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Read the Gospels in 40 Days

Read through the four Gospels--Matthew, Mark, Luke, and John--in 40 days.
Duration: 40 days
New Chhattisgarhi Translation (नवां नियम छत्तीसगढ़ी) (NCA)
Version
लूका 21-22

गरीब बिधवा के दान

(मरकुस 12:41-44)

21 यीसू ह देखिस कि धनी मनखेमन अपन दान ला मंदिर के खजाना म डारत रहंय। ओह एक गरीब बिधवा ला घलो ओम दू ठन तांबा के छोटे सिक्‍का डारत देखिस। यीसू ह कहिस, “मेंह तुमन ला सच कहथंव, ए गरीब बिधवा ह आने जम्मो ले जादा दान दे हवय। काबरकि ए जम्मो मनखे अपन संपत्ति ले दान दे हवंय; पर ओह अपन गरीबी म ले जम्मो ला दे हवय, जऊन म ओकर जिनगी चले रहितिस।”

जुग के अंत होय के चिन्‍हां

(मत्ती 24:1-2; मरकुस 13:1-2)

यीसू के कुछू चेलामन मंदिर के बारे म गोठियावत रिहिन कि मंदिर ह कइसने सुन्‍दर पथरामन ले अऊ परमेसर ला चघाय दान ले सजाय-संवारे गे हवय। पर यीसू ह कहिस, “ओ चीज जऊन ला तुमन इहां देखत हवव, एक समय आही, जब एको ठन पथरा उहां अपन जगह म नइं बचही; हर एक पथरा ला खाल्‍हे फटिक दिये जाही।”

ओमन पुछिन, “हे गुरू, ए बातमन कब होही? अऊ ए बातमन के होय के पहिली, का चिन्‍हां दिखही?”

यीसू ह कहिस, “सचेत रहव कि तुमन धोखा झन खावव। काबरकि बहुंत मनखेमन मोर नांव म ए कहत आहीं, ‘मेंह मसीह अंव अऊ समय ह लकठा आ गे हवय।’ पर ओमन के पाछू झन जावव। जब तुमन लड़ई अऊ उपद्रव के बात सुनव, त झन डरव। पहिली ए बातमन के होना जरूरी अय, पर ओ समय तुरते अंत नइं होवय।”

10 तब यीसू ह ओमन ला कहिस, “एक देस ह दूसर देस के बिरोध म लड़ही, अऊ एक राज ह दूसर राज के ऊपर चढ़ई करही। 11 जगह-जगह भयंकर भुइंडोल, अकाल अऊ महामारी होही, अऊ अकास ले भयंकर बात अऊ बड़े-बड़े चिन्‍हां परगट होहीं।

12 पर ए जम्मो होय के पहिली, मनखेमन तुमन ला पकड़हीं अऊ सताहीं। ओमन तुमन ला यहूदीमन के सभा घर म सऊंप दिहीं अऊ तुमन ला जेल म डार दिहीं। ओमन तुमन ला राजा अऊ राजपाल मन करा लानहीं अऊ ए जम्मो बात मोर नांव के कारन होही। 13 एह तुम्‍हर बर मोर गवाही देय के मऊका होही। 14 अपन मन म ठान लेवव कि एकर बारे म चिंता करे के जरूरत नइं ए कि अपन बचाव कइसने करहू। 15 काबरकि मेंह तुमन ला बचन अऊ बुद्धि दूहूं कि तुम्‍हर कोनो घलो बईरी तुम्‍हर बिरोध या खंडन नइं कर सकहीं। 16 अऊ त अऊ तुम्‍हर दाई-ददा, भाई, रिस्तेदार अऊ संगवारी मन तुमन ला पकड़वाहीं अऊ ओमन तुमन ले कुछू झन ला मरवा डारहीं। 17 मोर कारन, जम्मो मनखेमन तुम्‍हर ले घिन करहीं। 18 पर तुम्‍हर मुड़ के कोनो बाल घलो बांका नइं होवय। 19 मोर बिसवास म मजबूत रहे के दुवारा तुमन अपन जिनगी ला बचाहू।”

यीसू ह यरूसलेम के बिनास के बारे म गोठियाथे

(मत्ती 24:15-21; मरकुस 13:14-19)

