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Revised Common Lectionary (Semicontinuous)

Daily Bible readings that follow the church liturgical year, with sequential stories told across multiple weeks.
Duration: 1245 days
Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)
Version
भजन संहिता 18:20-30

20 मैं अबोध हूँ, सो यहोवा मुझे बचायेगा।
    मैंने कुछ बुरा नहीं किया। वह मेरे लिये उत्तम चीजें करेगा।
21 क्योंकि मैंने यहोवा की आज्ञा पालन किया!
    अपने परमेश्वर यहोवा के प्रति मैंने कोई भी बुरा काम नहीं किया।
22 मैं तो यहोवा के व्यवस्था विधानों को
    और आदेशों को हमेशा ध्यान में रखता हूँ!
23 स्वयं को मैं उसके सामने पवित्र रखता हूँ
    और अबोध बना रहता हूँ।
24 क्योंकि मैं अबोध हूँ! इसलिये मुझे मेरा पुरस्कार देगा!
    जैसा परमेश्वर देखता है कि मैंने कोई बुरा नहीं किया, अतःवह मेरे लिये उत्तम चीज़ें करेगा।

25 हे यहोवा, तू विश्वसनीय लोगों के साथ विश्वसनीय
    और खरे लोगों के साथ तू खरा है।
26 हे यहोवा शुद्ध के साथ तू अपने को शुद्ध दिखाता है, और टेढ़ों के साथ तू तिछर बनता है।
    किन्तु, तू नीच और कुटिल जनों से भी चतुर है।
27 हे यहोवा, तू नम्र जनों के लिये सहाय है,
    किन्तु जिनमें अहंकार भरा है उन मनुष्यों को तू बड़ा नहीं बनने देता।
28 हे यहोवा, तू मेरा जलता दीप है।
    हे मेरे परमेश्वर तू मेरे अधंकार को ज्योति में बदलता है!
29 हे यहोवा, तेरी सहायता से, मैं सैनिकों के साथ दौड़ सकता हूँ।
    तेरी ही सहायता से, मैं शत्रुओं के प्राचीर लाँघ सकता हूँ।

30 परमेश्वर के विधान पवित्र और उत्तम हैं और यहोवा के शब्द सत्यपूर्ण होते हैं।
    वह उसको बचाता है जो उसके भरोसे हैं।

रूत 3:8-18

करीब आधी रात को, बोअज़ ने नींद में अपनी करवट बदली और वह जाग पड़ा। वह बहुत चकित हुआ। उसके पैरों के समीप एक स्त्री लेटी थी। बोअज़ ने पूछा, “तुम कौन हो?”

उसने कहा, “मैं तुम्हारी दासी रूत हूँ। अपनी चादर मेरे ऊपर ओढ़ा दो।[a] तुम मेरे रक्षक हो।”

10 तब बोअज़ ने कहा, “युवती, यहोवा तुम्हें आशीर्वाद दे। तुमने मुझ पर विशेष कृपा की है। तुम्हारी यह कृपा मेरे प्रति उससे भी अधिक है जो तुमने आरम्भ में नाओमी के प्रति दिखाई थी। तुम विवाह के लिये किसी भी धनी या गरीब युवक की खोज कर सकती थीं। किन्तु तुमने वैसा नहीं किया। 11 युवती, अब डरो नहीं। मैं वही करूँगा जो तुम चाहती हो। मेरे नगर के सभी लोग जानते हैं कि तुम एक अच्छी स्त्री हो। 12 और यह सत्य है, कि मैं तुम्हारे परिवार का निकट सम्बन्धी हूँ। किन्तु एक अन्य व्यक्ति है जो तुम्हारे परिवार का मुझसे भी अधिक निकट का सम्बन्धी है। 13 आज की रात यहीं ठहरो। प्रातः काल हम पता लगायेंगे कि क्या वह तुम्हारी सहायता करेगा। यदि वह तुम्हें सहायता देने का निर्णय लेता है तो बहुत अच्छा होगा। यदि वह तुम्हारी सहायता करने से इन्कार करता है तो यहोवा के अस्तित्व को साक्षी करके, मैं प्रतिज्ञा करता हूँ कि मैं तुमसे विवाह करूँगा और एलीमेलेक की भूमि को तुम्हारे लिये खरीद कर लौटाऊँगा। इसलिए सुबह तक यहीं लेटी रहो!”

14 इसलिये रूत बोअज के पैर के पास सवेरे तक लेटी रही। वह अंधेरा रहते ही उठी, इससे पहले की इतना प्रकाश हो कि लोग एक दूसरे को पहचान सकें।

बोअज़ ने उससे कहा, “हम इसे गुप्त रखेंगे कि तुम पिछली रात मेरे पास आईं थीं।” 15 तब बोअज ने कहा, “अपनी ओढ़नी मेरे पास लाओ। अब, इसे खुला रखो।”

इसलिए रूत ने अपनी ओढ़नी को खुला रखा, और बोअज़ ने लगभग एक बुशल जौ उसकी सास नाओमी को उपहार में दिया। तब बोअज़ ने उसे रूत की ओढ़नी में बाँध दिया और उसे उसकी पीठ पर रख दिया। तब वह नगर को गया।

16 रूत अपनी सास, नाओमी के घर गई। नाओमी द्वार पर आई और उसने पूछा, “बाहर कौन हे?”

रूत घर के भीतर गई और उसने नाओमी को हर बात जो बोअज़ ने की थी, बतायी। 17 उसने कहा, “बोअज़ ने यह जौ उपहार के रुप में तुम्हें दिया है। बोअज़ ने कहा, कि आपके लिए उपहार लिये बिना, मुझे घर नहीं जाना चाहिये।”

18 नाओमी ने कहा, “पुत्री, तब तक धैर्य रखो जब तक हम यह सुनें कि क्या हुआ। बोअज़ तब तक विश्राम नहीं करेगा जब तक वह उसे नहीं कर लेता जो उसे करना चाहिए। हम लोगों को दिन बीतने के पहले मालूम हो जायेगा कि क्या होगा।”

यूहन्ना 13:31-35

अपनी मृत्यु के विषय में यीशु का वचन

31 उसके चले जाने के बाद यीशु ने कहा, “मनुष्य का पुत्र अब महिमावान हुआ है। और उसके द्वारा परमेश्वर की महिमा हुई है। 32 यदि उसके द्वारा परमेश्वर की महिमा हुई है तो परमेश्वर अपने द्वारा उसे महिमावान करेगा। और वह उसे महिमा शीघ्र ही देगा।”

33 “हे मेरे प्यारे बच्चों, मैं अब थोड़ी ही देर और तुम्हारे साथ हूँ। तुम मुझे ढूँढोगे और जैसा कि मैंने यहूदी नेताओं से कहा था, तुम वहाँ नहीं आ सकते, जहाँ मैं जा रहा हूँ, वैसा ही अब मैं तुमसे कहता हूँ।

34 “मैं तुम्हें एक नयी आज्ञा देता हूँ कि तुम एक दूसरे से प्रेम करो। जैसा मैंने तुमसे प्यार किया है वैसे ही तुम भी एक दूसरे से प्रेम करो। 35 यदि तुम एक दूसरे से प्रेम रखोगे तभी हर कोई यह जान पायेगा कि तुम मेरे अनुयायी हो।”

Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)

© 1995, 2010 Bible League International