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Read the Gospels in 40 Days

Read through the four Gospels--Matthew, Mark, Luke, and John--in 40 days.
Duration: 40 days
New Chhattisgarhi Translation (नवां नियम छत्तीसगढ़ी) (NCA)
Version
मरकुस 10-12

तलाक के बारे म यीसू के सिकछा

(मत्ती 19:1-12; लूका 16:18)

10 तब यीसू ह ओ जगह ला छोंड़के यहूदिया के सीमना अऊ यरदन नदी के ओ पार गीस। अऊ भीड़ ह फेर ओकर करा जुर गीस अऊ अपन रीति के मुताबिक ओह फेर ओमन ला उपदेस देवन लगिस।

तब कुछू फरीसीमन आके ओला परखे बर पुछन लगिन, “कहूं कोनो मरद ह अपन घरवाली ला छोंड़ देथे, त का एह परमेसर के बचन के मुताबिक अय?”

ओह ओमन ला कहिस, “मूसा ह तुमन ला का हुकूम दे हवय?”

ओमन कहिन, “मूसा ह मरद ला तियाग पतर लिखके अपन घरवाली ला छोंड़े के हुकूम दे हवय।”

यीसू ह कहिस, “तुम्‍हर हिरदय के ढिठई के कारन मूसा ह अइसने हुकूम तुम्‍हर बर लिखे हवय। पर ए संसार के सुरू म परमेसर ह ओमन ला नर अऊ नारी करके बनाईस।[a] एकरे कारन मरद ह अपन दाई-ददा ले अलग होके अपन घरवाली संग रहिही। अऊ ओ दूनों एक तन होहीं।[b] ओमन अब दू नइं, पर एक अंय। एकरसेति, जऊन ला परमेसर ह जोड़े हवय, ओला मनखे अलग झन करय।”

10 जब ओमन घर के भीतर आईन, त चेलामन एकर बारे म यीसू ले फेर पुछिन। 11 ओह कहिस, “जऊन कोनो अपन घरवाली ला छोंड़के आने माईलोगन ले बिहाव करथे, त ओह पहिली घरवाली के बिरोध म छिनारी करथे। 12 अऊ कहूं, कोनो माईलोगन ह अपन घरवाला ला छोंड़के आने मनखे ले बिहाव करथे, त ओह घलो छिनारी करथे।”

यीसू अऊ छोटे लइकामन

(मत्ती 19:13-15; लूका 18:15-17)

13 मनखेमन छोटे लइकामन ला यीसू करा लाने लगिन कि ओह ओमन ऊपर अपन हांथ रखय, पर चेलामन मनखेमन ला दबकारे लगिन। 14 जब यीसू ह एला देखिस, त नाराज होके ओमन ला कहिस, “लइकामन ला मोर करा आवन दव; ओमन ला मना झन करव, काबरकि परमेसर के राज ह अइसने मन बर अय। 15 मेंह तुमन ला सच कहत हंव कि जऊन कोनो परमेसर के राज ला छोटे लइका सहीं गरहन नइं करय, ओह ओम कभू परवेस करन नइं सकय।” 16 अऊ ओह लइकामन ला अपन कोरा म पाईस अऊ ओमन ऊपर अपन हांथ रखके ओमन ला आसिस दीस।

धनी मनखे

(मत्ती 19:16-30; लूका 18:18-30)

17 जब यीसू ह फेर डहार म जावत रिहिस, त एक मनखे दऊड़के आईस अऊ ओकर गोड़ खाल्‍हे माड़ी के भार गिरके ओकर ले पुछिस, “हे बने गुरू! सदाकाल के जिनगी पाय बर मेंह का करंव?”

18 यीसू ह ओला कहिस, “तेंह मोला काबर बने कहत हवस? कोनो बने नो हंय, सिरिप एके झन – परमेसर के छोंड़। 19 तेंह हुकूममन ला त जानत हवस: ‘हतिया झन करव, छिनारी झन करव, चोरी झन करव, लबारी गवाही झन देवव, कोनो ला झन ठगव, अपन दाई-ददा के आदर-मान करव।’[c]

20 ओ मनखे ह कहिस, “हे गुरू! ए जम्मो ला मेंह अपन लइकापन ले मानत आवत हंव[d]।”

