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Bible in 90 Days

An intensive Bible reading plan that walks through the entire Bible in 90 days.
Duration: 88 days
Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)
Version
होशे 13:7 - आमोस 9:10

“मैं इसीलिये उनके लिये सिंह के समान बन जाऊँगा। मैं राह किनारे घात लगाये चीता जैसा हो जाऊँगा। मैं उन पर उस रींछनी की तरह झपट पड़ूँगा, जिससे उसके बच्चे छीन लिये गये हों। मैं उन पर हमला करूँगा। मैं उनकी छातियाँ चीर फाड़ दूँगा। मैं उस सिंह या किसी दूसरे ऐसे हिंसक पशु के समान हो जाऊँगा जो अपने शिकार को फाड़ कर खा रहा होता है।”

परमेश्वर के कोप से इस्राएल को कोई नहीं बचा सकता

“हे इस्राएल, मैंने तेरी रक्षा की थी, किन्तु तूने मुझसे मुख मोड़ लिया है। सो अब मैं तेरा नाश करूँगा! 10 कहाँ है तेरा राजा तेरे सभी नगरों में वह तुझे नहीं बचा सकता है! कहाँ है तेरे न्यायाधीश तूने उनसे यह कहते हुए याचना की थी, ‘मुझे एक राजा और अनेक प्रमुख दो।’ 11 मैं क्रोधित हुआ और मैंने तुम्हें एक राजा दे दिया। मैं और अधिक क्रोधित हुआ और मैंने तुमसे उसे छीन लिया।

12 “एप्रैम ने निज अपराध छिपाने का जतन किया;
    उसने सोचा था कि उसके पाप गुप्त हैं।
    किन्तु उन बातों के लिये उसको दण्ड दिया जायेगा।
13 उसका दण्ड ऐसा होगा जैसे कोई स्त्री प्रसव पीड़ा भोगती है;
    किन्तु वह पुत्र बुद्धिमान नहीं होगा
उसकी जन्म की बेला आयेगी
    किन्तु वह पुत्र बच नहीं पायेगा।

14 “क्या मैं उन्हें कब्र की शक्ति से बचा लूँ?
    क्या मैं उनको मृत्यु से मुक्त करा लूँ?
हे मृत्यु, कहाँ है तेरी व्याधियाँ?
    हे कब्र, तेरी शक्ति कहाँ है?
    मेरी दृष्टी से करूणा छिपा रहेगी!
15 इस्राएल निज बंधुओं के बीच बढ़ रहा है किन्तु पवन पुरवाई आयेगी।
    वह यहोवा को आंधी मरूस्थल से आयेगी,
और इस्राएल के कुएँ सूखेंगे।
    उसका पानी का सोता सूख जायेगा।
    वह आँधी इस्राएल के खजाने से हर मूल्यवान वस्तु को ले जायेगी।
16 शोमरोन को दण्ड दिया जायेगा
    क्योंकि उसने अपने परमेश्वर से मुख फेरा था।
इस्राएली तलवारों से मार दिये जायेंगे
    उनकी संतानों के चिथड़े उड़ा दिये जायेंगे।
    उनकी गर्भवती स्त्रियाँ चीर कर खोल दी जायेंगी।”

यहोवा की ओर मुड़ना

14 हे इस्राएल, तेरा पतन हुआ और तूने परमेश्वार के विरूद्ध पाप किया। इसलिये अब तू अपने परमेश्वार यहोवा की ओर लौट आ। जो बातें तुझे कहनी हैं, उनके बारे में सोच और यहोवा की ओर लौट आ। उससे कह,

“हमारे पापों को दूर कर
    और उन अच्छी बातों को स्वीकार कर जिन्हें हम कर रहे हैं।
    हम अपने मुख से तेरी स्तुति करेंगे।”
अश्शूर हमें बचा नहीं पायेगा।
    हम घोड़ों पर सवारी नहीं करेंगे।
हम फिर अपने ही हाथों से बनाई हुई वस्तुओं को,
    “अपना परमेश्वार” नहीं कहेंगे।
क्यों? क्योंकि बिना माँ—बाप के अनाथ बच्चों पर
    दया दिखाने वाला बस तू ही है।

यहोवा इस्राएल को क्षमा करेगा

यहोवा कहता है, “उन्होंने मुझे त्याग दिया।
मैं उन्हें इसके लिये क्षमा कर दूँगा।
    मैं उन्हें मुक्त भाव से प्रेम करुँगा।
    मैं अब उन पर क्रोधित नहीं हूँ।
मैं इस्राएल के निमित्त ओस सा बनूँगा।
    इस्राएल कुमुदिनी के फूल सा खिलेगा।
    उसकी बढ़वार लबानोन के देवदार वृक्षों सी होगी।
उसकी शाखायें जैतून के पेड़ सी बढ़ेंगी
    वह सुन्दर हो जायेगा।
वह उस सुगंध सा होगा जो
    लबानोन के देवदार वृक्षों से आती है।
इस्राएल के लोग फिर से मेरे संरक्षण में रहेंगे।
    उनकी बढ़वार अन्न की होगी,
वे अंगूर की बल से फलें—फूलेंगे।
    वे ऐसे सर्वप्रिय होंगे जैसे लबनोन का दाखमधु है।”

इस्राएल को मूर्तियों के विषय में यहोवा की चेतावनी

“हे एप्रैम, मुझ यहोवा को इन मूर्तियों से कोई सरोकार नहीं है।
    मैं ही ऐसा हूँ जो तुम्हारी प्रार्थनाओं का उत्तर देता हूँ और तुम्हारी रखवाली करता हूँ।
मैं हरे—भरे सनोवर के पेड़ सा हूँ।
    तुम्हारे फल मुझसे ही आते हैं।”

अन्तिम सम्मति

ये बातें बुद्धिमान व्यक्ति को समझना चाहिये,
    ये बातें किसी चतुर व्यक्ति को जाननी चाहियें।
यहोवा की राहें उचित है।
    सज्जन उसी रीति से जीयेंगे;
    और दुष्ट उन्हीं से मर जायेंगे।

टिड्डियाँ फसलों को खा जायेंगी

पतूएल के पुत्र योएल ने यहोवा से इस संदेश को प्राप्त किया:

मुखियों, इस संदेश को सुनो!
    हे इस धरती के निवासियों, तुम सभी मेरी बात सुनो।
क्या तुम्हारे जीवन काल में पहले कभी कोई ऐसी बात घटी है नहीं!
    क्या तुम्हारे पुरखों के समय में कभी कोई ऐसी बात घटी है नहीं!
इन बातों के बारे में तुम अपने बच्चों को बताया करोगे
    और तुम्हारे बच्चे ये बातें अपने बच्चों को बताया करेंगे
    और तुम्हारे नाती पोते ये बातें अगली पीढ़ियों को बतायेंगे।
कुतरती हुई टिड्डियों से जो कुछ भी बचा,
    उसको भिन्नाती हुई टिड्डियों ने खा लिया
और भिन्नाती टिड्डियों से जो कुछ बचा,
    उसको फुदकती टिड्डियों ने खा लिया है
और फुदकती टिड्डियों से जो कुछ रह गया,
    उसे विनाशकारी टिड्डियों ने चट कर डाला है!

टिड्डियों का आना

ओ मतवालों, जागो, उठो और रोओ!
    ओ सभी लोगों दाखमधु पीने वालों, विलाप करो।
क्योंकि तुम्हारी मधुर दाखमधु अब समाप्त हो चुकी है।
    अब तुम, उसका नया स्वाद नहीं पाओगे।
देखो, विशाल शक्तिशाली लोग मेरे देश पर आक्रमण करने को आ रहे हैं।
    उनके साथ अनगिनत सैनिक हैं।
वे “टिड्डे” (शत्रु के सैनिक) तुम्हें फाड़ डालने में समर्थ होंगे!
    उनके दाँत सिंह के दाँतों जैसे हैं।

वे “टिड्डे” मेरे बागों के अंगूर चट कर जायेंगे!
    वे मेरे अंजीर के पेड़ नष्ट कर देंगे।
वे मेरे पेड़ों को छाल तक चट कर जायेंगे।
    उनकी टहनियाँ पीली पड़ जायेंगी और वे पेड़ सूख जायेंगे।

