Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
तारा के सहीं चमकव
12 एकरसेति, मोर मयारू संगवारीमन हो, जइसने तुमन हमेसा हुकूम मानत आय हवव, जब मेंह तुम्हर संग रहेंव, पर अब, जब मेंह तुम्हर ले दूरिहा हवंव, त तुमन डरत अऊ कांपत, अऊ जादा अपन उद्धार के काम म लगे रहव। 13 काबरकि एह परमेसर ही अय, जऊन ह तुमन म काम करथे कि तुमन ओकर सही उदेस्य के मुताबिक ईछा करव अऊ काम करव।
14 बिगर कुड़कुड़ाय या बिगर बहस करे, जम्मो काम ला करव, 15 ताकि तुमन निरदोस, अऊ सही मनखे बनव अऊ बेईमान अऊ भ्रस्ट मनखेमन के ए संसार म परमेसर के निरदोस संतान बने रहव। ओमन के बीच म, जिनगी के बचन ला पालन करत, तुमन संसार म तारा के सहीं चमकव। 16 ताकि मसीह के दिन म, मेंह घमंड कर सकंव कि मोर दऊड़ या मोर मिहनत ह बेकार नइं गीस। 17 पर कहूं बलिदान म, मोर खून ह एक भेंट के रूप म बहाय जाथे अऊ तुम्हर बिसवास ले परमेसर के सेवा होथे, त मेंह खुस हवंव अऊ तुमन जम्मो झन के संग आनंद मनाथंव। 18 वइसने तुमन घलो खुस होवव अऊ मोर संग आनंद मनावव।
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