Book of Common Prayer
12 जब गल्लियो ह अखया प्रदेस के राजपाल रिहिस, तब यहूदीमन पौलुस ऊपर एक संग चढ़ई करके ओला कचहरी म लानिन, 13 अऊ ए कहिके ओकर ऊपर दोस लगाईन, “ए मनखे ह कानून के खिलाप परमेसर के अराधना करे बर मनखेमन ला सिखोवत हवय।”
14 जब पौलुस ह बोलनेच वाला रिहिस, त राजपाल गल्लियो ह यहूदीमन ला कहिस, “कहूं एह कुछू अनियाय या अपराध के बात होतिस, त मेंह तुम्हर बात ला सुनतेंव। 15 पर जब ए बिवाद ह गोठ अऊ नांव अऊ तुमन के खुद के कानून के बारे म अय, त तुमन खुद ए मामला ला निपटाव। मेंह अइसने बात के नियाय नइं करंव।” 16 अऊ ओह ओमन ला कचहरी ले चले जाय के हुकूम दीस। 17 तब जम्मो मनखेमन सभा घर के अधिकारी सोसथिनेस ला पकड़िन अऊ ओला कचहरी के आघू म मारिन-पीटिन। पर गल्लियो ह ए बात के कुछू चिंता नइं करिस।
प्रिसकिल्ला, अक्विला अऊ अपुल्लोस
18 पौलुस ह कुछू दिन कुरिन्थुस म रिहिस, तब ओह भाईमन ला छोंड़के पानी जहाज म प्रिसकिल्ला अऊ अक्विला के संग सीरिया देस चल दीस। पर जाय के पहिली ओह किंख्रिया म अपन मुड़ मुड़ाईस, काबरकि ओह मन्नत माने रिहिस। 19 जब ओमन इफिसुस सहर म हबरिन, त पौलुस ह प्रिसकिल्ला अऊ अक्विला ला छोंड़ दीस अऊ ओह खुद सभा घर म जाके यहूदीमन के संग बहस करे लगिस। 20 जब ओमन पौलुस ला कहिन कि ओह ओमन के संग कुछू अऊ समय तक रहय, त ओह नइं मानिस। 21 पर ओह ओमन ले ए वायदा करके गीस, “कहूं परमेसर के ईछा होही, त मेंह तुम्हर करा फेर आहूं।” तब ओह पानी जहाज म चघके इफिसुस ले चल दीस।
22 जब ओह कैसरिया नगर म उतरिस, त ओह जाके कलीसिया के मनखेमन ले भेंट करिस अऊ तब उहां ले अंताकिया नगर चल दीस। 23 कुछू समय अंताकिया म बिताय के बाद, पौलुस ह उहां ले चल दीस अऊ गलातिया अऊ फ्रूगिया प्रदेस म जगह-जगह जाके, ओह जम्मो चेलामन ला बिसवास म मजबूत करत गीस।
24 अपुल्लोस नांव के एक झन यहूदी रहय, जेकर जनम सिकन्दरिया सहर म होय रहय। ओह एक बिद्वान मनखे रहय अऊ परमेसर के बचन के बने जानकार रहय। ओह इफिसुस सहर म आईस। 25 ओह परभू के बारे म सिकछा पाय रिहिस। ओह भारी उत्साह ले बात करय अऊ यीसू के बारे म एकदम सही-सही सिखोवय, पर ओह सिरिप यूहन्ना के बतिसमा के बात ला जानत रिहिस। 26 ओह सभा घर म बेधड़क गोठियाय लगिस। जब प्रिसकिल्ला अऊ अक्विला ओकर बात ला सुनिन, त ओमन ओला अपन घर ले गीन अऊ ओला परमेसर के रसता के बारे म अऊ सही-सही बताईन।
27 जब अपुल्लोस ह अखया जाय बर चाहिस, त भाईमन ओला उत्साहित करिन अऊ उहां के चेलामन ला चिट्ठी लिखिन कि ओमन ओकर सुवागत करंय। अखया पहुंचके, अपुल्लोस उहां ओ मनखेमन के अब्बड़ मदद करिस, जऊन मन परमेसर के अनुग्रह के दुवारा बिसवासी बने रिहिन। 28 ओह परमेसर के बचन ले सबूत दे देके कि यीसू ह मसीह अय, भारी मिहनत करके यहूदीमन ला जम्मो मनखेमन के आघू म लबरा साबित करय।
बैतसैदा म यीसू ह एक अंधरा ला बने करथे
22 जब ओमन बैतसैदा गांव म आईन, त मनखेमन एक अंधरा ला लानिन अऊ यीसू ले बिनती करिन कि ओला छुके बने करय। 23 ओह ओ अंधरा मनखे के हांथ ला धरके गांव के बाहिर ले गीस अऊ ओकर आंखी म थूकके ओकर ऊपर अपन हांथ रखिस अऊ ओकर ले पुछिस, “का तोला कुछू दिखथे?”
24 ओह आंखी ला उठाके कहिस, “मेंह मनखेमन ला देखत हंव; ओमन मोला एती ओती चलत-फिरत रूख सहीं दिखत हवंय।”
25 तब यीसू ह फेर अपन हांथ ला ओकर आंखी ऊपर रखिस, तब ओ मनखे ह निहारे लगिस अऊ ओकर आंखीमन बने हो गीन अऊ ओह जम्मो ला साफ-साफ देखन लगिस। 26 यीसू ह ओला ए कहिके घर पठोईस कि गांव म झन जाबे।
पतरस ह मसीह ला स्वीकार करथे
(मत्ती 16:13-20; लूका 9:18-21)
27 यीसू अऊ ओकर चेलामन कैसरिया फिलिप्पी के गांवमन म गीन। डहार म ओह अपन चेलामन ले पुछिस, “मनखेमन मोला कोन ए कहिथें?”
28 ओमन कहिन, “कुछू मन कहिथें – यूहन्ना बतिसमा देवइया, कोनो-कोनो एलियाह ए कहिथें अऊ कुछू मन तोला अगमजानीमन ले एक झन ए कहिथें।”
29 ओह ओमन ले पुछिस, “पर तुमन मोला का कहिथव?”
पतरस ह कहिस, “तेंह मसीह अस।”
30 पर यीसू ह ओमन ला चेताके कहिस कि ओकर बारे म कोनो ला झन बतावंय।
यीसू ह अपन मिरतू अऊ फेर जी उठे के अगमबानी करथे
(मत्ती 16:21-23; लूका 9:22)
31 तब ओह ओमन ला सिखोय के सुरू करिस कि मनखे के बेटा के खातिर ए जरूरी अय कि ओह बहुंत दुःख उठावय, अऊ ओला अगुवा, मुखिया पुरोहित अऊ कानून के गुरू मन तिरस्कार करंय अऊ ओह मार डारे जावय, पर तीन दिन के पाछू ओह फेर जी उठय। 32 ओह ए बात ला साफ-साफ कहिस। एकर खातिर पतरस ह ओला अलग ले जाके डांटे लगिस।
33 यीसू ह लहुंटके अपन चेलामन कोति देखिस अऊ पतरस ला दबकारके कहिस, “मोर नजर ले दूर हट, सैतान! काबरकि तोर मन ह परमेसर के बात ऊपर नइं, पर मनखेमन के बात म हवय।”
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