M’Cheyne Bible Reading Plan
यीसू के जी उठई
(मत्ती 28:1-10; मरकुस 16:1-8; यूहन्ना 20:1-10)
24 हप्ता के पहिली दिन बड़े बिहनियां, ओ माईलोगनमन जऊन मसाला के लेप तियार करे रिहिन, ओला लेके यीसू के कबर करा गीन। 2 ओमन पथरा ला कबर के मुंहाटी ले ढलन्गे पाईन। 3 पर जब ओमन कबर के भीतर गीन, त ओमन उहां परभू यीसू के देहें ला नइं पाईन। 4 जब ओमन ए बात ला देखके अचम्भो करत रिहिन, त अचानक दू झन बहुंत चमकिला कपड़ा पहिरे ओमन करा आके ठाढ़ हो गीन। 5 ओमन बहुंत डर्रा गीन अऊ अपन चेहरा ला तरी करके ठाढ़ हो गीन, तब ओ मनखेमन ओमन ला कहिन, “जऊन ह जीयत हवय, ओला तुमन मरे मन के बीच म काबर खोजत हवव? 6 ओह इहां नइं ए। ओह जी उठे हवय। सुरता करव, जब ओह तुम्हर संग गलील प्रदेस म रिहिस, त तुमन ला का कहे रिहिस: 7 ‘मनखे के बेटा ह पापी मनखेमन के हांथ म सऊंपे जाही अऊ ओह कुरुस म चघाय जाही, पर तीसरा दिन ओह फेर जी उठही।’ ” 8 तब ओ माईलोगनमन यीसू के बात ला सुरता करिन।
9 जब ओमन कबर ले वापिस आईन, त ओमन ए जम्मो बात गियारह चेला अऊ दूसर जम्मो झन ला बताईन। 10 ए माईलोगनमन मरियम मगदलिनी, योअन्ना अऊ याकूब के दाई मरियम रिहिन। एमन अऊ आने माईलोगनमन ए बात प्रेरितमन ला बताईन। 11 पर ओमन माईलोगनमन के बात ला बिसवास नइं करिन काबरकि ओमन ला एह बेकार के बात लगिस। 12 पर पतरस ह उठिस अऊ दऊड़त कबर म गीस। जब ओह निहरके देखिस, त उहां सिरिप कपड़ा ह पड़े रहय। तब जऊन कुछू होय रिहिस, ओकर बारे म अचम्भो करत, ओह अपन घर लहुंट गीस।
इम्माऊस के डहार म
(मरकुस 16:12-13)
13 ओहीच दिन, यीसू के चेलामन ले दू झन इम्माऊस नांव के एक गांव ला जावत रिहिन, जऊन ह यरूसलेम सहर ले करीब गियारह किलोमीटर दूरिहा रिहिस। 14 जऊन कुछू होय रिहिस, ओकर बारे म ओ दूनों गोठियावत जावत रिहिन। 15 जब ओमन आपस म गोठियावत अऊ बिचार करत जावत रिहिन, त यीसू ह खुदे आईस अऊ ओमन के संग हो लीस; 16 पर ओमन ओला चिन्हे नइं सकिन।
17 यीसू ह ओमन ले पुछिस, “तुमन रेंगत-रेंगत काकर बारे म गोठियावत हवव?”
उदास होके ओमन ठाढ़े रह गीन। 18 ओम ले एक झन के नांव क्लियुपास रिहिस, ओह कहिस, “का तेंह यरूसलेम म रहइया एके झन मनखे अस, जऊन ह नइं जानस कि ए दिनमन म यरूसलेम म का होय हवय?”
19 यीसू ह पुछिस, “का होय हवय?”
