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New Testament in a Year

Read the New Testament from start to finish, from Matthew to Revelation.
Duration: 365 days
Saral Hindi Bible (SHB)
Version
प्रकाशन 7

1,44,000 पर मोहर

इसके बाद मैंने देखा कि चार स्वर्गदूत पृथ्वी के चारों कोनों पर खड़े हुए पृथ्वी की चारों दिशाओं का वायु प्रवाह रोके हुए हैं कि न तो पृथ्वी पर वायु प्रवाहित हो, न ही समुद्र पर और न ही किसी पेड़ पर. मैंने एक अन्य स्वर्गदूत को पूर्वी दिशा में ऊपर की ओर आते हुए देखा, जिसके अधिकार में जीवित परमेश्वर की मोहर थी, उसने उन चार स्वर्गदूतों से, जिन्हें पृथ्वी तथा समुद्र को नाश करने का अधिकार दिया गया था, ऊँचे शब्द में पुकारते हुए कहा, “न तो पृथ्वी को, न समुद्र को और न ही किसी पेड़ को तब तक नाश करना, जब तक हम हमारे परमेश्वर के दासों के माथे पर मुहर न लगा दें.” तब मैंने, जो चिह्नित किए गए थे, उनकी संख्या का योग सुना: 1,44,000. ये इस्राएल के हर एक कुल में से थे.

5-8 यहूदाह के कुल से 12,000,

रूबेन के कुल से 12,000,

गाद के कुल से 12,000,

आशेर के कुल से 12,000,

नफ़ताली के कुल से 12,000,

मनश्शेह के कुल से 12,000,

शिमोन के कुल से 12,000,

लेवी के कुल से 12,000,

इस्साखार के कुल से 12,000,

ज़ेबुलून के कुल से 12,000,

योसेफ़ के कुल से 12,000 तथा

बेन्यामीन के कुल से 12,000 चिह्नित किए गए.

सफ़ेद वस्त्रों में विशाल भीड़

इसके बाद मुझे इतनी बड़ी भीड़ दिखाई दी, जिसकी गिनती कोई नहीं कर सकता था. इस समूह में हर एक राष्ट्र, कुल, प्रजाति और भाषा के लोग थे, जो सफ़ेद वस्त्र धारण किए तथा हाथ में खजूर की शाखाएँ लिए सिंहासन तथा मेमने के सामने खड़े हुए थे. 10 वे ऊँचे शब्द में पुकार रहे थे:

“उद्धार के स्त्रोत हैं,
सिंहासन पर बैठे
हमारे परमेश्वर और मेमना!”

11 सिंहासन, पुरनियों तथा चारों प्राणियों के चारों ओर सभी स्वर्गदूत खड़े हुए थे. उन्होंने सिंहासन की ओर मुख करके दण्डवत् होकर परमेश्वर की वन्दना की. 12 वे कह रहे थे:

“आमेन!
स्तुति, महिमा, ज्ञान,
आभार व्यक्ति, आदर, सामर्थ्य
तथा शक्ति हमेशा-हमेशा
हमारे परमेश्वर की है.
आमेन!”

13 तब पुरनियों में से एक ने मुझसे प्रश्न किया, “ये, जो सफ़ेद वस्त्र धारण किए हुए हैं, कौन हैं और कहाँ से आए हैं?”

14 मैंने उत्तर दिया, “श्रीमान, यह तो आपको ही मालूम है.”

इस पर उन्होंने कहा, “ये ही हैं वे, जो उस महाक्लेश में से सुरक्षित निकल कर आए हैं. इन्होंने अपने वस्त्र मेमने के लहू में धोकर सफ़ेद किए हैं. 15 इसीलिए,

“वे परमेश्वर के सिंहासन के सामने उपस्थित हैं
    और उनके मन्दिर में दिन-रात उनकी आराधना करते रहते हैं;
और वह, जो सिंहासन पर बैठे हैं,
    उन्हें सुरक्षा प्रदान करेंगे.
16 ‘वे अब न तो कभी भूखे होंगे, न प्यासे.
    न तो सूर्य की गर्मी उन्हें झुलसाएगी,’
    और न कोई अन्य गर्मी
17 क्योंकि बीच के सिंहासन पर बैठा मेमना उनका चरवाहा होगा;
‘वह उन्हें जीवन के जल के सोतों तक ले जाएगा’.
    ‘परमेश्वर उनकी आँखों से हर एक आँसू पोंछ डालेंगे.’”

Saral Hindi Bible (SHB)

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