21 ओला देखके, यीसू ला ओकर ऊपर मया आईस, अऊ यीसू ह ओला कहिस, “तोर म एक बात के कमी हवय। जा, जऊन कुछू तोर करा हवय, ओला बेंचके गरीबमन ला देय दे, तब तोला स्‍वरग म संपत्ति मिलही। तब आ अऊ मोर पाछू हो ले।”

22 एला सुनके ओ मनखे के चेहरा ह उतर गे अऊ ओह उदास होके उहां ले चल दीस, काबरकि ओह अब्‍बड़ संपत्ति वाला रिहिस।

23 यीसू ह चारों कोति देखके अपन चेलामन ला कहिस, “धनवानमन के परमेसर के राज म जवई बहुंत कठिन ए।”

24 चेलामन ओकर बात ला सुनके चकित हो गीन। पर यीसू ह फेर कहिस, “हे लइकामन हो! परमेसर के राज म जवई कतेक कठिन ए। 25 परमेसर के राज म एक धनवान के परवेस करई के बनिस‍पत, ऊंट के सुजी के छेदा म ले निकर जवई ह सहज ए।”

26 चेलामन अऊ चकित होके एक-दूसर ला कहिन, “त फेर कोन ह उद्धार पा सकथे?”

27 यीसू ह ओमन ला देखिस अऊ कहिस, “मनखेमन के दुवारा एह नइं हो सकय, पर परमेसर के दुवारा हो सकथे, काबरकि परमेसर बर कोनो बात ह असंभव नो हय।”

28 पतरस ह ओला कहिस, “देख, हमन तो जम्मो कुछू ला छोंड़के तोर पाछू हो ले हवन।”

29 यीसू ह कहिस, “मेंह तुमन ला सच कहत हंव कि जऊन कोनो, मोर अऊ सुघर संदेस बर अपन घर या भाई या बहिनी या दाई या ददा या लइकामन या खेत-खार ला छोंड़ दे हवय, 30 ओह ए समय म ए चीजमन ला सौ गुना पाही (घर, भाई, बहिनी, दाई, लइका अऊ खेत-खार – अऊ संग म सतावा) अऊ अवइया समय म ओला सदाकाल के जिनगी मिलही। 31 पर बहुंत झन जऊन मन अभी आघू म हवंय, ओमन आखिरी म हो जाहीं अऊ जऊन मन आखिरी म हवंय, ओमन आघू हो जाहीं।”

यीसू ह फेर अपन मिरतू के अगमबानी करथे

(मत्ती 20:17-19; लूका 18:31-34)

32 ओमन यरूसलेम के डहार म रिहिन अऊ यीसू ह आघू-आघू रेंगत रहय। चेलामन घबरा गे रहंय अऊ पाछू रेंगइया मन डर्रा गे रहंय। यीसू ह फेर बारहों झन ला अलग ले जाके ओमन ला बताय लगिस कि ओकर संग का होवइया हवय। 33 ओह कहिस, “देखव, हमन यरूसलेम जावत हन अऊ मनखे के बेटा ला पकड़े जाही अऊ मुखिया पुरोहित अऊ कानून के गुरू मन करा लाय जाही, अऊ ओमन ओला मार डारे के सजा दिहीं अऊ ओला ओमन आनजातमन के हांथ म सऊंप दिहीं। 34 ओ आनजातमन ओकर हंसी उड़ाहीं अऊ ओकर ऊपर थूकहीं अऊ ओला कोर्रा म मारहीं अऊ ओेला मार डारहीं। पर तीन दिन के पाछू ओह जी उठही।”

याकूब अऊ यूहन्ना के बिनती

(मत्ती 20:20-28)

35 तब जबदी के बेटा याकूब अऊ यूहन्ना ओकर करा आके कहिन, “हे गुरू, हमन चाहथन कि जऊन कुछू हमन तोर ले मांगबो, ओही ला तेंह हमर बर कर।”

36 ओह पुछिस, “तुमन का चाहथव कि मेंह तुम्‍हर बर करंव?”

37 ओमन कहिन, “तोर राज म जब तेंह सिंघासन म बईठबे, त हमर दूनों म के एक झन ला तोर जेवनी अऊ दूसर ला तोर डेरी कोति बईठन देबे।”

38 तब यीसू ह ओमन ला कहिस, “तुमन नइं जानत हव कि तुमन का मांगत हव? जऊन दुःख के कटोरा म ले मेंह पीवइया हवंव, का तुमन ओम ले पी सकहू? या जऊन पीरा के बतिसमा ला मेंह लेवइया हवंव, का तुमन ओ बतिसमा ला ले सकहू?”