लोगों का विलाप

उस युवती सा रोओ, जिसका विवाह होने को है
    और जिसने शोक वस्त्र पहने हों जिसका भावी पति शादी से पहले ही मारा गया हो।
हे याजकों! हे यहोवा के सेवकों, विलाप करो!
    क्योंकि अब यहोवा के मन्दिर में न तो अनाज होगा और न ही पेय भेंट चढ़ेंगी।
10 खेत उजड़ गये हैं।
    यहाँ तक कि धरती भी रोती है
    क्योंकि अनाज नष्ट हुआ है,
नया दाखमधु सूख गया है
    और जैतून का तेल समाप्त हो गया है।
11 हे किसानो, तुम दु:खी होवो!
    हे अंगूर के बागवानों, जोर से विलाप करो!
तुम गेहूँ और जौ के लिये भी विलाप करो!
    क्योंकि खेत की फसल नष्ट हुई है।
12 अंगूर की बेलें सूख गयी हैं
    और अंजीर के पेड़ मुरझा रहे हैं।
अनार के पेड़ खजूर के पेड़
    और सेब के पेड़—बगीचे के ये सभी पेड़ सूख गये हैं।
    लोगों के बीच में प्रसन्नता मर गयी है।
13 हे याजकों, शोक वस्त्र धारण करो, जोर से विलाप करो।
    हे वेदी के सेवकों, जोर से विलाप करो।
हे मेरे परमेश्वर के दासों, अपने शोक वस्त्रों में तुम सो जाओगा।
    क्योंकि अब वहाँ अन्न और पेय भेंट परमेश्वर के मन्दिर में नहीं होंगी।

टिड्डियों से भयानक विनाश

14 लोगों को बता दो कि एक ऐसा समय आयेगा जब भोजन नहीं किया जायेगा। एक विशेष सभा के लिए लोगों को बुला लो। सभा में मुखियाओं और उस धरती पर रहने वाले सभी लोगों को इकट्ठा करो। उन्हें अपने यहोवा परमेश्वर के मन्दिर में ले आओ और यहोवा से विनती करो।

15 दु:खी रहो क्योंकि यहोवा का वह विशेष दिन आने को है। उस समय दण्ड इस प्रकार आयेगा जैसे सर्वशक्तिमान परमेश्वर का कोई आक्रमण हो। 16 हमारा भोजन हमारे देखते—देखते चट हो गया है। हमारे परमेश्वर के मन्दिर से आनन्द और प्रसन्नता जाती रही है। 17 हमने बीज तो बोये थे, किन्तु वे धरती में पड़े—पड़े सूख कर मर गये हैं। हमारे पौधे सूख कर मर गये हैं। हमारे खेत्ते खाली पड़े हैं और ढह रहे हैं।

18 हमारे पशु भूख से कराह रहे हैं। हमारे मवेशी खोये—खोये से इधर—उधर घूमते हैं। उनके पास खाने को घास नहीं हैं। भेड़ें मर रही हैं। 19 हे यहोवा, मैं तेरी दुहाई दे रहा हूँ। क्योंकि हमारी चरागाहों को आग ने रेगिस्तान बना दिया है। बगीचों के सभी पेड़ लपटों से झुलस गये हैं। 20 जंगली पशु भी तेरी सहायता चाहते हैं। नदियाँ सूख गयी हैं। कहीं पानी का नाम नहीं! आग ने हमारी हरी—भरी चरागाहों को मरूभूमि में बदल दिया है।

यहोवा का दिन जो आने को है

सिय्योन पर नरसिंगा फूँको।
    मेरे पवित्र पर्वत पर चेतावनी सुनाओ।
उन सभी लोगों को जो इस धरती पर रहते हैं, तुम भय से कँपा दो।
    यहोवा का विशेष दिन आ रहा है।
    यहोवा का विशेष दिन पास ही आ पहुँचा है।
वह दिन अंधकार भरा होगा,
    वह दिन उदासी का होगा, वह दिन काला होगा और वह दिन दुर्दिन होगा।
भोर की पहली किरण के साथ तुम्हें पहाड़ पर सेना फैलती हुई दिखाई देगी।
    वह सेना विशाल और शक्तिशीली भी होगी।
ऐसा पहले तो कभी भी घटा नहीं था
    और आगे भी कभी ऐसा नहीं घटेगा, न ही भूत काल में, न ही भविष्य में।
वह सेना इस धरती को धधकती आग जैसे तहस—नहस कर देगी।
    सेना के आगे की भूमी वैसी ही हो जायेगी जैसे एदेन का बगीचा
और सेना के पीछे की धरती वैसी हो जायेगी जैसे उजड़ा हुआ रेगिस्तान हो।
    उनसे कुछ भी नही बचेगा।
वे घोड़े की तरह दिखते हैं और ऐसे दौड़ते हैं
    जैसे युद्ध के घोड़े हों।
उन पर कान दो।
    वह नाद ऐसा है
जैसे पहाड़ पर चढ़ते रथों का घर्र—घर्र नाद हो।
    वह नाद ऐसा है
जैसे भूसे को चटपटाती हुई
    लपटें जला रही हों।
वे लोग शक्तिशाली हैं।
    वे युद्ध को तत्पर हैं।
इस सेना के आगे लोग भय से काँपते हैं।
    उनके मुख डर से पीले पड़ जाते हैं।

वे सैनिक बहुत तेज दौड़ते हैं।
    वे सैनिक दीवारों पर चढ़ते हैं।
प्रत्येक सैनिक सीधा ही आगे बढ़ जाता है।
    वे अपने मार्ग से जरा भी नहीं हटते हैं।
वे एक दूसरे को आपस में नहीं थकेलते हैं।
    हर एक सैनिक अपनी राह पर चलता है।
यदि कोई सैनिक आघात पा करके गिर जाता है
    तो भी वे दूसरे सैनिक आगे ही बढ़ते रहते हैं।
वे नगर पर चढ़ जाते हैं
    और बहुद जल्दी ही परकोटा फलांग जाते हैं।
वे भवनों पर चढ़ जाते
    और खिड़कियों से होकर भीतर घुस जाते हैं जैसे कोई चोर घुस जाये।
10 धरती और आकाश तक उनके सामने काँपते हैं।
    सूरज और चाँद भी काले पड़ जाते हैं और तोर चमकना छोड़ देते हैं।
11 यहोवा जोर से अपनी सेना को पुकारता है।
    उसकी छावनी विशाल है।
वह सेना उसके आदेशों को मानती है।
    वह सेना अति बलशाली है।
यहोवा का विशेष दिन महान और भयानक है।
    काई भी व्यक्ति उसे रोक नही सकता।

यहोवा लोगों से बदलने को कहते हैं

12 यहोवा का यह संदेश है:
“अपने पूर्ण मन के साथ अब मेरे पास लौट आओ।
तुमने बुरे कर्म किये हैं।
    विलाप करो और निराहार रहो!”
13 अरे वस्त्र नहीं, तुम अपने ही मन को फाड़ो।
तुम लौट कर अपने परमेश्वर यहोवा के पास जाओ।
    वह दयालु और करूणापूर्ण है।
    उसको शीघ्र क्रोध नहीं आता है।
    उसका प्रेम महान है।
सम्भव है जो क्रोध दण्ड उसने तुम्हारे लिये सोचा है,
    उसके लिये अपना मन बदल ले।
14 कौन जानता है, सम्भव है यहोवा अपना मन बदल ले
    और यह भी सम्भव है कि वह तुम्हारे लिये कोई वरदान छोड़ जाये।
फिर तुम अपने परमेश्वर यहोवा को अन्नबलि
    और पेय भेंट अर्पित कर पाओगे।

यहोवा से प्रार्थना करो

15 सिय्योन पर नरसिंगा फूँको।
    उस विशेष सभा के लिये बुलावा दो।
    उस उपवास के विशेष समय का बुलावा दो।
16 तुम, लोगों को जुटाओ।
    उस विशेष सभा के लिये उन्हें बुलाओ।
तुम बूढ़े पुरूषों को एकत्र करो और बच्चे भी साथ एकत्र करो।
    वे छोटे शिशु भी जो अभी भी स्तन पीते हों, लाओ।
नयी दुल्हन को और उसके पति को सीधे उनके शयन—कक्षों से बुलाओ।
17 हे याजकों और यहोवा के दासों,
    आँगन और वेदी के बीच में बुहार करो।
सभी लोगों ये बातें तुम्हें कहनी चाहिये: “यहोवा ने तुम्हारे लोगों पर करूणा की।
    तुम अपने लोगों को लज्जित मत होने दो।
    तुम अपने लोगों को दूसरों के बीच में
हँसी का पात्र मत बनने दो।
    तुम दूसरे देशों को हँसते हुए कहने का अवसर मत दो कि, ‘उनका परमेश्वर कहाँ है?’”

