M’Cheyne Bible Reading Plan
परमेस्सर दाऊद क बचन दिहस
17 दाऊद अपने घरे चले जाइ क पाछे नातान नबी स कहेस, “लखा, मइँ देवदारु स बने घरे मँ रहत हउँ, मुला यहोवा क करार क सन्दूख तम्बू मँ धरा अहइ। मइँ परमेस्सर बरे एक मन्दिर बनावइ चाहत अहउँ।”
2 नातान दाऊद क जवाब दिहस, “तू जउन कछू करइ चाहत अहा, कइ सकत अहा। परमेस्सर तोहरे संग अहइ।”
3 मुला परमेस्सर क संदेसा उ रात नातान क मिला। 4 परमेस्सर कहेस,
“जा अउर मोर सेवक दाऊद स इ कहा: यहोवा इ कहत ह, ‘दाऊद, तू उ नाहीं अहइ जउन मोर बरे एक घर बनाइ। 5-6 जब स मइँ इस्राएल क मिस्र स बाहेर लिआएउँ तब स अब तलक, मइँ घरे मँ नाहीं रहा हउँ। मइँ एक तम्बू स दूसर तम्बू क चरिहुँ कइँती घूमत रहा हउँ। जउने समइ मइँ इस्राएल मँ विभिन्न जगहन पइ चारिहुँ कइँती घूमत रहेउँ, मइँ कउनो प्रमुख स जेनका मइँ आपन लोगन क अगवाइ करइ बरे आदेस दिहेउँ रहा इ नाहीं कहेउँ: तू मोरे बरे देवदारु बृच्छ क काठे स घर काहे नाहीं बनाया ह?’
7 “अब तू मोरे सेवक दाऊद स कहा: सर्वसक्तीमान यहोवा तोहसे कहत ह, ‘मइँ तोहका चरागाह स अउर भेड़िन क देखरेख करइ स लिएउँ। मइँ तोहका अपने इस्राएली लोगन क सासक बनाएउँ। 8 तू जहाँ गवां, मइँ तोहारे संग रहेउँ। मइँ तोहरे अगवा-अगवा चलेउँ अउर मइँ तोहरे दुस्मनन क मारेउँ। अब मइँ तोहका पृथ्वी पइ सब स जियादा मसहूर मनइयन मँ स एक बना रहेउँ। 9 मइँ इ जगह अपने इस्राएल क लोगन क दइ देत अहइँ। मइँ ओनका उ जगह पइ स्थापित करब, अउर उ पचे हुवाँ सान्तिपूवर्क रइहीं। उ पचे अब आगे अउर परेसान नाहीं कीन्ह जइहीं। बुरे लोग ओनका वइसे चोट नाहीं पहोंचाइही जइसा उ पचे पहिले पहोंचाए रहेन। 10 उ समइ स जब मइँ आपन लोग इस्राएल क अगुवाइ अउ रच्छा करइ बरे निआवधीसन क नियुक्त किहा, मइँ तोहार सबइ दुस्मनन क हराएस हउँ।
“‘मइँ तोहसे कहत हउँ कि यहोवा तोहार परिवार क एक सही परिवार बनाई। 11 जब तू मरब्या अउर अपने पुरखन स जाइ भेंटब्या, तब मइँ तोहरे निज पूत क नवा राजा होइ देब। नवा राजा तोहरे पूतन मँ स एक होइ अउर मइँ ओकर राज्ज क सक्तीसाली बनाउब। 12 तोहार पूत मोरे बरे एक ठु घर बनाई। मइँ तोहारे पूत क परिवार क सदा बरे सासक बनाउब। 13 मइँ ओकर बाप बनब अउर उ मोर पूत होइ। साऊल तोहसे पहिले राजा रहा। मइँ ओह प स आपन पिरेम अउर मदद हटाइ लिएउँ। किन्तु मइँ तोहारे पूत स पिरेम क नाहीं हटाउब। 14 मइँ ओका सदा बरे अपने घर अउर राज्ज क संरच्छक बनाउब। ओकर सासन सदा ही चलत रही।’”
