Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
दाऊद क समर्पित।
1 दुर्जन लोगन स जिन घबरा,
जउन बुरा करत हीं अइसे मनइयन स ईर्स्या जिन राखा।
2 दुर्जन मनई घास अउ हरियर पौधन क नाई हाली पिअराइ जात हीं
अउर मरि जात हीं।
3 अगर तू यहोवा पइ भरोसा रखब्या अउर भला काम करब्या तउ तू जिअत रहब्या
अउ ओन चिजियन क भोग करब्या जउन धरती देत ह।
4 यहोवा क सेवा मँ आनन्द लेत रहा,
अउर यहोवा तोहका तोहार मन चाहा देइ।
5 यहोवा क भरोसे रहा।
ओकर बिस्सास करा।
उ वइसा करी जइसा करइ चाही।
6 दुपहरिया क सूरज जइसा,
यहोवा तोहार नेकी अउ खरेपन क चमकावइ।
7 यहोवा पइ भरोसा धरा अउ ओकरे सहारे क बाट जोहा।
तू दुट्ठन क कामयाबी लखिके घबरावा जिन करा।
तू दुट्ठन क दुट्ठ जोजनन क कामयाब होत लखिके जिन घबरा।
8 तू किरोध जिन करा, तू उन्मादी जिन बना।
ओतना जिन घबराइ जा कि तू बुरा काम करइ चाहा।
9 काहेकि बुरे मनइयन क तउ नास कीन्ह जाइ।
मुला उ सबइ लोग जउन यहोवा पइ भरोसा रखत हीं, उ धरती क पइहीं जेका देइ क परमेस्सर वचन दिहेस ह।
10 तनिक समइ क पाछे कउनो दुर्जन नाहीं बच पाई।
हेरइ स भी तोहका कउनो दुट्ठ नाहीं मिली।
11 नम्र लोग उ धरती पइहीं जेका परमेस्सर देइ क वचन दिहेस ह।
उ सबइ सान्ति क आनन्द लेइहीं।
12 दुट्ठ लोग सज्जनन बरे कुचाल चलत हीं।
दुट्ठ जन सज्जनन क ऊपर दाँत पीसिके देखाँवत हीं कि उ पचे कोहान अहइँ।
13 मुला हमार सुआमी ओन दुर्जनन पइ हँसत ह।
उ ओन बातन क लखत ह जउन ओन पइ पड़इ क अहइ।
14 दुर्जन तउ आपन तरवार उठावत हीं अउर धनुस साधत हीं।
उ पचे दीन लोगन, बेसहारा लोगन क मारइ चाहत हीं।
उ सबइ सच्चे लोगन, सज्जन लोगन क मारइ चाहत हीं।
15 मुला ओनकर धनुस चूर चूर होइ जइहीं।
अउर ओनकर तरवारन ओनकर आपन ही हिरदय मँ उतरिहीं।
16 थोड़ा स भला मनई,
दुर्जनन क भीड़ स भी उत्तिम अहइँ।
17 काहेकि दुर्जनन क तउ नस्ट कीन्ह जाइ।
मुला भले मनइयन क यहोवा धियान रखत ह।
रूत क बोअज़ स मिलन
2 बेतलेहेम मँ एक ठु धनी मनई रहत रहा। ओकर नाउँ बोअज़ रहा। बोअज़ एलीमेलेक परिवार स नाओमी क निअरे रिस्तेदारन मँ स एक रहा।
2 एक दिना रूत (मोआबी मेहरारू) नाओमी स कहेस, “मइँ सोचत हउँ कल्ह मइँ खेतन मँ जाउँ। होइ सकत ह कि कउनो अइसा मनई मोसे मिलइ जउन मोह पइ दाया कइके, मोरे बरे उ अन्न क बटोरइ देइ जेका उ आपन खेत मँ तजत होइ।”
नाओमी कहेस, “बिटिया, ठीक अहइ जा।” 3 एह बरे रूत खेतन मँ गइ। उ फसल काटइ वाले मजदूरन क पाछे चलत रही अउर उ अन्न बटोरेस जउन तज दीन्ह गवा रहा। अइसा भवा की उ खेते क एक हींसा एलीमेलेक परिवार क एक मनई बोअज क रहा।
4 पाछे, बेतलेहेम स बोअज़ खेत मँ आवा। उ आपन मजदूरन क हालचाल पूछेस। उ कहेस, “यहोवा तोहरे संग होइ।”
मजदूरन जबाब दिहन, “यहोवा आप क आसीर्बाद देइ।”
5 तब बोअज़ आपन उ सेवक स बातन किहेस, जउन मजदूरन क निरीच्छक रहा। उ पूछेस, “बिटिया केकर अहइ?”