39 ओमन कहिन, “हमर ले ए हो सकथे।”

तब यीसू ह ओमन ला कहिस, “जऊन कटोरा म ले मेंह पीहूं, ओम ले तुमन पीहू अऊ जऊन बतिसमा मेंह लूहूं, ओला तुमन लूहू, 40 पर मोर जेवनी या डेरी कोति बईठाय के मोला अधिकार नइं ए। ए जगह ओमन के अय, जऊन मन बर एह तियार करे गे हवय।”

41 जब आने चेलामन एकर बारे म सुनिन, त ओमन याकूब अऊ यूहन्ना ऊपर खिसियाय लगिन। 42 एकरसेति यीसू ह ओमन ला एक संग अपन लकठा म बलाके कहिस, “जइसने कि तुमन जानथव, जऊन मन आनजातमन के हाकिम समझे जाथें, ओमन आनजातमन ऊपर परभूता करथें अऊ ओमन के बड़े अधिकारीमन ओमन ऊपर अधिकार जमाथें। 43 तुम्‍हर संग अइसने नो हय। पर तुमन ले जऊन ह बड़े होय चाहथे, ओह तुम्‍हर सेवक बनय, 44 अऊ जऊन ह सबले पहिली होय चाहथे, ओह जम्मो झन के गुलाम बनय। 45 काबरकि मनखे के बेटा ह ए खातिर नइं आय हवय कि ओकर सेवा करे जावय, पर ए खातिर आय हवय कि ओह सेवा करय, अऊ बहुंत झन के छुड़ौती खातिर अपन परान ला देवय।”

बरतिमाई अंधरा देखन लगथे

(मत्ती 20:29-34; लूका 18:35-43)

46 तब यीसू अऊ ओकर चेलामन यरीहो सहर म आईन अऊ जब ओमन एक बड़े भीड़ के संग यरीहो ले निकरके जावत रिहिन, त तिमाई के बेटा बरतिमाई नांव के एक मनखे, जऊन ह अंधरा रिहिस, सड़क के तीर म बईठके भीख मांगत रहय। 47 ओह ए सुनके कि नासरत के यीसू अय, चिचियाके कहिस, “हे दाऊद के संतान, यीसू! मोर ऊपर दया कर।”

48 कतको झन ओला दबकारके कहिन, “चुपे रह।” पर ओह अऊ चिचियाके कहिस, “हे दाऊद के संतान! मोर ऊपर दया कर।”

49 जब यीसू ह सुनिस, त ठाढ़ होके कहिस, “ओला इहां बलावव।”

तब मनखेमन ओ अंधरा ला बलाके कहिन, “खुसी मना अऊ उठ। ओह तोला बलावत हवय।” 50 ओह अपन ओढ़ना ला फटिक दीस अऊ कूदके ठाढ़ हो गीस अऊ यीसू करा आईस।

51 यीसू ह ओकर ले पुछिस, “तेंह का चाहत हस कि मेंह तोर बर करंव?”

ओ अंधरा ह कहिस, “हे गुरू! मेंह देखे बर चाहत हंव।”

52 यीसू ह कहिस, “जा, तोर बिसवास ह तोला बने करे हवय।” अऊ ओह तुरते देखन लगिस अऊ डहार म यीसू के पाछू हो लीस।

यीसू के यरूसलेम जवई

(मत्ती 21:1-11; लूका 19:28-40; यूहन्ना 12:12-19)

11 जब यीसू अऊ ओकर चेलामन यरूसलेम के लकठा म जैतून पहाड़ के बैतफगे अऊ बैतनियाह के तीर म आईन, त यीसू ह अपन दू झन चेला ला ए कहिके पठोईस, “तुमन आघू के गांव म जावव, अऊ जइसने ही उहां हबरिहव, तुमन ला एक ठन गदही के बछरू बंधाय मिलही, जेकर ऊपर कभू कोनो सवारी नइं करे हवय। ओला ढिल के इहां ले आवव। कहूं तुमन ला कोनो पुछय कि अइसने काबर करत हव? त ओला कहव कि परभू ला एकर जरूरत हवय, अऊ ओह जल्दी ओला इहां पठो दिही।”