15 नातान अपने इ दर्सन अउर परमेस्सर जउन सबहिं बातन कहे रहा ओकरे बारे मँ दाऊद स कहेस।
दाऊद क पराथना
16 तब दाऊद पवित्तर तम्बू मँ गवा अउर यहोवा क समन्वा बइठा। दाऊद कहेस,
“यहोवा परमेस्सर, तू मोरे बरे अउर मोरे परिवार बरे ऍतना जियादा किहा ह अउर मइँ नाहीं समुझत कि काहे 17 अउर माना कि इ काफी नाहीं रहा, किन्तु, ओ परमेस्सर, तू मोका मोरे परिवार क भविस्स बताएस ह। तू मोरे बरे एक बहोत महत्वपूर्ण मनई जइसा बेउहार किहा ह। 18 मइँ अउर जियादा का काहि सकत हउँ? तू मोरे बरे ऍतना जियादा किहा ह अउर तू मोका बहोत सम्मान दिहेस ह अउर मइँ सिरिफ तोहार सेवक हउँ। तू मोका जानत ह। 19 यहोवा, तू इ अजूबा कार्य मोरे बरे किहा ह अउर इ तू किहा काहेकि तू इ महान कार्य क बतावइ चाहत ह। 20 यहोवा, तोहरे समान अउर कउनो नाहीं अहइ। तोहरे अलावा कउनो परमेस्सर नाहीं अहइ। हम लोग कबहुँ कउनो देवता क अइसे अजूबा कार्य करत नाहीं सुना ह। 21 का इस्राएल क समान दूसर कउनो रास्ट्र अहइ? इस्राएल ही पृथ्वी पइ एकमात्र रास्ट्र अहइ जेकरे बरे तू इ अजूबा कार्य किहा। तू हम क महान अउर चमत्कारवाला अद्भुत कार्य कइ के मिस्र स बाहेर निकार्या अउर हमक आजाद किहा। तू अपने लोगन क समन्वा गया अउर दूसर लोगन क हमरे बरे भुइँया छोड़ेइ क मजबूर किहा। अउर इ महान कार्य कइके तू मसहूर होइ गवा। 22 तू इस्राएल क सदा बरे आपन लोग बनाया अउर यहोवा तू ओकर परमेस्सर भया।
23 “यहोवा, तू इ प्रतिग्या मोहसे अउर मोरे परिवार स किहा ह। अब स तू सदा बरे इ प्रतिग्या क बनाए राखा। उ करा जउन तू करइ कहया। 24 अपनी प्रतिग्या क पूरा करा, जेहसे लोग तोहरे नाउँ क सम्मान सदा बरे कइ सकइँ। तब लोग कहिहीं, ‘सर्वसक्तीसाली यहोवा इस्राएल क परमेस्सर अहइ।’ मइँ तोहार सेवक अहउँ। कृपा कइके मोरे परिवार क सक्तीसाली होइ द्या अउर उ तोहार सेवा सदा करत रहइ।
25 “मोरे परमेस्सर, तू मोहसे, अपने सेवक कहया, कि तू मोरे परिवार क एक ठु राजपरिवार बनउब्या। एह बरे मइँ तोहारे समन्वा ऍतना निडर होत हउँ, एह बरे मइँ तोहसे इ सबइ चिजियन करइ बरे कहत हउँ। 26 यहोवा तू परमेस्सर अहा अउर परमेस्सर तू एन नीक चिजियन क वचन मोरे, आपन सेवक बरे किहा ह। 27 यहोवा, तू मोरे परिवार क आसीस देइ मँ ऍतना जियादा दयालु रहा ह। तू प्रतिग्या किहा, कि मोरे परिवार तोहार सेवा सदा सदा ही करत रही। यहोवा तू मोर परिवार क आसीस दिहा ह, एह बरे मोरे परिवार सदा आसीस पाई।”
