Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
आरोहण गीत।
1 हे यहोवा, मइँ गहिर कस्ट मँ हउँ
तउ सहारा पावइ क मइँ तोहका गोहरावत हउँ।
2 मोर सुआमी, तू मोर सुनि ल्या।
मोर मदद क गोहार पइ कान द्या।
3 हे यहोवा, अगर तू लोगन क ओनकर सबहिं पापन्क सचमुच सजा द्या
तउ फुन कउनो भी बच नाहीं पाइ।
4 मुला तू, यहोवा, आपन लोगन क छिमा करा;
तउ उ लोग तोहार सम्मान करिहीं।
5 मइँ यहोवा क बाट जोहत अहउँ कि उ मोका मदद देइ।
मोर आतिमा ओकरी प्रतीच्छा मँ अहइ।
यहोवा जउन कहत ह ओह पइ मोर भरोसा अहइ।
6 मइँ आपन सुआमी क बाट जोहत हउँ।
मइँ उ रच्छक जउन उसा क अवाई क प्रतीच्छा मँ लगा रहत ह स जियादा उत्सुकता स ओकर प्रतीच्छा किहस।
7 इस्राएल, यहोवा पइ बिस्सास करा।
काहेकि सिरिफ उ ही बिस्ससनीय पिरेम देत ह।
उ हमरी बार बार रच्छा किया करत ह।
8 उ इस्राएल क ओनके सारे पापन स बचाइ।
याकूब बिन्यामीन क मिस्र जाइ क आग्या दिहस
43 उ देस मँ अकाल बहोत भयंकर रहा। 2 मनइयन उ सारा अन्न खाइ गएन जउन उ पचे उ सबइ मिस्र स लिआइ रहेन। जब अनाज खतम होइ गवा, याकूब आपन बेटवन स कहेस, “फुन मिस्र जा। हम लोगन क खाइ बरे कछू अउर अनाज बेसहा।”
3 मुला यहूदा याकूब स कहेस, “उ देस क राजा हम लोगन क चिताउनी दिहस ह। उ कहेस ह, ‘जदि तू लोग आपन भाई क मोरे लगे वापिस नाही लउब्या तउ मइँ तू लोगन स बात करइ स मना भी कइ देब’ 4 जदि तू हम लोगन क संग बिन्यामीन क पठउब्या तउ हम पचे जाब अउ अनाज खरीदब। 5 अन्यथा, हम लोग नाहीं जाब। उ मनई चिताउनी दिहस कि हम लोग बिन्यामीन के बिना वापस न आइ।”
6 इस्राएल कहेस, “तू लोग उ मनई स काहे कहया, कि तोहार दूसर भाई भी अहइ। तू पचे मोरे संग अइसी बुरी बात काहे किह्या?”
7 भाइयन जवाब दिहन, “उ राज्जपाल हुसियारी स हम पचन स प्रस्न पूछेस। उ हम लोगन अउ हम लोगन क परिवार क बारे मँ जानइ चाहत रहा। उ हम लोगन स पूछेस, ‘का तू पचन क पिता अबहि जिउत अहइ? का तू लोगन क दूसर भाई घरे प बाटइ?’ हम लोग सिरिफ ओकरे प्रस्न क जवाब दीन्ह। हम लोग नाही जानत रहे कि उ हमरे दूसर भाई क आपन लगे लइ आवइ क कही।”
8 तब यहूदा आपन पिता इस्राएल स कहेस, “बिन्यामीन क मोरे संग पठवा। मइँ ओकर देखभाल करब। हम पचे मिस्र जरुर जाब अउ भोजन लिआउब। अगर हम पचे नाहीं जाई तउ हम सबहिं लोग आपन गदेलन क संग मरि जाबइ। 9 मइँ बिस्सास दियावत अहउँ कि उ सुरच्छित रही। मइँ एकर जिम्मेदार रहब। जदि मइँ ओका तोहरे लगे लउटाइके न लिआवउँ तउ तू सदा बरे मोका दोखी ठहराइ सकत ह। 10 जदि तू हमका पहिले जाइ दिहे होत्या तउ भोजन बरे हम लोग दुइ जात्रा अबहि तलक कर चुके होतेन।”