यहोवा तुम्हें तुम्हारी धरती वापस दिलवायेगा

18 फिर यहोवा अपनी धरती के बारे में बहुत अधिक चिन्तित हुआ।
    उसे अपने लोगों पर दया आयी।
19 यहोवा ने अपने लोगों से कहा।
वह बोला, “मैं तुम्हारे लिये अन्र, दाखमधु और तेल भिजवाऊँगा।
    ये तुमको भरपूर मिलेंगे।
मैं तुमको अब और अधिक जातियों के बीच में लज्जित नहीं करूँगा।
20 नहीं, मैं तुम्हारी धरती को त्यागने के लिये उन लोगों (उत्तर अथवा बाबुल) पर दबाव दूँगा।
    मैं उनको सूखी और उजड़ी हुई धरती पर भेजूँगा।
उनमें से कुछ पूर्व के सागर में जायेंगे
    और उनमें से कुछ पश्चिमी समुद्र में जायेंगे।
उन शत्रुओं ने ऐसे भयानक कर्म किये हैं।
    वे लोग वैसे हो जायेंगे जैसे सड़ती हुई मृत वस्तुएँ होती हैं।
वहाँ ऐसी भयानक दुर्गन्ध होगी।”

धरती को फिर नया बनाया जायेगा

21 हे धरती, तू भयभत मत हो।
    प्रसन्न हो जा और आनन्द से भर जा
    क्योंकी यहोवा बड़े काम करने को है।
22 ओ मैदानी पशुओं, तुम भय त्यागो।
    जंगल की चारागाहें घास उगाया करेंगी।
वृक्ष फल देने लगेंगे।
    अंजीर के पेड़ और अंगूर की बेलें भरपूर फल देंगे।

23 सो, हे सिय्योन के लोगों, प्रसन्न रहो।
    अपने परमेश्वर यहोवा में आनन्द से भर जाओ।
क्योंकि वह तुम्हारे साथ भला करेगा और तुम्हें वर्षा देगा।
    वह तुम्हें अगली वर्षा देगा और वह तूझे पिछली वर्षा भी देगा जैसे पहले दिया करता था।
24 तुम्हारे ये खलिहान गेहूँ से भर जायेंगे और तुम्हारे कुप्पे दाखमधु
    और जैतुन के तेल से उफनने लगेंगे।
25 मुझ यहोवा ने अपनी सशक्त सेना तुम्हारे विरोध में भेजी थी।
    वे भिन्नाती हुई टिड्डियाँ, फुदकती हुई टिड्डियाँ, विनाशकारी टिड्डियाँ
    और कुतरती टिड्डियाँ तुम्हारी वस्तुएँ खा गयी।
किन्तु मैं, यहोवा उन विपत्तियों के वर्षों के बदले में
    फिर से तुम्हें और वर्षा दूँगा।
26 फिर तुम्हारे पास खाने को भरपूर होगा।
    तुम संतुष्ट होगे।
अपने परमेश्वर यहोवा के नाम का तुम गुणगान करोगे।
    उसने तुम्हारे लिये अद्भुत बातें की हैं।
अब मेरे लोग फिर कभी लज्जित नहीं होंगे।
27 तुमको पता चल जायेगा कि मैं इस्राएली लोगों के साथ हूँ।
    तुमको पता चल जायेगा कि मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूँ
    और कोई दूसरा परमेश्वर नहीं है।
मेरे लोग फिर कभी लज्जित न होंगे।

सभी लोगों पर अपनी आत्मा उंडेलने की यहोवा की प्रतिज्ञा

28 इसके बाद,
    मैं तुम सब पर अपनी आत्मा उंडेलूँगा।
तुम्हारे पुत्र—पुत्रियाँ भविष्यवाणी करेंगे।
    तुम्हारे बूढ़े दिव्य स्वप्नों को देखेंगे।
    तुम्हारे युवक दर्शन करेंगे।
29 उस समय मैं अपनी आत्मा
    दास—दासियों पर उंडेलूँगा।
30 धरती पर और आकाश में मैं अद्भत चिन्ह प्रकट करूँगा।
    वहाँ खून, आग और गहरा धुआँ होगा।
31 सूरज अंधकार में बदल जायेगा।
    चाँद भी खून के रंग में बदलेगा
    और फिर यहोवा का महान और भयानक दिन आयेगा!
32 तब कोई भी व्यक्ति जो यहोवा का नाम लेगा, छुटकारा पायेगा।
    सिय्योन के पहाड़ पर और यरूशलेम में वे लोग बसेंगे जो बचाये गये हैं।
    यह ठीक वैसा ही होगा जैसा यहोवा ने बताया है।
उन बचाये गये लोगों में बस वे ही लोग होंगे
    जिन्हें यहोवा ने बुलाया था।

यहुदा के शत्रुओं को यहोवा द्वारा दण्ड दिये जाने का वचन

“उन दिनों और उस समय, मैं यहूदा और यरूशलेम को बंधन मुक्त करवाकर देश निकाले से वापस ले आऊँगा। मैं सभी जातियों को भी एकत्र करूँगा। इन सभी जातियों को मैं यहोशापात की तराई में इकट्ठा करूँगा और वही मैं उनका न्याय करूँगा। उन जातियों ने मेरे इस्राएली लोगों को तितर—बितर कर दिया था। दूसरी जातियों के बीच रहने के लिये उन्होंने उन्हें विवश किया था। इसलिये मैं उन जातियों को दण्ड दूँगा। उन जातियों ने मरी धरती का बटवारा कर दिया था। मेरे लोगों के लिये पासे फेंके थे। उन्होंने एक लड़के को बचकर उसके बदले एक वेश्या खरीदी और दाखमधु के बदले लड़की बेच डाली।

“हे सोर, सीदोन, और पलिश्तीन के सभी प्रदेशों! तुम मेरे लिये कोई महत्व नही रखते! क्या तुम मुझे मेरे किसी कर्म के लिये दण्ड दे रहो हो हो सकता है तुम यह सोच रहे हो कि तुम मुझे दण्ड दे रहे हो किन्तु शीघ्र ही मैं हो तुम्हें दण्ड देने वाला हूँ। तुमने मेरा चाँदी, सोना लूट लिया। मेरे बहुमूल्य खजानों को लेकर तुमने अपने मन्दिरों में रख लिया।

“यहूदा और यरूशलेम के लोगों को तुमने यूनानियों के हाथ बेच दिया और इस प्रकार तुम उन्हें उन्की धरती से बहुत दूर ले गये। उस सुदूर देश में तुमने मेरे लोगों को भेज दिया। किन्तु मैं उन्हे लौटा कर वापस लाऊँगा और तुमने जो कुछ किया है, उसका तुम्हें दण्ड दूँगा। मैं यहूदा के लोगों को तुम्हारे पुत्र—पुत्रियाँ बेच दूँगा। और फिर वे उन्हें शबाइ लोगों को बेच देंगे।” ये बातें यहोवा ने कही थीं।

युद्ध की तैयारी करो

लोगों को यह बता दो:
    युद्ध को तैयार रहो!
शूरवीरों को जगओ!
    सारे योद्धाओ को अपने पास एकत्र करो।
    उन्हें उठ खड़ा होने दो!
10 अपने हलों की फालियों को पीट कर तलवार बनाओं
    और अपनी डांगियों को तुम भालों में बदल लो।
ऐसा करो कि दुर्बल कहने लगे कि
    “मैं एक शूरवीर हूँ।”
11 हे सभी जातियों के लोगों, जल्दी करो!
    वहाँ एकत्र हो जाओ।
    हे यहोवा, तू भी अपने प्रबल वीरों को ले आ!
12 हे जातियों! जागो!
    यहोशापात की घाटी में आजाओ!
मैं वहाँ बैठकर
    सभी आसपास के देशों का न्याय करूँगा।
13 तुम हँसुआ ले आओ,
    क्योंकि पकी फसल खड़ी है।
आओ, तुम अंगूर रौंदो
    क्योंकि अंगूर का गरठ भरा हुआ है।
घड़े भर जायेंगे और वे बाहर उफनेंगे
    क्योंकि उनका पाप बहुत बड़ा है।

14 उस न्याय की घाटी में बहुत—बहुत सारे लोग हैं।
    उस न्याय की घाटी में यहोवा का दिन आने वाला है।
15 सूरज चाँद काले पड़ जायेंगे।
    तारे चमकना छोड़ देंगे।
16 परमेश्वर यहोवा सिय्योन से गरजेगा।
वह यरूशलेम से गरजेगा।
    आकाश और धरती काँप—काँप जायेंगे
किन्तु अपने लोगों के लिये परमेश्वर यहोवा शरणस्थल होगा।
    वह इस्राएल के लोगों का सुरक्षा स्थान बनेगा।
17 तब तुम जान जाओगे कि मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूँ।
    मैं सिय्योन पर बसता हूँ जो मेरा पवित्र पर्वत है।
यरूशलेम पवित्र बन जायेगा।
    फिर पराये कभी भी उसमें से होकर नहीं जा पायेंगे।

यहूदा के लिए नया जीवन का वचन

18 उस दिन मधुर दाखमधु पर्वत से टपकेगा।
    पहाड़ों से दूध की नदियाँ और यहूदा की सभी सूखी नदियाँ
    बहते हुए जल से भर जायेंगी।
यहोवा के मन्दिर से एक फव्वारा फूटेगा
    जो शित्तीम की घाटी को पानी से सींचेगा।
19 मिस्र खाली हो जायेगा
    और एदोम एक उजाड़ हो जायेगा।
क्योंकि वे यहूदा के लोगों के संग निर्दयी ही रहे थे।
    उन्होंने अपने ही देश में निरपराध लोगों का वध किया था।
20 किन्तु यहूदा में लोग सदा ही बसे रहेंगे
    और यरूशलेम में लोग पीढ़ियों तक रहेंगे।
21 उन लोगों ने मेरे लोगों का वध किया था
    इसलिये निश्चय ही मैं उन्हें दण्ड दूँगा।

क्योंकि परमेश्वर यहोवा का सिय्योन पर निवासस्थान है!