परमेस्सर क अर्पित होइ जा
4 तोहरे बीच लड़ाइ-झगड़ा क का कारन बाटेन? का ओनकर कारण तोहरे अपने ही भित्तर का वासना नाहीं बाटइ? तोहार उ भोग बिलासपूर्ण इच्छा भी जउन तोहरे भित्तर हमेसा द्वन्द करत रहत हीं? 2 तू लोग चाहत अहा परन्तु तोहे मिल नाहीं पावत। तोहमाँ ईर्सा बा अउर तू दुसरे क हतिया करत हया फिन जउन चाहत अहा, पाइ नाहीं सकत्या। अउर इही बरे तू लड़त-झगड़त रहत अहा अउर युद्ध करत अहा। आपन इच्छित चीजन क तू पाइ नाहीं सकत्या काहेकि तू ओन्हे परमेस्सर स नाहीं मँगत्या। 3 अउर जब मांगत भी अहा लेकिन पउत्या नाहीं काहेकि तोहार उद्देस्स पवित्तर नाहीं होत। काहेकि तू ओन्हे अपने भोग-बिलास मँ ही नस्ट करइ क बरे माँगत अहा।
4 अरे, बिसवास बिहीन लोगो! का तू नाहीं जानत अहा कि संसार स पिरेम करइ का मतलब होत ह परमेस्सर स घिना करब जइसेन ही बाटइ? जउन कउनउ एह दुनिया स दोस्ती रखइ चाहत ह, उ अपने आपके परमेस्सर क सत्रु बनावत ह। 5 का तू अइसेन सोचत ह कि पवित्तर सास्तर अइसेन बेकारइ मँ कहत ह, “परमेस्सर तउ हमरे भित्तर जउन आतिमा दिहे अहइ, उ आतिमा केवल अपने बरे ही सोचत ह।” 6 परन्तु परमेस्सर तउ हम पे बहुत जियादा अनुग्रह दरसाए अहइ, इही बरे पवित्तर सास्तर मँ कहा गवा बा, “परमेस्सर घमंडियन क विरोधी अहइ जबकि विनम्र जनन पे आपन अनुग्रह दरसावत ह।”(A)
7 इही बरे अपने आपके परमेस्सर क अधीन कइ द्या। सइतान क विरोध करा। उ तोहरे सामने स भागि खड़ा होइ। 8 पममेस्सर क लगे आवा, उहउ तोहरे लगे आवइ। अरे पापियन, आपन हाथ सुद्ध करा अउर अरे संदेह करइवालन, अपने हिरदइ क पवित्तर करा। 9 सोक करा, बिलाप करा अउर रोवा। होइ सकत ह तोहरे इ हँसी सोक मँ बदलि जाइ अउर तोहरे इ खुसी बिसाद मँ बदलि जाइ। 10 पर्भू क सामने खुद क नवावा। उ तोहे ऊँचा उठाई।
निआवकर्ता तू नाहीं अहा
11 भाइयो तथा बहिनियो, एक दुसरे क विरोध मँ बुरा बोलब बन्द करा। जउन अपने ही भाई क विरोध मँ बुरा बोलत हीं, अउर ओका दोसी ठहरावत हीं, उ व्यवस्था क दोसी ठहरत ह। अउर उ व्यवस्था प दोस लगावत अहा अउर यदि तू व्यवस्था प दोस लगावत अहा तउ व्यवस्था क पालन करइवाला नाहीं रहत्या बरन स्वयं ओकरे निआवकर्ता बन जात अहा। 12 लेकिन व्यवस्था क देइवाला अउर ओकर निआव करइवाला तउ बस एक्कइ बा। अउर उहइ रच्छा कइ सकत ह अउर उहइ खतम करत अहइ। तू फिन अपने साथी क निआव करइवाला तू कउन होत ह्या?
