Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
“कुमुदिनी” नाउँ क धुन पइ संगीत निर्देसक बरे दाऊद क एक ठु भजन।
1 हे परमेस्सर, मोका मोर सब मुसीबतन स बचावा।
मोरे मुँहना तलक पानी चढ़ि आवा अहइ।
2 कछू भी नाहीं अहइ जउने पइ मइँ खड़ा होइ जाउँ।
मइँ दलदले क बीच खाले धँसत ही चला जात हउँ।
मइँ नीचे धँसत हउँ।
मइँ अथाह जले मँ अहउँ अउर मोरे चारिहुँ कइँती लहरियन थपेड़ा मारति अहइँ।
बस, मइँ बूड़इ क अहउँ।
3 मदद क गोहार लगावत मइँ दुर्बल होत जात हउँ।
मोर गटइ मदद बरे गोहराव क कारण सुखन बाटइ।
मइँ बाट जोहत हउँ।
तोहसे मदद पावइ अउ लखत-लखत मोर अँखियन दुःखति अहइँ।
13 हे यहोवा, जहाँ तलक मोर बात बाटइ,
मोर तोहसे इ बिनती अहइ कि मइँ चाहत हउँ: तू मोका अपनाइ ल्या।
हे परमेस्सर, मइँ चाहत हउँ कि तू मोका पिरेम भरा जवाब द्या
मइँ जानत हउँ कि मइँ तोह पइ सुरच्छा क भरोसा कइ सकत हउँ।
14 मोका दलदले स उबार ल्या।
मोका दलदल क बीच जिन बूड़इ द्या।
मोका मोरे बैरी लोगन स तू बचाइ ल्या।
तू मोका इ गहिर पानी स बचाइ ल्या।
15 बाढ़ क लहरन क मोका बुड़ावइ न द्या।
गहराई क मोका लीलइ न द्या।
कब्र क मोरे ऊपर आपन मुँह बन्द न करइ द्या।
16 हे यहोवा, तोहार करुणा खरी अहइ।
तू मोका आपन सम्पूर्ण पिरेम स जवाब द्या।
मोर मदद बरे आपन सम्पूर्ण कृपा क संग मोरी कइँती मुँह करा।
30 मइँ परमेस्सर क नाउँ क गुण गीतन मँ गाउब।
मइँ ओकर जस धन्यवाद क गीतन स गाउब।
31 परमेस्सर एहसे खुस होइ जाइ।
अइसा करब एक ठु बर्धा क बलि या पूरा गोरू क ही बलि चढ़ावइ स जियादा उत्तिम अहइ।
32 अरे दीन लोगो, तू पचे परमेस्सर क आराधना करइ आवा अहा।
अरे दीन लोगो! ऍन बातन क जानिके तू पचे खुस होइ जाब्या।
33 यहोवा, दीन लोगन अउ बेसहारा लोगन क सुना करत ह।
यहोवा ओनका अबहुँ चाहत ह, जउन लोग बंधन मँ पड़ा अहइँ।
34 हे सरग अउ हे धरती, हे सागर अउ एकरे बीच जउन भी समावा अहइ।
परमेस्सर क स्तुति करा।
35 यहोवा सिय्योन क रच्छा करी।
यहोवा यहूदा क नगर क फुन निर्माण करी।
उ लोग जउन इ धरती क सुआमी अहइँ, फिन हुआँ रइहीं।
36 ओकरे सेवकन क संतानन उ धरती क पाई।
अउर अइसे उ सबइ लोग निवास करिहीं जेनका ओकर नाउँ पियारा बाटइ।
17 काबील आपन मेहरारु क संग तने क रिस्ता किहस। उ गाभिन होइ गइ। उ हनोक नाउँ क बच्चा जन्म दिहस। काबील एक सहर बसाएस, अउर ओकर नाउँ आपन पूत क नाउँ प हनोक ही राखेस।
18 हनोक स ईराद पइदा भवा, ईराद स महूयाएल पइदा भवा, महूयाएल स मतूसाएल पइदा भवा अउर मतूसाएल स लेमेक पइदा भवा।
19 लेमेक दुइ मेहरारु स बियाह किहस। एक मेहरारु क नाउँ आदा अउ दूसर क नाउँ सिल्ला रहा। 20 आदा याबल क जन्मेस। याबाल ओन मनइयन क बाप रहा जउन तम्बू मँ रहत रहेन अउ गोरु क पाल पोस क आपन गुजर बसर करत रहेन। 21 आदा क दूसर पूत यूबाल भी रहा। यूबाल, याबाल क भाई रहा। यूबाल ओन मनइयन क बाप रहा जउन बीणा अउ बाँसुरी बजावत रहेन। 22 सिल्ला तूबलकैन क जन्म दिहस। तूबलकैन ओन मनइयन क बाप रहा जउन काँसा अउ लोहा क पेसा करत रहेन। तूबलकैन क बहिन क नाउँ नामा रहा।
23 लेमेक आपन मेहरारुअन स कहेस:
“ऐ आदा अउ सिल्ला मोरउ बात सुना,
लेमेक क मेहररुओ! जउन बतियन मइँ कहत हउँ, सुना।
एक मनई मोका चोट पहुँचाएस, मइँ ओका मारि डालेउँ।
एक जवान मोका चोट पहुचाएस ऍह बरे मइँ ओका मारि डाएउँ।
24 जदि काबील क कतल करइ क सजा सात गुना अहइ तउ
लेमक क कतल क सजा सतहत्तर गुना होब्या!”
