Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
9 तुम्हर कारन ले, हमन ला हमर परमेसर के आघू म जऊन आनंद मिले हवय, ओ जम्मो के सेति, हमन परमेसर के कइसने धनबाद करन। 10 रात अऊ दिन हमन ईमानदारी ले पराथना करथन कि हमन फेर तुम्हर मुहूं देख सकन अऊ तुम्हर बिसवास म जऊन कमी हवय, ओकर पूरती कर सकन।
11 हमन पराथना करथन कि हमर ददा परमेसर ह खुदे, अऊ हमर परभू यीसू ह तुम्हर करा आय बर हमर खातिर डहार खोलय। 12 जइसने हमर मया तुम्हर बर हवय, परभू करय कि वइसनेच तुम्हर मया एक-दूसर बर अऊ जम्मो झन बर बढ़य अऊ बढ़के छलकय। 13 ओह तुम्हर हिरदय ला मजबूत करय ताकि जब हमर परभू यीसू अपन जम्मो पबितर मनखेमन संग आवय, त तुमन हमर ददा परमेसर के आघू म निरदोस अऊ पबितर बने रहव[a]।
25 सूरज, चंदा अऊ तारामन म चिन्हां दिखहीं। धरती म, जम्मो देस के मनखेमन दुःख भोगहीं अऊ ओमन समुंदर के गरजन अऊ भयंकर लहरा ले घबराहीं। 26 भय अऊ संसार म अवइया संकट के कारन मनखेमन के जी म जी नइं रहिही, काबरकि अकास के सक्तिमन हलाय जाहीं। 27 ओ समय मनखेमन ‘मनखे के बेटा’ ला एक बादर म सक्ति अऊ बड़े महिमा के संग आवत देखहीं। 28 जब ए बातमन होवन लगय, त ठाढ़ हो जावव अऊ अपन मुड़ ला ऊपर करव, काबरकि तुम्हर उद्धार ह लकठा म होही।”
29 तब यीसू ह ओमन ला ए पटंतर कहिस, “अंजीर के रूख अऊ जम्मो आने रूखमन ला देखव। 30 जब ओम पान निकरथे, त तुमन देखके खुदे जान लेथव कि घाम के महिना अवइया हवय। 31 ओही किसम ले, जब तुमन ए बातमन ला होवत देखव, त जान लेवव कि परमेसर के राज ह अवइया हवय।
32 मेंह तुमन ला सच कहत हंव कि जब तक ए जम्मो बातमन नइं हो जावंय, तब तक ए पीढ़ी के मनखेमन नइं मरंय। 33 अकास अऊ धरती ह टर जाही, पर मोर बात ह कभू नइं टरय।
34 सचेत रहव, नइं तो तुम्हर हिरदय ह खराप जिनगी, मतवालपन अऊ जिनगी के चिंता करे म लग जाही, अऊ ओ दिन ह एक ठन फांदा के सहीं तुम्हर ऊपर आ जाही। 35 काबरकि एह ओ जम्मो झन के ऊपर आही, जऊन मन धरती म रहिथें। 36 हमेसा सचेत रहव अऊ पराथना करत रहव कि तुमन ओ जम्मो अवइया संकट ले बच सकव, अऊ तुमन ‘मनखे के बेटा’ के आघू म ठाढ़ होय के लइक बन सकव।”
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