Book of Common Prayer
पौलुस अऊ सीलास जेल म
16 एक बार जब हमन पराथना करे के जगह ला जावत रहेंन, त हमन ला एक गुलाम टूरी मिलिस, जऊन म अगम के बात बताय के आतमा रिहिस। ओह अगम के बात बताके अपन मालिकमन बर अब्बड़ पईसा कमावत रिहिस। 17 ओ टूरी ह पौलुस अऊ हमर पाछू आईस अऊ चिचियाके कहिस, “ए मनखेमन परम परधान परमेसर के सेवक अंय अऊ तुमन ला उद्धार पाय के रसता बतावत हवंय।” 18 ओह बहुंत दिन तक अइसनेच करते रिहिस। आखिर म, पौलुस ह बहुंत परेसान हो गीस अऊ पाछू मुड़के ओ टूरी म हमाय आतमा ला कहिस, “यीसू मसीह के नांव म मेंह तोला हुकूम देवत हंव कि ओम ले निकर आ।” अऊ ओही घरी आतमा ह ओम ले निकर गीस।
19 जब ओकर मालिकमन देखिन कि ओमन के कमई करे के आसा ह चले गीस, त ओमन पौलुस अऊ सीलास ला पकड़के बजार के ठऊर म अधिकारीमन करा घसीटके लानिन। 20 ओमन ह ओमन ला नियायधीसमन के आघू म लानके कहिन, “ए मनखेमन यहूदी अंय अऊ हमर सहर म भारी गड़बड़ी करत हवंय। 21 एमन अइसने रीति-बिधि बतावत हवंय, जऊन ला स्वीकार करना या मानना, हम रोमी मनखेमन बर उचित नो हय।”
22 तब भीड़ के मनखेमन पौलुस अऊ सीलास के ऊपर चढ़ बईठिन अऊ नियायधीसमन ओमन के कपड़ा उतारके ओमन ला पिटवाय के हुकूम दीन। 23 ओमन ला बहुंते कोर्रा मारे के बाद, जेल म डार दीन अऊ जेलर ला हुकूम दीन कि सचेत होके ओमन के रखवारी करय। 24 जेलर ह हुकूम के मुताबिक ओमन ला भीतर के खोली म रखिस अऊ ओमन के गोड़ म बेड़ी बांध दीस।
47 जब संझा होईस, त डोंगा ह झील के मांझा म रहय अऊ यीसू ह एके झन भांठा म रिहिस। 48 ओह देखिस कि चेलामन डोंगा ला खेवत-खेवत थक गे रहंय, काबरकि हवा ह ओमन के उलटा दिग म बहत रहय। रात के चार बजे के आस-पास, ओह झील ऊपर रेंगत चेलामन करा गीस, अऊ ओमन ले आघू निकरइया रिहिस। 49 पर ओमन ओला जब झील ऊपर रेंगत देखिन, त ओमन ओला भूत समझिन, अऊ ओमन चिचियाय लगिन। 50 काबरकि जम्मो चेलामन ओला देखके डर्रा गे रहंय।
यीसू ह तुरते ओमन ले गोठियाईस अऊ कहिस, “हिम्मत रखव, मेंह अंव, झन डर्रावव।” 51 तब ओह ओमन करा डोंगा म आईस अऊ हवा ह सांत हो गीस। ओमन अब्बड़ अचम्भो करन लगिन। 52 काबरकि पांच रोटी अऊ दू ठन मछरी ले पांच हजार मनखेमन ला खवाय के बाद घलो, ओमन नइं समझे रिहिन कि यीसू ह कोन ए। ओमन के मन ह कठोर हो गे रहय।
53 जब ओमन ओ पार गन्नेसरत म हबरिन, त डोंगा ला उहां रखके उतरिन। 54 ओमन के डोंगा ले उतरतेच ही, मनखेमन तुरते यीसू ला चिन डारिन। 55 अऊ मनखेमन आस-पास के जम्मो गांव-गंवई म दऊड़के गीन अऊ बेमरहामन ला चटई अऊ खटिया म उठा-उठाके यीसू करा लाने लगिन। 56 अऊ ओह जिहां कहूं भी गांव, नगर या देहात म गीस, मनखेमन बेमरहामन ला सड़क, गली अऊ बजार मन म रखके ओकर ले बिनती करंय कि एमन ला कम से कम तोर ओन्ढा के छोर ला छुवन दे; अऊ जतेक झन ओला छुईन, ओ जम्मो झन बने हो गीन।
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