20 “जब तुमन यरूसलेम ला सेनामन ले चारों कोति घेराय देखव, त तुमन जान लेवव कि एकर बिनास होवइया हवय। 21 तब जऊन मन यहूदिया प्रदेस म हवंय, ओमन भाग के पहाड़मन म चले जावंय; जऊन मन यरूसलेम सहर म हवंय, ओमन सहर ले निकर जावंय, अऊ जऊन मन सहर के बाहिर हवंय, ओमन सहर के भीतर झन जावंय। 22 काबरकि एह दंड के समय होही। ए किसम ले परमेसर के बचन म लिखे ओ जम्मो बात पूरा होही। 23 ओ दिन म जऊन माईलोगनमन देहें म होहीं अऊ जऊन दाईमन गोरस पीयावत होहीं, ओमन बर ओ दिनमन भयंकर होहीं। ए देस म भयंकर बिपत्ती पड़ही अऊ परमेसर के कोरोध ए मनखेमन ऊपर भड़कही। 24 ओमन तलवार ले मारे जाहीं अऊ मनखेमन ला बंदी के रूप म जम्मो देस म पहुंचाय जाही। यरूसलेम ह आनजातमन के गोड़ ले तब तक कुचरे जाही, जब तक कि आनजातमन के समय ह पूरा नइं हो जावय।

25 सूरज, चंदा अऊ तारामन म चिन्‍हां दिखहीं। धरती म, जम्मो देस के मनखेमन दुःख भोगहीं अऊ ओमन समुंदर के गरजन अऊ भयंकर लहरा ले घबराहीं। 26 भय अऊ संसार म अवइया संकट के कारन मनखेमन के जी म जी नइं रहिही, काबरकि अकास के सक्तिमन हलाय जाहीं। 27 ओ समय मनखेमन ‘मनखे के बेटा’ ला एक बादर म सक्ति अऊ बड़े महिमा के संग आवत देखहीं। 28 जब ए बातमन होवन लगय, त ठाढ़ हो जावव अऊ अपन मुड़ ला ऊपर करव, काबरकि तुम्‍हर उद्धार ह लकठा म होही।”

29 तब यीसू ह ओमन ला ए पटं‍तर कहिस, “अंजीर के रूख अऊ जम्मो आने रूखमन ला देखव। 30 जब ओम पान निकरथे, त तुमन देखके खुदे जान लेथव कि घाम के महिना अवइया हवय। 31 ओही किसम ले, जब तुमन ए बातमन ला होवत देखव, त जान लेवव कि परमेसर के राज ह अवइया हवय।

32 मेंह तुमन ला सच कहत हंव कि जब तक ए जम्मो बातमन नइं हो जावंय, तब तक ए पीढ़ी के मनखेमन नइं मरंय। 33 अकास अऊ धरती ह टर जाही, पर मोर बात ह कभू नइं टरय।

34 सचेत रहव, नइं तो तुम्‍हर हिरदय ह खराप जिनगी, मतवालपन अऊ जिनगी के चिंता करे म लग जाही, अऊ ओ दिन ह एक ठन फांदा के सहीं तुम्‍हर ऊपर आ जाही। 35 काबरकि एह ओ जम्मो झन के ऊपर आही, जऊन मन धरती म रहिथें। 36 हमेसा सचेत रहव अऊ पराथना करत रहव कि तुमन ओ जम्मो अवइया संकट ले बच सकव, अऊ तुमन ‘मनखे के बेटा’ के आघू म ठाढ़ होय के लइक बन सकव।”

37 हर एक दिन यीसू ह मंदिर म उपदेस करय, अऊ हर संझा ओह बाहिर जैतून नांव के पहाड़ म रात बिताय बर चले जावय, 38 अऊ जम्मो मनखेमन बड़े बिहनियां ले ओकर बात सुने बर मंदिर म आवंय।

यहूदा ह यीसू ला पकड़वाय बर तियार हो जाथे

(मत्ती 26:14-16; मरकुस 14:10-11)