आपन जीवन परमेस्सर क चलावइ द्या
13 अइसेन कहइवाले सुना, “आजु या काल्हि हम एह या ओह नगर मँ जाइके एक साल भर उहाँ व्यपार मँ धन लगाइके बहुत स पइसा बनाइ लेबइ।” 14 परन्तु तू त एतनउ नाहीं जनत्या कि काल्हि तोहरे जीवन मँ का होइ! देखा! तू त ओह धुंध क समान अहा जउन रचिके देर बरे देखॉत ह अउर फिन खोइ जात ह। 15 तउन एकरे स्थान प तोहका तउ हमेसा इहइ कहइ चाही, “यदि पर्भू की इच्छा होइ तउ हम जीवित रहबइ अउर इ या उ काम भी करबइ।” 16 परन्तु स्थिति तउ इ बा कि तू तउ अपने आडम्बर पइ खुदइ गरब करत ह्या। अइसेन सब गरब बुरा बाटइ। 17 तउ फिन इ जानत भए इ उचित बा, ओका न करब पाप बा।
परमेस्सर क बोलाउब अउ योना क भागब
1 अमित्तै क पूत योना स यहोवा कहेस। यहोवा कहेस, 2 “नीनवे[a] एक ठु बड़का नगर अहइ। हुआँ क लोग जउन पाप करम करत अहइँ, ओनमाँ बहोत स पापन क बारे मँ मइँ सुनेउँ ह। एह बरे तू उ सहरे मँ जा अउर हुआँ क लोगन्क बतावा कि उ पचे ओन बुरे पापन करब तजि देइँ।”
3 योना परमेस्सर क बात नाहीं मानइ चाहत रहा, तउ योना परमेस्सर स कहूँ दूरि पराइ बरे जतन किहेस। तउ योना यापो[b] कइँती चला गवा। योना एक ठु नाव लिहेस जउन सुदूर सहर तर्सीस[c] कइँती जात रही। योना आपन जात्रा बरे धन दिहस अउर उ नाव पइ जाइके चढ़ा। योना चाहत रहा कि इ नाव पइ उ लोगन्क संग तसीर्स चला जाइ अउर कहूँ दूरि पराइ जाइ।
खउफनाक तूफान
4 मुला यहोवा सागरे मँ एक ठु खउफनाक तूफान उठाइ दिहस। आँधी सागरे क बहोत असान्त कइ दिहेन इ अइसा लागत रहा कि जहाज क टूका-टूका होइ जाब्या। 5 तूफान ऍतना प्रबल रहा कि नाव क बूड़इ स बचावइ बरे ओका तनिक हलका कइ दीन्ह जाइके निर्णय कीन्ह गएस। तउ मल्लाह नाव क सामान क उठाइके सागरे मँ बहावइ लागेन। उ पचे बहोतइ ससाइ ग रहेन। हर मनई अपने अपने देवतन स पराथना करइ लागेन।
योना सोवइ बरे नाव मँ खाले तलघरा चला गवा रहा, अउर उ सोवत रहा। 6 नाव क प्रमुख खेवइया योना क इ रूपे मँ लखिके कहेस, “उठा! तू काहे सोवत अहा? आपन परमेस्सर स पराथना करा। होइ सकत ह, तोहार परमेस्सर तोहार पराथना सुनि लेइ अउर हम पचन्क बचाइ लेइ।”
इ तूफान काहे आवा?
7 मनइयन फुन आपुस मँ कहइ लागेन, “हम पचन्क इ जानइ बरे कि हम पचन्पइ बिपदा कउने कारण पड़ति अहइँ, हम पचन्क पाँसन लोकाँवइ चाही।”
तउ लोगन पासन्क लोकाँएन। पाँसन्स इ परगट भवा कि बिपदन योना क कारण आइ अहइँ। 8 एह पइ मनइयन योना स कहेन, “इ केकर दोख अहइ, जेकरे कारण इ सबइ बिपदन हम पचन पइ पड़ी अहइँ? हम पचन्क बतावा तोहार काम धंधा का अहइ? तू कहाँ स आवत अहा? तोहार देस कउन स बाटइ? तोहार आपन लोग कउन अहइँ?”
