Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
बिसवासीमन के संगति
42 ओमन प्रेरितमन ले सिकछा पाय लगिन, अऊ अपन-आप ला संगति रखे म, परभू भोज के रोटी टोरे म अऊ पराथना करे म मगन रखिन। 43 जम्मो मनखेमन म डर हमा गे अऊ बहुंते चमतकार के काम अऊ अद्भूत काम प्रेरितमन के दुवारा होवत रिहिस। 44 ओ जम्मो बिसवास करइयामन लगातार एक संग संगति करत रिहिन अऊ ओमन के जम्मो चीज म जम्मो झन के हक रिहिस।
45 ओमन अपन-अपन संपत्ति अऊ सामान ला बेंच-बेंचके, जेकर जइसने जरूरत रहय वइसने बांट देवंय। 46 ओमन हर एक दिन एक मन होके मंदिर के अंगना म जुरंय, अऊ ओमन घर-घर म रोटी टोरत, खुसी अऊ निस्कपट मन ले एक संग खावत रिहिन। 47 ओमन परमेसर के भजन करंय अऊ जम्मो मनखेमन ओमन ले खुस रहंय। अऊ जऊन मन उद्धार पावंय, ओमन ला परभू ह हर दिन ओमन के संग मिला देवत रिहिस।
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