प्रस्तावना

आमोस का सन्देश। आमोस तकोई नगर का गड़ेरिया था। यहूदा पर राजा उज्जिय्याह के शासन काल और इस्राएल पर योआश के पुत्र राजा यारोबाम के शासन काल में आमोस को इस्राएल के बारे में (अन्त) दर्शन हुआ। यह भूकम्प के दो वर्ष पूर्व हुआ।

अराम के विरूद्ध दण्ड

आमोस ने कहा:
“यहोवा सिय्योन में सिंह की तरह दहाड़ेगा।
    यहोवा की दहाड़ यरूशलेम से होगी।
गड़ेरियों के हरे मैदान सूख जायेंगे।
    यहाँ तक कि कर्म्मेल पर्वत भी सूखेगा।”

यह सब यहोवा कहता है: “मैं दमिश्क के लोगों को उनके द्वारा किये गये अनेक अपराधों का दण्ड अवश्य दूँगा। क्यों क्योकि उन्होंने गिलाद को, अन्न को भूसे से अलग करने वाले लोहे के औजारों से पीटा। अत: मैं हजाएल के घर (सिरिया) में आग लगाऊँगा, और वह आग बेन्हदद के ऊँचे किलों को नष्ट केरेगी।”

“मैं दमिश्क क द्वार की मजबूत छड़ों को भी तोड़ दूँगा। आवेन की घाटी में सिंहासन पर बैठाने वाले व्यक्ति को भी मैं नष्ट करुँगा। एदेन में राजदण्ड धारण करने वाले राजा को भी मैं नष्ट करुँगा। अराम के लोग पराजित होंगे। लोग उन्हें बन्दी बनाकर कीर देश में ले जाएंगे।” यहोवा ने वह सब कहा।

पलिश्तियों को दण्ड

यहोवा यह कहता है: “मैं निश्चय ही अज्जा के लोगों द्वारा किये गये अनेक पापों के लिये उन्हें दण्ड दूँगा। क्यों क्योंकि उन्होंने लोगों के एक पूरे राष्ट्र को पकड़ा और दास के रूप में एदोम को भेजा था। इसलिये मैं अज्जा नगर की दीवार पर आग लगाऊँगा। यह आग अज्जा के महत्वपूर्ण किलों को नष्ट करेगी। मैं अशदोद में राजसिंहासन पर बैठने वाले व्यक्ति को नष्ट करूँगा। मैं अश्कलोन में राजदण्ड धारण करने वाले राजा को नष्ट करूँगा। मैं एक्रोन के लोगों को दण्ड दूँगा। तब अभी तक जीवित बचे पलिश्ती मरेंगे।” परमेश्वर यहोवा ने यह सब कहा।

फनूशिया को दण्ड

यहोवा यह सब कहता है: “मैं निश्चय ही सोर के लोगों को उनके द्वारा किये गए अनेक अपराधों के लिए दण्ड दूँगा। क्यों क्योंकि उन्होंने लोगों के एक पूरे राष्ट्र को पकड़ा और एदोम को दास के रूप में भेजा था। उन्होंने उस वाचा को याद नहीं रखा जिसे उन्होंने अपने भाईयों (इस्राएल) के साथ किया था 10 अत: मैं सोर की दीवारों पर आग लगाऊँगा। वह आग सोर की ऊँची मीनारों को नष्ट करेगी।”

एदोमियों को दण्ड

11 यहोवा यह सब कहता है: “मैं निश्चय ही एदोम के लोगों को उनके द्वारा किये गए अनेक अपराधों के लिये दण्ड दूँगा। क्यों क्योंकि एदोम ने अपने भाई (इस्राएल) का पीछा तलवार लेकर किया। एदोम ने तनिक भी दया न दिखाई। एदोम का क्रोध बराबर बना रहा। वह जंगली जानवर की तरह इस्राएल को चीर—फाड़ करता रहा। 12 अत: मैं तेमान में आग लगाऊँगा। वह आग बोस्रा के ऊँचे किलों को नष्ट करेगी।”

अम्मोनियों को दण्ड

13 यहोवा यह सब कहता है: “मैं निश्चय ही अम्मोन के लोगों को उनके द्वारा किये गये अनेक अपराधों के लिये दण्ड दूँगा। क्यों क्योंकि उन्होंने गिलाद में गर्भवती स्त्रियों को मार डाला। अम्मोनी लोगों ने यह इसलिये किया कि वे उस देश को ले सकें और अपने देश को बड़ कर सकें। 14 अत: मैं रब्बा की दीवार पर आग लगाऊँगा। यह आग रब्बा के ऊँचे किलों को नष्ट करेगी। युद्ध के दिन यह आग लगेगी। यह आग एक ऐसे दिन लगेगी जब तूफ़ानी दिन में आंधियाँ चल रही होंगी। 15 तब इनके राजा और प्रमुख पकड़े जायेंगे। वे सब एक साथ बन्दी बनाकर ले जाए जाएंगे।” यहोवा ने वह सब कहा है।

मोआब को दण्ड

यहोवा यह सब कहता है: “मैं मोआब के लोगों को इनके द्वारा किये गए अपराधों के लिये अवश्य दण्ड दूँगा। क्यों क्योंकि मोआब ने एदोम के राजा की हड्डियों को जलाकर चूना बनाया। अत: मैं मोआब में आग लगाऊँगा और वह आग करिय्योत के ऊँचे किलों को नष्ट करेगी। वहाँ भयंकर चिल्लाहट और तुही का घोष होगा, और मोआब मर जाएगा। अत: मैं मोआब के राजाओ को समाप्त कर दूँगा और मैं मोआब के सभी प्रमुखों को मार डालूँगा।” यहोवा ने वह सब कहा।

यहूदा को दण्ड

यहोवा यह कहता है: “मैं यहूदा को उसके द्वारा किये अनेकों अपराधों के लिये अवश्य दण्ड दूँगा। क्यों क्योंकि उन्होंने यहोवा के आदेशों को मानने से इनकार किया। उन्होंने उनके आदेशों का पालन नहीं किया। उनके पूर्वजों ने झूठ पर विश्वास किया और उन झूठी बातों ने यहूदा के लोगों से परमेश्वर का अनुसरण करना छुड़ाया। इसलिये मैं यहूदा में आग लगाऊँगा और यह आग यरूशलेम के ऊँचे किलों को नष्ट करेगी।”

इस्राएल को दण्ड

यहोवा यह कहता है: “मैं इस्राएल को उनके द्वारा किये गए अनेकों अपराधों के लिये दण्ड अवश्य दूँगा। क्यों क्योंकि उन्होंने चाँदी के चन्द टुकड़ों के लिये अच्छे और भोले—भाले लोगों को दास के रूप में बेचा। उन्होंने एक जोड़ी जूते के लिये गरीब लोगों को बेचा। उन्होंने उन गरीब लोगों को धक्का दे मुँह के बल गिराया और वे उनको कुचलते हुए गए। उन्होंने कष्ट भोगते लोगों की एक न सुनी। पिताओं और पुत्रों ने एक ही युवती के साथ शारीरिक सम्बंध किया। उन्होंने मेरे पवित्र नाम को अपवित्र किया है। उन्होंने गरीब लोगों के वस्त्रों को लिया और वे उन पर गलीचे की तरह तब तक बैठे जब तक वे वेदी पर पूजा करते रहे। उन्होंने गरीबों को उनके वस्त्र गिरवी रख कर सिक्के उधार दिये। उन्होंने लोगों को जुर्माना देने को मजबूर किया और उस जुर्माने की रकम से अपने परमेश्वर के मन्दिर में पीने के लिये दाखमधु खरीदी।

