Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
मसीही परिवार बर नियम
18 हे घरवाली हो, अपन-अपन घरवाला के अधीन रहव, जइसने कि एह परभू म उचित अय।
19 हे घरवाला हो, अपन-अपन घरवाली ला मया करव अऊ ओमन के संग कठोर बरताव झन करव।
20 हे लइकामन हो, हर एक बात म अपन-अपन दाई-ददा के बात मानव, काबरकि परभू ह एकर ले खुस होथे।
21 हे ददामन हो, अपन लइकामन ला तंग झन करव, नइं तो ओमन हतास हो जाहीं।
22 हे गुलाममन हो, हर एक बात म अपन-अपन मालिक के हुकूम मानव। सिरिप जब ओमन तुमन ला देखत रहिथें या सिरिप ओमन के दिल जीते बर ही, ए काम झन करव, पर निस्कपट हिरदय ले परभू के आदर खातिर ए काम करव। 23 जऊन कुछू घलो तुमन करथव, अपन पूरा मन लगाके करव। ए समझके कि तुमन परभू खातिर करथव, मनखेमन खातिर नइं। 24 तुमन जानथव कि इनाम के रूप म, तुमन ला परभू ले एक बिरासत मिलही। काबरकि ओह परभू मसीह ए, जेकर सेवा तुमन करत हव। 25 जऊन ह खराप काम करथे, ओह अपन खराप काम के परतिफल पाही, काबरकि परमेसर ह काकरो संग पखियपात नइं करय।
4 हे मालिकमन हो, अपन गुलाममन के संग सही अऊ बने बरताव करव; काबरकि तुमन जानत हव कि स्वरग म तुम्हर घलो एक मालिक हवय।
Copyright: New Chhattisgarhi Translation (नवां नियम छत्तीसगढ़ी) Copyright © 2012, 2016 by Biblica, Inc.® All rights reserved worldwide.