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Revised Common Lectionary (Semicontinuous)

Daily Bible readings that follow the church liturgical year, with sequential stories told across multiple weeks.
Duration: 1245 days
Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)
Version
भजन संहिता 124

दाऊद का एक मन्दिर का आरोहण गीत।

यदि बीते दिनों में यहोवा हमारे साथ नहीं होता तो हमारे साथ क्या घट गया होता
    इस्राएल तू मुझको उत्तर दे
यदि बीते दिनों में यहोवा हमारे साथ नहीं होता तो हमारे साथ क्या घट गया होता
    जब हम पर लोगों ने हमला किया था तब हमारे साथ क्या बीतती।
जब कभी हमारे शत्रु ने हम पर क्रोध किया,
    तब वे हमें जीवित ही निगल लिये होते।
तब हमारे शत्रुओं की सेनाएँ
    बाढ़ सी हमको बहाती हुई उस नदी के जैसी हो जाती
    जो हमें डूबा रहीं हो।
तब वे अभिमानी लोग उस जल जैसे हो जाते
    जो हमको डुबाता हुआ हमारे मुँह तक चढ़ रहा हो।

यहोवा के गुण गाओ।
    यहोवा ने हमारे शत्रुओं को हमको पकड़ने नहीं दिया और न ही मारने दिया।

हम जाल में फँसे उस पक्षी के जैसे थे जो फिर बच निकला हो।
    जाल छिन्न भिन्न हुआ और हम बच निकले।
हमारी सहायता यहोवा से आयी थी।
    यहोवा ने स्वर्ग और धरती को बनाया है।

उत्पत्ति 49:29-50:14

29 तब इस्राएल ने उनको एक आदेश दिया। उसने कहा, “जब मैं मरूँ तो मैं अपने लोगों के बीच रहना चाहता हूँ। मैं अपने पूर्वजों के साथ हित्ती एप्रोन के खेतों की गुफा में दफनाया जाना चाहता हूँ। 30 वह गुफा मम्रे के निकट मकपेला के खेत में है। वह कनान देश में है। इब्राहीम ने उस खेत को एप्रोम से इसलिए खरीदा था जिससे उसके पास एक कब्रिस्तान हो सके। 31 इब्राहीम और उसकी पत्नी सारा उसी गुफा में दफनाए गए हैं। इसहाक और उसकी पत्नी रिबका उसी गुफा में दफनाए गए। मैंने अपनी पत्नी लिआ को उसी गुफा में दफनाया।” 32 वह गुफा उस खेत में है जिसे हित्ती लोगों से खरीदा गया था। 33 अपने पुत्रों से बातें समाप्त करने के बाद याकूब लेट गया, पैरों को अपने बिछौने पर रखा और मर गया।

याकूब का अन्तिम संस्कार

50 जब इस्राएल मरा, यूसुफ बहुत दुःखी हुआ। वह पिता के गले लिपट गया, उस पर रोया और उसे चूमा। यूसुफ ने अपने सेवकों को आदेश दिया कि वे उसके पिता के शरीर को तैयार करें (ये सेवक वैद्य थे।) वैद्यों ने याकूब के शरीर को दफनाने के लिए तैयार किया। उन्होंने मिस्री लोगों के विशेष तरीके से शरीर को तैयार किया। जब मिस्री लोगों ने विशेष तरह से शव तैयार किया तब उसने दफनाने के पहले चालीस दिन तक प्रतिज्ञा की। उसके बाद मिस्रियों ने याकूब के लिए शोक का विशेष समय रखा। यह समय सत्तर दिन का था।

सत्तर दिन बाद शोक का समय समाप्त हुआ। इसलिए यूसुफ ने फ़िरौन के अधिकारियों से कहा, “कृपया फ़िरौन से यह कहो, ‘जब मेरे पिता मर रहे थे तब मैंने उनसे एक प्रतिज्ञा की थी। मैंने प्रतिज्ञा की थी कि मैं उन्हें कनान देश की गुफा में दफनाऊँगा। यह वह गुफा है जिसे उन्होंने अपने लिए बनाई है। इसलिए कृपा करके मुझे जाने दें और वहाँ पिता को दफनाने दें। तब मैं आपके पास वापस यहाँ लौट आऊँगा।’”

