Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
25 मेंह तुमन ला ए बात पटंतर म कहे हवंव, पर ओ समय ह आवत हवय, जब मेंह तुम्हर ले पटंतर म नइं गोठियावंव, पर मेंह तुमन ला अपन ददा के बारे म साफ-साफ बताहूं। 26 ओ दिन तुमन मोर नांव म मांगहू, अऊ मेंह ए नइं कहथंव कि मेंह तुम्हर बर ददा ले बिनती करहूं। 27 ददा ह खुदे तुम्हर ले मया करथे, काबरकि तुमन मोर ले मया करे हवव अऊ बिसवास करे हवव कि मेंह परमेसर करा ले आय हवंव। 28 मेंह ददा म ले निकरके संसार म आय हवंव; अऊ अब मेंह संसार ला छोंड़के वापिस ददा करा जावत हंव।”
29 यीसू के चेलामन कहिन, “अब तेंह साफ-साफ बिगर पटंतर के गोठियावत हस। 30 अब हमन जान डारेन कि तेंह जम्मो बात ला जानथस अऊ एकर जरूरत नइं ए कि कोनो तोर ले सवाल पुछय। एकर दुवारा हमन बिसवास करथन कि तेंह परमेसर करा ले आय हवस।”
31 यीसू ह ओमन ला जबाब दीस, “आखिर म तुमन बिसवास करेव। 32 पर देखव, ओ बेरा ह आवत हवय अऊ आ घलो गे हवय, जब तुमन तितिर-बितिर हो जाहू; हर एक झन अपन-अपन घर चल दिहीं। तुमन मोला एकदम अकेला छोंड़ दूहू। तभो ले मेंह अकेला नइं अंव, काबरकि मोर ददा ह मोर संग हवय।
33 मेंह तुमन ला ए बात एकरसेति कहेंव ताकि तुमन ला मोर म सांति मिलय। ए संसार म तुमन तकलीफ पाहू। पर हिम्मत रखव! मेंह संसार ऊपर जय पाय हवंव।”
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