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Revised Common Lectionary (Semicontinuous)

Daily Bible readings that follow the church liturgical year, with sequential stories told across multiple weeks.
Duration: 1245 days
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)
Version
भजन संहिता 46

अलामोथ क संगत पइ संगीत निर्देसक बरे कोरह परिवार क एक ठु पद।

परमेस्सर हमरे पराक्रम क भण्डार अहइ।
    संकट क समइ उ हमेसा मदद बरे हुवाँ होइ।
एह बरे जब धरती काँपत ह अउर जब पर्वत समुद्र मँ भहराइ लागत ह,
    हमका डर नाहीं लागत।
हम नाहीं डेराइत जब सागर उफनत अउ मटमैला होइ जात ह,
    अउर धरती अउ पहाड़ काँपइ लागत हीं।

हुआँ एक ठु नदी अहइ, जउन परम परमेस्सर क नगरी क
    आपन धारा स खुसी स भरि देत ह।
उ सहर मँ परमेस्सर अहइ, इहइ स ओकर कबहुँ पतन नाहीं होइ।
    परमेस्सर ओकर मदद भोर स पहिले ही करी।
यहोवा क गरजत ही, रास्ट्र डर स काँपि जइहीं।
    ओनकर राजधानियन क पतन होइ जात ह अउ धरती पिघल उठत ह।
सर्वसक्तिमान यहोवा हमरे संग अहइ।
    याकूब क परमेस्सर हमार सरणस्थल अहइ।

आवा ओन सक्ती स भरा कामे क लखा जेनका यहोवा करत ह।
    उ सबइ काम ही धरती पइ यहोवा क मसहूर करत हीं।
यहोवा धरती पइ होत भए कहूँ भी जुद्ध क रोक सकत ह।
    उ सबइ फउजी क धनुसन क तोड़ सकत हीं, अउ ओनके भालन क चकनाचूर कइ सकत ह, रथन क उ बारिके भसम कइ सकत ह।

10 परमेस्सर कहत ह, “सांत बना अउ जाना कि मइँ ही परमेस्सर अहउँ!
    रास्ट्रन क बीच मोर बड़कई होइ।
    धरती पइ मोर महिमा फइलि जाइ!”

11 यहोवा सर्वसक्तिमान हम पचन्क संग बा।
    याकूब क परमेस्सर हमार ढाल अहइ।

उत्पत्ति 1:1-2:4

संसार क उत्पत्ति

सुरु मँ परमेस्सर अकास अउ भुइँया क रचेस। भुइँया सुनसान रही: अउ भुइयाँ प कछू भी नाहीं रहा। समुद्दर प अँधियारा छावा रहा, अउ परमेस्सर क आतिमा पानी प मँड़रात रहा।

पहिला दिन – उजियारा

तब परमेस्सर कहेस, “उजियारा होइ” अउ उजियारा होइ गवा। परमेस्सर उजियारा क लखेस अउ उ जानि गवा कि इ नीक बाटइ। तबहि उ उजियारा का अँधयारा से अलग कई दिहेस। परमेस्सर उजियारा क नाउँ “दिन” अउ अँधियारा क नाउँ “रात” दिहेस।

साँझ भइ अउ भिन्सार भवा। इ पहिला दिन रहा।

दूसर दिन – अकास

तब्बइ परमेस्सर कहेस, “पानी क एक ढेर क दूसर ढेर स अलगावइ बरे वायुमण्डल[a] होइ जाइ।” ऍह बरे परमेस्सर वायुमण्डल क बनएस अउ पानी क अलग किहेस। कछू पानी वायुमण्डल क ऊपर रहा अउ कछू वायुमण्डल क नीचे। परमेस्सर वायुमण्डल क “अकास” कहेस। तब साँझ भइ अउ भिन्सार भवा। इ दूसर दिन रहा।

तीसर दिन – झुरान भुइँया अउ पेड़-पौधा

अउर तब परमेस्सर कहेस, “भुइँया क पानी एक ठउरे प बटुर जाइ जेहसे झुरान भुइँया देखाइ देइ” अउ अइसा ही भवा। 10 परमेस्सर झुरान भुइँया क नाउँ “धरती” धरेस अउ जउन पानी बटुरा रहा, ओका “समुद्दर” क नाउँ दिहेस। परमेस्सर लखेस कि इ नीक अहइ।

11 तब परमेस्सर कहेस, “भुइँया, घास अउ पौधा जउन अन्न पइदा करत ही अउर फलन क बिरवा उगावइ। फलन क बिरवा जेकरे फलन क भीतर बिया होइ अइसा फल पइदा करइँ अउ हर एक ठु पौधा आपन जाति क बिया बनावइ। इ पौधन क भुइयाँ प निकरइ द्या।” अउ अइसा ही भवा। 12 भुइयाँ घास अउ पौधा पइदा किहस जउन अनाज पइदा करत ही अउ अइसा बिरवा अउ पौधा उगाएस जेनके फलन क भीतर बिया होत हीं। हर एक ठु पौधा आपन आपन जाति क मुताबिक बिया पइदा किहस अउ परमेस्सर लखेस कि इ नीक अहइ।