9 योना मनइयन स कहेस, “मइँ एक ठु हिब्रू अहउँ अउर सरगे क परमेस्सर यहोवा क उपासना करत हउँ, उ उहइ परमेस्सर अहइ, जउन सागरे अउ धरती क दुइनउँ क रचेस ह।”
10 योना मनइयन स कहेस कि उ यहोवा स दूरि भागत अहइ। जब मनइयन क इ क पता लगि तउ उ पचे बहोतइ ससाइ गएन। मनइयन योना स कहेन, “तू इ पाप आपन परमेस्सर क खिलाफ काहे किह्या ह”[d]
11 ओहर आँधी अउ तूफान अउर समुद्दर क लहरियन तेज स तेज होत भइ जात रहिन। तउ मनइयन योना स कहेन, “समुद्दर क सान्त करइ बरे हम पचन्क तोहरे संग का करइ चाही?”
12 योना मनइयन स कहेस, “मइँ जानत हउँ कि मोरे कारण ही समुद्दर मँ इ तूफान आवा ह। तउ तू पचे मोका समुद्दरे मँ लोकाइ द्या। एहसे तूफान सान्त होइ जाइ।”
13 मुला उ पचे योना क समुद्दर मँ लोकावइ नाहीं चाहत रहेन। मल्लाह नइया क किनारे वापस लिआवइ बरे ओका खेवइ क जतन करइ लागेन। मुला उ पचे वइसा नाहीं कइ पाएन, काहेकि आँधी, तूफान अउ समुद्दर क लहरियन बहोत ताकतवर रहिन। अउर उ सबइ तेज स तेज होत जात रहिन।
योना क सजा
14 तउ मनइयन यहोवा क गोहँरावत भए कहेस, “हे यहोवा, इ मनई क हम पचे एकर ओन बुरे करमन बरे समुद्दर मँ लोकावत अही, जउन इ किहेस ह। किरपा कइके, तू हम पचन्क कउनो बेकसूर मनई क हत्तियारा जिन कहया। एकरे हत्तिया बरे तू हम पचन्क जिन मारि डाया। हम पचे जानित ह कि तू यहोवा अहा अउर तू जइसा चहब्या, वइसा ही करब्या। मुला किरपा कइके तू हम पचन्प दयालु ह्वा।”
15 तउ मनइयन योना क समुद्दरे मँ लोकाँइ दिहन। तूफान थम गवा, समुद्दर सान्त होइ गवा। 16 जब मनइयन इ लखेन, तउ पचे यहोवा स डेराइ लागेन अउ ओकर सम्मान करइ लागेन। मनइयन एक ठु बलि दिहन, अउर यहोवा स बिसेस मन्नतन क माँगेन।
17 योना जब समुद्दर मँ गिरा, तउ यहोवा योना क लील जाइ बरे एक ठु बहोत बड़की मछरी पठएस। योना तीन दिन अउ तीन राति तलक ओ मछरी क पेटे मँ रहा।
सबित क पर्भू ईसू
(मत्ती 12:1-8; मरकुस 2:23-28)
6 अब अइसा भवा कि सबित क एक दिन ईसू जब अनाजे क खेतन्स जात रहा तउ ओनकर चेलन अनाजे क बलिया तोड़तेन, हथेली प रगड़ितेन अउर ओनका चबात जात रहेन। 2 तबहीं कछू फरीसियन कहेन, “जेका सबित क दिन कीन्ह जाब नीक नाहीं बा, ओका तू पचे काहे करत अहा?”