ओमन गीन अऊ एक ठन गदही के बछरू ला गली म, एक ठन घर के बाहिर बंधाय पाईन, अऊ ओमन जब ओला ढिलन लगिन, त जऊन मन उहां ठाढ़े रहंय, ओमन पुछिन, “ए गदही के बछरू ला काबर ढीलत हवव?” जइसने यीसू ह ओमन ला कहे रिहिस, ओमन वइसनेच कहिन। तब मनखेमन ओमन ला जावन दीन। ओमन गदही के बछरू ला यीसू करा लानके, ओकर ऊपर अपन ओढ़नामन ला डालिन अऊ यीसू ह ओकर ऊपर बईठ गीस। अऊ कतको झन अपन ओढ़ना ला ओकर आघू, डहार म डालिन अऊ कतको झन खेतमन के डारामन ला काटके डहार म बिछा दीन।

जऊन मन ओकर आघू-आघू जावत अऊ जऊन मन पाछू-पाछू आवत रहंय, ओमन चिचिया-चिचियाके कहत रिहिन:

“होसाना (जेकर मतलब होथे ‘जय होवय’)। धइन ए ओह, जऊन ह परभू के नांव म आवत हवय। 10 धइन ए हमर पुरखा दाऊद राजा के अवइया राज के। होसाना, स्‍वरग म।”

11 यीसू ह यरूसलेम म आके यहूदीमन के मंदिर म गीस अऊ चारों खूंट जम्मो चीजमन ला देखके अपन बारहों चेलामन संग बैतनियाह चल दीस, काबरकि सांझ हो गे रहय।

यीसू ह अंजीर के रूख ला सराप देथे

(मत्ती 21:18-19)

12 ओकर दूसर दिन जब ओमन बैतनियाह ले जावत रिहिन, त यीसू ला भूख लगिस। 13 थोरकन दूरिहा म, एक ठन हरिहर अंजीर के रूख ला देखके, यीसू ह ए सोचके उहां गीस कि ओ रूख म कुछू फर होही, पर ओह जब उहां गीस, त ओला उहां पान के छोंड़ कुछू नइं मिलिस, काबरकि ओह फर के मौसम नइं रिहिस। 14 तब ओह रूख ला कहिस, “अब ले फेर तोर म फर कभू झन लगय।” अऊ ओकर चेलामन ए गोठ ला सुनत रिहिन।

15 ओमन यरूसलेम सहर म आईन। अऊ यीसू ह मंदिर म गीस, अऊ जऊन मन उहां बेचे अऊ बिसोय के काम करत रहंय, ओमन ला बाहिर निकारे के सुरू करिस। अऊ रूपिया के अदला-बदली करइया अऊ पंड़की बेचइया मन के मेजमन ला उलट-पुलट दीस। 16 अऊ मंदिर के सीमना म कोनो ला लेन-देन करे के सामान लेके आवन-जावन नइं दीस। 17 ओह ओमन ला उपदेस देके कहिस, “का परमेसर के बचन म ए नइं लिखे हवय:

‘मोर घर ह जम्मो देस के मनखेमन बर पराथना के घर होही? पर तुमन एला डाकूमन के खोड़रा बना दे हवव।’[e]

18 एला सुनके, मुखिया पुरोहित अऊ कानून के गुरू मन ओला मार डारे के मऊका खोजन लगिन, पर ओमन ओकर ले डर्रावत रिहिन। काबरकि भीड़ के जम्मो मनखेमन ओकर उपदेस ला सुनके चकित होवत रिहिन।

19 जब सांझ होईस, त यीसू अऊ ओकर चेलामन सहर ले बाहिर चल दीन।

सूखा अंजीर रूख

(मत्ती 21:20-22)

20 बिहनियां, जब ओमन जावत रिहिन, त देखिन कि ओ अंजीर के रूख ह जरमूर ले सूखा गे रहय। 21 तब पतरस ह ओ गोठ ला सुरता करके यीसू ला कहिस, “हे गुरू! देख, ए अंजीर के रूख जऊन ला तेंह सराप दे रहय, सूखा गे हवय।”

