Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
दाऊद क आरोहण गीत।
1 इ फुरइ नीक अउ सुखदायी अहइ
जब भाइयन आपुस मँ मिलिजुलिके रहइँ।
2 इ वइसे महकउआ तेल जइसा होत ह जेका हारून क मूँड़ी पइ उड़ेरा गवा रहा।
इ, उ तेल जइसा होत ह जउन हारून क दाढ़ी क पइ बहत होइ।
इ, उ तेल जइसा होत ह जउन हारून क खास ओढ़नन पइ बहत रहा।
3 इ उ कोमल बर्खा क बूँदन क समान अहइ जउन हेर्मोन क पहाड़ी स आवति हीं अउ सिय्योन क पहाड़ पइ गिरत हीं,
काहेकि हुवँइ यहोवा आपन अनन्तकालीन जिन्नगी क आसीस दिहे रहा।
सपना फुरइ भवा
42 इ समइ याकूब क प्रदेस मँ भुखमरी रही। मुला याकूब क इ पता लाग कि मिस्र मँ अनाज अहइ। ऍह बरे याकूब आपन बेटवन स कहेस, “हम लोग हिआँ हाथ प हाथ धरे काहे बइठा अहइ? 2 मइँ सुनेउँ ह कि मिस्र मँ खरीदइ क अनाज बाटइ। ऍह बरे हम पचे हुआँ चली अउ हुआँ स आपन खाइ क बरे अनाज बेसही, तब हम लोग जिअत रहब, मरब नाहीं।”
3 ऍह बरे यूसुफ क भाइयन मँ स दस अन्न खरीदइ बरे मिस्र गएन। 4 याकूब बिन्यामीन क नाही पठएस। (बिन्यामीन यूसुफ क एक ही सगा भाई रहा।) याकूब एह बरे डरा भवा रहा कि बिन्यामीन पइ कउनो तरह क खतरा आवइ सकत ह।
5 कनान मँ भुखमरी क समइ बहोत खौफनाक रहा। ऍह बरे कनान क बहोत स लोग अन्न बेसहइ मिस्र गएन। ओनही लोगन क संग मँ इस्राएल क पूतन भी रहेन।
6 इ टेम यूसुफ मिस्र क राज्जपाल रहा। सिरिफ यूसुफ ही रहा जउन मिस्र आवइ वालन लोगन क अन्न बेचइ क हुकुम देत रहा। यूसुफ क भाई ओकरे लगे आएन अउ उ पचे ओकर निहुरिके पैलगी किहेन। 7 यूसुफ आपन भाइयन क लखेस अउ उ ओनका पहिचान लिहेस कि उ पचे कौन अहइँ। मुला यूसुफ ओनसे इ तरह बात करत रहा जइसे उ ओनका पहिचानत नाही उ ओनके संग कड़ाई स बात किहस। उ कहेस, “तू लोग कहा स आया ह?”
भाइयन जवाब दिहन, “हम कनान देस स आए अहइँ। हम पचे अनाज बेसहइ आवा अही।”
8 यूसुफ ने पहिचान लिहेस कि उ पचे ओकर भाई अहइँ। मुला उ पचे नाहीं जानत रहेन कि उ कउन अहइ? 9 यूसुफ ओन सपनन क याद किहेस जेनका उ आपन भाइयन क बारे मँ लखे रहा। यूसुफ आपन भाइयन क जासूस कहत ह।
यूसुफ आपन भाइयन स कहेस, “तू पचे अनाज बेसहइ नाहीं आया ह। तू लोग जासूस अहा। तू लोग इ पता लगावइ आया ह कि हम कहा कमजोर अही?”
10 मुला भाइयन ओसे कहेन, “नाही। महोदय! हम तउ आपक सेवक क रुप मँ आइ अही। हम पचे सिरिफ अनाज बेसहइ आइ अही। 11 हम सबहि लोग भाई अही, हम पचन क एक ही पिता अहइ। हम लोग ईमानदार अही। हम लोग सिरिफ अनाज बेसहइ आइ अही।”
12 तब यूसुफ ओनसे कहेस, “नाही! तू लोग इ पता लगावइ आया ह कि हम पचे कहाँ कमजोर अही?”