3 जवाब देत भवा ईसू ओनसे पूछेस, “का तू पचे नाहीं पढ़्या जब दाऊद अउर ओकर साथी भुखान रहेन, तब दाऊद का किहेस? 4 का तू नाहीं बाँच्या कि उ परमेस्सर क घरे मँ घुसिके, परमेस्सर क चढ़ाई गइ रोटिन क उठाइके खाइ लिहस अउर ओनका भी दिहेस जउन ओकरे संग रहेन? जब कि याजकन क तजिके ओकर खाब कउनो बरे नीक नाहीं।” 5 उ अगवा फिन कहेस, “मनई क पूत सबित क दिन क भी पर्भू अहइ।”
ईसू सबित क दिन रोगी क चंगा किहेस
(मत्ती 12:9-14; मरकुस 3:1-6)
6 दूसर सबित क दिना अइसा भवा कि उ आराधनालय मँ जाइके उपदेस देइ लाग। हुवँई एक अइसा मनई रहा जेकर दाहिन हाथ सुखंडी होइ गवा रहा। 7 हुवँई धरम सास्तिरियन अउर फरीसियन इ ताक मँ रहेन कि उ सबित क दिन कउनो चंगा किहे होइ तो ओह प दोख लगावइ क कउनो कारण पाइ जाइँ। 8 उ ओनके बिचारन क जानत रहा। यह बरे उ सुखंडी हथवावाले मनई स कहेस, “उठा अउर सबन क समन्वा खड़ा होइ जा।” उ उठि गवा अउर हुवाँ खड़ा होइ गवा। 9 तब ईसू मनइयन स कहेस, “मइँ तोहसे पूछत हउँ-सबित क दिन कउनो क भला करब चंगा अहइ या कउनो क नोसकान करब, कउनो क जिन्नगी बचाउब नीक बा या कउनो क जिन्नगी क नास करब।”
10 ईसू चारिहुँ कइँती ओन सबन क निहारेस अउर फिन ओसे कहेस, “आपन हथवा सोझ फइलावा।” उ वइसा ही किहेस अउर ओकर हाथ फिन स चंगा होइ ग। 11 मुला ऍह पइ उ पचे आपुस मँ तहत्तुक करत कोहाइ गएन अउर बिचारइ लागेन, “ईसू क का कीन्ह जाइ?”
ईसू बारह प्रेरितन क चुनेस
(मत्ती 10:1-4; मरकुस 3:13-19)
12 उ दिनन मँ अइसा भवा कि ईसू पराथना करइ बरे एक पहाड़े प गवा अउर सारी राति परमेस्सर क पराथना करइ मँ बिताएस। 13 फिन मोर भवा तउ उ आपन मनवइयन क लगे बोलॉएस। ओहमाँ स उ बारहु क चुनेस, जेनका उ “प्रेरितन” क नाउँ दिहस।
14 समौन जेका उ पतरस का नाउँ दिहेस,
अउर ओकर भइया अन्द्रियास,
याकूब अउर यूहन्ना,
फिलिप्पुस,
बरतुलमै,
15 मत्ती,
थोमा,
हलफई क बेटवा याकूब
अउर समौन जिलौती,
16 याकूब क बेटवा यहूदा
अउर यहूदा इस्करियोती जउन दगाबाज होइ गवा।
ईसू क मनइयन क उपदेस अउर चंगा करब
(मत्ती 4:23-25; 5:1-12)
17 फिन ईसू ओनके संग पहाड़ी स तरखाले उतरिके समथर भुइयाँ प खड़ा भवा। हुवँई ओकरे चेलन क भारी जमघट रहा। एकरे साथ समूचइ यहूदिया, यरूसलेम, सूर अउर सैदा क समुद्दर किनारे स अनगिनत आलम हुवाँ आइके ऍकट्ठा भवा। 18 उ पचे ओका सुनइ अउर बेरामी स छुटकारा पावइ हुवाँ आए रहेन। जउन दुस्ट आतिमा स सतावा रहेन, उ पचे भी हुवाँ आइके चंगा भएन। 19 समूची भीड़ ओका छुइ भरि लेइ क जतन मँ रही काहेकि ओहमाँ स सक्ती निकरत रही अउर ओन सबन क बेरामी स दूर करत रही।
