Revised Common Lectionary (Complementary)
परमेश्वर कुस्रू को इस्राएल की मुक्ति के लिये चुनता है
45 ये वे बातें हैं जिन्हें यहोवा अपने चुने हुए राजा कुस्रू से कहता है:
“मैं कुस्रू का दाहिना हाथ थामूँगा।
मैं राजाओं की शक्ति छीनने में उसकी सहायता करूँगा।
नगर द्वार कुस्रू को रोक नहीं पायेंगे।
मैं नगर के द्वार खोल दूँगा, और कुस्रू भीतर चला जायेगा।
2 कुस्रू, तेरी सेनाएँ आगे बढ़ेंगी और मैं तेरे आगे चलूँगा।
मैं पर्वतों को समतल कर दूँगा।
मैं काँसे के नगर—द्वारों को तोड़ डालूँगा।
मैं द्वार पर लगी लोहे की आँगल को काट डालूँगा।
3 मैं तुझे अन्धेरे में रखी हुई दौलत दूँगा।
मैं तुझको छिपी हुई सम्पत्ति दूँगा।
मैं ऐसा करूँगा ताकि तुझको पता चल जाये कि मैं इस्राएल का परमेश्वर हूँ, और मैं तुझको तेरे नाम से पुकार रहा हूँ!
4 मैं ये बातें अपने सेवक याकूब के लिये करता हूँ।
मैं ये बातें इस्राएल के अपने चुने हुए लोगों के लिये करता हूँ।
कुस्रू, मैं तुझे नाम से पुकार रहा हूँ।
तू मुझको नहीं जानता है, किन्तु मैं तुझको सम्मान की उपाधि दे रहा हूँ।
5 मैं यहोवा हूँ! मैं ही मात्र एक परमेश्वर हूँ।
मेरे सिवा दूसरा कोई परमेश्वर नहीं है।
मैं तुझे तेरा कमरबन्ध पहनाता हूँ, किन्तु फिर भी तू मुझको नहीं पहचानता है।
6 मैं यह काम करता हूँ ताकि सब लोग जान जायें कि मैं ही मात्र परमेश्वर हूँ।
पूर्व से पश्चिम तक सभी लोग ये जानेंगे कि मैं यहोवा हूँ और मेरे सिवा दूसरा कोई परमेश्वर नहीं।
7 मैंने प्रकाश को बनाया और मैंने ही अन्धकार को रचा।
मैंने शान्ति को सृजा और विपत्तियाँ भी मैंने ही बनायीं हैं।
मैं यहोवा हूँ।
मैं ही ये सब बातें करता हूँ।
1 उन नये कामों के लिये जिन्हें यहोवा ने किया है नया गीत गाओ।
अरे ओ समूचे जगत यहोवा के लिये गीत गा।
2 यहोवा के लिये गाओ! उसके नाम को धन्य कहो!
उसके सुसमाचार को सुनाओ! उन अद्भुत बातों का बखान करो जिन्हें परमेश्वर ने किया है।
3 अन्य लोगों को बताओ कि परमेश्वर सचमुच ही अद्भुत है।
सब कहीं के लोगों में उन अद्भुत बातों का जिन्हें परमेश्वर करता है बखान करो।
4 यहोवा महान है और प्रशंसा योग्य है।
वह किसी भी अधिक “देवताओं” से डरने योग्य है।
5 अन्य जातियों के सभी “देवता” केवल मूर्तियाँ हैं,
किन्तु यहोवा ने आकाशों को बनाया।
6 उसके सम्मुख सुन्दर महिमा दीप्त है।
परमेश्वर के पवित्र मन्दिर सामर्थ्य और सौन्दर्य हैं।
7 अरे! ओ वंशों, और हे जातियों यहोवा के लिये महिमा
और प्रशंसा के गीत गाओ।
8 यहोवा के नाम के गुणगान करो।
अपनी भेटे उठाओ और मन्दिर में जाओ।
9 यहोवा का उसके भव्य, मन्दिर में उपासना करो।
अरे ओ पृथ्वी के मनुष्यों, यहोवा की उपासना करो।
10 राष्ट्रों को बता दो कि यहोवा राजा है!
सो इससे जगत का नाश नहीं होगा।
यहोवा मनुष्यों पर न्याय से शासन करेगा।
11 अरे आकाश, प्रसन्न हो!
हे धरती, आनन्द मना! हे सागर, और उसमें कि सब वस्तुओं आनन्द से ललकारो।
12 अरे ओ खेतों और उसमें उगने वाली हर वस्तु आनन्दित हो जाओ!
हे वन के वृक्षो गाओ और आनन्द मनाओ!
