Read the Gospels in 40 Days
बीज बोवइया के पटंतर
(मत्ती 13:1-9; लूका 4:4-8)
4 यीसू ह फेर झील के तीर म उपदेस करन लगिस अऊ उहां अइसने भीड़ जुर गीस कि ओह झील म एक ठन डोंगा ऊपर चघके बईठिस अऊ भीड़ ह झील के तीर म रहय। 2 ओह ओमन ला पटंतर म बहुंत अकन गोठ सिखोवन लगिस अऊ अपन उपदेस म कहिस, 3 “सुनव, एक किसान ह बीज बोय बर निकरिस। 4 बोवत बखत कुछू बीजा रसता के तीर म गिरिन अऊ चिरईमन आके ओला खा लीन। 5 अऊ कुछू पथर्री भुइयां म गिरिन, जिहां ओमन ला बने माटी नइं मिलिस अऊ गहिरा माटी नइं मिले के कारन जल्दी जाम गीन। 6 जब सूरज निकरिस, त ओमन मुरझा गीन अऊ जरी नइं धरे रहे के कारन सूख गीन। 7 कुछू बीजा कंटिली झाड़ीमन म गिरिन अऊ झाड़ीमन बढ़के ओमन ला दबा दीन, जेकर कारन ओमन म फर नइं धरिन। 8 पर कुछू बीजा बने भुइयां म गिरिन; ओमन जामिन अऊ बढ़के ओमन म फर धरिन।”
9 तब यीसू ह कहिस, “जेकर कान हवय, ओह सुन ले।”
पटंतर के मतलब
(मत्ती 13:10-17; लूका 8:9-10)
10 जब यीसू ह अकेला रिहिस, तब ओकर बारह चेला अऊ ओकर संग के मन ओकर ले पटंतर के बारे म पुछिन। 11 ओह ओमन ला कहिस, “परमेसर के राज के भेद के समझ तुमन ला देय गे हवय, पर बाहिर वाले मन ला सब गोठ पटंतर म बोले जाथे। 12 एकरसेति ‘भले ओमन देखंय अऊ सुनंय, पर ओमन झन समझंय; अइसने झन होवय कि ओमन पछताप करंय अऊ ओमन ला छेमा करे जावय।’[a]”
13 तब यीसू ह ओमन ला कहिस, “का तुमन ए पटंतर ला नइं समझेव, तब आने पटंतरमन ला कइसने समझहू? 14 बोवइया ह परमेसर के बचन ला बोथे। 15 कुछू मनखेमन डहार के तीर म परे बीजा सहीं अंय; जब बचन ह बोय जाथे, तब तुरते सैतान ह आके ओमन म बोय गे बचन ला ले जाथे। 16 आने मन ओ बीजा के सहीं अंय, जऊन ला पथर्री भुइयां ऊपर बोय जाथे; ओमन बचन ला सुनके तुरते आनंद सहित गरहन करथें। 17 फेर अपन म जरी नइं धरे रहय के कारन, ओमन के बिसवास ह थोरकन समय बर रहिथे, अऊ जब बचन के सेति तकलीफ अऊ सतावा आथे, त ओमन तुरते बचन के मुताबिक चले बर बंद कर देथें। 18 जऊन ला झाड़ीमन म बोय गीस, ओमन ए अंय – ओमन बचन ला सुनथें, 19 पर संसार के चिंता, धन के लोभ अऊ आने चीजमन के ईछा ओमन म हमाके बचन ला दबा देथें अऊ ओमन फर नइं लानंय। 20 अऊ जऊन ला बने भुइयां म बोय जाथे, ओमन ए अंय – ओमन बचन ला सुनके गरहन करथें अऊ फर लानथें – कोनो तीस गुना, कोनो साठ गुना अऊ कोनो सौ गुना।”
दीया के ठऊर
(लूका 8:16-18)
