M’Cheyne Bible Reading Plan
यीसू ह पानी ला अंगूर के मंद बनाथे
2 ओकर तीसरा दिन, गलील प्रदेस के काना नगर म एक बिहाव होवत रहय। यीसू के दाई ह उहां रिहिस। 2 यीसू अऊ ओकर चेलामन ला घलो बिहाव के नेवता मिले रिहिस। 3 जब अंगूर के मंद ह सिरा गीस, त यीसू के दाई ह ओला कहिस, “ओमन करा अऊ मंद नइं ए।”
4 त यीसू ह ओला कहिस, “हे नारी, तेंह मोला ए बात काबर बतावत हस? अभी मोर कुछू करे के समय नइं आय हवय।” 5 तब यीसू के दाई ह सेवकमन ला कहिस, “जऊन कुछू ओह तुमन ला कहिथे, वइसने करव।”
6 उहां पानी धरे के छै ठन पथरा के मटका माढ़े रहंय ताकि यहूदीमन सुध होय के धारमिक संस्कार ला कर सकंय। हर मटका म करीब सत्तर ले लेके एक सौ दस लीटर तक पानी धरय।
7 यीसू ह सेवकमन ला कहिस, “मटकामन म पानी भर देवव।” ओमन मटकामन के मुहूं तक ले पानी भर दीन।
8 तब यीसू ह ओमन ला कहिस, “अब तुमन ओम ले कुछू निकारके भोज के मुखिया करा ले जावव,” अऊ ओमन अइसनेच करिन।
9 जब भोज के मुखिया ह ओला चिखिस, त पानी ह अब अंगूर के मंद बन गे रहय, अऊ ओह नइं जानत रिहिस कि ए अंगूर के मंद ह कहां ले आईस, पर ओ सेवक जऊन मन पानी निकारे रिहिन, ओमन एला जानत रिहिन। तब भोज के मुखिया ह दुल्हा ला बलाईस, 10 अऊ ओला कहिस, “हर एक झन ह पहिली बढ़िया मंद ला देथे, अऊ जब पहुनामन पीके छक जाथें, तब सस्ता मंद ला देथे, पर तेंह तो बढ़िया मंद ला अब तक बंचाके रखे हवस।”
11 यीसू ह गलील प्रदेस के काना नगर म ए पहिली चमतकार करिस। अऊ ओह ए किसम ले अपन महिमा देखाईस, अऊ ओकर चेलामन ओकर ऊपर बिसवास करिन।
12 एकर बाद यीसू, ओकर दाई, भाई अऊ ओकर चेलामन कफरनहूम सहर गीन अऊ उहां कुछू दिन ठहरिन।
यीसू ह मंदिर ला सुध करथे
(मत्ती 21:12-13; मरकुस 11:15-17; लूका 19:45-46)
13 जब यहूदीमन के फसह तिहार अवइया रिहिस, त यीसू ह यरूसलेम सहर गीस[a]। 14 उहां ओह देखिस कि मंदिर के अंगना म, मनखेमन बइला, भेड़, अऊ पंड़की चिरई बेचत रहंय अऊ आने मन टेबल करा बईठके रूपिया-पईसा के लेन-देन करत रहंय। 15 तब यीसू ह डोरी के एक कोर्रा बनाईस अऊ जम्मो भेड़ अऊ बइला मन ला मंदिर के सीमना ले बाहिर खेद दीस अऊ पईसा के लेन-देन करइयामन के सिक्कामन ला छितिर-बितिर कर दीस अऊ ओमन के टेबलमन ला खपल दीस। 16 पंड़की बेचइयामन ला ओह कहिस, “एमन ला इहां ले निकारव। मोर ददा परमेसर के घर ला बजार झन बनावव।”
17 तब यीसू के चेलामन सुरता करिन कि परमेसर के बचन म ए लिखे हवय: “तोर घर के धुन ह मोर हिरदय म आगी सहीं बरथे।”[b]
18 तब यहूदीमन यीसू ले पुछिन, “तोला ए जम्मो करे के अधिकार हवय, ए बात ला साबित करे बर तेंह हमन ला का चिन्हां देखा सकथस?”