फ़िरौन ने कहा, “अपनी प्रतिज्ञा पूरी करो। जाओ और अपने पिता को दफनाओ।”

इसलिए यूसुफ अपने पिता को दफनाने गया। फ़िरौन के सभी अधिकारी यूसुफ के साथ गए। फ़िरौन के बड़े लोग (नेता) और मिस्र के बड़े लोग यूसुफ के साथ गए। यूसुफ और उसके भाईयों के परिवार के सभी व्यक्ति उसके साथ गए और उसके पिता के परिवार के सभी लोग भी यूसुफ के साथ गए। केवल बच्चे और जानवर गोशेन प्रदेश में रह गए। यूसुफ के साथ जाने के लिए लोग रथों और घोड़ो पर सवार हुए। यह बहुत बढ़ा जनसमूह था।

10 ये गोरन आताद को गए। जो यरदन नदी के पूर्व में था। इस स्थान पर इन्होंने इस्राएल का अन्तिम संस्कार किया। वे अन्तिम संस्कार सात दिन तक होता रहा। 11 कनान के निवासियों ने गोरन आताद में अन्तिम संस्कार को देखा। उन्होंने कहा, “वे मिस्री सचमुच बहुत शोक भरा संस्कार कर रहे है।” इसलिए उस जगह का नाम अब आबेल मिस्रैम हैं।

12 इस प्रकार याकूब के पुत्रों ने वही किया जो उनके पिता ने आदेश दिया था। 13 वे उसके शव को कनान ले गए और मकपेला की गुफा में उसे दफनाया। यह गुफा मम्रे के निकट उस खेत में थी जिसे इब्राहीम ने हित्ती एप्रोन से खरीदा था। 14 यूसुफ ने जब अपने पिता को दफना दिया तो वह और उसके साथ समूह का हर एक व्यक्ति मिस्र को लौट गया।

2 कुरिन्थियों 10:12-18

12 हम उन कुछ लोगों के साथ अपनी तुलना करने का साहस नहीं करते जो अपने आपको बहुत महत्वपूर्ण मानते हैं। किन्तु जब वे अपने को एक दूसरे से नापते हैं और परस्पर अपनी तुलना करते हैं तो वे यह दर्शाते हैं कि वे नहीं जानते कि वे कितने मूर्ख हैं।

13 जो भी हो, हम उचित सीमाओं से बाहर बढ़ चढ़ कर बात नहीं करेंगे, बल्कि परमेश्वर ने हमारी गतिविधियों की जो सीमाएँ हमें सौंपी है, हम उन्हीं में रहते हैं और वे सीमाएँ तुम तक पहुँचती हैं। 14 हम अपनी सीमा का उल्लंघन नहीं कर रहे हैं, जैसा कि यदि हम तुम तक नहीं पहुँच पाते तो हो जाता। किन्तु तुम तक यीशु मसीह का सुसमाचार लेकर हम तुम्हारे पास सबसे पहले पहुँचे हैं। 15 अपनी उचित सीमा से बाहर जाकर किसी दूसरे व्यक्ति के काम पर हम गर्व नहीं करते किन्तु हमें आशा है कि तुम्हारा विश्वास जैसे जैसे बढ़ेगा तो वैसे वैसे ही हमारी गतिविधियों के क्षेत्र के साथ तुम्हारे बीच हम भी व्यापक रूप से फैलेंगे। 16 इससे तुम्हारे क्षेत्र से आगे भी हम सुसमाचार का प्रचार कर पायेंगे। किसी अन्य को जो काम सौंपा गया था उस क्षेत्र में अब तक जो काम हो चुका है हम उसके लिये शेखी नहीं बघारते। 17 जैसा कि शास्त्र कहता है: “जिसे गर्व करना है वह, प्रभु ने जो कुछ किया है, उसी पर गर्व करें।”(A) 18 क्योंकि अच्छा वही माना जाता है जिसे प्रभु अच्छा स्वीकारता है, न कि वह जो अपने आप को स्वयं अच्छा समझता है।

Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)

© 1995, 2010 Bible League International