21 यीसू ह ओमन ला कहिस, “का दीया ला ए खातिर लानथें कि काठा या खटिया के खाल्हे म मढ़ाय जावय? का ए खातिर नइं कि दीया ला दीवट ऊपर मढ़ाय जावय? 22 काबरकि अइसने कोनो चीज छिपे नइं ए कि ओला परगट करे जावय, अऊ न कोनो चीज गुपत म हवय, कि ओला उजागर करे जावय। 23 कहूं तुम्हर कान हवय, त सुनव।
24 जऊन कुछू तुमन सुनथव, ओकर ऊपर बने करके बिचार करव। जऊन नापा म तुमन नापथव, ओहीच म तुम्हर बर घलो नापे जाही, बल्कि अऊ जादा। 25 जेकर करा हवय, ओला अऊ दिये जाही, अऊ जेकर करा नइं ए, ओकर ले जऊन कुछू बांचे हवय, ओला घलो ले लिये जाही।”
बाढ़त बीजा के पटंतर
26 यीसू ह ए घलो कहिस, “परमेसर के राज ह अइसने अय – एक मनखे ह बीजा ला भुइयां म बोथे। 27 रात अऊ दिन, चाहे ओह सोवय या जागय, बीजा ह अपन-आप जामथे अऊ बाढ़थे अऊ ओह नइं जानय कि एह कइसने होईस? 28 माटी ह आपे-आप फसल उपजाथे – पहिली पीका निकरथे, तब बाली, अऊ तब बालीमन म तियार होथे दाना। 29 जतकी जल्दी दाना पाकथे, मनखे ह हंसिया लेके लुए के सुरू कर देथे, काबरकि एह लुवई के समय होथे।”
सरसों बीजा के पटंतर
(मत्ती 13:31-32; लूका 13:18-19)
30 फेर यीसू ह कहिस, “हमन परमेसर के राज ला काकर सहीं ठहरई या कोन पटंतर म ओकर बखान करी? 31 ओह सरसों के बीजा सहीं अय, जब एह बोए जाथे, त एह भुइयां म जम्मो बीजामन ले छोटे होथे। 32 तभो ले लगाय के बाद एह बाढ़के, बारी म जम्मो साग-भाजी ले बड़े हो जाथे, अऊ ओकर अइसने बड़े-बड़े थांघामन निकरथें कि अकास के चिरईमन ओम बसेरा कर सकथें।”
33 बचन ला समझाय खातिर, यीसू ह अइसने कतको पटंतर ओमन ला कहिस। 34 बिगर पटंतर के ओह ओमन ला कुछू नइं कहत रिहिस। पर जब ओह अपन चेलामन संग अकेला रहय, त ओमन ला जम्मो गोठमन के मतलब ला साफ-साफ बतावय।
यीसू ह आंधी ला सांत करथे
(मत्ती 8:23-27; लूका 8:22-25)
35 ओहीच दिन संझा के बखत, ओह अपन चेलामन ला कहिस, “आवव, हमन झील के ओ पार चली।” 36 भीड़ ला पाछू छोंड़के, ओमन जइसने यीसू रिहिस वइसने ओला अपन संग डोंगा म ले गीन। उहां ओकर संग अऊ डोंगामन घलो रहंय। 37 तब एक बड़े भारी आंधी आईस अऊ पानी के बड़े-बड़े लहरा उठिस, जेकर कारन पानी ह डोंगा म हमाय लगिस अऊ डोंगा ह बुड़े बर होवत रहय। 38 यीसू ह डोंगा के पाछू म गद्दी ऊपर सोवत रहय। तब चेलामन ओला उठाके कहिन, “हे गुरू, का तोला कोनो फिकर नइं ए कि हमन पानी म बुड़त हवन?”
39 ओह उठके आंधी ला दबकारिस अऊ पानी के लहरामन ला कहिस, “सांत हो जावव, थम जावव।” तब आंधी ह थम गीस अऊ एकदम सांत हो गीस।
40 ओह अपन चेलामन ला कहिस, “काबर डर्रावत हवव? का तुमन ला अब घलो मोर ऊपर बिसवास नइं ए?”
