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Revised Common Lectionary (Complementary)

Daily Bible readings that follow the church liturgical year, with thematically matched Old and New Testament readings.
Duration: 1245 days
Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)
Version
भजन संहिता 96:1-9

उन नये कामों के लिये जिन्हें यहोवा ने किया है नया गीत गाओ।
    अरे ओ समूचे जगत यहोवा के लिये गीत गा।
यहोवा के लिये गाओ! उसके नाम को धन्य कहो!
    उसके सुसमाचार को सुनाओ! उन अद्भुत बातों का बखान करो जिन्हें परमेश्वर ने किया है।
अन्य लोगों को बताओ कि परमेश्वर सचमुच ही अद्भुत है।
    सब कहीं के लोगों में उन अद्भुत बातों का जिन्हें परमेश्वर करता है बखान करो।
यहोवा महान है और प्रशंसा योग्य है।
    वह किसी भी अधिक “देवताओं” से डरने योग्य है।
अन्य जातियों के सभी “देवता” केवल मूर्तियाँ हैं,
    किन्तु यहोवा ने आकाशों को बनाया।
उसके सम्मुख सुन्दर महिमा दीप्त है।
    परमेश्वर के पवित्र मन्दिर सामर्थ्य और सौन्दर्य हैं।
अरे! ओ वंशों, और हे जातियों यहोवा के लिये महिमा
    और प्रशंसा के गीत गाओ।
यहोवा के नाम के गुणगान करो।
    अपनी भेटे उठाओ और मन्दिर में जाओ।
    यहोवा का उसके भव्य, मन्दिर में उपासना करो।
अरे ओ पृथ्वी के मनुष्यों, यहोवा की उपासना करो।

भजन संहिता 96:10-13

10     राष्ट्रों को बता दो कि यहोवा राजा है!
सो इससे जगत का नाश नहीं होगा।
    यहोवा मनुष्यों पर न्याय से शासन करेगा।
11 अरे आकाश, प्रसन्न हो!
    हे धरती, आनन्द मना! हे सागर, और उसमें कि सब वस्तुओं आनन्द से ललकारो।
12 अरे ओ खेतों और उसमें उगने वाली हर वस्तु आनन्दित हो जाओ!
    हे वन के वृक्षो गाओ और आनन्द मनाओ!
13 आनन्दित हो जाओ क्योंकि यहोवा आ रहा है,
    यहोवा जगत का शासन (न्याय) करने आ रहा है,
वह खरेपन से न्याय करेगा।

व्यवस्था विवरण 17:14-20

राजा कैसे चुनें

14 “तुम उस प्रदेश में जाओगे जिसे यहोवा तुम्हारा परमेश्वर तुम्हें दे रहा है। तुम उस देश पर अधिकार करोगे और उसमें रहोगे। तब तुम कहोगे, ‘हम लोग अपने ऊपर एक राजा वैसा ही प्रतिष्ठित करेंगे जैसा हमारे चारों ओर के राष्ट्रों में है।’ 15 जब ऐसा हो तब तुम्हें यह पक्का निश्चय होना चाहिए कि तुमने उसे ही राजा चुना है जिसे यहोवा चुनता है। तुम्हरा राजा तुम्हीं लोगों में से होना चाहिए। तुम्हें विदेशी को अपना राजा नहीं बनाना चाहिए। 16 राजा को अत्यधिक घोड़े अपने लिए नहीं रखने चाहिए और उसे लोगों को अधिक घोड़े लाने के लिए मिस्र नहीं भेजना चाहिए। क्यों? क्योंकि तुमसे यहोवा ने कहा है, ‘तुम्हें उस रास्ते पर कभी नहीं लौटना है।’ 17 राजा को बहुत पत्नियाँ भी नहीं रखनी चाहिए। क्यों? क्योंकि यह काम उसे यहोवा से दूर हटायेगा और राजा को सोने, चाँदी से अपने को सम्पन्न नहीं बनाना चाहिए।

18 “और जब राजा शासन करने लगे तो उसे एक पुस्तक में अपने लिए नियमों की नकल कर लेनी चाहिए। उसे याजकों और लेवीवंशियों की पुस्तकों से नकल करनी चाहिए। 19 राजा को उस पुस्तक को अपने साथ रखना चाहिए। उस पुस्तक को जीवन भर पढ़ना चाहिए। क्योंकि तब राजा यहोवा अपने परमेश्वर का सम्मान करना सीखेगा और वह नियम के आदेशों का पूरा पालन करना सीखेगा। 20 तब राजा यह नहीं सोचेगा कि वह अपने लोगों में से किसी से भी अधिक अच्छा है। वह नियम के विरुद्ध नहीं जाएगा बल्कि इसका ठीक—ठीक पालन करेगा। तब वह राजा और उसके वंशज इस्राएल के राज्य पर लम्बे समय तक शासन करेंगे।

1 पतरस 5:1-5

परमेश्वर का जन-समूह

अब मैं तुम्हारे बीच जो बुज़ुर्ग हैं, उनसे निवेदन करता हूँ: मैं, जो स्वयं एक बुज़ुर्ग हूँ और मसीह ने जो यातनाएँ झेली हैं, उनका साक्षी हूँ तथा वह भावी महिमा जो प्रकट होने को है, उसका सहभागी हूँ। राह दिखाने वाले परमेश्वर का जन-समूह तुम्हारी देख-रेख में है और निरीक्षक के रूप में तुम उसकी सेवा करते हो; किसी दबाव के कारण नहीं, बल्कि परमेश्वर की इच्छानुसार ऐसा करने की स्वेच्छा के कारण तुम अपना यह काम धन के लालच में नहीं बल्कि सेवा करने के प्रति अपनी तत्परता के कारण करते हो। देख-रेख के लिए जो तुम्हें सौंपे गए हैं, तुम उनके कठोर निरंकुश शासक मत बनो। बल्कि लोगों के लिए एक आदर्श बनो। ताकि जब वह प्रधान रखवाला प्रकट हो तो तुम्हें विजय का वह भव्य मुकुट प्राप्त हो जिसकी शोभा कभी घटती नहीं है।

इसी प्रकार हे नव युवकों! तुम अपने धर्मवृद्धों के अधीन रहो। तुम एक दूसरे के प्रति विनम्रता धारण करो, क्योंकि

“परमेश्वर अभिमानियों का विरोध करता है
    किन्तु दीन जनों पर सदा अनुग्रह रहता है।”(A)

Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)

© 1995, 2010 Bible League International