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Bible in 90 Days

An intensive Bible reading plan that walks through the entire Bible in 90 days.
Duration: 88 days
Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)
Version
आमोस 9:11 - नहूम 3:19

परमेश्वर राज्य की पुनस्थापना की प्रतिज्ञा करता है

11 “दाऊद का डेरा गिर गया है,
    किन्तु उस समय इस डेरे को मैं फिर खड़ा करूँगा।
    मैं दीवारों के छेदों को भर दूँगा।
मैं नष्ट इमारतों को फिर से बनाऊँगा।
    मैं इसे ऐसा बनाऊँगा जैसा यह पहले था।
12 फिर वे एदोम में जो लोग बच गये हैं,
    उन्हें और उन जातियों को
जो मेरे नाम से जानी जाती है, ले जायेंगे।”
    यहोवा ने वे बातें कहीं, और वे उन्हें घटित करायेगा।
13 यहोवा कहता है, “वह समय आ रहा है, जब हर प्रकार का भोजन बहुतायत में होगा।
    अभी लोग पूरी तरह फसल काट भी नहीं पाये होंगे
कि जुताई का समय आ जायेगा।
    लोग अभी अंगूरों का रस निकाल ही रहे होंगे
कि अंगूरों की रूपाई का समय फिर आ पहुँचेगा।
    पर्वतों से दाखमधु की धार बहेगी
और वह पहाड़ियों से बरसेगी।
14 मैं अपने लोगों इस्राएलियों को
    देश निकाले से वापस लाऊँगा।
वे नष्ट हुए नगरों को फिर से बनाएंगे
    और उन नगरों में रहेंगे।
वे अंगूर की बेलों के बाग लगाएंगे
    और वे उन बागों से प्राप्त दाखमधु पीएंगे।
वे बाग लगाएंगे
    और वे उन बागों के फलों को खाएंगे।
15 मैं अपने लोगों को उनकी भूमी पर जमाऊँगा
    और वे पुन: उस देश से उखाड़े नहीं जाएंगे जिसे मैंने उन्हें दिया है।”
यहोवा तुम्हारे परमेश्वर ने ये बाते कहीं।

एदोम दण्डित होगा

यह ओबद्याह का दर्शन है। मेरा स्वामी यहोवा एदोम के बारे में यह कहता है:

हमने यहोवा परमेश्वर से एक सन्देश प्राप्त किया है।
    राष्ट्रों को एक दूत भेजा गया है।
उसने कहा, “हम एदोम के विरूद्ध लड़ने चलें।”

यहोवा एदोम से कहता है

“एदोम, मैं तुम्हें सबसे छोटा राष्ट्र बना दूँगा
    लोग तुमसे बहुत घृणा करेंगे।
तुम अपने अभिमान के द्वारा छले गये हो।
    तुम ऊँची पहाड़ियों की गुफाओं में रहते हो।
    तुम्हारा घर पहाड़ियों में ऊँचे पर है।
तुम अपने मन में कहते हो,
    ‘मुझे काई भी धूल नहीं चटा सकता।’”

एदोम नीचा किया जाएगा

परमेश्वर यहोवा यह कहता है:
“यद्यपि तुम उकाब की तरह ऊपर उड़ो,
    और अपना घोंसला तारों के बीच बना लो,
    तो भी मैं तुम्हें वहाँ से नीचे उतारूँगा।”
तुम सचमुच बरबाद हो जाओगे! देखो!
    कोई चोर तुम्हारे यहाँ आता है!
जब, रात में डाकू आते है!
    तो वे भी उतना ही चुराकर या लूटकर ले जाते हैं जितना ले जा सकते हैं!
तुम्हारे अंगूर के बगीचों में जब अंगूर तोड़ने वाले आते हैं
    तो अंगूर तोड़ने के बाद वे भी अपने पीछे कुछ न कुछ छोड़ ही जाते हैं।
किन्तु हे एदोम! तुझसे तेरा सब कुछ छिन जायेगा।
    लोग तेरे सभी छिपे खजानों को ढूँढ निकालेंगे और हथिया लेंगे!
वे सभी लोग जो तुम्हारे मित्र हैं,
    तुम्हें देश से बाहर जाने को विवश करेंगे।
तुम्हारे साथ शान्तिपूर्वक रहने वाले तुम्हें धोखा देंगे
    और तुमको हराएंगे।
वे लोग तुम्हारी रोटी तुम्हारे साथ खायेंगे।
    किन्तु वे तुम्हें जाल मे फँसाने की योजना बना रहे हैं।
“किन्तु तुम उसे जान नहीं पाओगे!”

यहोवा कहता है: उस दिन,
    मैं एदोम के बुद्धिमानों को नष्ट करूँगा
    और मैं एसाव पर्वत से समझदारी को नष्ट कर दूँगा।
तब तेमान, तुम्हारे शक्तिशाली लोग भयभीत होंगे
    और एसाव पर्वत का हर व्यक्ति नष्ट होगा।
10 तुम शर्म से गड़ जाओगे,
    और तुम सदैव के लिये नष्ट हो जाओगे।
    क्योंकि अपने भाई याकूब के प्रति तुम इतने अधिक क्रूर निकले।
11 उस समय तुम सहायता किये बिना दूसरी ओर खड़े रहे।
    अजनबी याकूब का खजाना ले गए।
विदेशी इस्राएल के नगर—द्वार में घुसे।
    उन विदेशियों ने गोट डालकर यह निश्चय किया कि वे यरूशलेम का कौन सा भाग लेंगे।
    उस समय तुम उन विदेशियों के समान ही थे।
12 तुम अपने भाई के विपत्ति काल में उस पर हँसे,
    तुम्हें यह नहीं करना चाहिये था।
तुम तब प्रसन्न थे जब लोगों ने यहूदा को नष्ट किया।
    तुम्हें वैसा नहीं करना चाहिये था।
उनकी विपत्ति के समय तुमने उसकी खिल्ली उड़ाई।
    तुम्हें वैसा नहीं करना चाहिये था।
13 तुम मेरे लोगों के नगर—द्वार में घुसे और उनकी समस्याओं पर हँसे।
    तुम्हें वह नहीं करना चाहिये था।
उनके उस विपत्ति काल में तुमने उनके खजाने लिये,
    तुम्हें वह नहीं करना चाहिये था।
14 तुम चौराहों पर खड़े हुए और तुमने जान बचाकर भागने की कोशिश करने वाले लोगों को मार डाला।
तुम्हें वैसा नहीं करना चाहिये था।
    तुमने उन लोगों को पकड़ लिया जो जीवित बच निकले थे।
    तुम्हें वह नहीं करना चाहिए था।

सभी राष्ट्रों का न्याय होना

15 सभी राष्ट्रों पर शीघ्र ही यहोवा का दिन आ रहा है।
    तुमने दूसरे लोगों के साथ बुरा किया।
वे ही बुराईयाँ तुम्हारे साथ घटित होंगी।
    वे सभी बुराईयाँ तुम्हारे ही सिर पर उतर आएंगी।
16 क्योंकि जैसे तुमने मेरे पवित्र पर्वत पर
    दाखमधु पीकर विजय की खुशी मनाई।
वैसे ही सभी जातियाँ निरन्तर मेरे दण्ड को पीएंगी
    और उसे निगलेंगी और उनका लोप हो जायेगा।
17 किन्तु सिय्योन पर्वत पर कुछ बचकर रह जाने वाले होंगे।
    यह मेरा पवित्र स्थान होगा।
याकूब का राष्ट्र उन चीजों को वापस पाएगा
    जो उसकी थीं।
18 याकूब का परिवार जलती आग—सा होगा।
    यूसुफ का राष्ट्र जलती लपटों जैसा बन जायेगा।
किन्तु एसाव का राष्ट्र राख की तरह होगा।
    यहूदा के लोग एदोमी लोगों को नष्ट करेंगे।
एसाव के राष्ट्र में कोई जीवित नहीं रहेगा।
    क्यों क्योंकि परमेश्वर यहोवा ने ऐसा कहा।
19 तब नेगव के लोग एसाव पर्वत पर रहेंगे
    और पर्वत की तराईयों के लोग पलिश्ती प्रदेश को लेंगे।
परमेश्वर के वे लोग एप्रैम और शोमरोन की भूमि पर रहेंगे।
    गिलाद, बिन्यामीन का होगा।
20 इस्राएल के लोग घर छोड़ने को विवश किये गए थे।
    किन्तु वे लोग कनानियों का प्रदेश सारपत तक ले लेंगे।
यहूदा के लोग यरूशलेम छोड़ने और सपाराद में रहने को विवश किये गये थे।
    किन्तु वे लोग नेगव के नगरों को लेंगे।
21 विजयी सिय्योन पर्वत पर होंगे।
    वे लोग एसाव पर्वत के निवासियों पर शासन करेंगे
    और राज्य यहोवा का होगा।

परमेश्वर का बुलावा और योना का भागना

अमित्तै के पुत्र योना से यहोवा ने कहा। यहोवा ने कहा, “नीनवे एक बड़ा नगर है। वहाँ के लोग जो पाप कर्म कर रहे हैं, उनमें बहुत से कुकर्मों के बारे में मैंने सुना है। इसलिये तू उस नगर में जा और वहाँ के लोगों को बता कि वे उन बुरे कर्मों का करना त्याग दें।”

योना परमेश्वर की बातें नहीं मानना चाहता था, सो योना ने यहोवा से कहीं दूर भाग जाने का प्रयत्न किया। सो योना यापो की ओर चला गया। योना ने एक नौका ली जो सुदूर नगर तर्शीश को जा रही थी। योना ने अपनी यात्रा के लिये धन दिया और वह नाव पर जा चढ़ा। योना चाहता था कि इस नाव पर वह लोगों के साथ तर्शीश चला जाये और यहोवा से कहीं दूर भाग जाये।

भयानक तूफान

किन्तु यहोवा ने सागर में एक भयानक तूफान उठा दिया। आँधी से सागर में थपेड़े उठने लगे। तूफान इतना प्रबल था कि वह नाव जैसे बस टूक टूक होने जा रही थी। लोग चाहते थे कि नाव को डूबने से बचाने के लिये उसे कुछ हलका कर दिया जाये। सो वे नाव के सामान को उठाकर समुद्र में फेंकने लगे। मल्लाह बहुत डरे हुए थे। हर व्यक्ति अपने अपने देवता से प्रार्थना करने लगा।

योना सोने के लिये नीचे चला गया था। योना सो रहा था। नाव के प्रमुख खिवैया ने योना को इस रूप में देख कर कहा, “उठ! तू क्यों सो रहा है अपने देवता से प्रार्थना कर! हो सकता है, तेरा देवता तेरी प्रार्थना सुन ले और हमें बचा ले!”