“किन्तु मैंने ही उनके पहले एमोरियों को नष्ट किया था। एमोरी ऊँचे बरगद के पेड़ की तरह थे। वे उतने शक्तिशाली थे जितने बांज के पेड़। किन्तु मैंने उनके ऊपर के फल तथा उनके नीचे की जड़ें नष्ट कीं।

10 “वह मैं ही था जो तुम्हें मिस्र देश से निकाल कर लाया। चालीस वर्ष तक मैं तुम्हें मरूभूमि से होकर लाया। मैंने तुम्हें एमोरियों की भूमि पर कब्जा कर लेने में सहायता दी। 11 मैंने तुम्हारे कुछ पुत्रों को नबी बनाया। मैंने तुम्हारे युवकों में से कुछ को नाजीर बनाया। इस्राएल के लोगों, यह सत्य है।” यहोवा ने यह सब कहा। 12 “किन्तु तुम लोगों ने नाजीरों को दाखमधु पिलाई। तुमने नबियों को भविष्यवाणी करने से रोका। 13 तुम लोग मेरे लिये भारी बोझ की तरह हो। मैं उस गाड़ी की तरह हूँ जो अत्याधिक अनाज से लदी होने के कारण झुकी हो। 14 कोई भी व्यक्ति बच कर नहीं निकल पाएगा, यहाँ तक कि सर्वाधिक तेज दौड़ने वाला भी। शक्तिशाली पुरूष भी पर्याप्त शक्तिशाली नहीं रहेंगे। सैनिक अपने को नहीं बचा पाएँगे। 15 धनुष और बाण वाले भी नहीं बच पाएंगे। तेज दौड़ने वाले भी नहीं बच निकलेंगे। घुड़सवार भी जीवित भाग नहीं पाएंगे। 16 उस समय, बहुत वीर योद्धा भी नंगे हाथों भाग खड़े होंगे। उन्हें अपने वस्त्र पहनने तक का समय भी नहीं मिलेगा।” यहोवा ने यह सब कहा है!

इस्राएल को चेतावनी

इस्राएल के लोगों, इस सन्देश को सुनो! यहोवा ने तुम्हारे बारे में यह सब कहा है! यह सन्देश उन सभी परिवारों (इस्राएल) के लिये है जिन्हें मैं मिस्र देश से बाहर लाया हूँ। “पृथ्वी पर अनेक परिवार हैं। किन्तु तुम अकेले परिवार हो जिसे मैंने विशेष ध्यान देने के लिये चुना। किन्तु तुम मेरे विरूद्ध हो गए। अत: मैं तुम्हारे सभी पापों के लिये दण्ड दूँगा।”

इस्राएल को दण्ड देने का कारण

दो व्यक्ति तब तक एक साथ नहीं चल सकते
    जब तक वे कोई वाचा न करें!
जंगल में सिंह अपने शिकार को पकड़ने के बाद ही गरजता है।
    यदि कोई जवान सिंह अपनी माँद में गरज रहा हो तो
उसका संकेत यही है कि
    उ सने अपने शिकार को पकड़ लिया है।
काई चिड़िया भूमि पर जाल में तब तक नहीं पड़ेगी
    जब तक उसमें कोई चुग्ग न हो
यदि जाल बन्द हो जाये तो
    वह चिड़िया को फँसा लेगा।
यदि कोई तुरही खतरे की चेतावनी देगी तो
    लोग भय से अवश्य काँप उठेंगे।
यदि काई विपत्ति किसी नगर में आई हो तो
    उसे यहोवा ने भेजा।

मेरा स्वामी यहोवा कुछ भी करने का निश्चय कर सकता है। किन्तु कुछ भी करने से पहले वह अपने सेवक नबियों को अपनी छिपी योजना बतायेगा। यदि कोई सिंह दहाड़ेगा तो लोग भयभीत होंगे। यदि यहोवा कुछ भविष्यवक्ता से कहेगा तो वह भविष्यवाणी करेगा।

9-10 अशदोद और मिस्र के ऊँचे किलों पर जाओ और इस सन्देश की घोषणा करो: “शोमरोन के पर्वतों पर जाओ। वहाँ तुम बड़ी गड़बड़ी पाओगे। क्यों क्योंकि लोग नहीं जानते कि ठीक कैसे रहा जाता है। वे अन्य लोगों के प्रति क्रूर थे। वे अन्य लोगों से चीजें लेते थे और उन चीजों को अपने ऊँचे किलों में छिपाते थे। उनके खजाने युद्ध में ली गई उनकी चीजों से भरे हैं।”

11 अत: यहोवा कहता है, “उस देश में एक शत्रु आएगा। वह शत्रु तुम्हारी शक्ति ले लेगा। वह उन चीजों को ले लेगा जिन्हें तुमने अपने ऊँचे किलों में छिपा रखा है।”

12 यहोवा यह कहता है,

“जैसे जब कोई सिंह किसी मेमने पर झपटता है
    तो गड़ेरया उस मेमने का केवल
कोई हिस्सा ही बचा सकता है।
    वह सिंह के मुँह से उसके दो पैर,
या उसके कान के एक हिस्से को हीखींच सकता है।
    ठीक इसी तरह इस्राएल के अधिक लोग
नहीं बचाये जा सकेंगे।
    सामारिया में रहने वाले लोग अपने बिछौने का कोई कोना
    या अपनी चौकी का कोई पाया ही बचा पाएंगे।”

13 मेरे स्वामी सर्वशक्तिमान परमेश्वर यहोवा, यह कहता है: “याकूब (इस्राएल) के परिवार के लोगों को इन बातों की चेतावनी दो। 14 इस्राएल ने पाप किया और मैं उनके पापों के लिये उन्हें दण्ड दूँगा। मैं बेतेल की वेदी को भी नष्ट करूँगा। वेदी की सींगे काट दी जाएंगी और वे भूमि पर गिर जाएंगी। 15 मैं गर्मी के गृहों के साथ शीतकालीन गृहों को भी नष्ट करूँगा। हाथी दाँत से सजे गृह भी नष्ट होंगे। अनेकों गृह नष्ट किये जाएंगे।” यहोवा यह सब कहता है।

आनन्दप्रिय स्त्री

शोमरोन के पर्वत की बाशान की गायों मेरी बात सुनो। तुम गरीब लोगों को चोट पहुँचाती हो। तुम उन गरीबों को कुचलती हो। तुम अपने अपने पतियों से कहती हो, “पीने के लिये हमारे लिये कोई दाखमधु लाओ!”

मेरा स्वामी यहोवा ने मुझे एक वचन दिया। उसने अपनी पवित्रता के नाम प्रतिज्ञा की, कि तुम पर विपत्तियाँ आएंगी। लोग काटों का उपयोग करेंगे और तुम्हें बन्दी बना कर ले जाएंगे। वे तुम्हारे बच्चों को ले जाने के लिये मछलियों को फँसाने के काटों का उपयोग करेंगे। तुम्हारा नगर नष्ट होगा। तुम दीवारों के छेदों से नगर के बाहर जाओगी। तुम अपने आपको शवों के ढेर पर फेंकोगी।

यहोवा यह कहता है: “बेतेल जाओ और पाप करो! गिल्गाल जाओ तथा और अधिक पाप करो। अपनी बलियों की भेंट प्रात: काल करो। तीन दिन वाले पवित्र दिनों में अपनी फसल का दसवाँ भाग लाओ और खमीर के साथ बनी धन्यवाद भेंट चढ़ाओ। हर एक को स्वेच्छा भेंट के बारे में बताओ। इस्राएल, तुम उन्हें पसन्द करना करते हो। अत: जाओ और वही करो।” यहोवा ने यह कहा।

“मैंने तुम्हें अपने पास बुलाने के लिये कई काम किये। मैंने तुम्हें खाने को कुछ भी नहीं दिया। तुम्हारे किसी भी नगर में भोजन नहीं था। किन्तु तुम मेरे पास वापस नहीं लौटे।” यहोवा ने यह सब कहा।

“मैंने वर्षा भी बन्द की और यह फसल पकने के तीन महीने पहले हुआ। अत: कोई फसल नहीं हुई। तब मैंने एक नगर पर वर्षा होने दी किन्तु दूसरे नगर पर नहीं। वर्षा देश के एक हिस्से में हुई। किन्तु देश के अन्य भागों में भूमि बहुत सूख गई। अत: दो या तीन नगरों से लोग पानी लेने के लिये दूसरे नगरों को लड़खड़ाते हुए गए किन्तु वहाँ भी हर एक व्यक्ति के लिये पर्याप्त जल नहीं मिला। तो भी तुम मेरे पास सहायता के लिये नहीं आए।” यहोवा ने यह सब कहा।

