Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
1 यहोवा क गुणगान करा।
मोर मनवा, यहोवा क बड़कई करा।
2 मइँ आपन जिन्नगी भइ यहोवा क गुण गाउब।
मइँ जब तलक जिअब आपन परमेस्सर बरे संगीत बजावत रहब।
3 आपन प्रमुखन क भरोसे जिन रहा।
मदद पावइ बरे मनई क भरोसे जिन रहा, काहेकि तोहका मनई बचाइ नाहीं सकत ह।
4 लोग मर जात हीं अउर दफनाइ दीन्ह जात हीं।
फुन ओनकर मदद देइ क सबहिं जोजना यूँ ही चली जात हीं।
5 ओनका धन्य होइ जउन याकूब क परमेस्सर क आपन सहायक क रूप मँ राखेस ह।
ओनका धन्य होइ जउन यहोवा आपन परमेस्सर क भरोसे रहा करत हीं।
6 उ सरग अउ धरती क बनाएस ह।
उ सागर अउर ओहमाँ क हर चिजियन क बनाएस ह।
उ हमेसा बिस्सासी रही।
7 उ सताया भवा लोगन क संग उचित बेउहार करत ह।
उ भुखान लोगन क भोजन देत ह।
यहोवा बन्दी लोगन क छोड़ाइ दिया करत ह।
8 यहोवा आँधर क आँखियन क खोलि दिहेस।
यहोवा ओन लोगन क सहारा देत ह जउन ठोकर खाएन हीं।
यहोवा सच्चे लोगन स पिरेम करत ह।
9 यहोवा हमरे देस मँ रहइवालन बिदेसियन क रच्छा करत ह।
यहोवा अनाथन अउ राँड़ मेहररूअन क धियान रखत ह।
किन्तु दुर्जनन क मकसदन क विफल करत ह
10 यहोवा सदा राजा क रूप मँ सासन करत रहइ।
हे सिय्योन तोहार परमेस्सर पीढ़ी दर पीढ़ी राज करत रहइ।
यहोवा क गुणगान करा।
10 तब रूत प्रणाम करइ आने धरती तलक निहुरी। उ बोअज़ स कहेस, “मोका अचरज अहइ कि आप मोह पइ धियान दिहेन। मइँ एक अजनबी अहउँ, किन्तु आप मोह पइ बड़ी दाया किहेन ह।”
11 बोअज़ ओका जबाब दिहेस, “मइँ ओन सारी मदद क जानत हउँ जउन तू आपन सास नाओमी क दिहे ह। मइँ जानत हउँ कि तू ओकर मदद तब भी किहे रह्या जब तोहार भतार मर गवा रहा अउर मइँ जानत हउँ कि तू आपन महतारी-बाप अउ आपन देस तजिके इदेस मँ हिआँ आइ अहा। तू इ देस क कउनो भी मनई क नाहीं जानतिउ, फिन भी तू हिआँ नाओमी क संग आइउ। 12 यहोवा तोहका ओन सबहि नीक कामे बरे इनाम देई जउन तू किहा ह। यहोवा इस्राएल क परमेस्सर तोहका भरपूर इनाम देइ। तू ओकरे सुरच्छा क ओढ़ना मँ आसरा बरे आइ अहा।”
13 तब रूत कहेस, “आप मोह पइ बड़े दयालु अहइँ, महोदय। मइँ तउ सिरिफ एक दासी अहउँ। मइँ आप क सेवकन मँ स भी कउनो क बराबर नाहीं अहउँ। किन्तु आप मोका दाया स भरी बातन किहा ह। अउर मोका सान्त्वना दिहा ह।”
14 दुपहरिया क भोजन क समइ, बोअज़ रूत स कहेस, “हिआँ आया। हमरी रोटियन मँ स कछू खा। एह कइँती हमरे सिरकें मँ आपन रोटी बोड़ा।”
तब रूत मजदूरन क संग बठइ गइ। बोअज़ ओनका कछू भूँजा भवा अनाज दिहन। रूत जेतना चाहत रहा ओतना खाएस अउर कछू भोजन बचि गवा।
नीक सामरी क कथा
25 तब एक धरम सास्तरी खड़ा भवा अउर ईसू क परीच्छा लेइ बरे ओसे पूछेस, “गुरु, अनन्त जीवन पावइ बरे मइँ का करउँ?”
26 ऍह पइ ईसू ओनसे कहेस, “व्यवस्था मँ का लिखा बाटइ? तू हुवाँ का पढ़त ह?”
27 धरम सास्तरी उत्तर दिहस, “‘तू आपन समूचा मन, सारी आतिमा, सारी सक्ती अउर सारी बुद्धि क संग आपन पर्भू स पिरेम करा।’(A) अउर ‘आपन पड़ोसी स भी वइसे ही पिआर करा, जइसे तू आपन खुद स करत ह।’”
28 तब ईसू ओसे कहेस, “तू ठीक जवाब दिहा ह। तउ तू अइसा ही करा अउर ऍहसे तू जीवित रहब्या।”
29 मुला उ आपन ताई निआव स जुरा भवा ठहरावइ क इच्छा करत भवा ईसू स कहेस, “अउर मोर परोसी कउन अहइ?”
30 ईसू जवाबे मँ कहेस, “देखा, एक मनई यरूसलेम स यरीहो जात रहा कि उ डाकुअन स घिरि गवा। उ पचे सब कछू मुच्छ कइ ओका नंगा कइ दिहन अउर मार पीटिके ओका अधमरा छोड़ि के उ पचे चल दिहन।
31 “अब संजोग स उहइ रस्ता स एक यहूदी याजक जात रहा। जब उ एका निहारेस तउ दूसर कइँती चला गवा। 32 उहइ रस्ता स गुजरत भवा, एक लेवी[a] भी हुवाँ आवा। उ ओका देखेस अउर उ भी दूसरी कइँती चला गवा।
33 “मुला एक सामरी भी जात भवा हुवँई आइ गवा जहाँ उ ओलार दीन्ह ग रहा। उ जब उ मनई क देखेस तउ ओकरे बरे ओकरे मन मँ करुना आइ। 34 तउ उ ओकरे नगिचे आवा ओकरे घाउन प तेल अउर दाखरस डाइके पट्टी बाँधेस। फिन उ ओका आपन पसु प लदिके एक ठु सराय मँ लइ गवा अउर ओका देखइ भालइ लाग। 35 दूसरे दिन उ दुइ दीनार निकारेस अउर ओनका भटियारा क देत भवा कहेस, ‘ऍकर धियान रख्या अउर ऍसे जिआदा जउन कछू खरच होइ, जब मइँ लौटिहउँ, तोहका चुकाइ देबूँ।’
36 “बतावा तोहरे बिचार स डाकुअन क बीच घिरे भए मनई क पड़ोसी इ तीनउँ मँ स कउन भवा?”
37 धरम सास्तरी कहेस, “उहइ जउन ओहॅ प दाया किहेस।”
ऍह पइ ईसू ओनसे कहेस, “जा अउर वइसा ही करा जइसा उ किहेस ह।”
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.