यह तूफान क्यों आया

लोग फिर आपस में कहने लगे, “हमें यह जानने के लिये कि हम पर ये विपत्तियाँ किसके कारण पड़ रही हैं, हमें पासे फेंकने चाहियें।”

सो लोगों ने पासे फेंके। पासों से यह प्रकट हुआ कि यह विपत्ति योना के कारण आई है। इस पर लोगों ने योना से कहा, “यह किसका दोष है, जिसके कारण यह विपत्ति हम पर पड़ रही है! सो तूने जो किया है, उसे तू हमें बता। हमें बता तेरा काम धन्धा क्या है तू कहाँ से आ रहा है तेरा देश कौन सा है तेरे अपने लोग कौन हैं”

योना ने लोगों से कहा, “मैं एक हीब्रू (यहूदी) हूँ और स्वर्ग के परमेश्वर यहोवा की उपासना करता हूँ। वह वही परमेश्वर है, जिसने सागर और धरती को रचा है।”

10 योना ने लोगों से कहा कि, वह यहोवा से दूर भाग रहा है। जब लोगों को इस बात का पता चला, तो वह बहुत अधिक डर गये। लोगों ने योना से पूछा, “तूने अपने परमेश्वर के विरूद्ध क्या बुरी बात की है”

11 उधर आँधी तूफान और समुद्र की लहरें प्रबल से प्रबलतर होती चली जा रही थीं। सो लोगों ने योना से कहा, “हमें अपनी रक्षा के लिये क्या करना चाहिये समुद्र को शांत करने के लिये तेरे साथ क्या करना चाहिये”

12 योना ने लोगों से कहा, “मैं जानता हूँ कि मेरे कारण ही समुद्र में यह तूफान आया है। सो तुम लोग मुझे समुद्र में फेंक दो। इससे तूफान शांत हो जायेगा।”

13 किन्तु लोग योना को समुद्र में फेंकना नहीं चाहते थे। लोग नाव को तट पर वापस लाने के लिये, उसे खेने का प्रयत्न करने लगे। किन्तु वे वैसा नहीं कर पाये, क्योंकि आँधी, तूफान और सागर की लहरें बहुत शक्तिशाली थीं और वे प्रबल से प्रबल होती चली जा रही थीं!

योना का दण्ड

14 सो लोगों ने यहोवा को पुकारते हुए कहा, “हे यहोवा, इस पुरूष को हम इसके उन बुरे कामों के लिए समुद्र में फेंक रहे हैं, जो इसने किये हैं। कृपा कर के, तू हमें किसी निरपराध व्यक्ति का हत्यारा मत कहना। इसके वध के लिये तू हमें मत मार डालना। हम जानते हैं कि तू यहोवा है और तू जैसा चाहेगा, वैसा ही करेगा। किन्तु कृपा करके हम पर दयालु हो।”

15 सो लोगों ने योना को समुद्र में फेंक दिया। तूफान रूक गया, सागर शांत हो गया! 16 जब लोगों ने यह देखा, तो वे यहोवा से डरने लगे और उसका सम्मान करने लगे। लोगों ने एक बलि अर्पित की, और यहोवा से विशेष मन्नते माँगी।

17 योना जब समुद्र में गिरा, तो यहोवा ने योना को निगल जाने के लिये एक बहुत बड़ी मछली भेजी। योना तीन दिन और तीन रात तक उस मछली के पेट में रहा।

योना जब मछली के पेट में था, तो उसने अपने परमेश्वर यहोवा की प्रार्थना की। योना ने कहा,

“मैं गहरी विपत्ति में था।
    मैंने यहोवा की दुहाई दी
    और उसने मुझको उत्तर दिया!
मैं गहरी कब्र के बीच था हे यहोवा,
    मैंने तुझे पुकारा
    और तूने मेरी पुकार सुनी!

“तूने मुझको सागर में फेंक दिया था।
    तेरी शक्तिशाली लहरों ने मुझे थपेड़े मारे मैं सागर के बीच में,
मैं गहरे से गहरा उतरता चला गया।
    मेरे चारों तरफ बस पानी ही पानी था।
फिर मैंने सोचा,
‘अब मैं, जाने को विवश हूँ, जहाँ तेरी दृष्टि मुझे देख नहीं पायेगी।’
    किन्तु मैं सहायता पाने को तेरे पवित्र मन्दिर को निहारता रहूँगा।

“सागर के जल ने मुझे निगल लिया है।
    पानी ने मेरा मुख बन्द कर दिया,
    और मेरा साँस घुट गया।
मैं गहन सागर के बीच मैं उतरता चला गया
    मेरे सिर के चारों ओर शैवाल लिपट गये हैं।
मैं सागर की तलहटी पर पड़ा था,
    जहाँ पर्वत जन्म लेते हैं।
मुझको ऐसा लगा, जैसे इस बन्दीगृह के बीच सदा सर्वदा के लिये मुझ पर ताले जड़े हैं।
    किन्तु हे मेरे परमेश्वर यहोवा, तूने मुझको मेरी इस कब्र से निकाल लिया!
हे परमेश्वर, तूने मुझको जीवन दिया!

“जब मैं मूर्छित हो रहा था।
    तब मैंने यहोवा का स्मरण किया हे यहोवा,
मैंने तुझसे विनती की
    और तूने मेरी प्रार्थनाएं अपने पवित्र मन्दिर में सुनी।

“कुछ लोग व्यर्थ के मूर्तियों की पूजा करते हैं,
    किन्तु उन मूर्तियों ने उनको कभी सहारा नहीं दिया।
मुक्ति तो बस केवल यहोवा से आती है!
    हे यहोवा, मैं तुझे बलियाँ अर्पित करूँगा,
और तेरे गुण गाऊँगा।
    मैं तेरा धन्यवाद करूँगा।
मैं तेरी मन्नते मानूँगा और अपनी मन्नतों को पूरा करूँगा।”

10 फिर यहोवा ने उस मछली से कहा और उसने योना को सूखी धरती पर अपने पेट से बाहर उगल दिया।

परमेश्वर का बुलावा और योना का आज्ञापालन

इसके बाद यहोवा ने योना से फिर कहा। यहोवा ने कहा, “तू नीनवे के बड़े नगर में जा और वहाँ जा कर, जो बातें मैं तुझे बताता हूँ, उनकी शिक्षा दे।”

सो यहोवा की आज्ञा मान कर योना नीनवे को चला गया। निनवे एक विशाल नगर था। वह इतना विशाल था, कि उस नगर में एक किनारे से दूसरे किनारे तक व्यक्ति को पैदल चल कर जाने में तीन दिन का समय लगता था।

सो योना ने नगर की यात्रा आरम्भ की और सारे दिन चलने के बाद, उसने लोगों को उपदेश देना आरम्भ कर दिया। योना ने कहा, “चालीस दिन बाद नीनवे तबाह हो जायेगा!”