13 तब साँझ भइ अउ भिन्सार भवा। इ तीसर दिन रहा।

चउथा दिन – सूरज, चाँद अउ तारा

14 तब परमेस्सर कहेस, “अकास मँ जोतियन होइ द्या। इ जोतियन दिन क रात स अलगाइ देइ। इ जोतियन खास त्यौहार क दिनन क अवइ अउर दिन अउ रात होइ ऍकरे बरे मँ एक चीन्हा होब्या। 15 इ जोतियन भुइयाँ प प्रकास देइ बरे अकासे मँ ठहारि जाइँ।” अउर अइसा ही भवा।

16 तब परमेस्सर दुइ बड़की जोतियन बनाएस। परमेस्सर ओहमाँ स बड़की जोति क दिन प राज करइ बरे बनाएस अउ छोटकी जोति क राति प राज करइ खातिर बनाएस। परमेस्सर तारा भी बनाएस। 17 परमेस्सर इ जोतियन क अकासे मँ ऍह बरे धरेस कि पृथ्वी पइ चमकइ। 18 परमेस्सर इ जोतियन क अकासे मँ ऍह बरे धरेस कि उ दिन अउ राति प राज करइ। इ सबइ जोतियन उजियारा क अँधियारा स अलगाइ दिहन अउ परमेस्सर इ लखेस कि इ नीक बा।

19 तब साँझ भइ अउ भिन्सार भवा। इ चउथा दिन रहा।

पँचवा दिन – मछरियन अउ पंछिन

20 तबही परमेस्सर कहेस, “पानी बहोत सारी जीब जन्तूअन स भरि जाइ अउ पंछी भुइयाँ क उ ऊपर वायु मँ बिचरइँ।” 21 ऍह बरे परमेस्सर समुद्दर मँ बडंवार बड़वार जलजन्तु बनएस। परमेस्सर ओन सबहिँ परानियन क बनएस जउन समुद्दर मँ बिचरत हीँ। सागर मँ किसिम किसिम क जलजन्तु बाटेन। परमेस्सर इ सबन क रचना किहेस। परमेस्सर हर तरह क पंछी भी बनएस जउन अकासे मँ उड़त ही। परमेस्सर लखेस कि इ नीक अहइ।

22 परमेस्सर इ जनावरन क आसीर्बाद दिहेस, अउ कहेस, “जा अउ बहोत स बच्चन क पइदा करा अउ सागरे क आपन सन्तानन स भरि द्या।” उ पंछी क भी कहेस कि आपन सन्तानन क कइ गुना बढ़ावा।

23 तब साँझ भइ अउ भोर भवा। इ पँचवा दिन रहा।

छठाँ दिन – भुइँया क जीउ जन्तु अउ मनई

24 तब परमेस्सर कहेस, “भुइँया हर जाति क जीउ जन्तु पइदा करइ। बहोत स अलग अलग जाति क जनावर होइँ। हर जाति क बड़का जनावर अउ नान्ह नान्ह रेंगइवाला जनावर होइँ अउ इ जनावर आपन जाति क मुताबिक अउर जनावर बनावइँ” अउ इहइ सब भवा।

25 तउ, परमेस्सर हर जाति क जनावर बनाएस। उ जंगली जनावर, पालतू जनावर, अउ सबहिँ नान्ह नान्ह रेंगइवाला जीउ बनाएस अउर परमेस्सर लखेस कि इ नीक अहइ।

26 तब परमेस्सर कहेस, “अब मनई क आपन सरुप अउर आपन जइसा बनाएँ मनई हमरी तरह होइ। उ सागर क सब मछरियन प अकासे क पंछियन प राज करी। उ भुइँया क सब बड़वार जनावरन अउ सब नान्ह रेगंइवालन जीउ प राज करी।”

27 ऍह बरे परमेस्सर मनई क आपन सरुप मँ बनाएस। परमेस्सर मनई क आपन ही सरुप मँ सिरजेस। परमेस्सर ओनकइ नर अउ नारी बनाएस। 28 परमेस्सर ओनका असीसेस। परमेस्सर ओनसे कहेस, “बहोत सारे संतानन पइदा करा, नसलन क बढ़ावा अउर भुइँया क भरि द्या। भुइँया पइ कब्जा कर ल्या। अउ ओह प राज करा। सागर क मछरियन प अउ अकासे क पंछिन प राज करा। भुइँया क हर जीउ-जन्तु प राज करा।”