11 तब ओनके पिता इस्राएल कहेस, “अगर इ फुरइ सही अहइ तउ बिन्यामीन क आपन संग लइ जा। मुला राज्जपाल बरे कछू भेंट लइ जा। ओन चीजन मँ स कछू लइ जा जउन हम पचे आपन देस मँ बटोरि सका अही। ओकरे बरे कछू सहद, पिस्ता, बादाम, गोदं अउ लोहबान लइ जा। 12 इ टेम, पहिले स दुई गुना धन भी लइ ल्या उ धन क भी लइ ल्या जउन पिछली दाईं दिहे क पाछे लउटाइ दीन्ह गवा रहा। होइ सकत ह कि राज्जपाल स गलती भइ ह। 13 बिन्यामीन क संग ल्या अउ उ मनई क लगे लइ जा। 14 मइँ पराथना करत हउँ कि सर्वसक्तिमान परमेस्सर तू पचन क उ टेम मदद करी जब तू उ राज्जपाल क समन्वा ठाड़ होब्या। मइँ इ पराथना भी करत हउँ कि उ बिन्यामीन अउ सिमोन क भी सुरच्छित आवइ देइ। अगर नाही तउ मइँ आपन पूतन स वंचित होइ जाब।”
15 ऍह बरे भाइयन राजा क देइ बरे भेंट लिहन अउ उ पचे जेतॅना धन पहिले लिहे रहेन ओकर दुइ गुना आपन साथ लिहन। बिन्यामीन भाइयन क संग मिस्र गवा।
भाइयन क यूसुफ क घर निमंत्रण मिलत ह
16 मिस्र मँ यूसुफ ओनके संग बिन्यामीन क लखेस। यूसुफ आपन सेवक स कहेस: “ओन मनइयन क मोरे घरे लिआवा। एक ठु जनावर मारा अउ पकावा। उ सबइ मनई क आजु दुपहरिया मोरे संग भोजन करइ द्या।” 17 नउकर क जइसा कहा गवा रहा वइसा किहस। उ ओन मनइयन क यूसुफ क घर लइ गवा।
18 भाई लोग ससान रहेन जब उ सबइ यूसुफ क घर गएन। उ पचे कहेन, “हम पचे हिआँ उ धन बरे लिआवा ग अही जउन पिछली दाईं हम लोगन क बोरन मँ रखि दीन्ह ग रहा। उ पचे ऍका हम लोगन क बिरुद्ध प्रयोग करिही। तब उ पचे हम पचन क गदहन क लइ लेइहीं अउ हम लोगन क गुलाम बनइहीं।”
19 ऍह बरे यूसुफ क घरे क देख रेख करइवाला नउकर क लगे सबहि भाई गएन। 20 उ पचे कहेन, “महोदय हम सपथ लइके कहत हउँ कि पिछली दाईं हम लोग हिआँ भोजन खरीदइ बरे आए रहेन। 21-22 घर लउटत समइ हम पचे आपन बोरन क खाली कीन्ह अउ हर एक बोरा मँ आपन धन पावा। हम पचे नाहीं जानत रहेन कि ओनमाँ धन कइसे पहोंचा। मुला हम उ धन आप क लउटावइ बरे साथ लाए अहइँ अउ इ समइ हम लोग जउन अनाज बेसहइ चाहित ह ओकरे बरे धन लाए अही”
23 नउकर जवाब दिहस, “डेराअ जिन, मोहे प पतिआ। तोहरे पिता क परमेस्सर तू लोगन क धन क तोहरे बोरवन मँ भेंट क रुप मँ धरे होइ। मोका सुमिरन अहइ कि तू लोगन पिछली दाईं अनाज क दाम मोका दइ दिहे रह्या।”
तब नउकर सिमौन क जेल स बाहेर लिआवा। 24 नउकर ओन लोगन क यूसुफ क घरे लइ गवा। उ ओनका पानी दिहस अउ उ पचे आपन गोड़ पखारेन। उ ओनके गदहन क खाइ बरे चारा दिहस।
25 भाइयन सुनेन कि यूसुफ क संग खइया क खइही। ऍह बरे ओकर भाई आपन भेंट तइयार करइ मँ उ पचे दुपहर तलक लगा रहेन।
26 यूसुफ आपन घर गवा अउ भाइयन ओका भेंट दिहन जउन उ पचे आपन संग लइ आए रहेन। तब उ पचे धरती प निहुरिके पैलगी किहन।
27 यूसुफ ओनकइ कुसल पूछेस। यूसुफ कहेस, “तू पचन क बुढ़वा पिता जेकरे बारे मँ तू लोगन क बताया, ठीक तउ अहइ? का उ अब तलक जिउत अहइ?”