परमेश्वर की ओर से मिले इस सन्देश पर, नीनवे के लोगों ने विश्वास किया और उन लोगों ने कुछ समय के लिए खाना छोड़कर अपने पापों पर सोच—विचार करने का निर्णय लिया। लोगों ने अपना दु:ख व्यक्त करने के लिये विशेष प्रकार के वस्त्र धारण कर लिये। नगर के सभी लोगों ने चाहे वे बहुत बड़े या बहुत छोटे हो, ऐसा ही किया।

नीनवे के राजा ने ये बातें सुनीं और उसने भी अपने बुरे कामों का शोक मनाया। इसके लिये राजा ने अपना सिंहासन छोड़ दिया। उसने अपने राजसी वस्त्र हटा दिये और अपना दु:ख व्यक्त करने के लिये शोकवस्त्र धारण कर लिये। इसके बाद वह राजा धूल में बैठ गया। राजा ने एक विशेष सन्देश लिखवाया और उस सन्देश की सारे नगर में घोषणा करवा दी:

राजा और उसके बड़े शासकों की ओर से आदेश था:

कुछ समय के लिये कोई भी पुरूष अथवा कोई भी पशु कुछ भी नहीं खायेगा। किसी रेवड़ या पशुओं के झुण्ड को चरागाहों में नहीं जाने दिया जायेगा। नीनवे के सजीव प्राणी न तो कुछ खायेंगे और न ही जल पीयेंगे। बल्कि हर व्यक्ति और हर पशु टाट धारण करेंगे जिससे यह दिखाई दे कि वे दु:खी हैं। लोग ऊँचे स्वर में परमेश्वर को पुकारेंगे। हर व्यक्ति को अपना जीवन बदलना होगा और उसे चाहिये कि वह बुरे कर्म करना छोड़ दे। तब हो सकता है कि परमेश्वर की इच्छा बदल जाये और उसने जो योजना रच रखी है, वैसी बातें न करे। हो सकता है परमेश्वर की इच्छा बदल जाये और कुपित न हो। तब हो सकता है कि हमें दण्ड न दिया जाये।

10 लोगों ने जो बातें की थी, उन्हें परमेश्वर ने देखा। परमेश्वर ने देखा कि लोगों ने बुरे कर्म करना बन्द कर दिया है। सो परमेश्वर ने अपना मन बदल लिया और जैसा करने की उसने योजना रची थी, वैसा नहीं किया। परमेश्वर ने लोगों को दण्ड नहीं दिया।

परमेश्वर की करूणा से योना कुपित

योना इस बात पर प्रसन्न नहीं था कि परमेश्वर ने नगर को बचा लिया था। योना क्रोधित हुआ। उसने यहोवा से शिकायत करते हुए कहा, “मैं जानता था कि ऐसा ही होगा! मैं तो अपने देश में था, और तूने ही मुझसे यहाँ आने को कहा था। उसी समय मुझे यह पता था कि तू इस पापी नगर के लोगों को क्षमा कर देगा। मैंने इसलिये तर्शीश भाग जाने की सोची थी। मैं जानता था कि तू एक दयालु परमेश्वर है! मैं जानता था कि तू करूणा दर्शाता है और लोगों को दण्ड देना नहीं चाहता! मुझे पता था कि तू करूणा से पूर्ण है! मुझे ज्ञान था कि यदि इन लोगों ने पाप करना छोड़ दिया तो तू इनके विनाश की अपनी योजनाओं को बदल देगा। सो हे यहोवा, अब मैं तुझसे यही माँगता हूँ, कि तू मुझे मार डाल। मेरे लिये जीवित रहने से मर जाना उत्तम है!”

इस पर यहोवा ने कहा, “क्या तू सोचता है कि बस इसलिए कि मैं ने उन लोगों को नष्ट नहीं किया, तेरा क्रोध करना उचित है”

इन सभी बातों से योना अभी भी कुपित था। सो वह नगर के बाहर चला गया। योना एक ऐसे स्थान पर चला गया था जो नगर के पूर्वी प्रदेश के पास ही था। योना ने वहाँ अपने लिये एक पड़ाव बना लिया। फिर उसकी छाया में वहीं बैठे—बैठे वह इस बात की बाट जोहने लगा कि देखें इस नगर के साथ क्या घटता है

रेंड़ का पौधा और कीड़ा

उधर यहोवा ने रेंड़ का एक ऐसा पौधा लगाया जो बहुत तेज़ी से बढ़ा और योना पर छा गया। इसने योना को बैठने के लिए एक शीतल स्थान बना दिया। योना को इससे और अधिक आराम प्राप्त हुआ। इस पौधे के कारण योना बहुत प्रसन्न था।

अगले दिन सुबह उस पौधे का एक भाग खा डालने के लिये परमेश्वर ने एक कीड़ा भेजा। कीड़े ने उस पौधे को खाना शुरू कर दिया और वह पौधा मुरझा गया।

सूरज जब आकाश में ऊपर चढ़ चुका था, परमेश्वर ने पुरवाई की गर्म हवाएँ चला दीं। योना के सिर पर सूरज चमक रहा था, और योना एक दम निर्बल हो गया था। योना ने परमेश्वर से चाहा कि वह वह उसे मौत दे दे। योना ने कहा, “मेरे लिये जीवित रहने से अच्छा है कि मैं मर जाऊँ।”

किन्तु परमेश्वर ने यहोवा से कहा, “बता, तेरे विचार में क्या सिर्फ इसलिए कि यह पौधा सूख गया है, तेरा क्रोध करना उचित है”

योना ने उत्तर दिया, “हाँ मेरा क्रोध करना उचित ही है! मुझे इतना क्रोध आ रहा है कि जैसे बस मैं अपने प्राण ही दे दूँ!”

10 इस पर यहोवा ने कहा, “देख, उस पौधे के लिये तूने तो कुछ भी नहीं किया! तूने उसे उगाया तक नहीं। वह रात में फूटा था और अगले दिन नाश हो गया और अब तू उस पौधे के लिये इतना दु:खी है। 11 यदि तू उस पौधे के लिए व्याकुल हो सकता है, तो देख नीनवे जैसे बड़े नगर के लिये जिसमें बहुत से लोग और बहुत से पशु रहते हैं, जहाँ एक लाख बीस हजार से भी अधिक लोग रहते हैं और जो यह भी नहीं जानते कि वे कोई गलत काम कर रहे हैं, उनके लिये क्या मैं तरस न खाऊँ!”

शोमरोन और इस्राएल को दण्ड दिया जायेगा

यहोवा का वह वचन जो राजा योताम, आहाज और हिजकिय्याह के समय में मीका को प्राप्त हुआ। ये पुरूष यहूदा के राजा थे। मीका मोरेशेती से था। मीका ने शोमरोन और यरूशलेम के बारे में ये दर्शन देखे।

हे लोगों, तुम सभी सुनो!
    हे धरती और जो कुछ भी धरती पर है, सुन।
मेरा स्वामी यहोवा इस पवित्र मन्दिर से जायेगा।
    मेरा स्वामी तुम्हारे विरोध में एक साक्षी के रूप में आयेगा।
देखो, यहोवा अपने स्थान से बाहर जा रहा है।
    वह धरती के ऊँचे स्थानों पर चलने के लिये उतर कर नीचे आ रहा है।
परमेश्वर यहोवा के पांव तले पहाड़ पिघल जायेंगे,
    घाटियाँ चरमरा जायेंगी।
जैसे आग के सामने मोम पिघल जाता है,
    जैसे ढलान से पानी उतरता हुआ बहता है।
ऐसा क्यों होगा यह इसलिये होगा कि याकूब ने पाप किया है।
    क्योंकि इस्राएल के वंश ने पाप किया है।

शोमरोन, पाप का कारण

याकूब से किसने पाप मानने से मना करवाया है
    वह तो शोमरोन है!
यहूदा में और कौन ऊँचा स्थान है
    यह तो यरूशलेम है!
इसलिये मैं शोमरोन को खाली मैदान के खण्डहरों का ढ़ेर बनाऊँगा।
    वह ऐसा स्थान हो जायेगा जिसमें अंगूर लगाये जाते हैं।
मैं शोमरोन के पत्थरों को घाटी में नीचे उखाड़ फेंकूँगा
    और मैं उसकी नीवों को बर्बाद करदूँगा!
उसके सारे मूर्ति टुकड़ों मे तोड़ दिये जायेंगे।
    सारा धन, जो भी इसने कमाया है, आग से भस्म होगा
और मैं इसके झूठे देवताओं की मूर्तियों को नष्ट कर दूँगा
    क्योंकि शोमरोन से ये वस्तुएँ मेरे प्रति सच्चा न रहकर के पाई।
सो ये सारी वस्तुएँ दूसरों के पास चली जायेंगी।
    ऐसे लोगों के पास जो मेरे प्रति सच्चे नहीं हैं।

मीका का महान दु:ख

मैं इस शीघ्र आने वाले विनाश के कारण व्याकुल होऊँगा और हाय—हाय करूँगा।
    मैं जूते न पहनूँगा और न वस्त्र धारण करूँगा।
गीदड़ों के जैसे मैं जोर से चिल्लाऊँगा।
    मैं विलाप करूँगा जैसे शुतुर्मुर्ग करते हैं।
शोमरोन का घाव नहीं भर सकता है।
    उसकी व्याधी (पाप) यहूदा तक फैल गया है।
यह मेरे लोगों के नगर—द्वार तक पहुँच गया
    बल्कि यह यरूशलेम तक आ गया है।
10 इसकी बात गात की नगरी में मत करो।
    अको में मत रोओ।
विलाप करो
    और बेत—आप्रा को मिट्टी में लोटों।
11 हे शापीर की निवासिनी,
    तू अपनी राह नंगी चली जा और लज्जाहीन हो कर चली जा।
वे लोग, जो सानान के निवासी हैं,
    बाहर नहीं निकलेंगे।
बेतेसेल के लोग रोये बिलखायेंगे
    और तुम से इसका सहारा लेंगे।
12 ऐसा वह व्यक्ति जो मारोत का निवासी है,
    सुसमाचार आने को बाट जोहता हुआ दुर्बल हुआ जा रहा है।
क्यों? क्योंकि यहोवा से नीचे यरूशलेम के नगर द्वार पर
    विपत्ती के उतरी है।
13 हे लाकीश के निवासियों,
    तुम वेगवान घोड़ो को रथ में जोतो।
सिय्योन के पाप लाकीश में शुरू हुए थे।
    क्यों क्योंकि तू इस्राएल के पापों का अनुसरण करती है।
14 सो तुझे गात में मोरेशेत को
    विदा के उपहार देने हैं।
इस्राएल के राजा को
    अकजीव के घराने छलेंगे।
15 हे मारेशा के निवासियों,
    तेरे विरूद्ध मैं एक व्यक्ति को लाऊँगा
जो तेरी सब वस्तुओं को छींन लेगा।
    इस्राएल की महिमा (परमेश्वर) अदुल्लाम में आयेगी।
16 इसलिये तू अपने बाल काट ले और तू गंजा बन जा।
    क्यों? क्योंकि तू अपने बच्चों के लिये जिनसे तू प्यार करता था
रोये चिल्लायेगा और तू शोक दर्शाने के लिये गंजा गिद्ध बन जा।
    क्यों क्योंकि वे तुझको छोड़ने को और बाहर निकल जाने को विवश हो जायेंगे।