41 ओमन अब्बड़ डर्रा गे रिहिन अऊ एक-दूसर ला पुछन लगिन, “एह कोन ए कि आंधी अऊ पानी घलो एकर बात ला मानथें।”
परेत आतमा ले बाधित मनखे के चंगई
(मत्ती 8:28-34; लूका 8:26-39)
5 ओमन झील के ओ पार गीन, जिहां गिरासेनीमन रहत रिहिन। 2 जब यीसू ह डोंगा ले उतरिस, तब एक झन मनखे जऊन म परेत आतमा रहय, मसानघाट ले निकरके ओकर करा आईस। 3 ए मनखे ह मसानघाट म रहत रहय अऊ ओम अतकी ताकत रहय कि कोनो ओला सांकर म घलो नइं बांधे सकत रिहिन। 4 कतको बार ले ओकर हांथ ला सांकर म बांधके गोड़ म बेड़ी पहिराय गे रिहिस, पर हर बार ओह सांकर अऊ बेड़ी ला टोर देवय; कोनो ओला काबू म नइं कर सकत रिहिन। 5 रात अऊ दिन, ओह मसानघाट अऊ पहाड़ीमन म चिचियावय अऊ अपन-आप ला चोक पथरा म घायल करत रहय।
6 ओह दूरिहाच ले यीसू ला देखके ओकर अंग दऊड़िस अऊ ओकर गोड़ खाल्हे म गिरिस, 7 अऊ अब्बड़ चिचियाके कहिस, “हे यीसू, सबले बड़े मालिक परमेसर के बेटा, मोर ले तोला का काम? परमेसर के कसम, तेंह मोला पीरा झन दे।” 8 काबरकि यीसू ह ओला कहत रहय, “हे परेत आतमा, ए मनखे म ले निकर आ।”
9 तब यीसू ह ओकर ले पुछिस, “तोर का नांव ए?”
ओह कहिस, “मोर नांव सेना ए, काबरकि हमन अब्बड़ झन हवन।” 10 अऊ ओह यीसू ले बार-बार बिनती करिस कि ओमन ला ओ इलाका ले बाहिर झन पठोवय।
11 उहां लकठा म पहाड़ी कोति सुरामन के एक बड़े झुंड ह चरत रहय। 12 परेत आतमामन यीसू ले बिनती करके कहिन कि हमन ला ओ सुरामन म पठो दे कि हमन ओमन म हमा जाई। 13 ओह ओमन ला हुकूम दीस अऊ परेत आतमामन निकरके सुरामन म हमा गीन। अऊ सुरामन के झुंड ह जेम करीब दू हजार सुरा रिहिन, कगार ऊपर ले झपटके झील म गिरिन अऊ बुड़ मरिन।
14 सुरामन के चरवाहामन भाग के ए बात ला सहर अऊ गांव मन म बताईन अऊ ओला सुनके, जऊन बात होय रिहिस, ओला देखे बर मनखेमन आईन। 15 जब ओमन यीसू करा आईन, त ओला जऊन म परेत आतमामन रिहिन, कपड़ा पहिरे अऊ सचेत बईठे देखिन अऊ ओमन डर्रा गीन। 16 जऊन मन एला अपन आंखी ले देखे रिहिन, ओमन मनखेमन ला ओ मनखे जऊन म परेत आतमामन रिहिन, ओकर बारे अऊ सुरामन के बारे म जम्मो बात बताईन। 17 तब मनखेमन ह यीसू ले बिनती करिन कि ओह ओमन के इलाका ले चले जावय।
18 जब यीसू ह डोंगा ऊपर चघन लगिस, तब ओ मनखे जऊन म पहिली परेत आतमामन रिहिन, ओकर ले बिनती करन लगिस, “मोला तोर संग जावन दे।” 19 पर यीसू ह इनकार करके ओला कहिस, “अपन घर जाके अपन मनखेमन ला बता कि दया करके परभू ह तोर बर कइसने बड़े काम करे हवय।” 20 ओ मनखे ह उहां ले चल दीस अऊ ओ इलाका के दस सहर म बताय लगिस कि यीसू ह ओकर बर कइसने बड़े काम करे हवय। एला सुनके जम्मो मनखेमन अचम्भो करिन।
एक मरे टूरी अऊ एक बेमार माईलोगन
(मत्ती 9:18-26; लूका 8:40-56)