आदम अउ हव्वा क नवा पूत पइदा भवा
25 आदम अउ हव्वा क संग पुन तने क रिस्ता भवा अउ हव्वा एक ठु अउर बच्चा क जन्म दिहेस। उ पचे इ लरिका क नाउँ सेत राखेन। हव्वा कहेस, “परमेस्सर मोका एक अउर पूत दिहेस ह। काबील हाबिल क मारि डाएस मुला सेत अब मोरे लगे अहइ।” 26 सेत क भी एक पूत रहा। एकर नाउँ एनोस रहा। उ टेमँ लोगन यहोवा क आराधना करई लागेन।[a]
आदम क परिवारे क इतिहास
5 इ अध्याय मँ आदम क परिवार क बंसज क बारे मँ अहइ। परमेस्सर मनई क आपन सरुप मँ बनाएस।। 2 परमेस्सर ओनका नर अउर मादा बनाएस। जउन दिन ओनका बनाएस उहइ दिन उ ओनका असीसेस अउर ओनका नाउँ “आदम” राखेस।
3 जब आदम एक सौ तीस बरिस क होइ गवा तब उ एक अउर बचवा क बाप भवा। इ पूत ठीक आदम क तरह देखाइ देत रहा। आदम आपन पूत क नाउँ सेत राखेस। 4 सेत क जन्म क पाछे आदम आठ सौ बरिस जिअत रहा। इ दिनन मँ आदम क दूसर बेटवन अउ बिटियन भइन। 5 इ तरह आदम पूरा नौ सौ तीस बरिस जिअत रहा, तब उ मरा।
सबहिं लोग दोखी अहउँ
9 फिन का भवा? यहूदी अउ गैर यहूदियन मँ कउनो भेद नाहीं बा, जइसेन कि पहले बतावा गवा बा कि चाहे यहूदियन होइँ या गैर यहूदियन सबहीं पाप क बस मँ अहइँ।
10 पवित्तर सास्तरन कहत हीं:
“कउनो धर्मी नाहीं अहइ,
एक ठु भी नाहीं!
11 एकउ भी समझदार नाहीं,
एकउ क उ अइसा नाहीं उहइ जे परमेस्सर क वास्तव मँ खोजत ह।
12 इहाँ प सबइ परमेस्सर स विमुख होइके भटकत अहइँ,
सबन खोटे अहइँ।
एकउ नाहीं अहइ जे अच्छा काम करत ह
एकउ नाहीं!” (A)
13 “ओनकर मुँह खुली कब्र अहइ,
अउर वे अपनी जीभ स धोखा देत अहइँ।” (B)
“नाग क बिख क तहर ओनकर ओंठ अहइँ,” (C)
14 “मुँह पइ सराप व कटुता भरी रहत ह।” (D)
15 “जान मारइ का तउ हरदम उतावला रहत हीं।
16 जहाँ कहूँ जात हीं उ पचे नास ही करत हीं, अउर संताप ही देत हीं।
17 सान्ति का मारग इ नाहीं जनतेन।” (E)
18 “ओनके आँखिन मँ पर्भू क भय नाहीं बा।” (F)
19 अब हम पचे इ जानित ही कि व्यवस्था मँ जउऩ कछू कहा गवा बाटइ उ सब ओनके बरे अहइ जे व्यवस्था क अधीन अहइँ। ऍहसे इ होइ कि सबइ का मुँह तोप दीन्ह जाइ अउर परमेस्सर क दण्ड सबइ क मिलइ। 20 व्यवस्था मँ कउनो काम किहे स कउनो धर्मी न सिद्ध होइ जाइ। केवल व्यवस्था पाप क बोध करावत अहइ।
परमेस्सर मनइयन का धर्मी कइसे बनावत ह
21 मुला अब इ देखइ क अहइ कि परमेस्सर एक नए तरीके स मनइयन क व्यवस्था क बगैर कइसे सोझ मारग प लावत ह। व्यवस्था व नबियन इ नए तरीके क साच्छी दिहे बाटेन। 22 जे केउ परमेस्सर क उ धार्मिकता जउन ईसू मसीह मँ बिसवास क द्वारा इ बिसवास करइवालन क बरे अहइ। एहमाँ कउनो भेदभाव नाहीं बा।
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.