22 यीसू ह ओमन ला कहिस, “परमेसर ऊपर बिसवास रखव। 23 मेंह तुमन ला सच कहत हंव, कहूं कोनो ए पहाड़ ले कहय कि जा अऊ समुंदर म गिर जा, अऊ ओह अपन मन म संदेह झन करय, पर परमेसर के ऊपर बिसवास करय कि जऊन बात ओह कहत हवय, ओह हो जाही, त ओकर बर वइसनेच करे जाही। 24 एकरसेति, मेंह तुमन ला कहत हंव, जऊन कुछू तुमन पराथना म मांगथव, बिसवास करव कि ओह तुमन ला मिलही अऊ ओह तुम्‍हर बर हो जाही। 25 जब तुमन ठाढ़ होके पराथना करव, त कहूं तुम्‍हर मन म काकरो बर कुछू बिरोध हवय, त ओला माफ करव, ए खातिर कि तुम्‍हर ददा जऊन ह स्‍वरग म हवय, तुम्‍हर अपराध ला माफ करही। 26 अऊ कहूं तुमन माफ नइं करव, त तुम्‍हर ददा परमेसर घलो जऊन ह स्‍वरग म हवय, तुम्‍हर अपराध ला माफ नइं करही।”

यीसू के अधिकार ऊपर सवाल

(मत्ती 21:23-27; लूका 20:1-8)

27 ओमन फेर यरूसलेम म आईन अऊ यीसू ह जब मंदिर के सीमना म रेंगत रिहिस, तब मुखिया पुरोहित, कानून के गुरू अऊ अगुवामन ओकर करा आईन 28 अऊ पुछिन, “कोन अधिकार ले तेंह ए चीजमन ला करत हवस? अऊ ए जम्मो करे के अधिकार तोला कोन दे हवय?”

29 यीसू ह कहिस, “महूं घलो तुमन ला एक ठन गोठ पुछत हंव, ओकर जबाब मोला देवव, त मेंह तुमन ला बताहूं कि कोन अधिकार ले मेंह ए जम्मो काम करत हवंव। 30 यूहन्ना के बतिसमा देवई, का स्‍वरग कोति ले रिहिस या मनखे कोति ले? मोला बतावव।”

31 तब ओमन आपस म बिचार करन लगिन अऊ कहिन, “कहूं हमन कहन कि स्‍वरग ले, त ओह कहिही, फेर तुमन ओकर बिसवास काबर नइं करेव? 32 अऊ कहूं हमन कहन कि मनखे कोति ले,” त मनखेमन के डर हवय, काबरकि जम्मो मनखे के बिसवास रहय कि यूहन्ना ह सही म अगमजानी रिहिस।

33 ए खातिर ओमन यीसू ला जबाब दीन, “हमन नइं जानन।”

यीसू ह ओमन ला कहिस, “मेंह घलो तुमन ला नइं बतावंव कि कोन अधिकार ले मेंह ए जम्मो काम करत हवंव।”

अंगूर के बारी के किरायादारमन के पटं‍तर

(मत्ती 21:33-46; लूका 20:9-19)

12 तब यीसू ह ओमन ले पटं‍तर म गोठियाय लगिस अऊ कहिस, “एक मनखे ह अंगूर के बारी लगाईस अऊ बारी के चारों खूंट बाड़ा बांधिस अऊ रस बनाय के खातिर एक ठन खंचवा कोड़िस, अऊ एक ठन मचान घलो बनाईस। अऊ ओ अंगूर के बारी ला, ओह किसानमन ला रेगहा म देके परदेस चल दीस। जब फर के समय आईस, त ओह अपन एक सेवक ला किसानमन करा पठोईस कि ओह अंगूर के बारी ले ओकर बांटा के फर लानय। पर किसानमन ओला धरके मारिन-पीटिन अऊ ओला जुछा हांथ लहुंटा दीन। तब बारी के मालिक ह एक आने सेवक ला ओमन करा पठोईस, पर ओमन ओकर मुड़ी ला फोर दीन अऊ ओकर बेजत्ती करिन। बारी के मालिक ह अऊ एक झन ला पठोईस, पर ओमन ओला मार डारिन। ओह अऊ बहुंत झन ला पठोईस, पर ओमन कतको झन ला पीटिन अऊ कतको झन ला मार डारिन। अब ओकर करा सिरिप एक झन बांचिस, ओकर एके मयारू बेटा! आखिर म ओह ए सोचके ओला पठोईस कि ओमन मोर बेटा के आदर करहीं। पर जब ओ किसानमन ओला आवत देखिन, त एक-दूसर ला कहिन, ‘एह वारिस ए। आवव, एला मार डारी, तब अंगूर के बारी ह हमर हो जाही।’ अऊ ओमन ओला धरके मार डारिन अऊ अंगूर के बारी के बाहिर फटिक दीन।