19 यीसू ह ओमन ला ए जबाब दीस, “तुमन ए मंदिर ला गिरा देवव, अऊ मेंह एला तीन दिन म फेर ठाढ़ कर दूहूं।”
20 यहूदीमन कहिन, “ए मंदिर ला बनाय म छियालीस साल लगे हवय, अऊ का तेंह एला तीन दिन म फेर ठाढ़ कर देबे?” 21 पर यीसू ह जऊन मंदिर के बारे म गोठियावत रिहिस ओह ओकर देहें रिहिस। 22 जब यीसू ह मरे म ले जी उठिस, तब ओकर चेलामन ला सुरता आईस कि यीसू ह ए कहे रिहिस। तब ओमन परमेसर के बचन अऊ यीसू के कहे बात ऊपर बिसवास करिन।
23 जब यीसू ह फसह तिहार के समय यरूसलेम म रिहिस, त जऊन चमतकार के काम उहां ओह करत रिहिस, ओला देखके बहुंत मनखेमन ओकर ऊपर बिसवास करिन। 24 पर यीसू ह अपन-आप ला ओमन के भरोसा म नइं छोंड़िस, काबरकि ओह जम्मो झन ला जानत रिहिस। 25 ओला एकर जरूरत नइं रिहिस कि कोनो मनखे ह कोनो मनखे के बारे म गवाही देवय, काबरकि यीसू ह खुद जानत रिहिस कि कोन मनखे के मन म का हवय।
पौलुस अऊ लबरा प्रेरित
11 मोला आसा हवय कि तुमन मोर थोरकन मूर्खता ला सह लूहू, अऊ हां तुमन एला सहत घलो हवव। 2 मेंह तुम्हर बर ईसवरीय धुन रखथंव। मेंह तुम्हर ले सिरिप एकेच घरवाला के वायदा करे हवंव, जऊन ह मसीह अय, ताकि मेंह तुमन ला एक पबितर कुवांरी के रूप म ओला दे सकंव। 3 पर मेंह डरत हवंव कि मसीह म तुम्हर जऊन ईमानदारी अऊ सुध भक्ति हवय, तुमन ओकर ले भटक झन जावव, जइसने हवा ह सांप के छल-कपट ले धोखा खाय रिहिस। 4 काबरकि यदि कोनो तुम्हर करा आथे अऊ आने यीसू के परचार करथे, जेकर परचार हमन नइं करे हवन या फेर जऊन आतमा तुमन ला पहिली मिले हवय, ओला छोंड़के कोनो अऊ आतमा के बारे म गोठियाथे या फेर कोनो अऊ किसम के सुघर संदेस सुनाथे, जऊन ला तुमन नइं सुने रहेव, त तुमन ओला असानी से मान लेथव। 5 पर मेंह अपन-आप ला ओ बड़े प्रेरितमन ले कोनो बात म कम नइं समझंव। 6 मेंह गोठियाय म अनाड़ी अंव, पर मोर करा गियान हवय। हर किसम ले, हमन ए बात ला तुम्हर आघू म साफ कर दे हवन।
7 का मेंह कोनो पाप करेंव कि तुमन ला परमेसर के सुघर संदेस ला बिगर कोनो दाम लिये सुनांय, अऊ अपन-आप ला दीन-हीन करेंव ताकि तुमन ऊपर उठाय जावव। 8 तुम्हर बीच म सेवा करे बर, मेंह आने कलीसियामन ले मदद लेंव, ताकि तुम्हर सेवा कर सकंव। 9 जब मेंह तुम्हर संग रहेंव अऊ मोला कोनो चीज के जरूरत होईस, त मेंह काकरो ऊपर बोझ नइं बनेंव, काबरकि जऊन भाईमन मकिदुनिया ले आईन, ओमन मोर जरूरत के चीज ला पूरा करिन। मेंह अब तक तुम्हर ऊपर कोनो बोझ नइं बने हवंव, अऊ भविस्य म घलो, मेंह तुम्हर ऊपर कोनो किसम ले बोझ नइं बनंव। 10 जब तक मसीह के सच्चई मोर म हवय, तब तक अखया छेत्र म कोनो मोर ए घमंड करई ला नइं रोकय। 11 काबर? का एकरसेति कि मेंह तुम्हर ले मया नइं करंव? परमेसर ह जानत हवय कि मेंह तुम्हर ले मया करथंव। 12 जऊन काम मेंह करत हवंव, ओला मेंह करतेच रहिहूं, ताकि ओ लबरा प्रेरितमन के घमंड करे अऊ ए कहे ला लबरा साबित करंव कि ओमन घलो ओहीच किसम के काम करथें, जइसने हमन करथन।