29 परमेस्सर कहेस, “लखा, मइँ तू पचन क सब किसिम क बिआदार बृच्छ पौधा अउ सारा फलदार बृच्छ दिहेउँ ह। इ सबइ अन्न अउ फल तोहार भोजन होइ। 30 मइँ हर एक ठु हरिअर पेड़ पौधा गोरु बरे देत अहउँ। इ सबइ हरिअर बृच्छ पौधा ओनकइ चारा होइ। भुइँया क हर एक ठु जनावर, अकासे क हर एक पंछी अउ भुइँया प रेंगइवाला सब जीउ जन्तु इ चारा क खइही।” इ सबइ बातन भइँन।

31 परमेस्सर अपने जरिये हर एक ठु चीज लखेस जेका उ बनाएस रहा। अउ उ निहारेस कि हर चीज बहोतइ नीक बाटइ।

साँझ भइ अउ भोर भवा। इ छठवाँ दिन रहा।

सतवाँ दिन – आराम

इ तरह धरती, अकास अउ ओकर हर एक चीज क रचब पूर होइ गवा। परमेस्सर आपन कीन्ह जात काम क पूरा कइ लिहेस। ऍह बरे सतएँ दिन परमेस्सर अपने काम मँ अराम किहेस। परमेस्सर सतएँ दिन क असीसेस अउ ओका पवित्र दिन बनइ दिहेस। परमेस्सर उ दिना क पवित्र दिन ऍह बरे बनाएस कि संसार क बनवत समइ जउन उ काम करत रहा उ सबहि कामे स उ दिन उ अराम किहेस।

मनई जाति क सुरुआत

इ धरती अउ अकास क इतिहास अहइ। इ कथा उ चिजियन क अहइ, जउन परमेस्सर क जरिये धरती अउ अकास बनवत टेम प भइन,

रोमियन 2:17-29

यहूदियन अउर व्यवस्था

17 काहेकि जदि तु सब अपने क यहूदी कहत ह अउर व्यवस्था मँ तोहार बिसवास अहइ अउ अपने परमेस्सर प तोहका घमण्ड बाटइ 18 अउर तू परमेस्सर क इच्छा का जानत आहा अउर उत्तिम बातन का ग्रहण कर सकत ह काहेकि परमेस्सर तोहका इ सब सिखाइस ह 19 तू इ तउ मानत ह कि तू आंधरे क अगुआ अहा, जे अंधेरे मँ भटकत अहइँ, ओनकइ बरे तू उजियारा अहा, 20 अबोधन क तू सिखावइवाला अहा, लरिकन क तू उपदेस देइवाला अहा काहेकि व्यवस्था मँ तोहका साच्छात गियान अउर सत्य ठोस रूप स पाइ ग अहा। 21 जउन तू पचे दुसरन का सिखावत ह ओका आपन क काहे नही सिखउत्या। तू इ उपदेस देत अहा कि चोरी न करा, मुला खुद चोरावत अहा। 22 तू इ कहत अहा कि व्यभिचार नाहीं करइ क चाही मुला अपुना काहे करत ह। मुरतिइन स तू घिना करत अहा मुला मंदिरन मँ धन काहे छीनत ह? 23 तू लोग व्यवस्था प गरब करत ह, मुला व्यवस्था का तोरि क परमेस्सर क निरादार काहे करत ह? 24 अउर इहइ बात पवित्तर सास्तरन मँ लिखी बा, “तू सबन क वजह स परमेस्सर क नाउँ क ओनमा अपमान होत ह जे गैर यहूदियन अहइँ।”(A)

25 जउ तू लोगन व्यवस्था क मानत अहा अउर ओका पालन करत ह तउ तो खतना क महत्व बाटइ। मुला जदि व्यवस्था क तोड़त अहा तो ओकर मतलब वगैर खतना क बराबर अहइ। 26 मान ल्या केहू क खतना नाहीं भवा बा अउर उ व्यवस्था क पालन करत ह पवित्तर नियमन प चलत ह, तउ का ओकर खतना न करावइ क बावजूद ओका खतना मँ सामिल न कीन्ह जाइ? 27 उ मनई जेकर सरीर स खतना नाहीं भवा बा मुला व्यवस्था क पालन करत ह उ तू लोगन का अपराधी सिद्ध कइ देई। वोका जेकरे पास लिखा पढ़ी मँ परमेस्सर क विधान बाटइ अउर जेकर खतना भवा बा अउर जे व्यवस्था क नाहीं मानत।

28 जे बाहेर स यहूदी अहइँ, उ वास्तव मँ यहूदी नाहीं अहइ। सरीर क खतना असली मँ खतना नाहीं बाटइ। 29 सच्चा यहूदी उ अहइ जे भीतर स यहूदी होइ, सच्चा खतना तउ आतिमा क जरिये मन क खतना अहइ। नबी न कि लिखी व्यवस्था क। अइसे व्यक्ति क प्रसंसा मनई नाहीं बल्कि परमेस्सर कइँती स कीन्ह जात अहइ।

Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)

Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.