21 जब यीसू ह फेर डोंगा म झील के ओ पार गीस, त बहुंते मनखेमन ओकर चारों खूंट जुर गीन। जब ओह झील के तीरेच म रिहिस, 22 तभे याईर नांव के सभा घर के अधिकारी उहां आईस अऊ यीसू ला देखके ओकर गोड़ तरी गिरिस, 23 अऊ ओकर ले बिनती करके कहिस, “मोर नानकून बेटी ह मरइया हवय, तेंह आके ओकर ऊपर अपन हांथ ला रख कि ओह बने होके जीयत रहय।” 24 तब यीसू ह ओकर संग गीस अऊ एक बड़े भीड़ ह ओकर पाछू हो लीस। भीड़ के कारन मनखेमन ओकर ऊपर गिरे परत रिहिन। 25 ओ भीड़ म एक माईलोगन रहय, जऊन ला बारह बछर ले लहू बहे के बेमारी रहय। 26 ओह बहुंत डाक्टरमन के इलाज ले भारी दुःख झेले रिहिस। इहां तक कि अपन जम्मो पूंजी ला खरचा कर डारे रिहिस, पर ओला कुछू फायदा नइं होईस, बल्कि ओकर बेमारी ह अऊ बढ़ गे रहय। 27 यीसू के चरचा ला सुनके, ओह भीड़ म ओकर पाछू आईस अऊ ओकर कपड़ा ला छुईस। 28 काबरकि ओह सोचत रहय कि कहूं मेंह ओकर कपड़ाच ला छू लेवंव, त बने हो जाहूं। 29 जतका जल्दी ओह यीसू के कपड़ा ला छुईस, ओकर लहू बहे के बंद हो गीस अऊ ओह अपन देहें म जान डारिस कि ओह बने हो गे हवय।
30 यीसू ह तुरते जान डारिस कि ओकर म ले सामरथ निकरे हवय। ओह भीड़ म पाछू मुड़के पुछिस, “मोर कपड़ा ला कोन छुईस?”
31 ओकर चेलामन कहिन, “तेंह देखत हवस कि भीड़ ह तोर ऊपर गिरे परत हवय, तभो ले पुछत हवस कि कोन ह तोला छुईस?”
32 पर यीसू ह ए जाने खातिर कि कोन ह अइसने करे हवय, चारों कोति देखे लगिस। 33 तब ओ माईलोगन ह ए जानके कि ओकर कइसने भलई होय हवय, आईस अऊ यीसू के गोड़ तरी गिरके डरत अऊ कांपत ओला जम्मो बात ला सही-सही बता दीस। 34 यीसू ह ओला कहिस, “बेटी! तोर बिसवास ह तोला बने करे हवय। सांति म जा अऊ अपन दुःख ले बांचे रह।”
35 जब यीसू ह ए बात कहत रहय, तभे सभा घर के अधिकारी याईर के घर ले कुछू मनखेमन आईन अऊ कहिन, “तोर बेटी ह तो मर गीस; अब गुरू ला काबर तकलीफ देबो।” 36 ओमन के गोठ ला धियान नइं देवत, यीसू ह सभा घर के अधिकारी ला कहिस, “झन डर्रा, सिरिप बिसवास रख।”
37 ओह पतरस, याकूब अऊ याकूब के भाई यूहन्ना ला छोंड़के अऊ कोनो ला अपन संग नइं आवन दीस। 38 जब ओमन सभा घर के अधिकारी के घर आईन, त यीसू ह देखिस कि उहां हल्ला मचे हवय अऊ मनखेमन उहां बहुंत रोवत अऊ गोहारत रहंय। 39 ओह भीतर जाके ओमन ला कहिस, “तुमन काबर रोवत अऊ हल्ला मचावत हवव? लइका ह मरे नइं, सुतत हवय।” 40 पर ओमन ओकर हंसी उड़ाय लगिन।
तब ओह जम्मो झन ला बाहिर निकारके, अपन संग म टूरी के दाई-ददा अऊ अपन चेलामन ला लेके भीतर गीस, जिहां लइका ह रहय। 41 ओह छोकरी के हांथ ला धरके ओला कहिस, “तलिता कुमी।” जेकर मतलब होथे – “ए छोकरी, मेंह तोला कहत हंव, उठ।” 42 अऊ ओ छोकरी ह तुरते उठके चले-फिरे लगिस; (ओ छोकरी ह बारह बछर के रिहिस)। एला देखके ओमन बहुंत अचरज करिन। 43 यीसू ह ओमन ला चेताके कहिस कि ए बात कोनो ला झन बतावव; अऊ ओमन ला कहिस कि ओला कुछू खाय बर देवव।