6 सेवक जबाब दिहस, “इ उहइ मोआबी मेहरारू अहइ जउन मोआब क पहाड़ी पहँटा स नओमी क संग आई अहइ। 7 उ बहोत भिन्सारे आइ अउ मोहसे उ पूछेस कि का मइँ मजदूरन क पाछे चल सकत हउँ अउ भुइयाँ पइ छिटके अन्न क बटोरा सकत हउँ। उ तउ तलक स काम करत रहत हीं, किन्तु उ तनिक देरी बरे आस्रय स्थान मँ रही।”
8 तब बोअज़ रूत स कहेस, “हे मोर बिटिया, सुना! तू अपने बरे अन्न बटोरइ बरे मोरे खेते मँ रहा। तोहका कउनो दूसर मनई क खेत मँ जाइ क जरूरत नाहीं अहइ। मोर मेहररू नउकरन क पाछे चलत रहा। 9 इ धियान मँ रखा की उ पचे कउने खेते मँ जात अहइँ अउर ओनकर अनुसरण करा। मइँ नउजवानन क चितउनी दइ दिहे अहउँ कि उ पचे तोहका परेसान न करइँ। जब तोहका पियास लगइ, तउ उहइ गगरी स पानी पिआ जेहसे मोर मनई पानी पिअत हीं।”
10 तब रूत प्रणाम करइ आने धरती तलक निहुरी। उ बोअज़ स कहेस, “मोका अचरज अहइ कि आप मोह पइ धियान दिहेन। मइँ एक अजनबी अहउँ, किन्तु आप मोह पइ बड़ी दाया किहेन ह।”
11 बोअज़ ओका जबाब दिहेस, “मइँ ओन सारी मदद क जानत हउँ जउन तू आपन सास नाओमी क दिहे ह। मइँ जानत हउँ कि तू ओकर मदद तब भी किहे रह्या जब तोहार भतार मर गवा रहा अउर मइँ जानत हउँ कि तू आपन महतारी-बाप अउ आपन देस तजिके इदेस मँ हिआँ आइ अहा। तू इ देस क कउनो भी मनई क नाहीं जानतिउ, फिन भी तू हिआँ नाओमी क संग आइउ। 12 यहोवा तोहका ओन सबहि नीक कामे बरे इनाम देई जउन तू किहा ह। यहोवा इस्राएल क परमेस्सर तोहका भरपूर इनाम देइ। तू ओकरे सुरच्छा क ओढ़ना मँ आसरा बरे आइ अहा।”
13 तब रूत कहेस, “आप मोह पइ बड़े दयालु अहइँ, महोदय। मइँ तउ सिरिफ एक दासी अहउँ। मइँ आप क सेवकन मँ स भी कउनो क बराबर नाहीं अहउँ। किन्तु आप मोका दाया स भरी बातन किहा ह। अउर मोका सान्त्वना दिहा ह।”
14 दुपहरिया क भोजन क समइ, बोअज़ रूत स कहेस, “हिआँ आया। हमरी रोटियन मँ स कछू खा। एह कइँती हमरे सिरकें मँ आपन रोटी बोड़ा।”
तब रूत मजदूरन क संग बठइ गइ। बोअज़ ओनका कछू भूँजा भवा अनाज दिहन। रूत जेतना चाहत रहा ओतना खाएस अउर कछू भोजन बचि गवा। 15 तब रूत उठी अउर काम करइ लउटी।
तब बोअज़ आपन सेवकन स कहेस, “रूत क आन्त क ढेरी क लगे भी अन्न बटोरइ द्या। ओका जिन रोका। 16 ओकरे काम क, ओकरे बरे कछू दाना स भरी बालन गिराइके, हलका करा। ओका उ अन्न क बटोरइ द्या। ओका रोकइ बरे जिन कहा।”
सुवार्थी धनी दण्ड क भागी होइहीं
5 धनवान लोगो सुना! जउन विपत्तियन तोह प आवइवाली बाटिन, ओकरे बरे रोवा अउर ऊँचा स्वरे मँ बिलाप करा। 2 तोहर धन सड़ा चुका बा। तोहार पोसाकन कीड़न द्वारा खाइ लीन्ह गइ बा। 3 तोहार सोना, चाँदी जंग लग जाइसे रंग बिगड़ गवा बा। ओह पे लगी जंग तोहरे विरोध मँ साच्छी देई अउर तोहरे सरीर को आगी की तरह चाट जाई। तू अन्तिम दिनन ब्बरे आपन खजाना बचाइके रक्खो अहा। 4 सोचा, तोहरे खेतन मँ जउन मजूदरन काम किहेन, तू ओनकर मेहनताना नाहीं दिए अहा ओका रोकि रखे अहा। उहई मेहनताना चीख पुकार करत बाटइ। अउर खेतन मँ काम करइवालन क उ चीख पुकारइ सर्वसक्तिमान पर्भू क कानन तलक जाइ पहुँची बा।
5 धरती पे तू बिलासपूर्ण व्यर्थ जीवन जिए अहा अउर अपने आपके भोग बिलासन मँ हुबोए रखे अहा। एह तरह तू अपने आपके बध कीन्ह जाइके दिनके बरे पाल पोसी क हिस्ट-पुस्ट कइ लिहे अहा। 6 तू भोले लोगन क दोसी ठहराइके ओनके कीहीउ प्रतिरोध क अभाव मँ ही ओनकर हतिया कइ डाया ह।
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.