28 भाइयन जवाब दिहेन, “हम पचन क बाप नीक अहइँ।” उ सबइ अब तलक जिउत अहइँ अउर उ पचे फुन यूसुफ क समन्वा निहुरेन। यूसफ आपन भाई बिन्यामीन स मिलत ह
29 तब यूसुफ आपन बिन्यामीन क लखेस। (बिन्यामीन अउ यूसुफ क एक ही महतारी रहिन।) यूसुफ केहस, “का इ तू लोगन क सब स लहुरा भाई अहइ जेकरे बारे मँ तू बताए रह्या” तब यूसुफ बिन्यामीन स कहेस, “परमेस्सर तोह प कृपालु होइ।”
30 तब यूसुफ कमरा स बाहेर दौड़ि गवा। आपन भाइ बिन्यामीन क सहानुभूति मँ बेकाबू होइ गवा रहेन। ऍह बरे उ रोवइ वास्ते गुप्त ठउर खोजेस। उ आपन कमरा मँ गवा अउर हुवाँ रोवा। 31 तब यूसुफ आपन मुँह धोएस अउ बाहेर आवा। उ आपन आप पइ काबू रखेस अउर कहेस, “अब खइया क खाइके टेम बाटइ।”
32 यूसुफ अकेले एक ठु मेज प खइया खाएस। ओकर भाइयन दूसर मेज प एक साथ भोजन किहन। मिस्र क लोगन दूसर मेज प एक संग खाएन। ओनकइ बिस्सास रहा कि ओनके बरे इ ठीक नाही कि उ पचे हिब्रू लोगन क संग खाइँ। 33 अब उ पचन्क यूसुफ क समन्वा मेज पइ पहलोठा स लइ क सबन त छोटा क तरतीब मँ बइठा गवा रहेन। ऍह बरे सबइ भाइयन अचरज करत भए रहेन। 34 नउकर लोग यूसुफ क मेज प ओनका भोजन लइ जात रहेन। मुला अउरन स अपेच्छा नउकर लोग बिन्यामीन क पाँच गुना बेसी दिहन। यूसुफ क संग उ सबहि भाई तब तलक खात रहेन अउ दाखरस पिअत रहेन जब तलक उ पचे नसा मँ मस्त नाही होइ गएन।
यरुसलेम मँ एक सभा
15 फिन कछू लोग यहूदिया स आएन अउर भाई लोगन क सिच्छा देइ लागेन, “जदि मूसा क व्यवस्था क मुताबिक तोहार खतना नाहीं भवा अहइ तउ तोहार उद्धार नाहीं होइ सकत।” 2 पौलुस अउर बरनाबास क बिचार मेल नाहीं खात रहा, तउ ओनमाँ एक बड़ा मत भेद पइदा होइ गवा। यह बरे पौलुस अउर बरनाबास अउर ओनके कछू अउर संगी इ समस्या क हल निकारइ बरे प्रेरितन अउर मुखियन क लगे यरुसलेम पठवइ क ठान लिहेन।
3 उ पचे कलीसियन क जरिए पठवा गाएऩ अउर फीनीके अउर सामरिया होत भए अधर्मियन क हिरदय बदलत भए भाई बहिनियन क समाचार सुनाइके खुस करत रहेन। 4 फिन जब उ पचे यरुसलेम पहोंचेन तउ कलिसिया, प्रेरितन अउर बुजुर्ग लोगन अगवानी किहेन। अउर उ पचे ओनके संग परमेस्सर जउन किहे रहा, उ सब कछू ओनका कहिके सुनाएन। 5 ऍह पइ फरीसियन क दल क कछू बिसवासि खड़ा भएऩ अउर बोलेन, “ओनकइ खतना जरुर कीन्ह जाइ चाही अउर ओनका हुकुम देइ चाही कि उ पचे मूसा क व्यवस्था क पालन करइँ।”