ओमन यीसू ला कहिन, “नासरत के यीसू के बारे म। ओह एक अगमजानी रिहिस अऊ ओकर बात अऊ काममन परमेसर अऊ जम्मो मनखेमन के नजर म बहुंत सामरथी रिहिन। 20 मुखिया पुरोहित अऊ हमर अधिकारीमन मिरतू दंड बर यीसू ला सऊंप दीन, अऊ ओमन ओला कुरुस म चघा दीन। 21 पर हमन ला आसा रिहिस कि एह ओहीच ए, जऊन ह इसरायली मनखेमन ला बचाही। ए जम्मो के अलावा एक बात अऊ ए कि ए बात ला होवय आज तीसरा दिन ए। 22 हमर संग के कुछू माईलोगनमन हमन ला अचम्भो म डार दे हवंय। ओमन आज बड़े बिहनियां कबर म गे रिहिन। 23 पर ओमन ला उहां यीसू के देहें ह नइं मिलिस। ओमन आके हमन ला बताईन कि ओमन ला स्वरगदूतमन दरसन देके कहिन कि यीसू ह जी उठे हवय। 24 तब हमर कुछू संगवारीमन कबर म गीन अऊ जइसने माईलोगनमन कहे रिहिन, वइसनेच पाईन; पर ओमन यीसू ला उहां नइं देखिन।”
25 यीसू ह ओमन ला कहिस, “तुमन बहुंत मुरुख मनखे अव। अगमजानीमन जऊन बात कहे हवंय, ओ जम्मो ला बिसवास करे म तुमन बहुंत मंदमति अव। 26 का एह जरूरी नइं रिहिस कि मसीह ह ए जम्मो दुःख भोगय अऊ तब परमेसर ओकर बहुंत महिमा करय।” 27 मूसा अऊ जम्मो अगमजानीमन के किताबमन ले सुरू करके परमेसर के जम्मो बचन म ओकर खुद के बारे म का कहे गे हवय – यीसू ह ओ जम्मो बात ओमन ला समझाईस।
28 जब ओमन ओ गांव म हबरिन, जिहां ओमन ला जाना रिहिस, त यीसू ह अइसने देखाईस, जइसने ओला अऊ आघू जाना हवय। 29 पर ओमन ओकर ले बहुंत बिनती करके कहिन, “हमर संग रूक जा, काबरकि दिन ह बहुंत ढर गे हवय, अऊ सांझ होवइया हे।” एकरसेति यीसू ह ओमन के संग रूके बर भीतर गीस।
30 जब यीसू ह ओमन के संग खाय बर बईठिस, त ओह रोटी लीस अऊ परमेसर ला धनबाद दीस; अऊ रोटी ला टोरके ओमन ला देय लगिस। 31 तब ओमन के आंखीमन खुल गीन अऊ ओमन यीसू ला चिन डारिन; पर ओह ओमन के नजर ले गायब हो गीस। 32 ओमन एक-दूसर ला कहिन, “का हमर मन म एक किसम के उत्साह नइं होवत रिहिस, जब ओह डहार म हमर ले गोठियावत रिहिस अऊ हमन ला परमेसर के बचन समझावत रिहिस?”
33 ओमन उठिन अऊ तुरते यरूसलेम वापिस चल दीन। उहां ओमन गियारह चेला अऊ आने मन ला एके ठऊर म पाईन, 34 अऊ ओमन ए कहत रिहिन, “एह सच ए! परभू ह जी उठे हवय अऊ ओह सिमोन ला दिखे हवय।” 35 तब ओ दूनों झन बताईन कि डहार म का होईस, अऊ ओमन कइसने यीसू ला चिनहिन, जब ओह रोटी टोरत रिहिस।
यीसू ह चेलामन ला दरसन देथे
(मत्ती 28:16-20; मरकुस 16:14-18; यूहन्ना 20:19-23; प्रेरितमन के काम 1:6-8)
36 जब ओमन एकर बारे म गोठियावत रिहिन, त यीसू ह खुद ओमन के बीच आके ठाढ़ हो गीस अऊ ओमन ला कहिस, “तुमन ला सांति मिलय।”
37 ओमन घबरा गीन अऊ डर गीन। ओमन समझिन कि ओमन कोनो भूत ला देखत हवंय। 38 यीसू ह ओमन ला कहिस, “तुमन काबर घबरावत हव, अऊ तुम्हर मन म काबर संसो होवत हवय? 39 मोर हांथ अऊ गोड़ मन ला देखव। इहां मेंह खुदे ठाढ़े हवंव। मोला छुके देखव। भूत के हाड़ा अऊ मांस नइं होवय, जइसने कि तुमन देखत हव, मोर हवय।”
40 ए कहिके, यीसू ह ओमन ला अपन हांथ अऊ गोड़ मन ला देखाईस। 41 अऊ जब आनंद अऊ अचम्भो के मारे ओमन अभी घलो बिसवास नइं करत रिहिन, त यीसू ह ओमन ले पुछिस, “का तुम्हर करा इहां कुछू खाय बर हवय?” 42 ओमन ओला आगी म भूने मछरी के एक टुकड़ा दीन। 43 यीसू ह ओला लीस अऊ ओमन के आघू म खाईस।
44 तब यीसू ह ओमन ला कहिस, “जब मेंह तुम्हर संग रहत रहेंव, त मेंह तुमन ला ए बातमन ला कहे रहेंव। मोर बारे म जऊन बातमन मूसा के कानून, अगमजानीमन के किताब अऊ भजन-संहिता म लिखे हवय, ए जरूरी अय कि ओ जम्मो बात पूरा होवय।”