13 भाइयन कहेन, “नाही! हम सबहिं भाई भाई अही। हमरे परिवारे मँ बारह भाई अहइँ। हम सब क एक ही पिता अहइ। हम लोगन क सब स लहुरा भाई अबहु भी हमरे पिता क संग घरे प बाटइ अउ दूसर भाई बहोत समइ पहिले मरि गवा। हम लोग आप क समन्वा सेवक क नाईं अही। हम लोग कनान देस क अही।”
14 मुला यूसुफ कहेस, “नाही! मोका पता अहइ कि मइँ ठीक अहउँ। तू भेदिया अहा। 15 मुला मइँ तू लोगन क इ साबित करइ क मौका देब कि तू लोग फुरइ कहत बाट्या। तू लोग इ जगह तब तलक नाहीं तजि सकत्या जब तलक तू पचन क लहुरा भाई हिआँ नाही आवत। 16 ऍह बरे तू लोगन मँ स एक ठु लउटइ अउ आपन लहुरे भाई क हिआँ लइ आवइ। उ समइ तलक दूसर हिआँ कैद मँ रइही। हम देखब कि का तू लोग फुरइ बोलत अहा। मुला मोका बिस्सास अहइ कि तू पचे जासूस अहा।” 17 तब यूसुफ ओन सब क तीन दिना बरे जेल मँ नाईं दिहस।
सिमोन बन्धक क रुप मँ रखा गवा
18 तीन दिन बाद यूसुफ ओनसे कहेस, “मइँ परमेस्सर क भय मानत हउँ। ऍह बरे मइँ तू लोगन क इ सिद्ध करइ क एक मौका देब कि तू लोग फुरइ बोलत अहा। तू लोग इ काम करा अउर मइँ तू लोगन क जिअइ देब। 19 अगर तू लोग ईमानदार मनई अहा तउ आपन भाइयन मँ स एक क जेल मँ रहइ द्या। दूसर भाइयन जाइ सकत ही अउ आपन लोगन बरे अनाज लइ जाइ सकत ही। 20 तब यदि तू आपन सब स लहुरा भाई क लइके हिआँ मोरे लगे आवा। इ तरह मइँ पतियाब कि तू लोग फुरइ बोलत अहा।”
भाइयन इ बात क मान लिहन। 21 उ पचे आपुस मँ बतियानेन “हम पचन क सजा दीन्ह गइ ह। काहेकि हम पचे आपन सब स लहुरा भाई क संग बुरा किहे अही। हम पचे ओकरे मुसीबत क निहारा जेहमाँ उ रहा। उ आपन रच्छा बरे हम पचन स बिनती किहस। मुला हम सबइ ओकर एकहु न सुना। ऍह बरे हम पचे दुःखन मँ अही।”
22 तब रूबेन ओनसे कहेस, “मइँ तोहसे कहेउँ रहा कि उ लरिका क कछू भी बुरा जिन करा। मुला तू पचे मोरउ एक न सुन्या। ऍह बरे अब हम ओकरी मउत बरे सजा पावत अही।”
23-24 यूसुफ आपन भाइयन स बात करइ एक ठु दु भासिया काम लेत रहा। ऍह बरे भाइयन नही जान पाया कि यूसुफ ओनकइ भाखा जानत बाटइ। मुला उ पचे जउन कछू कहत रहेन ओका यूसुफ सुनत अउ समझत रहा। ओनकइ बातन स यूसुफ बहोत दुःखी भवा। ऍह बरे यूसुफ ओनसे अलग हटि गवा अउ रोइ पड़ा। तनिक देर मँ यूसुफ ओनके लगे लउटा। यूसुफ उ भाइयन मँ स सिमौन क धरेस अउ ओका बाँधेस जब कि दूसर भाई लखत रहेन। 25 यूसुफ कछू सेवकन क ओनकइ बोरा मँ अनाज भरइ क कहेस। भाइयन इ अनाजे क दाम यूसुफ क दिहन। मुला यूसुफ उ धने क नाही लेइ क फइसला किहस। उ उ धने क ओनकई अनाज क बोरन मँ धरइ बरे सेवकन क हुकम दिहस। तब यूसुफ ओनका उ सबइ चीजन क दिहस, जेनकइ जरुरन ओनकइ घरे तलक लउटइ वाली जात्रा मँ होइ सकत रही।
26 ऍह बरे भाइयन अनाजे क आपन गदहन प लादेन अउ हुआँ स निकरि पड़ेन। 27 उ सबइ सबहि भाइयन राति क ठहरेन अउ भाइयन मँ स एक कछू अनाजे बरे आपन बोरा खोलेस अउ उ आपन धन बोरा मँ पाएस। 28 उ दूसर भाइयन स कहेस, “लखा, जउन दाम मइँ अनाजे बरे चुकाएउँ ह, उ हिआँ अहइ। कउनो मोरे बोरा मँ इ धन लौटाइ दिहे अहइ!” उ सबइ सबहि भाई बहोत जियादा डेराइ गएन। उ पचे आपुस मँ बतियानेन, “परमेस्सर हम पचन क संग का करत अहइ?”
ईसू बहोत स लोगन क चंगा किहस
(मरकुस 6:53-56)
34 तउ झील पार कइके उ सबइ गन्नेसरत क किनारे उतरि आएन। 35 जब हुवाँ क रहइवाला ईसू क पहिचानेन तउ उ पचे ओकरे अवाई क खबर आसपास क सबहिं ठउरन मँ पठइ दिहन। जेसे मनई जउन बेरमिया रहेन, उ सबन क हुवाँ लइ आएन। 36 अउर ओसे पराथना करइ लागेन उ ओनका आपन ओढ़ना क छोर छुअइ दे। अउर जउन छुइ लिहेन, उ सबइ पूरंपूर चंगा होइ गएन।
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.