6 तउ इ सवाल प बिचार करइ बरे प्रेरितन अउर बुजुर्गन आपुस मँ बटुर गएऩ। 7 एक लम्बी चौड़ी तहत्तुक पाछे पतरस खड़ा भवा अउर ओनसे बोला, “भाइयो, तू पचे जानत ह कि बहोत दिना पहिले तोहमाँ स परमेस्सर एक चुनाव किहे रहा कि मोरे हीला स गैर यहूदियन लोग सुसमाचार क संदेसा सुनइहीं अउर बिसवास करिहीं। 8 अउर अन्तर्यामी परमेस्सर हमरे ही तरह ओनका भी पवित्तर आतिमा क बरदान दइके, ओकरे बारे मँ आपन समर्थन देखाए रहा। 9 बिसवास क जरिए ओनकइ हिरदय क पवित्तर कइके हमरे अउर ओनके बेच उ कउनो भेद-भाव नाहीं किहेस। 10 तउ अब चेलन क गटइया प एक अइसा जुआ लादिके जेका न हम उठाइ सकित अही अउर न हमार पूर्वज तू पचे परमेस्सर क गुस्सा करावइ चाहत ह? 11 मुला हमार तउ इ बिसवास अहइ कि पर्भू ईसू क अनुग्रह स जइसे हमार उद्धार भवा ह, वइसे ही हमका भरोसा अहइ कि ओनकइ भी बचाव जाई!”
12 ऍह पइ समूचा दल सन्न मारि गवा अउर बरनाबास अउर पौलुस क बोलब सुनई लागेन। उ पचे, गैर यहूदियन क बीच परमेस्सर ओनकइ हीला स दुइ अद्भुत कारजन परगट किहे रहा, अउर अचरज कारजन किहे रहा, ओकरे बाबत बतावत रहेन। 13 उ पचे जब बोल चुकेन तउ याकूब कहइ लाग, “भाइयो, मोरउ सुना। 14 समौन बताए रहा कि परमेस्सर गैर यहूदियन मँ स कछू लोगन्क आपन नाउँ बरे चुनिके सबन ते पहिले कइसे पिरेम परगट किहे रहा। 15 नबी लोगन्क बचन भी इ बात क समर्थन करत हीं। जइसा कि लिखा बाटइ:
16 ‘अउर जाबइ मइँ एकरे पाछे,
फिन स दाऊद क उ घरे क
खड़ा करब जउन गिर चुका ह।
फिन स ओकर खण्डहर क
सँवारब, फिन स पुराने क उद्धार करब।
17 काहेकि जउन बचा अहइँ
उ सबइ गैर यहूदी सबहिं जउन
अब मोर कहवावत हीं,
पर्भू क हेरइँ।’ (A)
18 ‘उहइ पर्भू इ बात क कहत ह, जउन जुग-जुग स इ बातन क परगट करत रहा।’
19 “इ तरह मोर इ निर्णय अहइ कि हमका ओन मनइयन क, जउन गैर यहूदी होत भए परमेस्सर कइँती घूमा अहइँ, सतावइ नाहीं चाही। 20 मुला हमका तउ ओऩके लगे लिखिके पठवइ चाहीं। हमका ओनका इ बातन क बतावइ चाही:
मूरत क चढ़ावा भवा खइया क जिन खा (ऍहसे खइया क अपवित्तर होत ह।)
कउनो तरह क व्यभिचार जिन करा लहू क कबहुँ जिन चखा।
गटइ घोटिके मारा गवा गोरू क मांस जिन खा।
21 ओऩ पचन्क क इ बात न करइ चाही, काहेकि हर सहर मँ मनइयन (यहूदी) बाटेन जउन मूसा क व्यवस्था सिखावत हीं। हर सबित क दिन मूसा क व्यवस्था क तरीका स पाठ आराधनालय मँ बरिसन स होत आवत ह।”
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.