एक अगमजानी बिगर आदरमान के
(मत्ती 13:53-58; लूका 4:16-30)
6 ओ जगह ला छोंड़के, यीसू ह अपन चेलामन संग अपन नगर नासरत म आईस। 2 बिसराम के दिन, ओह सभा घर म सिखोय लगिस अऊ अब्बड़ मनखेमन ओकर बात ला सुनके अचरज करिन अऊ पुछन लगिन, “एला, ए बात कहां ले मिलिस? एला का किसम के बुद्धि मिले हवय कि एह चमतकार के काम घलो करथे। 3 का एह ओ बढ़ई नो हय? का एह मरियम के बेटा अऊ याकूब, योसेस, यहूदा अऊ सिमोन के भाई नो हय? का एकर बहिनीमन हमर संग म इहां नइं रहंय?” अऊ ओमन ओकर तिरस्कार करिन।
4 यीसू ह ओमन ला कहिस, “अगमजानी ह अपन नगर, अपन कुटुम्ब अऊ अपन घर के छोंड़ जम्मो जगह आदर-मान पाथे।” 5 ओह उहां एको चमतकार के काम नइं कर सकिस। सिरिप कुछू बेमरहामन ऊपर हांथ रखके ओमन ला बने करिस। 6 अऊ ओह ओमन के कम बिसवास ला देखके अचम्भो करिस।
यीसू ह अपन बारह चेलामन ला पठोथे
(मत्ती 10:5-15; लूका 9:1-6)
तब यीसू चारों खूंट के गांवमन म उपदेस करत फिरिस। 7 ओह अपन बारहों चेलामन ला बलाके ओमन ला दू-दू झन करके पठोईस अऊ ओमन ला परेत आतमामन के ऊपर अधिकार दीस।
8 ओकर हुकूम ए रिहिस, “डहार बर लउठी के छोंड़ अऊ कुछू झन लेवव, न रोटी, न झोला अऊ न पटका म पईसा। 9 पनही ला पहिरव, पर अपन संग म एक ठन घलो अतकिहा कुरता झन लेवव। 10 जब तुमन कोनो घर म जावव, त ओ गांव ला छोंड़त तक ओहीच घर म रहव। 11 अऊ कहूं कोनो ठऊर के मनखेमन तुमन ला गरहन नइं करंय अऊ तुम्हर बात ला नइं सुनय, त उहां ले चलते बखत अपन गोड़ के धूर्रा ला उहां झर्रा देवव कि ओमन के बिरोध म गवाही ठहरय।” 12 तब चेलामन जाके परचार करिन कि मनखेमन पाप ले पछताप करंय। 13 ओमन कतको परेत आतमामन ला निकारिन अऊ कतको बेमरहामन ला तेल म अभिसेक करके ओमन ला बने करिन।
यूहन्ना बतिसमा देवइया के अंत
(मत्ती 14:1-12; लूका 9:7-9)
14 हेरोदेस राजा एकर बारे म सुनिस, काबरकि यीसू के नांव ह जम्मो अंग फइल गे रहय। कुछू मनखेमन कहत रिहिन, “यूहन्ना बतिसमा देवइया ह मरे म ले जी उठे हवय अऊ एकर खातिर ओकर दुवारा चमतकार के काममन होवत हवय।” 15 आने मन कहिन, “ओह एलियाह अय।” अऊ कतको मन कहत रिहिन, “ओह पहिली के अगमजानीमन सहीं एक झन अगमजानी अय।”
16 पर जब हेरोदेस ह एला सुनिस, त ओह अपन मन म सोचिस, “एह यूहन्ना बतिसमा देवइया ए, अऊ ओह कहिस, ‘मेंह जऊन मनखे के मुड़ ला कटवाय रहेंव, ओहीच ह जी उठे हवय।’ ”
17 काबरकि हेरोदेस खुद हुकूम दे रिहिस कि यूहन्ना ला पकड़के जेल म डालव। ओह अपन भाई फिलिप्पुस के घरवाली हेरोदियास के खातिर अइसने करे रिहिस। ओह हेरोदियास ले बिहाव कर ले रिहिस। 18 काबरकि यूहन्ना ह हेरोदेस ला कहे रहय कि अपन भाई के घरवाली ला अपन घरवाली बनाके रखई परमेसर के कानून के बिरोध ए। 19 एकरसेति हेरोदियास ह अपन मन म यूहन्ना बर बईरता रखय अऊ ओला मरवाय बर चाहत रहय। पर ओला मऊका नइं मिलत रिहिस। 20 काबरकि हेरोदेस ह यूहन्ना ला धरमी अऊ पबितर मनखे जानके ओकर ले डराय अऊ ओला बंचाके रखे रहय। हेरोदेस ह यूहन्ना के बात ला सुनके घबरावय, तभो ले ओकर बात ला सुने के ईछा रखय।