तब अंगूर के बारी के मालिक ह का करही? ओह आके ओ किसानमन ला मार डारही अऊ अंगूर के बारी ला आने मन ला दे दिही। 10 का तुमन परमेसर के ए बचन ला नइं पढ़े हवव:

जऊन पथरा ला राज मिस्‍त्रीमन बेकार ठहराय रिहिन, ओहीच ह कोना के मुख पथरा हो गीस। 11 एह परभू के दुवारा होईस अऊ एह हमर नजर म अद्भूत ए।[f]

12 तब ओमन यीसू ला पकड़े बर चाहिन काबरकि ओमन समझ गे रहंय कि ओह ए पटं‍तर ओमन के बिरोध म कहे हवय। पर ओमन मनखेमन ले डर्रावत रिहिन। एकरसेति ओमन ओला छोंड़के चल दीन।

लगान देवई के बारे म सवाल

(मत्ती 22:15-22; लूका 20:20-26)

13 बाद म, ओमन यीसू ला गोठ म फंसाय बर कुछू फरीसी अऊ हेरोदी मन ला ओकर करा पठोईन। 14 ओमन आके ओकर ले कहिन, “हे गुरू! हमन जानत हवन कि तेंह सत मनखे अस। अऊ काकरो परवाह नइं करस, काबरकि तेंह मनखे के मुहूं देखके नइं गोठियावस, पर परमेसर के रसता ला सही-सही बताथस। हमन ए जाने बर चाहथन कि – का महाराजा ला लगान देवई सही ए या गलत? 15 हमन ला लगान देना चाही या नइं देना चाही?”

यीसू ह ओमन के कपट ला जानके ओमन ला कहिस, “तुमन काबर मोला फंसाय के कोसिस करत हव? मोर करा एक ठन चिल्‍हर पईसा लानव कि में देखंव।” 16 ओमन पईसा ला लानिन अऊ ओह ओमन ले पुछिस, “एम काकर मूरती अऊ नांव लिखाय हवय?”

ओमन कहिन, “महाराजा के।”

17 तब यीसू ह ओमन ला कहिस, “जऊन ह महाराजा के अय, ओला महाराजा ला देवव अऊ जऊन ह परमेसर के अय, ओला परमेसर ला देवव।” एला सुनके ओमन अब्‍बड़ चकित हो गीन।

मरे मन के जी उठे के पाछू – बिहाव

(मत्ती 22:23-33; लूका 20:27-40)

18 तब सदूकी, जऊन मन कहिथंय कि मरे मन के जी उठई होवेच नइं, यीसू करा आके पुछिन, 19 “हे गुरू! मूसा ह हमर बर लिखे हवय कि कहूं काकरो भाई ह बिगर संतान के मर जावय अऊ ओकर बिधवा ह रहि जावय, त ओकर भाई ह ओ बिधवा ले बिहाव कर ले, अऊ अपन भाई बर संतान पैदा करय। 20 सात झन भाई रिहिन। पहिली भाई ह बिहाव करिस अऊ बिगर संतान के मर गीस। 21 तब दूसर भाई ह ओकर बिधवा ले बिहाव करिस अऊ ओह घलो बिगर संतान के मर गीस, अऊ वइसनेच तीसरा भाई घलो। 22 अइसने होईस कि सातों म के काकरो संतान नइं होईस अऊ ओमन मर गीन। सबले पाछू ओ माईलोगन घलो मर गीस। 23 तब जी उठे के बाद ओह काकर घरवाली होही? काबरकि ओह सातों भाईमन ले बिहाव करे रिहिस।”

24 यीसू ह ओमन ला कहिस, “का तुमन एकरसेति गलती म नइं हवव कि तुमन न तो परमेसर के बचन ला जानत हव अऊ न परमेसर के सक्ति ला। 25 जब मरे मन जी उठहीं, त ओमन न तो बिहाव करहीं अऊ न कोनो ओमन ले बिहाव करही। पर ओमन स्‍वरग म स्वरगदूतमन सहीं होहीं। 26 मरे मन के जी उठे के बारे म, का तुमन मूसा के किताब म बरत झाड़ी के बारे म नइं पढ़ेव? जिहां परमेसर ह मूसा ले कहिस, ‘मेंह अब्राहम के परमेसर अऊ इसहाक के परमेसर अऊ याकूब के परमेसर अंव।’[g] 27 परमेसर ह मुरदामन के नइं, पर जीयत मन के परमेसर अय। तुमन भारी गलती म परे हवव।”

