Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
4 जब एक बड़े भीड़ ह जूरत रिहिस अऊ आने सहर ले मनखेमन यीसू करा आवत रिहिन, तब ओह ए पटंतर कहिस: 5 “एक किसान ह अपन बीजा बोय बर गीस। जब ओह बोवत रिहिस, त कुछू बीजामन डहार के तीर म गिरिन; ओमन गोड़ खाल्हे कुचरे गीन, अऊ अकास के चिरईमन ओला खा डारिन। 6 कुछू बीजामन पथर्री भुइयां ऊपर गिरिन अऊ ओमन जामिन, पर ओमन पानी के नमी नइं मिले के कारन सूख गीन। 7 कुछू बीजामन कंटिली झाड़ीमन के बीच म गिरिन, अऊ ओ कंटिला पौधामन संगे-संग बढ़के ओमन ला दबा दीन। 8 अऊ कुछू बीजामन बने भुइयां म गिरिन। ओमन बाढ़िन अऊ जतेक बोय गे रिहिस ओकर ले सौ गुना जादा फसल लाईन।”
ए कहे के बाद यीसू ह नरियाके कहिस, “जेकर सुने के कान हवय, ओह सुनय।”
9 ओकर चेलामन ओकर ले पुछिन, “ए पटंतर के का मतलब होथे?” 10 ओह कहिस, “तुमन ला परमेसर के राज के भेद के गियान दिये गे हवय, पर आने मन ले मेंह पटंतर म गोठियाथंव, ताकि,
‘देखत ले घलो, ओमन झन देख सकंय;
अऊ सुनत ले घलो, ओमन झन समझ सकंय।’[a]
Copyright: New Chhattisgarhi Translation (नवां नियम छत्तीसगढ़ी) Copyright © 2012, 2016 by Biblica, Inc.® All rights reserved worldwide.