45 तब यीसू ह ओमन के दिमाग ला खोल दीस ताकि ओमन परमेसर के बचन ला समझ सकंय। 46 ओह ओमन ला कहिस, “परमेसर के बचन म ए लिखे हवय: ‘मसीह ह दुःख भोगही अऊ तीसरा दिन मरे म ले जी उठही, 47 अऊ ओकर नांव म पछताप अऊ पाप छेमा के परचार जम्मो देस म करे जाही अऊ ए काम यरूसलेम ले सुरू होही।’ 48 तुमन ए जम्मो बात के गवाह अव। 49 मेंह तुम्हर करा ओला (पबितर आतमा) पठोहूं, जेकर वायदा मोर ददा ह करे हवय। पर तुमन ए सहर म ठहरे रहव, जब तक कि तुमन ला स्वरग ले सामरथ नइं मिल जावय।”
यीसू के स्वरग जवई
(मरकुस 16:19-20; प्रेरितमन के काम 1:9-11)
50 तब यीसू ह ओमन ला सहर ले बाहिर बैतनियाह गांव के लकठा म ले गीस अऊ उहां ओह अपन हांथ उठाके ओमन ला आसिस दीस। 51 यीसू ह आसिस देवत ओमन ले अलग हो गीस अऊ स्वरग म उठा लेय गीस। 52 तब ओमन ओकर अराधना करिन अऊ बहुंत आनंद के संग यरूसलेम लहुंट गीन। 53 अऊ परमेसर के इस्तुति करत, ओमन अपन पूरा समय मंदिर म बिताय करत रिहिन।
9 संतमन बर जऊन सेवा करे जाथे, ओकर बारे म तुमन ला लिखे के जरूरत नइं ए। 2 काबरकि मेंह जानथंव कि तुमन मदद करे बर उत्सुक रहिथव अऊ मेंह मकिदुनिया के मनखेमन के आघू म तुम्हर बारे म डींग हांकके ए कहे हवंव कि पऊर साल ले तुमन, जऊन मन अखया म रहिथव, मदद करे बर तियार हवव अऊ तुम्हर उत्साह ह ओम के बहुंते झन ला उत्साहित करे हवय। 3 पर मेंह ए भाईमन ला एकरसेति पठोवत हवंव ताकि ए बिसय म तुम्हर बारे, हमन जऊन घमंड करे हवन, ओह लबरा साबित झन होवय, पर जइसने मेंह कहे हवंव, तुमन तियार रहव। 4 काबरकि यदि कोनो मकिदुनिया के मनखे ह मोर संग आथे अऊ ए देखथे कि तुमन तियार नइं अव, त हमन तुम्हर बारे म कुछू कहे नइं सकबो, अऊ तुम्हर ऊपर अतेक भरोसा करे के बाद हमर बेजत्ती होही। 5 एकरसेति, मेंह भाईमन ले ए बिनती करना जरूरी समझेंव कि ओमन पहिली ले तुम्हर करा जावंय अऊ ओ दान के परबंध करंय, जऊन ला तुमन देय के वायदा करे हवव। तब एह दबाव म दिये गय दान नइं, पर उदार मन ले दिये गय दान होही।
उदार मन ले बोवव
6 ए बात ला सुरता रखव: जऊन ह थोरकन बोथे, ओह थोरकन काटही घलो, अऊ जऊन ह बहुंत बोथे, ओह बहुंते काटही घलो। 7 हर एक मनखे वइसने ही दान करय, जइसने ओह अपन मन म ठाने हवय; न अनिछा ले अऊ न ही दबाव ले, काबरकि परमेसर ह ओकर ले मया करथे जऊन ह खुसी मन ले देथे। 8 परमेसर ह तुमन ला जम्मो किसम के आसिस बहुंतायत ले देय म सामरथी अय, ताकि तुम्हर करा जरूरत के हर चीज हमेसा बहुंतायत म रहय अऊ तुमन हर एक बने काम म बहुंतायत से दे सकव। 9 जइसने कि परमेसर के बचन म लिखे हवय:
“ओह दिल खोलके गरीबमन ला दान देथे; ओकर धरमीपन ह सदाकाल तक बने रहिथे।”[a]
10 जऊन परमेसर ह बोवइया ला बीजा अऊ खाय बर रोटी देथे, ओह तुमन ला घलो बीजा अऊ खाय बर रोटी दिही अऊ तुम्हर बीजा के भंडार ला बढ़ाही अऊ तुम्हर धरमीपन के काम ला बगराही। 11 तुमन ला हर किसम ले धनवान बनाय जाही, ताकि तुमन हर समय उदार बनव अऊ हमर जरिये तुमन जऊन उदारता ले देथव, ओकरे कारन बहुंते झन परमेसर ला धनबाद दिहीं।
12 तुम्हर ए सेवा के कारन, परमेसर के मनखेमन के सिरिप जरूरत ही पूरा नइं होवत हवय, पर कतेक किसम ले बहुंतायत ले परमेसर के धनबाद घलो होवत हवय। 13 ए सेवा के दुवारा तुमन अपन-आप ला साबित कर चुके हवव, एकरसेति मनखेमन परमेसर के महिमा करहीं, काबरकि तुमन मसीह के सुघर संदेस ला गरहन करके ओकर मुताबिक चलत हवव अऊ दिल खोलके तुमन ओमन ला अऊ आने जम्मो झन ला दान देवत हवव। 14 ओमन तुम्हर बर पराथना करथें अऊ ओमन के मन ह तुमन म लगे रहिथे, काबरकि परमेसर के अनुग्रह तुम्हर ऊपर बहुंतायत ले होय हवय। 15 परमेसर के धनबाद होवय ओकर ओ दान खातिर, जेकर बयान नइं करे जा सकय।
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