लोगों की बुरी योजनाएँ

ऐसे उन लोगों पर विपत्तियाँ गिरेंगी, जो पापपूर्ण योजना बनाते हैं।
    ऐसे लोग बिस्तर में सोते हुए षड़यन्त्र रचते हैं
और पौ फटते ही वे अपने षड़यन्त्रों पर चलने लगते हैं।
    क्यों क्योकि उन के पास उन्हें पूरा करने की शक्ति है।
उन्हें खेत चाहिये सो वे उनको ले लेते हैं।
    उनको घर चाहिये सो वे उनको ले लेते हैं।
वे किसी व्यक्ति को छलते हैं और उसका घर छींन लेते हैं।
    वे किसी व्यक्ति को छलते हैं और वे उससे उसकी वस्तुएँ छीन लेते हैं।

लोगों को दण्ड देने की योहोवा की योजनाएँ

इसलिये यहोवा ये बातें कहता है,
“देखो, मैं इस परिवार पर विपत्तियाँ ढाने की योजना रच रहा हूँ।
    तुम अपनी सुरक्षा नहीं कर पाओगे।
इस जुए के बोझ से तुम सिर ऊँचा करके नहीं चल पाओगे।
    क्यों क्योंकि यह एक बुरा समय होगा।
उस समय लोग तेरी हँसी उड़ाएँगे।
    तेरे बारे मे लोग करूण गीत गायेंगे और वे कहेंगे:
‘हम बर्बाद हो गये!
    यहोवा ने मेरे लोगों की धरती छीन ली है और उसे दूसरे लोगों को दे दिया है।
हाँ उसने मेरी धरती को मुझसे छीन लिया है।
    यहोवा ने हमारी धरती हमारे शत्रुओं के बीच बाँट दी है।
तेरी भूमि कोई व्यक्ति नाप नहीं पायेगा।
    यहोवा के लोगों में भूमि को बाँटने के लिये लोग पासे नहीं डालेंगे।’”

मीका को उपदेश देने को मना करना

लोग कहा करते हैं, “तू हमको उपदेश मत दे।
    उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिये,
हम पर कोई भी बुरी बात नहीं पड़ेगी।”

हे याकूब के लोगों,
    किन्तु मुझे यह बातें कहनी है,
जो काम तूने किये हैं,
    यहोवा उनसे क्रोधित हो रहा है।
यदि तुम लोग उचित रीति से जीवन जीते तो
    मैं तुम्हारे लिये अच्छे शब्द कहता।
किन्तु अभी हाल में, मेरे ही लोग मेरे शत्रु हो गये हैं।
    तुम राहगीरों के कपड़े उतारते हो।
जो लोग सोचते हैं कि वे सुरक्षित हैं,
    किन्तु तुम उनसे ही वस्तुएँ छींनते हो जैसे वे युद्धबन्दी हो।
मेरे लोगों की स्त्रियों को तुमने उनके घर से निकल जाने को विवश किया
    जो घर सुन्दर और आराम देह थे।
तुमने मेरी महिमा को उनके नन्हे बच्चों से
    सदा—सदा के लिये छीन लिया है।
10 उठो और यहाँ से भागो!
    यह विश्राम का स्थान नहीं है।
क्योंकी यह स्थान पवित्र नहीं है, यह नष्ट हो गया!
    यह भयानक विनाश है!

11 सम्भव है, कोई झूठा नबी आये और वह झूठ बोले।
    सम्भव है, वह कहे, “ऐसा समय आयेगा जब दाखमधु बहुत होगा,
जब मन्दिर बहुतायत में होगी
    और फिर इस तरह वह उसका नबी बन जायेगा।”

यहोवा अपने लोगों को एकत्र करेगा

12 हाँ, हे याकूब के लोगों, मैं तुम सब को ही इकट्ठा करूँगा।
    मैं इस्राएल के बचे हुए लोगों को एकत्र करूँगा।
जैसे बाड़े में भेड़े इकट्ठी की जाती हैं,
    वैसे ही मैं उनको एकत्र करूँगा
जैसे किसी चरागाह में भेड़ों का झुण्ड।
    फिर तो वह स्थान बहुत से लोगों के शोर से भर जायेगा।
13 उनमें से कोई मुक्तिदाता उभरेगा।
    प्राचीर तोड़ता वहाँ द्वार बनाता, वह अपने लोगों के सामने आयेगा।
वे लोग मुक्त होकर उस नगर को छोड़ निकलेंगे।
    उनके सामने उनका राजा चलेगा।
    लोगों के सामने उनका यहोवा होगा।

इस्राएल के मुखिया बुराई के अपराथी हैं

फिर मैंने कहा, “हे याकूब के मुखियाओं, अब सुनो।
हे इस्राएल के प्रजा के शासकों, अब सुनो।
    तुमको जानना चाहिये कि न्याय क्या होता है!
किन्तु तुमको नेकी से घृणा है
    और तुम लोगों की खाल तक उतार लेते हो।
    तुम लोगों की हड्डियों से माँस नोंच लेते हो!
तुम मेरे लोगों को नष्ट कर रहे हो!
    तुम उनकी खाल तक उनसे उतार रहे हो और उनकी हड्डियाँ तोड़ रहे हो।
    तुम उनकी हड्डियाँ ऐसे तोड़ रहे हो जैसे हांडी में माँस चढ़ाने के लिये।
तुम यहोवा से विनती करोगे
    किन्तु वह तुम्हें उत्तर नहीं देगा।
नहीं, यहोवा अपना मुख तुमसे छुपायेगा।
    क्यों क्योंकि तुमने बुरे कर्म किये हैं।”

झूठे नबी

झूठे नबी यहोवा के लोगों को जीवन की उलटी रीति सीखाते हैं। यहोवा उन झूठे नबियों के विषय में यह कहता है:

“यदि लोग इन नबियों को खाने को देते हैं,
तो वे चिल्लाकर कहते हैं, तुम्हारे संग शान्ति हो,
    किन्तु यदि लोग उन्हें खाने को नहीं देते तो वे सेना को उनके विरूद्ध युद्ध करने को प्रेरित करते हैं।

“इसलिये यह तुम्हारे लिये रात सा होगा।
    तुम कोई दर्शन नहीं देख पाओगो।
भविष्य के गर्त में जो छिपा है, तुम बता नहीं पाओगे।
    इसलिये यह तुमको अन्धेरे जैसा लगेगा।
नबियों पर सूर्य छिप जायेगा
    और उनके ऊपर दिन काला पड़ जायेगा।
भविष्य के दृष्टा लज्जित हो जायेंगे।
    वे लोग, जो भविष्य देखते हैं, उनके मुँह काले हो जायेंगे।
हाँ, वे सभी अपना मुँह बन्द कर लेंगे।
    क्यों क्योंकि वहाँ परमेश्वर की ओर से कोई उत्तर नहीं होगा!”

मीका परमेश्वर का सच्चा नबी है

किन्तु यहोवा की आत्मा ने मुझको शक्ति, नेकी,
    और सामर्थ्य से भर दिया था।
मैं याकूब को उसके पाप बतलाऊँगा।
    हाँ, मैं इस्राएल को उसके पापों के विषय में कहूँगा!

इस्राएल के मुखिया दोषी हैं

हे याकूब के मुखियाओं, इस्राएल के शासकों तुम मेरी बात सुनो!
    तुम खरी राहों से घृणा करते हो!
यदि कोई वस्तु सीधी हो तो
    तुम उसे टेढ़ी कर देते हो!
10 तुमने सिय्योन का निर्माण लोगों की हत्या करके किया।
    तुमने यरूशलेम को पाप के द्वारा बनाया था!
11 यरूशलेम के न्यायाधीश उनके पक्ष में जो न्यायालय में जीतेगा,
    निर्णर्य देने के लिए घूस लिया करते हैं।
यरूशलेम के याजकों को धन देना पड़ता है,
    इसके पहले कि वे लोगों को सीख दें।
लोगों को नबियों को धन देना पड़ता है।
    इसके पहले कि वे भविष्य में झाँकें और फिर भी वे मुखिया सोचते हैं
कि उन पर कोई दण्ड नहीं पड़ सकता।
    वे सोचा करते हैं, यहोवा उनको बचा लेगा और वे कहते हैं, “यहोवा हमारे बीच रहता है।
    इसलिए हमारे साथ कोई बुरी बात घट नहीं सकती है।”

12 हे मुखियाओं, तुम्हारे ही कारण सिय्योन का विनाश होगा।
    यह किसी जुते हुए खेत सा सपाट हो जायेगा।
यरूशलेम पत्थरों का टीला बन जाएगा
    और मन्दिर का पर्वत झाड़ियों से ढ़का हुआ एक सूनी पहाड़ी होगा।