20 फिन उ आपन चेलन क निहारत भवा बोला,
“धन्य अहा तू दीन जनन काहेकि
परमेस्सर क राज्य तोहार अहइ।
21 धन्य अहा तू, जउन अबहीं भूखा अहा
काहेकि तृप्ति तउ होइ तोहार,
धन्य अहा तू, जउन आजु आँसू बहावत अहा,
काहेकि तू आगे हँसब्या।
22 “धन्य अहा तू, जब मनई क पूत क कारण लोग तोहसे घिना करइँ, अउर तोहका निकारि देइँ; अउर करइँ तोहार बुराई, नाउँ तलक क दुस्ट कहिके, काटि देइँ उ पचे। 23 तब उहइ दिन तू मगन होइके खुसी मँ उछर्या काहकेइ सरग मँ तोहार प्रतिफल महान अहइ। काहेकि ओनके पूर्वजन भी नबियन क संग अइसा ही किहन ह।
24 “हाय! धिक्कार अहइ तोहका ओ धनी मनइयो,
काहेकि तोहका मिल गवा सुख चनइ भरपूर।
25 अहइ तोहका धिक्कार, जउन भरपेट अहा अब
काहेकि तू भूखा रहब्या।
अहइ तोहका धिक्कार, जउन अबहिन हँसत अहा,
काहेकि तू आँसू बहउब्या अउर सोक करब्या।
26 “बा धिक्कार तोहका, जब सबन दुआरा तोहार बड़कई होइ काहेकि ओनके पूर्वजन भी इही ब्यौहार झूठे नबियन क संग किहे रहेन।
आपन बैरी स पिरेम करा
(मत्ती 5:38-48; 7:12a)
27 “ओ सुनवइया लोगो, मइँ तोहसे कहत हउँ आपन बैरी स भी पिरेम करा। जउन तोहसे घिना करत हीं ओनके संग भलाई करा। 28 ओनका भी आसीर्बाद द्या जउन तोहका सरापत हीं। ओनके बरे पराथना करा जउन तोहरे संग नीक ब्यौहार नाहीं करतेन। 29 जदि कउनो तोहरे एक गाले प थप्पड़ियावइ तउ तू दूसर गाल भी ओकरे अगवा कइ द्या। जदि कउनो तोहार कोट तोहसे लइ लेइ तउ ओहका कुर्ता भी लइ लेइ द्या। 30 जदि कउनो तोसे माँगइ, ओका द्या। जदि कउनो तोहार कछू राखि लेइ तउ ओसे ओका वापस जिन माँगा। 31 तू आपन बरे जइसा ब्यौहार दूसरन स चाहत बाट्या, तोहका वइसा ही दूसर क संग ब्यौहार करइ चाही।
32 “जदि तू बस ओनही क पिआर करत ह, जउन तोहका पिआर करत हीं, तउ ऍहमा तोहार कउन बड़कई? काहेकि आपन स पिरेम करइवालन स पिरेम तउ पापी मनई तलक करत हीं। 33 जदि तू बस ओनहीं क भला करत ह, जउन तोहार भला करत हीं, तउ तोहार कउन बड़कई? अइसा तउ पापी तलक करत हीं। 34 जदि तू सिरिफ ओनही क उधार देत ह, जेनसे तोहका वापस मिल जाइ क आसा बा, तउ तोहार कउन बड़कई? अइसे तउ पापी भी पापी मनइयन क देत हीं कि ओनका ओनकी पूरी रकम वापस मिलि जाइ।
35 “मुला आपन दुस्मन स भी पिआर करा, ओनके संग भलाई करा। कछू भी वापस मिलि जाइके आसा तजिके उधार द्या। इ तरह तोहार फल महान होइ जाई अउर तू सर्वोच्च (परमेस्सर) क संतान बनब्या काहेकि परमेस्सर एहसाने क मानइवालन अउर दुस्ट मनइयन प भी दाया करत ह। 36 जइसे तोहार परमपिता दयालु बा, वइसे ही तू दयालु बना।