21 आखिर म ओ समय आईस, जब हेरोदेस ह अपन जनम दिन म एक बड़े जेवनार करिस। ओह राज के बड़े अधिकारी, पलटन के सेनापति अऊ गलील के बड़े मनखेमन ला नेवता दीस। 22 तब हेरोदियास के बेटी ह आके जम्मो झन के आघू म नाचिस। ओकर नचई ला देखके हेरोदेस अऊ ओकर नेवताहारीमन खुस हो गीन।
तब राजा ह छोकरी ला कहिस, “तेंह कोनो घलो चीज मोर ले मांग, अऊ मेंह तोला दूहूं।” 23 ओह किरिया खाके कहिस, “कोनो घलो चीज तेंह मांग, अऊ मेंह तोला दूहूं। इहां तक कि मोर आधा राज घलो।”
24 छोकरी ह बाहिर जाके अपन दाई ले पुछिस, “मेंह का मांगंव?”
ओकर दाई ह कहिस, “यूहन्ना बतिसमा देवइया के मुड़।”
25 छोकरी ह तुरते भीतर राजा करा गीस अऊ बिनती करके कहिस, “मेंह चाहथंव कि तेंह यूहन्ना बतिसमा देवइया के मुड़ी ला एक ठन थारी म मोर करा मंगवा दे।”
26 तब राजा ह बहुंत उदास होईस, पर अपन किरिया अऊ नेवताहारीमन के सेति ओला इनकार करे नइं चाहिस। 27 एकरसेति, ओह तुरते एक सिपाही ला हुकूम देके, यूहन्ना के मुड़ी ला लाने बर पठोईस। सिपाही ह जेल म जाके यूहन्ना के मुड़ी ला काटिस, 28 अऊ ओ मुड़ी ला एक ठन थारी म लानके छोकरी ला दीस अऊ ओ छोकरी ह एला अपन दाई ला दे दीस। 29 एला सुनके यूहन्ना के चेलामन आईन अऊ ओकर लास ला उठाके ले गीन अऊ कबर म रख दीन।
यीसू ह पांच हजार मनखेमन ला खाना खवाथे
(मत्ती 14:15-21; लूका 9:11-17; यूहन्ना 6:1-14)
30 प्रेरितमन लहुंटके यीसू करा जुरिन। अऊ जऊन कुछू ओमन करे अऊ सिखोय रिहिन, ओ जम्मो बात ओला बताईन। 31 तब ओह ओमन ला कहिस, “चलव, कोनो सुनसान ठऊर म चलके थोरकन सुसता लेवव।” काबरकि अब्बड़ मनखेमन आवत-जावत रिहिन, अऊ ओमन ला खाय के मऊका घलो नइं मिलत रिहिस।
32 एकरसेति ओमन डोंगा म चघके एक ठन सुनसान ठऊर म चले गीन। 33 ओमन ला जावत देखके, कतको झन ओमन ला चिन डारिन अऊ झील के तीरे-तीर दऊड़िन अऊ आघू हबरके उहां ओमन ले मिलिन। 34 जब यीसू डोंगा ले उतरिस, त उहां एक बड़े भीड़ ला देखके ओमन के ऊपर तरस खाईस, काबरकि ओमन बिगर चरवाहा के भेड़मन सहीं रिहिन अऊ ओह ओमन ला बहुंत अकन बात सिखोवन लगिस।
35 जब बेरा ह ढरक गीस, तब ओकर चेलामन आके ओला कहिन, “एह एक सुनसान जगह ए अऊ बेरा ह बहुंत ढरक गे हवय। 36 मनखेमन ला आस-पास के गांव अऊ बस्ती मन म भेज कि ओमन अपन खाय बर कुछू बिसोय सकंय।”
37 पर यीसू ह जबाब दीस, “तुमन ओमन ला कुछू खाय बर देवव।”
ओमन ओला कहिन, “अतेक मनखे ला खवाय बर, एक मनखे के कम से कम आठ महिना के बनी लगही। का हमन जाके, एमन के खाय बर अतेक जादा पईसा खरचा करन?”