व्यवस्था यरूशलेम से आयेगी

आगे आने वाले समय में यह घटना घटेगी यहोवा के मन्दिर का पर्वत
    सभी पर्वतों में अत्यन्त ही महत्वपूर्ण हो जायेगा।
उसे पहाड़ों के ऊपर उठा दिया जायेगा।
    दूसरे देशों के लोग इसकी ओर उमड़ पड़ेंगे।
अनेक जातियाँ यहाँ आ कर कहेंगी,
    “आओ! चलो, यहोवा के पहाड़ के ऊपर चलें।
    याकूब के परमेश्वर के मन्दिर चलें।
फिर परमेश्वर हमको अपनी राह सिखायेगा
    और फिर हम उसके पथ में बढ़ते चले जायेंगे।”

क्यों क्योंकि परमेश्वर की शिक्षाएँ सिय्योन से आयेंगी
    और यहोवा का वचन यरूशलेम से आयेगा।
परमेश्वर बहुत सी जातियों का न्याय करेगा।
    परमेश्वर उन सशक्त देशों के फैसले करेगा,
जो बहुत—बहुत दूर हैं और फिर वे देश अपनी तलवारें गलाकर
    और पीटकर हल की फाली में बदल लेंगे।
    वे देश अपने भालो को पीटकर ऐसे औजारों मे बदल लेंगे, जिनसे पेड़ों की कांट—छाँट हुआ करती है।
देश तलवारें उठाकर आपस में नहीं लड़ेंगे।
    अब वे युद्ध की विद्याएँ और अधिक नहीं सीखेंगे।
किन्तु हर कोई अपने अंगूरों की बेलों तले
    और अंजीर के पेड़ के नीचे बैठा करेगा।
कोई भी व्यक्ति उन्हें डरा नहीं पायेगा!
    क्यों क्योंकि सर्वशक्तिमान यहोवा ने यह कहा है!
दूसरे देशों के सभी लोग अपने देवताओं का अनुसरण करते हैं।
    किन्तु हम अपने परमेश्वर यहोवा के नाम में सदा—सर्वदा जिया करेंगे!

वह राज्य जिसे वापस लाना है

होवा कहता है,
“यरूशलेम पर प्रहार हुआ और वह लंगड़ा हो गया।
    यरूशलेम को फेंक दिया गया था।
यरूशलेम को हानि पहुँचाई गई और उसको दण्ड दिया।
    किन्तु मैं उसको फिर अपने पास वापस ले आऊँगा।

“उस ‘ध्वस्त’ नगरी के लोग विशेष वंश होंगे।
    उस नगर के लोगों को छोड़कर भाग जाने को
विवश किया गया था।
    किन्तु मैं उनको एक सुदृढ़ जाति के रूप में बनाऊँगा।”
यहोवा उनका राजा होगा
    और वह सिय्योन के पहाड़ पर से सदा शासन करेगा।
हे रेवड़ के मीनार,
    हे ओपेल, सिय्योन की पहाड़ी!
जैसा पहले राज्य हुआ करता था,
    तू वैसा ही राज्य बनेगी।
हाँ, हे सिय्योन की पुत्री!
    वह राज्य तेरे पास आयेगा।

इस्राएलियों को बाबुल के पास निश्चय ही क्यों जाना चाहिए

अब तुम क्यों इतने ऊँचे स्वर में पुकार रहे हो?
    क्या तुम्हारा राजा जाता रहा है?
क्या तुमने अपना मुखिया खो दिया है?
    तुम ऐसे तड़प रहे हो जैसे कोई स्त्री प्रसव के काल में तड़पती है।
10 सिय्योन की पुत्री, तू पीड़ा को झेल।
    तू उस स्त्री जैसी हो जो प्रसव की घड़ी में बिलखती है।
क्योंकि अब तुझको नगर (यरूशलेम) त्यागना है।
    तुझको खुले मैदान में रहना है।
तुझे बाबुल जाना पड़ेगा
    किन्तु उस स्थान से तेरी रक्षा हो जायेगी।
यहोवा वहाँ जायेगा
    और वह तुझको तेरे शत्रुओं से वापस ले आयेगा।

दूसरी जातियों को यहोवा नष्ट करेगा

11 तुझसे लड़ने के लिये अनेक जातियाँ आयीं।
    वे कहती हैं, “सिय्योन को देखो!
    उस पर हमला करो!”

12 लोगों की उनकी अपनी योजनाएँ हैं
    किन्तु उन्हें ऐसी उन बातों का पता नहीं जिनके विषय में यहोवा योजना बना रहा है।
यहोवा उन लोगों को किसी विशेष प्रयोजन के लिये यहाँ लाया।
    वे लोग वैसे कुचल दिये जायेंगे जैसे खलिहान में अनाज की पूलियाँ कुचली जाती हैं।

इस्राएल अपने शत्रुओं को पराजित कर विजयी होगा

13 हे सिय्योन की पुत्री, खड़ी हो और तू उन लोगों को कुचल दे!
    मैं तुम्हें बहुत शक्तिशाली बनाऊँगा।
तू ऐसी होगी जैसे तेरे लोहे के सींग हो।
तू ऐसी होगी जैसे तेरे काँसे के खुर हो।
    तू मार—मार कर बहुत सारे लोगों की धज्जियाँ उड़ा देगी।
“तू उनके धन को यहोवा को अर्पित करेगी।
    तू उनके खजाने, सारी धरती के यहोवा को अर्पित करेगी।”

हे सुदृढ़ नगर, अब तू अपने सैनिकों को एकत्र कर।
    शत्रु आक्रमण करने को हमें घेर रहे हैं!
वे इस्राएल के न्यायाधीश के मुख पर
    अपने सोटे से प्रहार करेंगे।

बेतलेहेम में मसीह जन्म लेगा

हे बेतलेहेम एप्राता, तू यहूदा का छोटा नगर है
    और तेरा वंश गिनती में बहुत कम है।
किन्तु पहले तुझसे ही “मेरे लिये इस्राएल का शासक आयेगा।”
बहुत पहले सुदूर अतीत में
    उसके घराने की जड़े बहुत पहले से होंगी।
यहोवा अपने लोगों को उनके शत्रुओं के हाथ में सौंप देगा।
    वे उस समय तक वही पर बने रहेंगे जब तक वह स्त्री अपने बच्चे को जन्म नहीं देती।
फिर उसके बन्धु जो अब तक जीवित हैं, लौटकर आयेंगे।
    वे इस्राएल क लोगों के पास लौटकर आयेंगे।
तब इस्राएल का शासक खड़ा होगा और भेड़ों के झुण्ड को चरायेगा।
    यहोवा की शक्ति से वह उनको राह दिखायेगा।
वह यहोवा परमेश्वर के अदभुत नाम की शक्ति से उनको राहें दिखायेगा।
    वहाँ शान्ति होगी, क्योंकि ऐसे उस समय में उसकी महिमा धरती के छोरों तक पहुँच जायेगी।
    वहाँ शान्ति होगी,

यदि अश्शूर की सेना हमारे देश में आयेगी
    और वह सेना हमारे विशाल भवन तोड़ेगी,
तो इस्राएल का शासक सात गड़ेरिये चुनेगा।
    नहीं, हम आठ मुखियाओं को पायेंगे।
वे अश्शूर के लोगों पर अपनी तलवारों से शासन करेंगे।
    नंगी तलवारों के साथ उन का राज्य निम्रोद की धरती पर रहेगा।
फिर इस्राएल का शासक हमको अश्शूर के लोगों से बचायेगा।
    वे लोग जो हमारी धरती पर चढ़ आयेंगे और वे हमारी सीमाएँ रौंद डालेंगे।
फिर बहुत से लोगों के बीच में याकूब के बचे हुए वंशज ओस के बूँद जैसे होंगे जो यहोवा की ओर से आई हो।
    वे घास के ऊपर वर्षा जैसे होंगे।
वे लोगों पर निर्भर नहीं होंगे।
वे किसी जन की प्रतीक्षा नहीं करेंगे।
    वे किसी पर भी निर्भर नहीं होंगे।
बहुत से लोगों के बीच याकूब के बचे हुए लोग
    उस सिंह जैसे होंगे
जो जंगल के पशुओं के बीच होता है।
    जब सिंह बीच से गुजरता है
तो वह वहीं जाता है,
    जहाँ वह जाना चाहता है।
वह पशु पर टूट पड़ता है
    और उस पशु को कोई बचा नहीं सकता है।
    उसके बचे हुए लोग ऐसे ही होंगे।
तुम अपने हाथ अपने शत्रुओं पर उठाओगे
    और तुम उनका विनाश कर डालोगे।

लोग परमेश्वर के भरोसे रहेंगे

10 यहोवा कहता है:
“उस समय मैं तुमसे तुम्हारे घोड़े छींन लूँगा।
    तुम्हारे रथों को नष्ट कर डालूँगा।
11 मैं तुम्हारे देश के नगर उजाड़ दूँगा।
    मैं तुम्हारे सभी गढ़ों को गिरा दूँगा।
12 फिर तुम जादू चलाने को यत्न नहीं करोगे।
    फिर ऐसे उन लोगों को, जो भविष्य बताने का प्रयत्न करते हैं, तुम नहीं रखोगे।
13 मैं तुम्हारे झूठे देवताओं की मूर्तियों को नष्ट करूँगा।
    उन झूठे देवों के पत्थर के स्मृति—स्तम्भ मैं उखाड़ फेंकूँगा जिनको तुमने स्वयं अपने हाथों से बनाया है।
    तुम उनकी पूजा नहीं कर पाओगे।
14 मैं अशेरा की पूजा के खम्भों को नष्ट कर दूँगा।
    तुम्हारे झूठे देवताओं को मैं तहस—नहस कर दूँगा।
15 कुछ लोग ऐसे होंगे जो मेरी नहीं सुनेंगे।
    मैं उन पर क्रोध करूँगा और मैं उनसे बदला लूँगा।”

यहोवा परमेश्वर की शिकायत

जो यहोवा कहता है, उस पर तुम कान दो।
“तुम पहाड़ों के सामने खड़े हो जाओ और फिर उनको कथा का अपना पक्ष सुनाओ,
    पहाड़ों को तुम अपनी कहानी सुनाओ।
यहोवा को अपने लोगों से एक शिकायत है।
    पर्वतों, तुम यहोवा की शिकायत को सुनो।
धरती की नीवों, यहोवा की शिकायत को सुनो।
    वह प्रमाणित करेगा कि इस्राएल दोषी हैं!”