आपन क पहिचाना
(मत्ती 7:1-5)
37 “कओ क दोखी जिन कहा तउ तोहका भी दोखी नाहीं कहा जाइ। कओ क नोक्तचीनी जिन करा तउ तोहार भी नोक्ताचीनी नाहीं कीन्ह जाइ। छमा करा, तोहका छमा मिली। 38 द्या तोहका भी दीन्ह जाइ। उ पचे तोहरे झोरी मँ पूरा नाप दबाइ दबाइ के, हलाइके बाहेर निकसत भइ उड़ेरिहीं काहेकि जउने नापे स तू दूसरन क नापत ह, उहइ स तोहका नापा जाइ।”
39 उ ओनसे एक ठु दिस्टान्त कथा अउर कहेस: “का कउनो आँधर कउने दूसरे आँधर क राह देखाइ सकत ह? का उ सबइ दुइनउँ ही कउनो गड़हा मँ नाहीं भहरइहीं? 40 कउनो भी पढ़वइया आपन पढ़ावइवालन स बड़वार नाहीं होइ सकत, मुला जबहिं कउनो मनई पूरी तरह हुसियार होइ जात ह तउ उ आपन गुरु क नाई होइ जात ह।
41 “तू आपन भाई क आँखी मँ कउनो ढेंढ़ा काहे लखत ह अउर आपन आँखी क लट्ठा भी तोहका नाहीं चोंधरात। 42 तउ आपन भाई स तू कइसे कहि सकत ह ‘भाई तू अपन आँखी क तिनका मोका निकारइ द्या।’ जब तू आपन आँखी क लट्ठा क नाहीं निहरत्या। अरे कपटी, पहिले आपन आँखी क लट्ठा दूर करा, तब तोबका आपन भाई क आँखी क ढेढ़ा बाहेर निकारइ बरे देखॉइ पड़ी।
दुइ किसिम क फर
(मत्ती 7:17-20; 12:34b-35)
43 “कउनो भी अइसा उत्तिम बृच्छ नाहीं अहइ जेह पइ बुरा फर लागत होइ। न ही कउनो अइसा बुरा बृच्छ बाटइ, जेइ पइ उत्तिम फर आवति होइ। 44 हर बृच्छ आपन फर स पहिचाना जात ह। मनइयन कँटेहरी झारी स अंजीर नाहीं बटोरतेन। न ही कउनो झरबेली स मनई अंगूर बटोरत हीं। 45 एक नीक मनई क मन मँ अच्छाइ क भंडार बाटइ। अउर एक खोटा मनई, जउ ओकरे मने मँ बुराई बाटइ, उहइ स बुराई पइदा करत ह। काहेकि एक मनई मुँहना स उहइ बोलत ह, जउन ओकरे हिरदइ मँ उफनाइ के बाहेर आवत ह।
आपन क पहिचाना
(मत्ती 7:24-27)
46 “तू मोका, ‘पर्भू पर्भू’ काहे पुकारत ह अउर जउन मइँ कहत हउँ, ओह प नाहीं चलत्या। 47 हर कउनो जउन मोरे लगे आवत ह अउर मोर उपदेस सुनि लेत ह अउर ओह पर आचरण करत ह, उ कउने तरह क होत ह, मइँ तोहका बताउब। 48 उ उहइ मनई क नाई अहइ जउन मकान बनावत बाटइ। उ गहिर खुदाई किहेस अउर चट्टानें प नेंव डाएस। फिन जब बाढ़ आइ अउर नदी मकाने प टकरान तउ ओका हलाइ नाहीं पाएस, काहेकि उ बहोत अच्छी तरह स बना रहा।
49 “मुला जउन मोर उपदेस सुनत ह अउर ओहॅ प चलत नाहीं उ ओ मनई क नाई अहइ जउन बे नेंव धरे धरती प मकान बनाएस। नदी ओसे टकरान अउर उ फउरन ढहाइ गवा अउर पूरी तरह बरबाद होइ गवा।”
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.