Old/New Testament
19 तब मोर कहे के का मतलब ए? का मूरती ला चघाय बलिदान ह कुछू ए, या मूरती ह कुछू ए? 20 कुछू घलो नइं। पर में कहथंव कि आनजातमन जऊन बलिदान चघाथें, ओमन परेत आतमामन ला चघाथें, परमेसर ला नइं, अऊ मेंह नइं चाहंव कि तुमन परेत आतमामन के संग भागीदार होवव। 21 तुमन परभू के कटोरा अऊ परेत आतमामन के कटोरा, दूनों म ले नइं पी सकव। तुमन परभू के भोज अऊ परेत आतमामन के भोज, दूनों म सामिल नइं हो सकव। 22 का हमन परमेसर ला गुस्सा देवाथन? का हमन ओकर ले जादा बलवान अन?
बिसवासी के सुतंतरता
23 “हमन ला हर चीज करे के अनुमती हवय” – पर हर चीज ह लाभ के नो हय। “हमन ला हर चीज करे के अनुमती हवय” – पर हर चीज ले उन्नति नइं होवय। 24 हमन ला सिरिप अपन भलई ही नइं, पर आने मन के भलई घलो देखना चाही।
25 बजार म जऊन मांस बिकथे, ओला खावव अऊ बिवेक के कारन कोनो सवाल झन पुछव, 26 काबरकि परमेसर के बचन ह कहिथे, “धरती अऊ एम के हर एक चीज परभू के अय।”[a]
27 यदि कोनो अबिसवासी तुमन ला खाय बर बलाथे, अऊ तुमन जाय बर चाहथव, त जऊन कुछू तुम्हर आघू म परोसे जाथे, ओला खावव अऊ बिवेक के कारन कोनो सवाल झन पुछव। 28 पर यदि कोनो तुमन ला बता देथे कि एह बलिदान म चघाय गे खाना अय; त ओ बतइया के सेति अऊ बिवेक के सेति, ओ खाना ला झन खावव। 29 मोर कहे के मतलब तुम्हर बिवेक नइं, पर आने मनखे के बिवेक। काबरकि मोर सुतंतरता ह आने मनखे के बिवेक दुवारा काबर परखे जावय? 30 यदि मेंह परमेसर ला धनबाद देके ओ खाना म सामिल होथंव, त ओकर बर मोर ऊपर काबर दोस लगना चाही?
31 एकरसेति, चाहे तुमन खावव या पीयव या जऊन कुछू घलो करव, ए जम्मो काम परमेसर के महिमा बर करव। 32 तुमन काकरो पाप म गिरे के कारन झन बनव, चाहे ओह यहूदी होवय या यूनानी होवय या परमेसर के कलीसिया। 33 जऊन कुछू मेंह करथंव, ओकर दुवारा मेंह हर एक मनखे ला खुस रखे के कोसिस करथंव। काबरकि मेंह अपन खुद के भलई नइं, पर बहुंते झन के भलई ला देखथंव कि ओमन उद्धार पावंय।
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