13 आनन्दित हो जाओ क्योंकि यहोवा आ रहा है,
यहोवा जगत का शासन (न्याय) करने आ रहा है,
वह खरेपन से न्याय करेगा।
1 थिस्सलुनीकियों के परम पिता परमेश्वर और प्रभु यीशु मसीह में स्थित कलीसिया को पौलुस, सिलवानुस और तीमुथियुस की ओर से:
परमेश्वर का अनुग्रह और शांति तुम्हारे साथ रहे।
थिस्सलुनीकियों का जीवन और विश्वास
2 हम तुम सब के लिए सदा परमेश्वर को धन्यवाद देते रहते हैं और अपनी प्रार्थनाओं में हमें तुम्हारी याद बनी रहती है। 3 प्रार्थना करते हुए हम सदा तुम्हारे उस काम की याद करते हैं जो फल है, विश्वास का, प्रेम से पैदा हुए तुम्हारे कठिन परिश्रम का, और हमारे प्रभु यीशु मसीह में आशा से उत्पन्न तुम्हारी धैर्यपूर्ण सहनशीलता का हमें सदा ध्यान बना रहता है।
4 परमेश्वर के प्रिय हमारे भाईयों, हम जानते हैं कि तुम उसके चुने हुए हो। 5 क्योंकि हमारे सुसमाचार का विवरण तुम्हारे पास मात्र शब्दों में ही नहीं पहुँचा है बल्कि पवित्र आत्मा सामर्थ्य और गहन श्रद्धा के साथ पहुँचा है। तुम जानते हो कि हम जब तुम्हारे साथ थे, तुम्हारे लाभ के लिए कैसा जीवन जीते थे। 6 कठोर यातनाओं के बीच तुमने पवित्र आत्मा से मिलने वाली प्रसन्नता के साथ सुसंदेश को ग्रहण किया और हमारा तथा प्रभु का अनुकरण करने लगे।
7 इसलिए मकिदुनिया और अखाया के सभी विश्वासियों के लिये तुम एक आदर्श बन गये 8 योंकि तुमसे प्रभु के संदेश की जो गूँज उठी, वह न केवल मकिदुनिया और अखाया में सुनी गयी बल्कि परमेश्वर में तुम्हारा विश्वास सब कहीं जाना माना गया। सो हमें कुछ भी कहने की आवश्यकता नहीं है। 9-10 क्योंकि वे स्वयं ही हमारे विषय में बताते हैं कि तुमने हमारा कैसा स्वागत किया था और सजीव तथा सच्चे परमेश्वर की सेवा करने के लिए और स्वर्ग से उसके पुत्र के आगमन की प्रतीक्षा करने के लिए तुम मूर्तियों की ओर से सजीव परमेश्वर की ओर कैसे मुड़े थे। पुत्र अर्थात् यीशु को उसने मरे हुओं में से फिर से जिला उठाया था और वही परमेश्वर के आने वाले कोप से हमारी रक्षा करता है।
यहूदी नेताओं की चाल
(मरकुस 12:13-17; लूका 20:20-26)
15 फिर फरीसियों ने जाकर एक सभा बुलाई, जिससे वे इस बात का आपस में विचार-विमर्श कर सकें कि यीशु को उसकी अपनी ही कही किसी बात में कैसे फँसाया जा सकता है। 16 उन्होंने अपने चेलों को हेरोदियों के साथ उसके पास भेजा। उन लोगों ने यीशु से कहा, “गुरु, हम जानते हैं कि तू सच्चा है तू सचमुच परमेश्वर के मार्ग की शिक्षा देता है। और तब, कोई क्या सोचता है, तू इसकी चिंता नहीं करता क्योंकि तू किसी व्यक्ति की हैसियत पर नहीं जाता। 17 सो हमें बता तेरा क्या विचार है कि सम्राट कैसर को कर चुकाना उचित है कि नहीं?”
18 यीशु उनके बुरे इरादे को ताड़ गया, सो वह बोला, “ओ कपटियों! तुम मुझे क्यों परखना चाहते हो? 19 मुझे कोई दीनार दिखाओ जिससे तुम कर चुकाते हो।” सो वे उसके पास दीनार ले आये। 20 तब उसने उनसे कहा, “इस पर किसकी मूरत और लेख खुदे हैं?”
21 उन्होंने उससे कहा, “महाराजा कैसर के।”
तब उसने उनसे कहा, “अच्छा तो फिर जो महाराजा कैसर का है, उसे महाराजा कैसर को दो, और जो परमेश्वर का है, उसे परमेश्वर को।”
22 यह सुनकर वे अचरज से भर गये और उसे छोड़ कर चले गये।
© 1995, 2010 Bible League International