यहोवा कहता है: “हे मेरे लोगों, क्या मैंने कभी तुम्हारा कोई बुरा किया है?
    मैंने कैसे तुम्हारा जीवन कठिन किया है?
    मुझे बताओ, मैंने तुम्हारे साथ क्या किया है?
मैं तुमको बताता हूँ जो मैंने तुम्हारे साथ किया है,
    मैं तुम्हें मिस्र की धरती से निकाल लाया,
मैंने तुम्हें दासता से मुक्ति दिलायी थी।
    मैंने तुम्हारे पास मूसा, हारून और मरियम को भेजा था।
हे मेरे लोगों, मोआब के राजा बालाक के कुचक्र याद करो।
    वे बातें याद करो जो बोर के पुत्र बिलाम ने बालाक से कहीं थी।
वे बातें याद करो जो शित्तीम से गिल्गाल तक घटी थी।
    तभी समझ पाओगे की यहोवा उचित है!”

परमेश्वर हम से क्या चाहता है

जब मैं यहोवा के सामने जाऊँ और प्रणाम करूँ,
    तो परमेश्वर के सामने अपने साथ क्या लेकर के जाऊँ
क्या यहोवा के सामने
    एक वर्ष के बछड़े की होमबलि लेकर के जाऊँ
क्या यहोवा एक हजार मेढ़ों से
    अथवा दासियों हजार तेल की धारों से प्रसन्न होगा?
क्या अपने पाप के बदले में मुझको
    अपनी प्रथम संतान जो अपनी शरीर से उपजी हैं, अर्पित करनी चाहिये?
हे मनुष्य, यहोवा ने तुझे वह बातें बतायीं हैं जो उत्तम हैं।
    ये वे बातें हैं, जिनकी यहोवा को तुझ से अपेक्षा है।
ये वे बातें हैं—तू दुसरे लोगों के साथ में सच्चा रह;
    तू दूसरों से दया के साथ प्रेम कर,
    और अपने जीवन नम्रता से परमेश्वर के प्रति बिना उपहारों से तुम उसे प्रभावित करने का जतन मत करो।

इस्राएल के लोग क्या कर रहे थे

यहोवा की वाणी यरूशलेम नगर को पुकार रही है।
बुद्धिमान व्यक्ति यहोवा के नाम को मान देता हैं।
    इसलिए सजा के राजदण्ड पर ध्यान दे और उस पर ध्यान दे, जिसके पास राजदण्ड है!
10 क्या अब भी दुष्ट अपने चुराये खजाने को
    छिपा रहे हैं?
क्या दुष्ट अब भी लोगों को
    उन टोकरियों से छला करते हैं
    जो बहुत छोटी हैं (यहोवा इस प्रकार से लोगों को छले जाने से घृणा करता है!)
11 क्या मैं उन ऐसे बुरे लोगों को नजर अंदाज कर दूँ जो अब भी खोटे बाँट और खोटी तराजू लोगों को ठगने के काम में लाते हैं?
    क्या मैं उन ऐसे बुरे लोगों को नजर अंदाज कर दूँ, जो अब भी ऐसी गलत बोरियाँ रखते हैं?
    जिनके भार से गलत तौल दी जाती है?
12 उस नगर के धनी पुरूष अभी भी क्रूर कर्म करते हैं!
    उस नगर के निवासी अभी भी झूठ बोला करते हैं।
    हाँ, वे लोग मनगढ़ंत झूठों को बोला करते हैं!
13 सो मैंने तुम्हें दण्ड देना शुरू कर दिया है।
    मैं तुम्हें तुम्हारे पापों के लिये नष्ट कर दूँगा।
14 तुम खाना खाओगे किन्तु तुम्हारा पेट नहीं भरेगा।
    तुम फिर भी भूखे रहोगे।
तुम लोगों को बचाओगे, उन्हें सुरक्षित घऱ ले आने को
    किन्तु तुम जिसे भी बचाओगे, मैं उसे तलवार के घाट उतार दूँगा!
15 तुम अपने बीज बोओगे
    किन्तु तुम उनसे भोजन नहीं प्राप्त करोगे।
तुम घानी में पेर कर अपने जैतून का तेल निचोड़ोगे
    किन्तु तुम्हें उतना भी तेल नहीं मिलेगा जो अर्घ्य देने को प्रयाप्त हो।
तुम अपने अंगूरों को खूंद कर निचोड़ोगे
    किन्तु तुमको वह दाखमधु पीने को काफी नहीं होगा।
16 ऐसा क्यों होगा? क्योंकि तुम ओम्री के नियमों पर चलते हो।
    तुम उन बुरी बातों को करते हो जिनको आहाब का परिवार करता था।
तुम उनकी शिक्षाओं पर चला करते हो
    इसलिये मैं तुम्हें नष्ट भ्रष्ट कर दूँगा।
तुम्हारे नगर के लोग हँसी के पात्र बनेंगे।
    तुम्हें अन्य राज्यों की घृणा झेलनी होगी।

लोगों के पाप—आचरण पर मीका की व्याकुलता

मैं व्याकुल हूँ, क्यों क्योंकि मैं गर्मी के उस फल सा हूँ जिसे अब तक बीन लिया गया है।
    मैं उन अंगूरों सा हूँ जिन्हें तोड़ लिया गया है।
अब वहाँ कोई अंगूर खाने को नहीं बचे है।
    शुरू की अंजीरें जो मुझको भाती हैं, एक भी नहीं बची है।
इसका अर्थ यह है कि सभी सच्चे लोग जाते रहे हैं।
    कोई भी सज्जन व्यक्ति इस प्रदेश में नहीं बचा है।
हर व्यक्ति किसी दूसरे को मारने की घात में रहता है।
    हर व्यक्ति अपने ही भाई को फंदे में फँसाने का जतन करता है।
लोग दोनों हाथों से बुरा करने में पारंगत हैं।
    अधिकारी लोग रिश्वत माँगते हैं।
न्यायाधीश अदालतों में फैसला बदलने के लिये धन लिया करते हैं।
    “महत्वपूर्ण मुखिया” खरे और निष्पक्ष निर्णय नहीं लेते हैं।
    उन्हें जैसा भाता है, वे वैसा ही काम करते हैं।
यहाँ तक कि उनका सर्वोच्च काँटों की झाड़ी सा होता है।
    यहाँ तक कि उनका सर्वाच्च काँटों की झाड़ी से अधिक टेढ़ा होता है।

दण्ड का दिन आ रहा है

तुम्हारे नबियों ने कहा था कि यह दिन आयेगा
    और तुम्हारे रखवालों का दिन आ पहुँचा है।
अब तुमको दण्ड दिया जायेगा!
    तुम्हारी मति बिगड़ जायेगा!
तुम अपने पड़ोसी का भरोसा मत करो!
    तुम मित्र का भरोसा मत करो!
अपनी पत्नी तक से
    खुलकर बात मत करो!
व्यक्ति के अपने ही घर के लोग उसके शत्रु हो जायेंगे।
    पुत्र अपने पिता का आदर नहीं करेगा।
पुत्री अपनी माँ के विरूद्ध हो जायेगी।
    बहू अपने सास के विरूद्ध हो जायेगी।

यहोवा बचाने वाला है

मैं सहायता के लिये यहोवा को निहारूँगा!
    मैं परमेश्वर की प्रतीक्षा करूँगा कि वह मुझ को बचा ले।
    मेरा परमेश्वर मेरी सुनेगा।
मेरा पतन हुआ है।
    किन्तु हे मेरे शत्रु, मेरी हँसी मत उड़ा!
मैं फिर से खड़ा हो जाऊँगा।
    यद्यपि आज अंधेरे में बैठा हूँ यहोवा मेरे लिये प्रकाश होगा।

यहोवा क्षमा करता है

यहोवा के विरूद्ध मैंने पाप किया था।
    अत: वह मुझ पर क्रोधित था।
किन्तु न्यायालय में वह मेरे अभियोग का वकालत करेगा।
    वह, वे ही काम करेगा जो मेरे लिये उचित है।
फिर वह मुझको बाहर प्रकाश में ले आयेगा
    और मैं उसके छुटकारे को देखूँगा।
10 फिर मेरी बैरिन यह देखेगी
    और लज्जित हो जायेगी।
मेरे शत्रु ने यह मुझ से कहा था,
    “तेरा परमेश्वर यहोवा कहाँ है”
उस समय, मैं उस पर हँसूंगी।
    लोग उसको ऐसे कुचल देंगे जैसे गलियों में कीचड़ कुचली जाती है।

यहूदी लौटने को हैं

11 वह समय आयेगा, जब तेरे परकोटे का फिर निर्माण होगा,
    उस समय तुम्हारा देश विस्तृत होंगे।
12 तेरे लोग तेरी धरती पर लौट आयेंगे।
    वे लोग अश्शूर से आयेंगे और वे लोग मिस्र के नगरों से आयेंगे।
तेरे लोग मिस्र से और परात नदी के दूसरे छोर से आयेंगे।
    वे पश्चिम के समुद्र से और पूर्व के पहाड़ों से आयेंगे।

13 धरती उन लोगों के कारण जो इसके निवासी थे
    बर्बाद हुई थी, उन कर्मो के कारण जिनको वे करते थे।
14 सो अपने राजदण्ड से तू उन लोगों का शासन कर।
    तू उन लोगों के झुण्ड का शासन कर जो तेरे अपने हैं।
लोगों का वह झुण्ड जंगलों में
    और कर्म्मेल के पहाड़ पर अकेला ही रहता है।
वह झुण्ड बाशान में रहता है और गिलाद में बसता है
    जैसे वह पहले रहा करता था!