38 ओह ओमन ला कहिस, “जाके देखव कि तुम्हर करा कतेक रोटी हवय?”
ओमन पता लगाके कहिन, “पांच ठन रोटी अऊ दू ठन मछरी।”
39 तब यीसू ह ओमन ला हुकूम दीस कि जम्मो झन ला हरिहर कांदी ऊपर ओरी-ओरी करके बईठा देवव। 40 ओमन सौ-सौ अऊ पचास-पचास के ओरी-ओरी करके बईठ गीन। 41 तब ओह पांचों रोटी अऊ दूनों मछरी ला लीस अऊ स्वरग कोति देखके परमेसर ला धनबाद दीस। अऊ रोटी ला टोर-टोरके अपन चेलामन ला देवत गीस कि ओमन मनखेमन ला परोसंय अऊ दूनों मछरी ला घलो मनखेमन म बांट दीस। 42 ओ जम्मो झन खाके अघा गीन। 43 अऊ चेलामन गिरे-परे रोटी अऊ मछरी के टुकड़ा के बारह टुकनी भरके उठाईन। 44 खवइयामन म उहां पांच हजार मरदमन रिहिन।
यीसू ह पानी ऊपर रेंगथे
(मत्ती 14:22-33; यूहन्ना 6:15-21)
45 एकर बाद, यीसू ह तुरते अपन चेलामन ला डोंगा म चघाईस कि ओमन ओकर आघू बैतसैदा ला जावंय, जब तक ओह भीड़ के मनखेमन ला बिदा करय। 46 ओमन ला बिदा करके ओह पहाड़ी ऊपर पराथना करे बर गीस।
47 जब संझा होईस, त डोंगा ह झील के मांझा म रहय अऊ यीसू ह एके झन भांठा म रिहिस। 48 ओह देखिस कि चेलामन डोंगा ला खेवत-खेवत थक गे रहंय, काबरकि हवा ह ओमन के उलटा दिग म बहत रहय। रात के चार बजे के आस-पास, ओह झील ऊपर रेंगत चेलामन करा गीस, अऊ ओमन ले आघू निकरइया रिहिस। 49 पर ओमन ओला जब झील ऊपर रेंगत देखिन, त ओमन ओला भूत समझिन, अऊ ओमन चिचियाय लगिन। 50 काबरकि जम्मो चेलामन ओला देखके डर्रा गे रहंय।
यीसू ह तुरते ओमन ले गोठियाईस अऊ कहिस, “हिम्मत रखव, मेंह अंव, झन डर्रावव।” 51 तब ओह ओमन करा डोंगा म आईस अऊ हवा ह सांत हो गीस। ओमन अब्बड़ अचम्भो करन लगिन। 52 काबरकि पांच रोटी अऊ दू ठन मछरी ले पांच हजार मनखेमन ला खवाय के बाद घलो, ओमन नइं समझे रिहिन कि यीसू ह कोन ए। ओमन के मन ह कठोर हो गे रहय।
53 जब ओमन ओ पार गन्नेसरत म हबरिन, त डोंगा ला उहां रखके उतरिन। 54 ओमन के डोंगा ले उतरतेच ही, मनखेमन तुरते यीसू ला चिन डारिन। 55 अऊ मनखेमन आस-पास के जम्मो गांव-गंवई म दऊड़के गीन अऊ बेमरहामन ला चटई अऊ खटिया म उठा-उठाके यीसू करा लाने लगिन। 56 अऊ ओह जिहां कहूं भी गांव, नगर या देहात म गीस, मनखेमन बेमरहामन ला सड़क, गली अऊ बजार मन म रखके ओकर ले बिनती करंय कि एमन ला कम से कम तोर ओन्ढा के छोर ला छुवन दे; अऊ जतेक झन ओला छुईन, ओ जम्मो झन बने हो गीन।
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