13 काबरकि अइसने मनखेमन लबरा प्रेरित, छल-कपट ले काम करइया अऊ मसीह के प्रेरित के सहीं ढोंग करइया अंय। 14 अऊ एह कोनो अचम्भो करे के बात नो हय, काबरकि सैतान ह खुद ज्योतिमय स्वरगदूत सहीं रूप धरथे। 15 एकरसेति यदि ओकर सेवकमन घलो धरमीपन के सेवक सहीं रूप धरंय, त कोनो बड़े बात नो हय, पर ओमन के अंत ह ओमन के काम के मुताबिक होही।
पौलुस अपन दुःख तकलीफ ऊपर घमंड करथे
16 मेंह फेर कहत हंव, कोनो मोला मुरुख झन समझय। पर यदि तुमन मोला मुरुख समझथव, त मोला एक मुरुख के रूप म ही गरहन करव, ताकि मेंह घलो थोरकन घमंड कर सकंव। 17 घमंड के ए बात म, मेंह एक मुरुख मनखे के सहीं गोठियावत हंव, मेंह वइसने नइं गोठियावत हवंव, जइसने परभू ह गोठियाही। 18 जब कतको झन संसारिक बात के घमंड करथें, त मेंह घलो घमंड करहूं। 19 तुमन खुसी ले मुरुखमन के सह लेथव, काबरकि तुमन बहुंत समझदार अव। 20 अऊ त अऊ, कहूं कोनो तुमन ला गुलाम बना लेथे, या तुमन ला ठगथे या तुम्हर ले फायदा उठाथे या तुम्हर आघू म अपन-आप ला बड़े बनाथे या फेर तुम्हर गाल म थपरा मारथे, तभो ले तुमन ओकर सह लेथव। 21 मोला ए कहत सरम आथे कि हमन ओ जम्मो काम म बहुंत कमजोर रहेंन। पर यदि कोनो मनखे कोनो बात म घमंड करे के हिम्मत करथे, त मेंह एक मुरुख मनखे के सहीं कहत हंव कि मेंह घलो ओ बात म घमंड करे के हिम्मत कर सकथंव। 22 का ओमन इबरानी अंय? मेंह घलो अंव। का ओमन इसरायली अंय? मेंह घलो अंव। का ओमन अब्राहम के बंस के अंय? मेंह घलो अंव। 23 का ओमन मसीह के सेवक अंय? मेंह ओमन ले जादा बने सेवक अंव – मेंह ए बात एक पागल मनखे के सहीं कहत हंव। मेंह जादा मिहनत करे हवंव, अऊ जादा बार ले जेल गे हवंव, मोला जादा कोर्रा म मारे गे हवय अऊ मेंह बार-बार मिरतू के जोखिम म पड़े हंव। 24 पांच बार मेंह यहूदीमन के हांथ ले उनतालीस-उनतालीस कोर्रा खाय हवंव। 25 तीन बार मोला लउठी ले मारे गीस, एक बार मोर ऊपर पत्थरवाह करे गीस, तीन बार पानी जहाजमन टूट गीन, जऊन म मेंह जावत रहेंव, एक रात अऊ एक दिन मेंह खुला समुंदर म काटेंव। 26 मेंह बार-बार एती-ओती होवत रहेंव। मेंह नदिया के खतरा म, डाकूमन के खतरा म, मोर अपन देस के मनखेमन के खतरा म, आनजातमन के खतरा म, सहर के खतरा म, जंगल के खतरा म, समुंदर के खतरा म अऊ लबरा भाईमन के खतरा म ले गुजर चुके हवंव। 27 मेंह मुसिबत ले गुजर चुके हंव अऊ कठिन मिहनत करे हवंव अऊ कतको रतिहा ले उसनिंदा रहे हवंव, मेंह भूख अऊ पियास ला जानत हंव अऊ अक्सर बिगर खाय भूख ला सहे हवंव, मेंह जाड़ा म कम कपड़ा म रहे हवंव। 28 अऊ आने बातमन ला का कहंव; हर दिन, जम्मो कलीसियामन बर मोला अपन चिंता खाय जावथे। 29 जब कोनो कमजोर होथे, त मेंह घलो ओकर कमजोरी महसूस करथंव; जब कोनो पाप म गिरथे, त मोला दुःख होथे।
30 यदि मोला घमंड करना जरूरी ए, त मेंह ओ बात बर घमंड करहूं, जऊन ह मोर कमजोरी ला देखाथे। 31 परभू यीसू के ददा परमेसर जेकर महिमा सदा होवय, ओह जानत हवय कि मेंह लबारी नइं मारत हवंव। 32 दमिस्क म अरितास राजा के अधीन म जऊन राजपाल रिहिस, ओह मोला पकड़े बर दमिस्क सहर म पहरेदार लगाय रिहिस। 33 पर मनखेमन मोला एक ठन टुकनी म बईठारके, सहर के दिवाल म बने एक खिड़की म ले खाल्हे उतार दीन अऊ मेंह ओकर हांथ ले बांच गेंव।
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