इस्राएल अपने शत्रुओं को हरायेगा

15 जब मैं तुमको मिस्र से निकाल कर लाया था, तो मैंने बहुत से चमत्कार किये थे।
    वैसे ही और चमत्कार मैं तुमको दिखाऊँगा।
16 वे चमत्कार जातियाँ देखेंगी
    और लज्जित हो जायेंगी।
वे जातियाँ देखेंगी कि
    उनकी “शक्ति” मेरे सामने कुछ नहीं हैं।
वे चकित रह जायेंगे
    और वे अपने मुखों पर हाथ रखेंगे!
वे कानों को बन्द कर लेंगे
    और कुछ नहीं सुनेंगे।
17 वे सांप से धूल चाटते हुये धरती पर लोटेंगे,
    वा भय से काँपेंगे।
जैसे कीड़े निज बिलों से रेंगते हैं,
    वैसे ही वे धरती पर रेंगा करेंगे।
    वे डरे—कांपते हुये हमारे परमेश्वर यहोवा के पास जायेंगे।
परमेश्वर, वे तुम्हारे सामने डरेंगे।

यहोवा की स्तुति

18 तेरे समान कोई परमेश्वर नहीं है।
    तू पापी जनों को क्षमा कर देता है।
    तू अपने बचे हुये लोगों के पापों को क्षमा करता है।
यहोवा सदा ही क्रोधित नहीं रहेगा,
    क्योंकि उसको दयालु ही रहना भाता है।
19 हे यहोवा, हमारे पापों को दूर करके फिर हमको सुख चैन देगा,
    हमारे पापों को तू दूर गहरे सागर में फेंक देगा।
20 याकूब के हेतु तू सच्चा होगा।
    इब्राहीम के हेतु तू दयालु होगा, तूने ऐसी ही प्रतिज्ञा बहुत पहले हमारे पूर्वजो के साथ की थी।

यह नीनवे के विषय में एक दु:खद भविष्यवाणी है। यह पुस्तक नहूम के दर्शन की पुस्तक है। नहूम एल्कोश से था।

यहोवा नीनवे से कुपित है

यहोवा जलन रखने वाला परमेश्वर है।
    यहोवा अपराधी लोगों को दण्ड देता है।
    और यहोवा बहुत कुपित है!
यहोवा अपने शत्रुओं को दण्ड देता है।
    वह अपने बैरियों पर क्रोधित रहता है।
यहोवा धैर्यशील है, किन्तु साथ ही वह बहुत महा सामर्थी है!
    और यहोवा अपराधी लोगों को दण्ड देता है।
वह उन्हें ऐसे ही छुट कर नहीं चले जाने देगा।
    देखो, यहोवा दुर्जनों को दण्ड देने आ रहा है।
वह अपनी शक्ति दिखाने के लिये बवण्डरों और तूफानों को काम में लायेगा।
    मनुष्य तो धरती पर मिट्टी में चलता है, किन्तु यहोवा मेघों पर विचरता है!
यदि यहोवा सागर को घुड़के तो सागर भी सूख जाये।
    सारी ही नदियों को वह सूखा सकत है!
बाशान और कर्म्मेल की हरी—भरी भूमि सूख कर मर जाया करती है।
    लबानोन के फूल मुरझा कर गिर जाता हैं।
यहोवा का आगमन होगा
    और पर्वत भय से काँपेंगे
    और ये पहाड़ियाँ पिघलकर बह जायेंगी।
यहोवा का आगमन होगा
    और यह धरती भय से काँप उठेगी।
यहजगत और जो कुछ इसमें है जो जीवित है,
    भय से काँपेगा।
यहोवा के महाकोप का सामना कोई नहीं कर सकता,
    कोई भी उसका भयानक कोप नहीं सह सकता।
उसका क्रोध आग सा धधकेगा।
    जब वह पधारेगा तब चट्टानें चटकेंगी।
यहोवा संकट के काल में उत्तम है।
    वह सुरक्षित शरण ऐसे उन लोगों का है जो उसके भरोसे हैं।
    वह उनकी देख रेख करता है।
किन्तु वह अपने शत्रुओं को पूरी तरह नष्ट कर देगा।
    वह उन्हें बाढ़ के समान बहा कर ले जायेगा।
    अंधकार के बीच वह अपने शत्रुओं का पीछा करेगा।
क्या तुम यहोवा के विरोध में षड़यंत्र रच रहे हो
    वह तेरा अंत कर देगा।
    फिर और कोई दूसरी बार कभी यहोवा का विरोध नहीं करेगा!
10 तुम्हारे शत्रु उलझे हुये काँटों से नष्ट होंगे।
    वे सूखी घास जैसे शीघ्र जल जायेंगे।

11 हे अश्शूर, एक व्यक्ति तुझसे ही अया है।
    जिसने यहोवा के विरोध में षड़यंत्र रचे और उसने पाप पूर्ण सलाहें प्रदान कीं।
12 यहोवा ने यहूदा से यह बातें कहीं थी:
“अश्शूर की जनता पूर्ण शक्तिशाली है।
    उनके पास बहुतेरे सैनिक हैं।
    किन्तु उन सब को ही काट फेंका जायेगा।
सब का अंत किया जायेगा।
    हे मेरे लोगों, मैंने तुमको बहुतेरे कष्ट दिये किन्तु अब आगे तुम्हें और कष्ट नहीं दूँगा।
13 मैं अब तुम्हें अश्शूर की शक्ति से मुक्त करूँगा।
    तुम्हारे कन्धे से मैं वह जुआ उतार दूँगा।
    तुम्हारी जंजीरे जिनमें तुम बंधे हो मैं अब तोड़ दूँगा।”

14 हे अश्शूर के राजा, तेरे विषय में यहोवा ने यह आदेश दिया है:
    “तेरा नाम ले ऐसा कोई भी वंशज न रहेगा।
तेरी खुदी हुई मूर्तियाँ और धातु की मूर्तियाँ मैं नष्ट कर दूँगा
    जो तेरे देवताओं के मन्दिरों में रखे हुए हैं।
मैं तेरे लिये कब्र बना रहा हूँ
    क्योंकि तेरा अंत आ रहा है।”

15 देख यहूदा! देख वहाँ,
    पहाड़ के ऊपर से कोई आ रहा है, कोई हरकारा सुसंदेश लेकर आ रहा है!
    देखो वह कह रहा है कि यहाँ पर शांति है!
यहूदा, तू अपने विशेष अवकाश दिवस मना ले।
    यहूदा, तू अपनी मन्रते मना ले।
अब फिर कभी दुर्जन तुझ पर वार न करेंगे और वे तुझको हरा नहीं पायेंगे।
    उन सभी दुर्जनों का अन्त कर दिया गया है!

नीनवे का विनाश होगा

नीनवे, तेरे विरूद्ध युद्ध करने को विनाशकारी आ रहा है।
    सो तू अपने नगर के स्थान सुरक्षित कर ले।
    राहों पर आँख रख,
युद्ध को तत्पर रह,
    लड़ाई की तैयारी कर!
क्यों क्योंकि यहोवा याकूब को महिमा लौटा रहा है
    जैसे इस्राएल की महिमा।
अश्शूर के लोगों ने इस्राएल की प्रजा का नाश किया
    और उनकी अंगूर की बेलें रौंद ड़ाली हैं।

उन सैनिकों की ढाल लाल है।
    उनकी वर्दियाँ सुर्ख लाल हैं।
उनके रथ युद्ध के लिये पंक्तिबद्ध हो गये हैं
    और वे ऐसे चमक रहे हैं जैसे वे आग की लपटें हों।
    उनके घोड़े चल पड़ने को तत्पर हैं।
उनके रथ गलियों में भयंकर रीति से भागते हैं।
    वे खुले मैदानों में सुलगती मशालों से दिखते हुये वेग से पीछे
और आगे को दौड़ रहे हैं।
    वे ऐसे लगते हैं जैसे यहाँ वहाँ बिजली कड़क रही हो!

