Print Page Options
Previous Prev Day Next DayNext

New Testament in a Year

Read the New Testament from start to finish, from Matthew to Revelation.
Duration: 365 days
Saral Hindi Bible (SHB)
Version
प्रकाशन 15

मोशेह तथा मेमने का गीत

15 तब मैंने स्वर्ग में एक अद्भुत और आश्चर्यजनक दृश्य देखा: सात स्वर्गदूत सात अन्तिम विपत्तियाँ लिए हुए थे—अन्तिम इसलिए कि इनके साथ परमेश्वर के क्रोध का अन्त हो जाता है. तब मुझे ऐसा अहसास हुआ मानो मैं एक काँच की झील को देख रहा हूँ, जिसमें आग मिला दी गई हो. मैंने इस झील के तट पर उन्हें खड़े हुए देखा, जिन्होंने उस हिंसक पशु, उसकी मूर्ति तथा उसके नाम की संख्या पर विजय प्राप्त की थी. इनके हाथों में परमेश्वर द्वारा दी हुई वीणा थीं. वे परमेश्वर के दास मोशेह तथा मेमने का गीत गा रहे थे:

“अद्भुत और असाधारण काम हैं आपके,
    याहवेह सर्वशक्तिमान परमेश्वर!
    धर्मी और सच्चे हैं उद्धेश्य आपके,
    राष्ट्रों के राजन!
कौन है,
    प्रभु, जिसमें आपके प्रति श्रद्धा न होगी,
कौन है, जो आपकी महिमा न करेगा?
    मात्र आप ही हैं पवित्र.
सभी राष्ट्र आकर आपका धन्यवाद करेंगे क्योंकि आपके न्याय के कार्य प्रकट हो चुके हैं.”
सात विपत्तियां लिए हुए सात स्वर्गदूत.

इसके बाद मैंने देखा कि स्वर्ग में मन्दिर, जो साक्ष्यों का तम्बू है, खोल दिया गया. मन्दिर में से वे सातों स्वर्गदूत, जो सात विपत्तियाँ लिए हुए थे, बाहर निकले. वे मलमल के स्वच्छ-उज्ज्वल वस्त्र धारण किए हुए थे तथा उनकी छाती पर सोने की कमरबन्द थी. तब चार जीवित प्राणियों में से एक ने उन सात स्वर्गदूतों को सनातन परमेश्वर के क्रोध से भरे सात सोने के कटोरे दे दिए. मन्दिर परमेश्वर की आभा तथा सामर्थ्य के धुएँ से भर गया और उस समय तक मन्दिर में कोई भी प्रवेश न कर सका, जब तक उन सातों स्वर्गदूतों द्वारा उण्डेली गई सातों विपत्तियाँ समाप्त न हो गईं.

Saral Hindi Bible (SHB)

New Testament, Saral Hindi Bible (नए करार, सरल हिन्दी बाइबल) Copyright © 1978, 2009, 2016 by Biblica, Inc.® All rights reserved worldwide.