“मैंने तुम्हारी फसलों को गर्मी और बीमारी से मार डाला। मैंने तुम्हारे बागों और अंगूर के बगीचों को नष्ट किया। टिड्डियों ने तुम्हारे अंजीर के पेड़ों और जैतून के पेड़ों को खा डाला। किन्तु तुम फिर भी मेरे पास सहायता के लिये नहीं आए।” यहोवा ने यह सब कहा।

10 “मैंने तुम्हारे विरूद्ध महामारियाँ वैसे ही भेजीं जैसे मैंने मिस्र में भेजी थीं। मैंने तुम्हारे युवकों को तलवार के घाट उतार दिया। मैंने तुम्हारे घोड़े ले लिये। मैंने तुम्हारे डेरों को शवों की दुर्गन्ध से भरा। किन्तु तब भी तुम मेरे पास सहायता को वापस नहीं लौटे।” यहोवा ने यह सब कहा।

11 “मैने तुम्हें वैसे ही नष्ट किया जैसे मैंने सदोम और अमोरा को नष्ट किया था और वे नगर पूरी तरह नष्ट किये गये थे। तुम आग से खींची गई जलती लकड़ी की तरह थे। किन्तु तुम फिर भी सहायता के लिये मेरे पास नही लौटे।” यहोवा ने यह सब कहा।

12 “अत: इस्राएल, मैं तुम्हारे साथ यह सब करूँगा। मैं तुम्हारे साथ यह करूँगा। इस्राएल, अपने परमेश्वर से मिलने के लिये तैयार हो जाओ!”

13 मैं कौन हूँ मैं वही हूँ जिसने पर्वतों को बनाया।
    मैंने तुम्हारा प्राण बनाया।
    मैंने लोगों को अपने विचार बनाए।
मैं ही सुबह को शाम में बदलता हूँ।
    मैं पृथ्वी के ऊपर के पर्वतों पर चलता हूँ।
    मैं कौन हूँ मेरा नाम यहोवा, सेनाओं का परमेश्वर है।

इस्राएल के लिये शोक सन्देश

इस्राएल के लोगों, इस सन्देश को सुनो, यह शोक सन्देश तुम्हारे विषय में है।

इस्राएल की कुमारी गिर गई है।
    वह अब कभी उठेगी नहीं।
वह धूली में पड़ी अकेली छोड़ दी गई है।
    उसे उठाने वाला कोई व्यक्ति नहीं है।

मेरा स्वामी यहोवा यह कहता है:

“हजारों सैनिकों के साथ नगर से जाने वाले अधिकारी
    केवल सौ सैनिकों के साथ लौंटेंगे।
सौ सैनिकों के साथ नगर छोड़ने वाले अधिकारी
    केवल दस सैनिकों के साथ लौटेंगे।”

यहोवा इस्राएल को अपने पास लौटने के लिये प्रोत्साहित करता है

यहोवा इस्राएल के घराने से यह कहता है:
“मेरी खोज करते आओ और जीवित रहो।
    किन्तु बेतेल में न खोजो।
गिल्गाल मत जाओ।
    सीमा को पार न करो और बेर्शेबा न जाओ।
गिल्गल के लोग बन्दी के रूप में ले जाए जाएंगे
और बेतेल नष्ट किया जाएगा।
यहोवा के पास जाओ और जीवित रहो।
    यदि तुम यहोवा के यहाँ नहीं जाओगे, तो यूसुफ के घर में आग लगेगी।
    आग यूसुफ के परिवार को नष्ट करेगी और बेतेल में उसे कोई भी नहीं रोक सकेगा।
7-9 तुम्हें सहायता के लिये यहोवा के पास जाना चाहिये।
    ये वही है जिसने कचपचिया और मृगशिरा को बनाया।
वह अंधकार को प्रात: प्रकाश में बदलता है।
    वह दिन को अंधेरी रात में बदलता है।
वह समुद्र से जल को उठाकर उसे पृथ्वी पर बरसाता है।
    उसका नाम यहोवा है
वह शक्तिशाली नगरों के
    मजबूत किलों को ढहा देता है।”

इस्राएलियों द्वारा किये गए बुरे काम

लोगों, यह तुम्हारे लिये बहुत बुरा होगा तुमने अच्छाई को कड़वाहट में बदला।
    तुमने औचित्य को मार डाला और इसे धूलि में मिला दिया।
10 नबी सामाजिक स्थानों पर जाते हैं और उन बुरे कामों के विरूद्ध बोलते हैं जिन्हें लोग किया करते हैं।
    किन्तु लोग उन नबियों से घृणा करते हैं।
    नबी सत्य कहते हैं, किन्तु लोग उन नबियों से घृणा करते हैं।
11 तुम गरीबों से अनुचित कर वसूलते हो।
    तुम उनसे ढेर सारा गेहूँ लेते हो
और इस धन का उपयोग तुम तराशे पत्थरों से सुन्दर महल बनाने में करते हो।
    किन्तु तुम उन महलों मे नहीं रहोगे।
तुम अंगूरों की बेलों के सुन्दर खेत बनाते हो।
    किन्तु तुम उनसे प्राप्त दाखमधु को नहीं पीओगे।
12 क्यों? क्योंकि मैं तुम्हारे अनेक पापों को जानता हूँ।
    तुमने, सच ही, कुछ बुरे काम किये हैं।
तुमने उचित काम करने वालों को चोट पहुँचाई।
    तुमने घूस के रूप में धन लिया।
    गरीब लोगों के साथ अनेक मुकद्दमों में तुमने अन्याय किया।
13 उस समय बुद्धिमान चुप रहेंगे।
    क्यों क्योंकि यह बुरा समय है।
14 तुम कहते हो कि परमेश्वर हमारे साथ है।
    अत: अच्छे काम करो, बुरे नहीं।
तब तुम जीवित रहोगे और सर्वशक्तिमान परमेश्वर यहोवा
    सच ही तुम्हारे साथ होगा।
15 बुराई से घृणा करो।
    अच्छाई से प्रेम करो।
न्यायालयों में न्याय वापस लाओ और तब संभव है कि सर्वशक्तिमान परमेश्वर
    यहोवा यूसुफ परिवार के बचे लोगों पर दयालु हो।

बड़े शोक का समय आ रहा है

16 यही कारण है कि मेरा स्वामी सर्वशक्तिमान परमेश्वर यह कह रहा है,
    “लोग सभी सार्वजनिक स्थानों में रोएंगे, लोग सड़कों पर रोएंगे।
    लोग पेशेवर रोने वालों को भाड़े पर रखेंगे।
17 लोग अंगूर के सभी खेतों में रोएंगे।
    क्यों क्योंकि मैं वहाँ से निकलूँगा और तुम्हें दण्ड दूँगा।”
    यहोवा ने यह सब कहा है।
18 तुममे से कुछ यहोवा के न्याय के
    विशेष दिन को देखना चाहते हैं।
तुम उस दिन को क्यों देखना चाहते हो
    यहोवा का विशेष दिन तुम्हारे लिये अन्धकार लाएगा, प्रकाश नहीं।
19 तुम किसी सिंह के सामने से बचकर भाग निकलने वाले ऐसे व्यक्ति के समान होगे
    जिस पर भागते समय रीछ आक्रमण कर देता है
और फिर जब वह उस रीछ से भी बच निकलकर किसी घर में जा घुसता है
    तो वहाँ दीवार पर हाथ रखते ही,
    उसे साँप डस लेता है!
20 अत: यहोवा का विशेष दिन अन्धकार लाएगा, प्रकाश नहीं,
    यह शोक का समय होगा उल्लास का नहीं।

यहोवा इस्राएलियों की आराधना अस्वीकार कर रहा है

21 “मैं तुम्हारे पवित्र दिनों से घृणा करता हूँ!
    मैं उन्हें स्वीकार नहीं करूँगा!
    मैं तुम्हारी धार्मिक सभाओं का आनन्द नहीं लेता!
22 यदि तुम होमबलि और अन्नबलि भी दोगे तो
    मैं स्वीकार नहीं करूँगा।
तुम जिन मोटे जानवरों को शान्ति—भेंट के रूप में दोगे
    उन्हें मैं देखूँगा भी नहीं।
23 तुम यहाँ से अपने शोरगुल वाले गीतों को दूर करो।
    मैं तुम्हारी वीणा के संगीत को नहीं सुनूँगा।
24 तुम्हें अपने सारे देश में न्याय को नदी की तरह बहने देना चाहिये।
    अच्छाई को सदा सरिता की धारा की तरह बहने दो जो कभी सूखती नहीं।
25 इस्राएल, तुमने चालीस वर्ष तक मरूभूमि में
    मुझे बलि और भेंट चढ़ाई।
26 तुम अपने राजा (देवता) सक्कुथ और नक्षत्र देवता कैवन की मूर्तियों को लेकर चले।
    इन देवताओं की मूर्तियों को स्वयं तुमने अपने लिये बनाया था।
27 अत: मैं तुम्हें बन्दी बनाकर
    दमिश्क के पार पहुँचाऊँगा”
यह सब यहोवा कहता है।
    उसका नाम सर्वशक्तिमान परमेश्वर है।