अश्शूर का राजा अपने उन सैनिकों को बुला रहा है जो सर्वश्रेष्ठ हैं।
    किन्तु वे ठोकर खा रहे हैं और मार्ग में गिरे जा रहे हैं।
वे नगर परकोटे पर दौड़ते हैं
    और वे भेदक मूसल के लिये प्राचीर रच रहे हैं।
किन्तु वे द्वार जो नदियों के निकट है, खुले हैं।
    शत्रु उनमें से जा रहा है और राजा के महल को ध्वस्त कर रहा है।
देखो, यह शत्रु रानी को उठा ले जाता है
    और उसकी दासियाँ बिलखती हैं जैसे दु:ख से भरी कपोती हों।
    वे अपना दु:ख प्रगट करने को निज छाती पीट रहीं हैं।

नीनवे ऐसे तालाब सा हो गया है जिसका पानी बह कर
    बाहर निकल रहा हो।
वे लोग पुकार कर कह रहे हैं, “रूको! रुको! ठहरे रहो, कहीं भाग मत जाओ।”
    किन्तु कोई न ही रूकता है और न ही कोई उन पर ध्यान देता है!
हे सैनिको, तुम जो नीनवे का विनाश कर रहे हो!
    तुम चाँदी ले लो और यह सोना ले लो!
यहाँ पर लेने को बहुतेरी वस्तुऐं हैं।
    यहाँ पर बहुत से खजाने भी हैं!
10 अब नीनवे खाली है,
    सब कुछ लुट गया है।
    नगर बर्बाद हो गया है!
लोगों ने निज साहस खो दिया है।
    उनके मन डर से पिघल रहे हैं,
उनके घुटने आपस में टकराते हैं।
    उनके तन काँप रहे हैं,
    उनके मुख डर से पीले पड़ गये हैं।

11 नीनवे जो कभी सिंह का माँद था,
    अब वह कहाँ है?
जहाँ सिंह और सिंहनियाँ रहा करते थे।
    उनके बच्चे निर्भय थे।
12 जिस सिंह ने (नीनवे के राजा ने) अपने बच्चों
    और मादाओं को तृप्ति देने के लिये कितने ही शिकार मारे थे।
उसने माँद (नीनवे) भर ली थी।
    मादाओं और नरों की देहों से जिनको उसने मारा था।

13 सर्वशक्तिमान यहोवा कहता है,
“नीनवे, मैं तेरे विरूद्ध हूँ!
मैं तेरे रथों को युद्ध में जला दूँगा।
    मैं तेरे ‘जवान सिंहों’ की हत्या करूँगा।
    तू फिर कभी इस धरती पर कोई भी अपना शिकार मार नहीं पायेगा।
लोग फिर कभी तेरे हरकारों को नहीं सुनेंगे।”

नीनवे के लिये बुरा समाचार

उस हत्यारों के नगरों को धिक्कार है।
    नीनवे, ऐसा नगर है जो झूठों से भरा है।
यह दूसरे देशों के लूट के माल से भरा है।
यह उन बहुत सारे लोगों से भरा है
    जिनका उसने पीछा किया और जिन्हें इसने मार डाला है!
देखो, कोड़ों की फटकार,
    पहियों का शोर,
और घोड़ों की टापें सुनाई दे रही हैं,
    और साथ—साथ उछलते रथों का शब्द सुनाई दे रहा है!
घुड़सवार हमला कर रहे हैं
    और उनकी तलवारें चमक रहीं हैं,
    उनके भाले चमचमाते हैं!
कितने ही लोग मरे हुये हैं,
    लाशों के ढ़ेर लग गये हैं—अनगिनत लाशें फैली हैं।
    लोग मुर्दो पर गिर—गिर कर चल रहे हैं!
यह सब कछ नीनवे के कारण घटा है।
    नीनवे उस वेश्या सी है जो कभी तृप्ति नहीं होती,
    उसको और अधिक, और अधिक चाहिये था।
उसने अपने को बहुत सारे देशों को बेच दिया था
    और उसने उनको अपना दास बनाने को जादू चलाया था।

सर्वशक्तिमान यहोवा कहता है,
“हे नीनवे, मैं तेरे विरूद्ध हूँ।
    मैं तेरे वस्त्र तेरे मुँह तक ऊपर उठा दूँगा।
तेरी नग्न देह को मैं सारे देशों को दिखा दूँगा।
    वे सारे राज्य तेरी लाज को देखेंगे।
मैं तेरे ऊपर घिनौनी वस्तु फेंक दूँगा।
    मैं तुझ से घृणा के साथ बर्ताव करूँगा।
    लोग तुझको देखेंगे और तुझ पर हँसेंगे।
जो कोई भी तुझको देखेगा तुझ से दूर भागेगा।
    हे नीनवे, मुझ को इसका पता है कि
कोई ऐसा नहीं है जो तुझे सुख चैन दे।”

नीनवे, क्या तू नील नदी के तट पर बसी अमोन से उत्तम है नहीं! अमोन के चारों ओर भी पानी हुआ करता था। अमोन इस पानी का इस्तेमाल स्वंय को शत्रु से बचाने के लिये खाई के रूप में किया करता था। इस पानी का उपयोग वह एक परकोटे के रूप में भी करता था। कूश और मिस्र ने अमोन को बहुत शक्ति प्रदान की थी। उसे पूत और लूबी का भी समर्थन प्राप्त था। 10 किन्तु अमोन हार गया। उसके लोगों को बंदी बना कर किसी पराये देश में ले जाया गया। गली के हर नुक्कड़ पर सैनिकों ने उसके छोटे बच्चों को पीट—पीट कर मार डाला। उन्होंने पासे फेंक—फेंक कर यह देखा कि किस महत्वपूर्ण व्यक्ति को कौन अपने यहाँ दास बना कर रखे। अमोन के सभी महत्वपूर्ण व्यक्ति को कौन अपने यहाँ दास बना कर रखे। अमोन के सभी महत्वपूर्ण पुरूषों पर उन्होंने जंजीरें डाल दी थीं।

11 सो नीनवे, तेरा भी किसी नशे में धुत्त व्यक्ति के समान, पतन होगा! तू छिपता फिरेगा। शत्रु से दूर, तू कोई सुरक्षित स्थान ढूँढ़ता फिरेगा। 12 किन्तु नीनवे, तेरी सभी मज़बूत गढ़ियाँ अंजीर के पेड़ों सा हो जायेंगी। नयी अंजीरें पकतीं है, एक व्यक्ति आता है, और पेड़ को झकझोर देता है। अंजीरें उस व्यक्ति के मुख में गिरती हैं और वे उन्हें खाता है, और वे समाप्त हो जाती हैं!

13 नीनवे, तेरे लोग तो स्त्रियों जैसे हैं और शत्रु के सैनिक उन्हें ले लेने के लिये तैयार बैठे हैं। तेरी धरती के द्वार खुले पड़े हैं कि तेरा शत्रु भीतर आ जाये। तेरे द्वारों में लगी लकड़ी के आँगल को आग ने जलाकर नष्ट कर दिया है।

14 तू पानी इकट्ठा कर और उसे अपने नगर के भीतर जमा कर ले। क्योंकि शत्रु के सैनिक तेरे नगर को घेर लेंगे। वे नगर के भीतर किसी भी व्यक्ति को खाना—पानी नहीं लाने देंगे। अपनी सुरक्षा को मज़बूत बना! और अधिक ईटें बनाने के लिए मिट्टी ले! गारा बना और ईटें बनाने के लिए साँचे ले। 15 तू यह सब काम कर सकता है किन्तु फिर भी आग तुझे पूरी तरह नष्ट कर देगी और तलवार तुझे मार डालेगी। तेरी धरती ऐसी दिखाई देगी जैसे उस पर कोई टिड्डी दल आया हो और सब कुछ चट कर गया हो।

नीनवे, तू बढ़ता ही चला गया। तू एक टिड्डी दल के जैसा हो गया। तू टिड्डी का झुण्ड बन गया। 16 तेरे यहाँ अनेकानेक व्यापारी हो गये जो अनेक स्थानों पर जा कर वस्तुएँ खरीदा करते थे। वे इतने अनगिनत हो गये जितने आकाश में तारे हैं! वे उस टिड्डी दल के जैसे हो गये, जो खाता है और सब कुछ को उस समय तक खाता रहता है जब तक वह समाप्त नहीं हो जाती और फिर छोड़ कर चला जाता है। 17 तेरे सरकारी हाकिम भी टिड्डियों जैसे ही हैं। ये उन टिड्डियों के समान हैं जो ठण्डे के दिन एक चट्टान पर बैठ जाती है, किन्तु जब सूरज चढ़ने लगता है और चट्टान गर्म होने लगती है तो वह कहीं दूर उड़ जाती है। कोई नहीं जानता, वे कहाँ चली गयीं! तेरे हाकिम भी ऐसे ही होंगे।

18 हे अश्शूर के राजा, तेरे चरवाहे (मुखिया) सो गये। वे शक्तिशाली पुरूष नींद में पड़े हैं। और तेरी भेड़ें (प्रजा) अब पहाड़ों पर भटक रही हैं। उन्हें वापस लाने वाला कोई नहीं है। 19 नीनवे, तू बुरी तरह घायल हुआ है और ऐसा कुछ नहीं है जो तेरे घाव को भर सके। हर कोई जो तेरे विनाश के समाचार को सुनता है, तालियाँ बजाता है। वे सब प्रसन्र हैं! क्योंकि उन सब ने उस पीड़ा का अनुभव किया है, जिसे तू सदा उन्हें पहुँचाया करता था!

Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)

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