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Book of Common Prayer

Daily Old and New Testament readings based on the Book of Common Prayer.
Duration: 861 days
Saral Hindi Bible (SHB)
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प्रेरित 5:34-42

गमालिएल द्वारा हस्तक्षेप

34 किन्तु गमालिएल नामक फ़रीसी ने, जो व्यवस्था के शिक्षक और जनसाधारण में सम्मानित थे, महासभा में खड़े होकर आज्ञा दी कि प्रेरितों को सभाकक्ष से कुछ देर के लिए बाहर भेज दिया जाए. 35 तब गमालिएल ने सभा को सम्बोधित करते हुए कहा, “इस्राएली बन्धुओं, भली-भांति विचार कर लीजिए कि आप इनके साथ क्या करना चाहते हैं. 36 कुछ ही समय पूर्व थद्देयॉस ने कुछ होने का दावा किया था और चार सौ व्यक्ति उसके साथ हो लिए. उसकी हत्या कर दी गई और उसके अनुयायी तितर-बितर होकर नाश हो गए. 37 इसके बाद गलीलवासी यहूदाह ने जनगणना के अवसर पर सिर उठाया और लोगों को भरमा दिया. वह भी मारा गया और उसके अनुयायी भी तितर-बितर हो गए. 38 इसलिए इनके विषय में मेरी सलाह यह है कि आप इन्हें छोड़ दें और इनसे दूर ही रहें क्योंकि यदि इनके कार्य की उपज और योजना मनुष्य की ओर से है तो यह अपने आप ही विफल हो जाएगी; 39 मगर यदि यह सब परमेश्वर की ओर से है तो आप उन्हें नाश नहीं कर पाएँगे—ऐसा न हो कि इस सिलसिले में आप स्वयं को परमेश्वर का ही विरोध करता हुआ पाएँ.”

40 महासभा ने गमालिएल का विचार स्वीकार कर लिया. उन्होंने प्रेरितों को कक्ष में बुलवाकर कोड़े लगवाए, और उन्हें यह आज्ञा दी कि वे अब से येशु के नाम में कुछ न कहें और फिर उन्हें मुक्त कर दिया.

41 प्रेरित महासभा से आनन्द मनाते हुए चले गए कि उन्हें मसीह येशु के कारण अपमान-योग्य तो समझा गया. 42 वे प्रतिदिन नियमित रूप से मन्दिर प्रांगण में तथा घर-घर जाकर यह प्रचार कर ते तथा यह शिक्षा देते रहे कि येशु ही वह मसीह हैं.

योहन 11:45-47

45 यह देख मरियम के पास आए यहूदियों में से अनेकों ने मसीह येशु में विश्वास किया. 46 परन्तु कुछ ने फ़रीसियों को जा बताया कि मसीह येशु ने क्या-क्या किया था.

मसीह येशु की हत्या का षड़यन्त्र

47 तब प्रधान पुरोहितों और फ़रीसियों ने महासभा बुलाई और कहा, “हम इस व्यक्ति के विषय में क्या कर रहे हैं? यह अद्भुत चिह्नों पर चिह्न दिखा रहा है!

Saral Hindi Bible (SHB)

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