहानीमन के नकल नइं करेन, पर हमन यीसू के महिमा ला अपन आंखी ले देखे रहेंन। 17 काबरकि ओह, परमेसर ददा ले आदर अऊ महिमा पाईस, जब विभवसाली महिमा ले ओकर करा ए कहिके अवाज आईस, “एह मोर बेटा ए, जऊन ला मेंह मया करथंव; एकर ले मेंह बहुंत खुस हवंव।”[a] 18 जब हमन पबितर पहाड़ ऊपर ओकर संग रहेंन, त हमन खुद ए अवाज ला सुनेन, जऊन ह स्वरग ले आवत रिहिस।
19 अऊ हमर करा अगमजानीमन के बचन हवय, जऊन ह ए बात ला अऊ मजबूत करिस। तुमन एकर ऊपर धियान देके बने करहू। काबरकि एह एक दीया सहीं अय, जऊन ह एक अंधियार जगह म चमकत हवय, अऊ एह तब तक चमकथे, जब तक कि दिन नइं निकरय अऊ तुम्हर हिरदय म बिहनियां के तारा नइं निकर आवय। 20 सबले पहिली, तुमन ए बात ला जरूर समझ लेवव कि परमेसर के बचन म बताय अगम के बात ह काकरो खुद के बचन नो हय। 21 काबरकि अगमबानी के सुरूआत मनखे के ईछा ले कभू नइं होईस, पर मनखेमन पबितर आतमा के अगुवई म, परमेसर कोति ले बोलिन।
मंदिर म यीसू
(मरकुस 11:15-19; लूका 19:45-48; यूहन्ना 2:13-22)
12 यीसू ह मंदिर म गीस, अऊ ओ जम्मो मनखेमन ला निकार दीस, जऊन मन मंदिर म लेन-देन करत रिहिन। ओह साहूकारमन के मेज अऊ परेवा बेचइयामन के बेंचमन ला खपल दीस। 13 अऊ ओह ओमन ला कहिस, “परमेसर के बचन म ए लिखे हवय कि मोर घर ह पराथना के घर कहे जाही, पर तुमन एला डाकूमन के अड्डा बनावत हवव।”
14 अंधरा अऊ खोरवामन यीसू करा मंदिर म आईन अऊ ओह ओमन ला चंगा करिस। 15 पर जब मुखिया पुरोहित अऊ मूसा के कानून के गुरू मन ओकर अद्भूत काम ला देखिन अऊ लइकामन ला मंदिर के इलाका म चिचियाके ए कहत सुनिन – “दाऊद के संतान के होसाना” त ओमन नाराज होईन।
16 ओमन यीसू ला कहिन, “का तेंह सुनत हवस कि ए लइकामन का कहत हवंय?” यीसू ह कहिस, “हव, का तुमन परमेसर के बचन म ए कभू नइं पढ़ेव – ‘लइका अऊ छोटे लइकामन के मुहूं ले तेंह इस्तुति करवाय।’[a]”
17 तब यीसू ह ओमन ला छोंड़के सहर के बाहिर बैतनियाह गांव म गीस अऊ उहां रात बिताईस।
अंजीर के रूख ह सूख जाथे
(मरकुस 11:12-14, 20-24)
18 बिहनियां, जब यीसू ह सहर ला वापिस जावत रिहिस, त ओला भूख लगिस। 19 सड़क के तीर म एक ठन अंजीर के रूख ला देखके, ओह उहां गीस, पर ओला पान के छोंड़ ओम अऊ कुछू नइं मिलिस। तब यीसू ह ओ रूख ला कहिस, “अब ले तोर म फेर कभू फर झन लगय।” अऊ तुरते ओ अंजीर के रूख ह सूख गीस।
20 जब चेलामन एला देखिन, त ओमन अचम्भो करिन अऊ कहिन, “अंजीर के रूख ह तुरते कइसने सूख गीस?”
21 यीसू ह ओमन ला जबाब दीस, “मेंह तुमन ला सच कहत हंव, यदि तुमन बिसवास करव अऊ संका झन करव, त तुमन न सिरिप ए करहू, जऊन ह में ए अंजीर के रूख के संग करे हवंव, पर यदि तुमन ए पहाड़ ले कहिहू, ‘जा अऊ समुंदर म गिर जा।’ अऊ एह हो जाही। 22 यदि तुमन बिसवास करथव, त जऊन कुछू तुमन पराथना म मांगव, ओह तुमन ला मिल जाही।”
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