सबले बड़े हुकूम

(मत्ती 22:34-40; लूका 10:25-28)

28 कानून के गुरूमन ले एक झन आके ओमन ला बहस करत सुनिस अऊ ए जानके कि यीसू ह ओमन ला सही जबाब दे हवय, ओह यीसू ले पुछिस, “सबले बड़े हुकूम कते ह अय?” 29 यीसू ह कहिस, “सबले बड़े हुकूम ए अय: हे इसरायल सुन! परभू हमर परमेसर ह एके झन परभू अय। 30 अऊ तें अपन परभू परमेसर ला अपन जम्मो हिरदय ले, अऊ अपन जम्मो परान ले, अऊ अपन जम्मो बुद्धि अऊ अपन जम्मो ताकत ले मया कर।[h] 31 अऊ दूसरा हुकूम ए अय कि तें अपन पड़ोसी ले अपन सहीं मया कर।[i] एकर ले बड़े अऊ कोनो हुकूम नइं ए।”

32 ओ मनखे ह कहिस, “तेंह बने कहय गुरू! तोर ए कहई सही अय कि परमेसर एके झन अय अऊ ओला छोंड़ कोनो दूसर परमेसर नइं ए। 33 ओला अपन जम्मो हिरदय अऊ अपन जम्मो समझ अऊ अपन जम्मो ताकत सहित मया करई अऊ अपन पड़ोसी ला अपन सहीं मया करई, जम्मो दान अऊ बलिदान ले बढ़ के अय।”

34 जब यीसू ह देखिस कि ओ मनखे ह समझके जबाब दे हवय, तब ओह ओला कहिस, “तेंह परमेसर के राज के लकठा म हवस।” अऊ ओकर बाद कोनो ओला कुछू पुछे के हिम्मत नइं करिन।

मसीह ह काकर बेटा अय?

(मत्ती 22:41-46; लूका 20:41-44)

35 जब यीसू ह मंदिर म उपदेस करत रिहिस, त पुछिस, “कानून के गुरूमन काबर कहिथें कि मसीह ह दाऊद के बेटा अय? 36 दाऊद ह खुदे पबितर आतमा म होके कहे हवय:

‘परभू परमेसर ह मोर परभू ले कहिस,
    “मोर जेवनी हांथ कोति बईठ,
जब तक कि मेंह तोर बईरीमन ला तोर गोड़ खाल्‍हे नइं कर देवंव।” ’[j]

37 दाऊद ह खुदे ओला परभू कहत हवय। तब मसीह ह ओकर बेटा कइसने होईस?”

भीड़ के मनखेमन ओकर गोठ ला बड़े खुसी से सुनत रिहिन।

38 यीसू ह अपन उपदेस म कहिस, “कानून के गुरूमन ले सचेत रहव, काबरकि ओमन ला महंगा ओन्ढा पहिरके बजार म घुमई अऊ जोहार झोंकई बने लगथे, 39 अऊ ओमन सभा के घर म ऊंचहा आसन अऊ जेवनार म आदर के ठऊर म बईठे बर पसंद करथें। 40 ओमन बिधवामन ला धोखा देथें, इहां तक कि ओमन के घर ला घलो हड़प लेथें, अऊ देखाय बर अब्‍बड़ बेर तक पराथना करथंय। अइसने मनखेमन बहुंत दंड पाहीं।”

गरीब बिधवा के दान

(लूका 21:1-4)

41 यीसू ह चढ़ौतरी के आघू म बईठके मनखेमन ला मंदिर के भंडार म दान चघावत देखत रिहिस। कतको धनवान मनखेमन अब्‍बड़ अकन पईसा ओम डारिन। 42 अतकी म एक झन गरीब बिधवा आईस अऊ “दू पईसा” डारिस।

43 यीसू ह अपन चेलामन ला बलाके कहिस, “मेंह तुमन ला सच कहत हंव कि ए गरीब बिधवा ह मंदिर के भंडार म सबले जादा डारे हवय। 44 ओ जम्मो झन अपन बढ़ती धन म ले दे हवंय, पर एह अपन गरीबी म जऊन कुछू ओकर करा रिहिस, ओ जम्मो ला चघा दीस, जेम ओकर गुजारा होवत रिहिस।”

New Chhattisgarhi Translation (नवां नियम छत्तीसगढ़ी) (NCA)

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