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Old/New Testament

Each day includes a passage from both the Old Testament and New Testament.
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Saral Hindi Bible (SHB)
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लूकॉ 7:31-50

वर्तमान पीढ़ी को मसीह येशु की झड़प

31 मसीह येशु ने आगे कहा, “इस पीढ़ी के लोगों की तुलना मैं किस से करूँ? किसके समान हैं ये? 32 ये हाट में बैठे हुए उन बालकों के समान हैं, जो एक-दूसरे से पुकार-पुकार कर कह रहे हैं:

“‘हमने तुम्हारे लिए बाँसुरी बजाई,
    किन्तु तुम नहीं नाचे,
हमने तुम्हारे लिए शोक गीत भी गाया,
    फिर भी तुम न रोए.’

33 बपतिस्मा देने वाले योहन रोटी नहीं खाते थे और दाखरस का सेवन भी नहीं करते थे इसलिए तुमने घोषित कर दिया, ‘उसमें प्रेत का वास है.’ 34 मनुष्य के पुत्र का आहार सामान्य है इसलिए तुमने घोषित कर दिया, ‘अरे, वह तो पेटू और पियक्कड़ है! वह तो चुँगी लेनेवालों तथा अपराधियों का मित्र है!’ 35 फिर भी ज्ञान की सच्चाई उसकी सभी सन्तानों द्वारा प्रकट की गई है.”

पापी स्त्री द्वारा मसीह येशु के चरणों का अभ्यंजन

36 एक फ़रीसी ने मसीह येशु को भोज पर आमन्त्रित किया. मसीह येशु आमन्त्रण स्वीकार कर वहाँ गए और भोजन के लिए बैठ गए. 37 नगर की एक पापिन स्त्री, यह मालूम होने पर कि मसीह येशु वहाँ आमन्त्रित हैं, संगमरमर के बर्तन में इत्र ले कर आई 38 और उनके चरणों के पास रोती हुई खड़ी हो गई. उसके आँसुओं से उनके पांव भीगने लगे. तब उसने प्रभु के पावों को अपने बालों से पोंछा, उनके पावों को चूमा तथा उस इत्र को उनके पावों पर उण्डेल दिया.

39 जब उस फ़रीसी ने, जिसने मसीह येशु को आमन्त्रित किया था, यह देखा तो मन में विचार करने लगा, “यदि यह व्यक्ति वास्तव में भविष्यद्वक्ता होता तो अवश्य जान जाता कि जो स्त्री उसे छू रही है, वह कौन है—एक पापी स्त्री!”

40 मसीह येशु ने उस फ़रीसी को कहा, “शिमोन, मुझे तुमसे कुछ कहना है.”

“कहिए, गुरुवर,” उसने कहा.

41 मसीह येशु ने कहा, “एक साहूकार के दो कर्ज़दार थे—एक पाँच सौ दीनार का तथा दूसरा पचास का. 42 दोनों ही कर्ज़ चुकाने में असमर्थ थे इसलिए उस साहूकार ने दोनों ही के कर्ज़ क्षमा कर दिए. यह बताओ, दोनों में से कौन उस साहूकार से अधिक प्रेम करेगा?”

43 शिमोन ने उत्तर दिया, “मेरे विचार से वह, जिसकी बड़ी राशि क्षमा की गई.”

“तुमने सही उत्तर दिया,” मसीह येशु ने कहा.

44 तब उस स्त्री से उन्मुख हो कर मसीह येशु ने शिमोन से कहा, “इस स्त्री की ओर देखो. मैं तुम्हारे यहाँ आया, तुमने तो मुझे पांव धोने के लिए भी जल न दिया किन्तु इसने अपने आँसुओं से मेरे पांव भिगो दिए और अपने केशों से उन्हें पोंछ दिया. 45 तुमने चुम्बन से मेरा स्वागत नहीं किया किन्तु यह स्त्री मेरे पाँवों को चूमती रही. 46 तुमने मेरे सिर पर तेल नहीं मला किन्तु इसने मेरे पाँवों पर इत्र उण्डेल दिया है. 47 मैं तुम्हें बताना चाहता हूँ कि यह मुझसे इतना अधिक प्रेम इसलिए करती है कि इसके बहुत पाप क्षमा कर दिए गए हैं; किन्तु वह, जिसके थोड़े ही पाप क्षमा किए गए हैं, प्रेम भी थोड़ा ही करता है.”

48 तब मसीह येशु ने उस स्त्री से कहा, “तुम्हारे पाप क्षमा कर दिए गए हैं.”

49 आमन्त्रित अतिथि आपस में विचार-विमर्श करने लगे, “कौन है यह, जो पाप भी क्षमा करता है?”

50 मसीह येशु ने उस स्त्री से कहा, “तुम्हारा विश्वास ही तुम्हारे उद्धार का कारण है. परमेश्वर की शान्ति में विदा हो जाओ.”

Saral Hindi Bible (SHB)

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