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Old/New Testament

Each day includes a passage from both the Old Testament and New Testament.
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Saral Hindi Bible (SHB)
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मारक 1:1-22

बपतिस्मा देने वाले योहन का उपदेश

(मत्ति 3:1-12; लूकॉ 3:1-18)

परमेश्वर-पुत्र[a] येशु मसीह के सुसमाचार का आरम्भ:

भविष्यद्वक्ता यशायाह के अभिलेख के अनुसार,

“तुम्हारे पूर्व मैं अपना एक दूत भेज रहा हूँ,
    जो तुम्हारा मार्ग तैयार करेगा”;
“जंगल में पुकारनेवाले की आवाज़ है,
    ‘प्रभु का मार्ग तैयार करो,
उनके रास्ते सीधे और समतल करो.’”

बपतिस्मा देने वाले योहन जंगल में पाप-क्षमा के लिए पश्चाताप के बपतिस्मा का प्रचार करते हुए आए. यहूदिया प्रदेश के क्षेत्रों से सारी भीड़ तथा येरूशालेम नगर के सभी लोग उनसे भेंट करने जाने लगे. ये सब पाप स्वीकार करते हुए यरदन नदी में योहन से बपतिस्मा ले रहे थे. योहन का परिधान, ऊँट के रोम से निर्मित वस्त्र और उसके ऊपर चमड़े का कमरबन्द था और उनका भोजन था टिड्डियाँ तथा जंगलीमधु. वह प्रचार कर कहते थे, “मेरे बाद एक ऐसा व्यक्ति आएगा, जो मुझसे अधिक शक्तिमान हैं—मैं तो इस योग्य भी नहीं हूँ कि उनके सामने झुक कर उनकी जूतियों के बन्ध खोलूँ. मैं बपतिस्मा जल में देता हूँ; वह तुम्हें पवित्रात्मा में बपतिस्मा देंगे.”

मसीह येशु का बपतिस्मा

(मत्ति 3:13-17; लूकॉ 3:21, 22)

उसी समय मसीह येशु गलील प्रदेश के नाज़रेथ नगर से आए और उन्हें योहन द्वारा यरदन नदी में बपतिस्मा दिया गया. 10 जब मसीह येशु जल से बाहर आ रहे थे, उसी क्षण उन्होंने आकाश को खुलते तथा आत्मा को, जो कबूतर के समान था, अपने ऊपर उतरते हुए देखा 11 और स्वर्ग से निकला एक शब्द भी सुनाई दिया: “तुम मेरे पुत्र हो—मेरे प्रिय—तुमसे में अतिप्रसन्न हूँ.”

12 उसी समय पवित्रात्मा ने उन्हें जंगल में भेज दिया. 13 जंगल में वह चालीस दिन शैतान के द्वारा परखे जाते रहे. वह वहाँ जंगली पशुओं के साथ रहे और स्वर्गदूतों ने उनकी सेवा की.

प्रचार का प्रारम्भ गलील प्रदेश से

(मत्ति 4:12-17; लूकॉ 4:14-15; योहन 4:43-45)

14 योहन के बन्दी बना लिए जाने के बाद येशु, परमेश्वर के सुसमाचार का प्रचार करते हुए गलील प्रदेश आए. 15 उनका सन्देश था, “समय पूरा हो चुका है, परमेश्वर का राज्य पास आ गया है. मन फिराओ तथा सुसमाचार में विश्वास करो.”

पहिले चार शिष्यों का बुलाया जाना

(मत्ति 4:18-22)

16 गलील झील के पास से जाते हुए मसीह येशु ने शिमोन तथा उनके भाई आन्द्रेयास को देखा, जो झील में जाल डाल रहे थे. वे मछुवारे थे. 17 मसीह येशु ने उनसे कहा, “मेरे पीछे आओ. मैं तुम्हें मनुष्यों के मछुवारे बनाऊँगा.” 18 अपने जाल वहीं छोड़ वे तुरन्त उनके साथ चल दिए.

19 आगे जाने पर उन्होंने ज़ेबेदियॉस के पुत्र याक़ोब तथा उनके भाई योहन को देखा. वे भी नाव में थे और अपने जाल सुधार रहे थे. 20 उन्हें देखते ही मसीह येशु ने उनको बुलाया. वे अपने पिता ज़ेबेदियॉस को मज़दूरों के साथ नाव में ही छोड़ कर उनके साथ चल दिए.

मसीह येशु की अधिकार भरी शिक्षा

(लूकॉ 4:31-37)

21 वे सब कफ़रनहूम नगर आए. शब्बाथ पर मसीह येशु स्थानीय यहूदी सभागृह में जाकर शिक्षा देने लगे. 22 लोग उनकी शिक्षा से आश्चर्यचकित रह गए क्योंकि वह शास्त्रियों के समान नहीं परन्तु इस प्रकार शिक्षा दे रहे थे कि उन्हें इसका अधिकार है.

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