इस्राएल से अच्छा समय ले लिया जाएगा

सिय्योन के तुम लोगों में से कुछ का जीवन बहुत आराम का है।
    सामारिया पर्वत के कुछ लोग अपने को सुरक्षित अनुभव करते है किन्तु तुम पर अनेक विपत्तियाँ आएंगी।
राष्ट्रों के सर्वोतम नगरों के तुम “सम्मानित” लोग हो।
    “इस्राएल के लोग” न्याय पाने के लिये तुम्हारे पास आते हैं!
जाओ और कलने पर ध्यान दो।
    वहाँ से विशाल नगर हमात को जाओ।
    पलिश्ती नगर गत को जाओ।
क्या तुम इन राज्यों से अच्छे हो नहीं!
    उनके देश तुम्हारे से बड़े हैं।
तुम लोग वह काम कर रहे हो, जो दण्ड के दिन को समीप लाता है।
    तुम हिंसा के शासन को समीप, और समीप ला रहे हो।
किन्तु तुम सभी विलासों का भोग करते हो।
    तुम हाथी दाँत की सेज पर सोते हो और अपने बिछौने पर आराम करते हो।
तुम रेवड़ों में से कोमल मेमने
    और बाड़ों में से नये बछड़े खाते हो।
तुम अपनी वीणायें बजाते हो
    और राजा दाऊद की तरह अपने वाद्यों पर अभ्यास करते हो।
तुम सुन्दर प्यालों में दाखमधु पीया करते हो।
    तुम सर्वोत्तम तेलों से अपनी मालिश करते हो
और तुम्हें इसके लिये घबराहट भी नहीं कि
    यूसुफ का परिवार नष्ट किया जा रहा है।

वे लोग अब अपने बिछौने पर आराम कर रहे हैं। किन्तु उनका अच्छा समय समाप्त होगा। वे बन्दी के रूप में विदेशों में पहुँचाये जाएंगे और वे प्रथम पकड़े जाने वालों में से कुछ होंगे। मेरे स्वामी यहोवा ने यह प्रतिज्ञा की थी। उन्होंने अपना नाम सर्वशक्तिमान परमेश्वर यहोवा लिया और यह प्रतिज्ञा की:

“मैं उन बातों से घृणा करता हूँ,
    जिन पर याकूब को गर्व है। मैं उसकी दृढ़ मीनारों से घृणा करता हूँ।
अत: मैं शत्रु को नगर तथा
    नगर की हर एक चीज लेने दूँगा।”

थोड़े से इस्राएली जीवित बचेंगे

उस समय, किसी घऱ में यदि दस व्यक्ति जीवित बचेंगे तो वे भी मर जाएंगे। 10 जब कोई मर जाएगा तब कोई सम्बंधी शव लेने आएगा, जिससे वह उसे बाहर ले जा सके और जला सके। सम्बंधी घर में से हड्डियाँ लेने आयेगा। लोग किसी भी उस व्यक्ति से जो घर के भीतर छिपा होगा, पूछेंगे, “क्या तुम्हारे पास कोई अन्य शव है?”

वह व्यक्ति उत्तर देगा, “नहीं …।”

तब व्यक्ति के सम्बंधी कहेंगे, “चुप! हमें यहोवा का नाम नहीं लेना चाहिये।”

11 देखो, परमेश्वर यहोवा आदेश देगा
    और विशाल महल टुकड़े—टुकड़े किये जायेंगे
    और छोटे घर छोटे—छोटे टुकड़ों में तोड़े जाएंगे।
12 क्या घोड़े शिलाखंड़ो पर दौड़ते हैं नहीं!
    क्या लोग समुद्र को बैलों से जोत सकते हैं नहीं।
तो भी तुम हर चीज को उलट—पलट देते हो।
    तुम अच्छाई और न्याय को जहर में बदल देते हो।
13 तुम लो—देवर में प्रसन्न हो,
    तुम कहते हो, “हमने करनैम को अपनी शक्ति से जीता है।”

14 “किन्तु इस्राएल, मैं तुम्हारे विरूद्ध एक राष्ट्र को भेजूँगा। वह राष्ट्र तुम्हारे सारे देश को, लेबो—हमात से लेकर अराबा नाले तक विपत्ति में डालेंगे।” सर्वशक्तिमान परमेश्वर यहोवा ने वह सब कहा।

दर्शन में टिड्डियाँ

यहोवा ने मुझे यह दिखाया: उसने दूसरी फसल उगने के समय टिड्डी दलों की रचना आरम्भ की। राजा द्वारा प्रथम फसल काट लिये जाने के बाद यह दूसरी फसल थी। टिड्डियों ने देश की सारी घास खा डाली। उसके बाद मैंने कहा, “मेरे स्वामी यहोवा, मैं प्रार्थना करता हूँ, हमें क्षमा कर! याकूब बच नहीं सकता! वह अत्यन्त छोटा है!”

तब यहोवा ने इसके बारे में अपने विचार को बदला। यहोवा ने कहा, “ऐसा नहीं होगा।”

दर्शन में आग

मेरे स्वामी यहोवा ने मुझे ये चीजें दिखाई; मैंने देखा कि यहोवा परमेश्वर अग्नि को वर्षा की तरह बरसने के लिए बुला रहा है। अग्नि ने विशाल गहरे समुद्र को नष्ट कर दिया। अग्नि भूमि को चट करने लगी। किन्तु मैंने कहा, “हे परमेश्वर यहोवा, मैं तुमसे प्रार्थना करता हूँ, ठहर। याकूब बच नहीं सकता! वह बहुत छोटा है!”

तब यहोवा ने इसके बारे में अपना विचार बदला। परमेश्वर यहोवा ने कहा, “ऐसा नहीं होगा।”

दर्शन में साहुल

यहोवा ने मुझे यह दिखाया: यहोवा एक दीवार के सहारे एक साहुल अपने हाथ में लेकर खड़ा हुआ था। (दीवार साहुल से सीधी की गई थी।) यहोवा ने मुझसे कहा, “आमोस, तुम क्या देखते हो”

मैंने कहा, “साहुल।”

तब मेरे स्वामी ने कहा, “देखो, मैं अपने इस्राएल के लोगों पर साहुल का उपयोग करूँगा। मैं अब और आगे उनके टेढ़ेपन को नजरन्दाज नहीं करूँगा। मैं उन बुरे भागों को काट फेंकूँगा। इसहाक के उच्च स्थान नष्ट किये जायेंगे। इस्राएल के पवित्र स्थान चट्टान की ढेरों में बदल दिये जाएंगे। मैं आक्रमण करूँगा और यारोबाम के परिवार को तलवार के घाट उतारूँगा।”

अमस्याह आमोस को भविष्यवाणी करने से रोकने का प्रयत्न करता है

10 बेतेल के याजक अमस्याह ने इस्राएल के राजा यारोबाम को यह सन्देश भेजा: “आमोस तुम्हारे विरूद्ध षड़यन्त्र रच रहा है। वह इस्राएल के लोगों को तुम्हारे विरूद्ध युद्ध के लिये भड़का रहा है। वह इतना अधिक कह रहा है कि उसके शब्द पूरे देश में भी समा नहीं सकते। 11 आमोस ने कहा है, ‘यारोबाम तलवार के घाट उतरेगा और इस्राएल के लोगों को बन्दी बनाकर अपने देश से बाहर ले जाए जाएंगे।’”

12 अमस्याह ने भी आमोस से कहा, “हे दर्शी, यहूदा जाओ और वहीं खाओ। अपने उपदेश वहीं दो। 13 किन्तु यहाँ बेतेल में और अधिक उपदेश मत दो! यह यारोबाम का पवित्र स्थान है। यह इस्राएल का मन्दिर है!”

14 तब आमोस ने अमस्याह को उत्तर दिया, “मैं पेशेवर नबी नहीं हूँ और मैं नबी के परिवार का नहीं हूँ। मैं पशु पालता हूँ और गूलर के पेड़ों की देखभाल करता हूँ। 15 मैं गड़ेरिया था और यहोवा ने मुझे भेड़ों को चराने से मुक्त किया। यहोवा ने मुझसे कहा, ‘जाओ, मेरे लोग इस्राएलियों में भविष्यवाणी करो।’ 16 इसलिये यहोवा के सन्देश को सुनो। तुम मुझसे कहते हो ‘इस्राएल के विरूद्ध भविष्यवाणी मत करो। इसहाक के परिवार के विरूद्ध उपदेश मत दो।’ 17 किन्तु यहोवा कहता है: ‘तुम्हारी पत्नी नगर में वेश्या बनेगी। तुम्हारे पुत्र और पुत्रियाँ तलवार द्वारा मारे जाएंगे। अन्य लोग तुम्हारी भूमि लेंगे और आपस में बाटेंगे और तुम विदेश में मरोगे। इस्राएल के लोग निश्चय ही, इस देश से बन्दी के रूप में ले जाए जाएंगे।’”

दर्शन में पके फल

यहोवा ने मुझे यह दिखाया: मैंने ग्रीष्म के फलों की एक टोकरी देखी: यहोवा ने पूछा, “आमोस, तुम क्या देखते हो”

मैंने कहा, “ग्रीष्म के फलों की एक टोकरी।”

तब यहोवा ने मुझसे कहा, “मेरे लोग इस्राएलियों का अन्त आ गया है। मैं उनके पापों को और अनदेखा नहीं कर सकता। मन्दिर के गीत शोक गीत बन जाएंगे। मेरे स्वामी यहोवा ने यह सब कहा। सर्वत्र शव ही होंगे। सन्नाटे में लोग शवों को ले जाएंगे और उनके ढेर लगा देंगे।”

इस्राएल के व्यापारी केवल धन बनाने में लगे रहना चाहते हैं

मेरी सुनो! लोगों तुम असहायों को कुचलते हो।
    तुम इस देश के गरीबों को नष्ट करना चाहते हो।
व्यापारियों, तुम कहते हो,
    “नवचन्द्र कब बीतेगा, जिससे हम अन्न बेच सकेंगे
सब्त कब बीतेगा,
    जिससे हम अपना गेहूँ बेचने को ला सकेंगे
हम कीमतें बढ़ा सकेंगे,
    बाटों को हलका कर सकेंगे,
और हम तराजुओं को ऐसा व्यवस्थित कर लेंगे
    कि लोगों को ठग सकें।
गरीब अपना ऋण वापस नहीं कर सकते अत:
    हम उन्हें दास के रूप में खरीदेंगे।
हम उऩ गरीबों को
    एक जोड़ी जूतों की कीमत में खरीदेंगे।
अहो! हम उस खराब गेहूँ को भी बेच सकते हैं,
    जो फर्श पर बिखर गया हो।”

यहोवा ने प्रतिज्ञा की। उसने “याकूब गर्व” नामक अपने नाम का उपयोग किया और यह प्रतिज्ञा की:

“मैं उन लोगों के किये कामों के लिये उन्हें क्षमा नहीं कर सकता।
उन कामों के कारण पूरा देश काँप जाएगा।
    इस देश का हर एक निवासी मृतकों के लिये रोयेगा।
पूरा देश मिस्र में नील नदी की तरह उमड़ेगा और नीचे गिरेगा।
    पूरा देश चारों ओर उछाल दिया जायेगा।”

यहोवा ने ये बाते भी कहीं:
    “उस समय, मैं सूरज दोपहर में ही अस्त करूँगा।
    मैं प्रकाश भरे दिन में पृथ्वी को अन्धकारपूर्ण करूँगा।
10 मैं तुम्हारे पवित्र दिनों को मृतकों के लिये शोक—दिवस में बदलूँगा।
    तुम्हारे सभी गीत मृतकों के लिये शोक गीत बनेंगे।
मैं हर एक को शोक वस्त्र पहनाऊँगा।
    मैं हर एक सिर को मुँड़वा दूँगा।
मैं ऐसा गहरा शोक भरा रोना बनाऊँगा
    मानो वह एक मात्र पुत्र के शोक का हो।
यह एक अत्यन्त कटु अन्त होगा।”

परमेश्वर के संसार के लिए भयंकर भुखमरी पूर्ण भविष्य

11 यहोवा कहता है:

“देखो, वे दिन समीप आ रहा है,
    जब मैं देश में भुखमरी लाऊँगा,
लोग रोटी के भूखे
    और पानी के प्यासे नहीं होंगे,
    बल्कि लोग यहोवा के वचन के भूखे होंगे।
12 लोग एक सागर से दूसरे सागर तक भटकेंगे।
    वे उत्तर से दक्षिण तक भटकेंगे।
वे लोग यहोवा के सन्देश के लिये आगे बढ़ेंगे, पीछे हटेंगे,
    किन्तु वे उसे पाएंगे नहीं।
13 उस समय सुन्दर युवतियाँ और युवक
    प्यास के कारण बेहोश हो जाएंगे।
14 उन लोगों ने शोमरोन के पाप के नाम पर प्रतिज्ञायें की।
उन्होंने कहा,
    ‘दान तुम्हारे देवता की सत्ता निश्चित सत्य है, इससे हम प्रतिज्ञा करते हैं …,
    और बेर्शेबा के देवता की सत्ता निश्चित सत्य है, इससे हम प्रतिज्ञा करते है …’
अत: उन लोगों का पतन होगा
    और वे फिर कभी उठेंगे नहीं।”

दर्शन में यहोवा का वेदी के सहारे खड़ा होना

मैंने अपने स्वामी को दर्शन के सामने खड़ा देखा। उसने कहा,

“स्तम्भों के सिरे पर प्रहार करो, और पूरी इमारत की देहली तक काँप उठेगी।
स्तम्भों को लोगों के सिर पर गिराओ।
    यदि कोई जीवित बचेगा, सो उसे तलवार से मारो।
कोई व्यक्ति भाग सकता है, किन्तु वह बच नहीं सकेगा।
    लोगों में से कोई भी व्यक्ति बचकर नहीं निकलेगा।
यदि वे नीचे पाताल में खोदकर जाएंगे,
    मैं उन्हें वहाँ से खीच लूँगा।
यदि वे ऊपर आकाश में जाएंगे
    मैं उन्हें वहाँ से नीचे लाऊँगा।
यदि वे कर्म्मेल पर्वत की चोटी पर जा छिपेंगे,
    मैं उन्हें वहाँ खोज लूँगा और मैं उन्हें उस स्थान से ले आऊँगा।
यदि वे मुझसे, समुद्र के तल में छिपना चाहते हैं,
    मैं सर्प को आदेश दूँगा और वह उन्हें डस लेगा।
यदि वे पकड़े जाएंगे और अपने शत्रु द्वारा ले जाए जाएंगे,
    मैं तलवार को आदेश दूँगा
    और वह उन्हें वहीं मारेगी।
हाँ, मैं उन पर कड़ी निगाह रखूँगा किन्तु
    मैं उन्हें कष्ट देने के तरीकों पर निगाह रखूँगा।
    उनके लिये अच्छे काम करने के तरीकों पर नहीं।”

देश के लोगों को दण्ड नष्ट करेगा

मेरे स्वामी सर्वशक्तिमान यहोवा, उस प्रदेश को छुएगा
    और वह पिघल जाएगा
    तब उस देश के सभी निवासी मृतको के लिये रोएंगे।
यह प्रदेश मिस्र की नील नदी की तरह ऊपर उठेगा
    और नीचे गिरेगा।
यहोवा ने अपने ऊपर के निवास आकाश के ऊपर बनाए।
    उसने अपने आकाश को पृथ्वी पर रखा।
वह सागर के जल को बुला लेता है, और देश पर उसकी वर्षा करता है।
    उसका नाम यहोवा है।

यहोवा इस्राएल को नष्ट करने का प्रतिज्ञा करता है

यहोवा यह कहता है:

“इस्राएल, तुम मेरे लिये कूशियों की तरह हो।
    मैं इस्राएल को मिस्र से निकाल कर लाया।
    मैं पलिश्तियों को भी कप्तोर से लाया और अरामियों को कीर से।”
मेरे स्वामी यहोवा पापपूर्ण राज्य (इस्राएल) पर दृष्टि रखा है।
यहोवा यह कहता है,
“मैं पृथ्वी पर से इस्राएल को नष्ट कर दूँगा।
    किन्तु मैं याकूब के परिवार को पूरी तरह नष्ट नहीं करूँगा।
मैं इस्राएल के घराने को तितर—बितर करके
    अन्य राष्ट्रों में बिखेर देने का आदेश देता हूँ।
यह उसी प्रकार होगा जैसे कोई व्यक्ति अनाज को छनने से छन देता हो।
अच्छा आटा उससे निकल जाता है, किन्तु बुरे अंश फँस जाते हैं।
    याकूब के परिवार के साथ ऐसा ही होगा।

10 “मेरे लोगों के बीच पापी कहते हैं,
    ‘हम लोगों के साथ कुछ भी बुरा घटित नहीं होगा!’
किन्तु वे सभी लोग तलवार से मार दिये जाएँगे।”

Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)

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