22 यहूदीमन के बिन खमीर के रोटी के तिहार जऊन ला फसह तिहार कहे जाथे, लकठा आवत रहय। अऊ मुखिया पुरोहित अऊ कानून के गुरू मन चुपेचाप यीसू ला मार डारे के कुछू उपाय खोजत रहंय, पर ओमन मनखेमन ले डर्रावत रहंय। तब सैतान ह यहूदा के भीतर म हमाईस, जऊन ला इस्करियोती घलो कहे जावय; अऊ जऊन ह यीसू के बारह चेलामन ले एक झन रिहिस। यहूदा ह मुखिया पुरोहित अऊ मंदिर के रखवार मन के अधिकारीमन करा गीस अऊ ओमन के संग बातचीत करिस कि ओह यीसू ला कइसने ओमन के हांथ म पकड़वाही। ओमन खुस होईन अऊ ओला पईसा देय बर राजी हो गीन। यहूदा घलो तियार हो गीस, अऊ मऊका खोजे लगिस कि जब उहां भीड़ झन रहय, तब ओह यीसू ला ओमन के हांथ म पकड़वा देवय।

आखिरी भोजन

(मत्ती 26:17-25; मरकुस 14:12-21; यूहन्ना 13:21-30)

तब यहूदीमन के बिन खमीर के रोटी के दिन ह आईस अऊ ए दिन म फसह तिहार बर मेढ़ा पीला ला बलिदान करना जरूरी रहय। यीसू ह पतरस अऊ यूहन्ना ला ए कहिके पठोईस, “जावव अऊ हमर बर फसह तिहार के भोजन के तियारी करव।”

ओमन पुछिन, “तेंह कहां चाहथस कि हमन एकर तियारी करन?”

10 यीसू ह ओमन ला कहिस, “जब तुमन सहर म जाहू, त तुमन ला एक मनखे घघरी म पानी लेवत मिलही। जऊन घर म ओह जावय, तुमन ओकर पाछू-पाछू चले जावव, 11 अऊ ओ घर के मालिक ले कहव, ‘गुरू ह पुछत हवय कि ओ पहुना-कमरा कहां हवय, जिहां में अपन चेलामन संग फसह तिहार के भोजन खावंव?’ 12 ओह तुमन ला ऊपर म एक सजे-सजाय बड़े कमरा देखा दिही। उहां तुमन तियारी करव।”

13 ओमन गीन अऊ हर चीज ला वइसनेच पाईन, जइसने यीसू ह ओमन ला कहे रिहिस, अऊ ओमन फसह तिहार के भोजन के तियारी करिन।

14 जब समय आईस, त यीसू अऊ ओकर प्रेरितमन खाय बर बईठिन। 15 अऊ ओह ओमन ला कहिस, “एकर पहिली कि मेंह दुःख भोगंव, मोर बहुंत ईछा रिहिस कि मेंह तुम्‍हर संग ए फसह के भोजन ला खावंव। 16 काबरकि मेंह तुमन ला कहत हंव, जब तक जम्मो बात परमेसर के राज म पूरा नइं हो जावय, तब तक मेंह एला फेर कभू नइं खावंव।”

17 तब यीसू ह अंगूर के मंद के कटोरा ला लेके परमेसर ला धनबाद दीस अऊ कहिस, “एला लेवव अऊ आपस म बांट लेवव। 18 काबरकि मेंह तुमन ला कहत हंव कि जब तक परमेसर के राज नइं आ जावय, तब तक मेंह अंगूर के मंद ला फेर नइं पीयंव।”

19 तब ओह कुछू रोटी लीस, अऊ परमेसर ला धनबाद देके ओला टोरिस अऊ अपन चेलामन ला देके कहिस, “एह मोर देहें ए, जऊन ह तुम्‍हर बर देय जावत हवय; मोर सुरता म एही करे करव।”

20 ओही किसम ले भोजन के पाछू, यीसू ह कटोरा ला लीस अऊ कहिस, “ए कटोरा ह मोर लहू म परमेसर के नवां करार ए, जऊन ह तुम्‍हर बर ढारे जावथे। 21 पर जऊन ह मोला धोखा दिही, ओकर हांथ ह मोर संग टेबल म हवय। 22 मनखे के बेटा ह मरही, जइसने परमेसर ह ठहराय हवय; पर धिक्‍कार ए ओ मनखे ला, जऊन ह ओला धोखा दिही।” 23 तब चेलामन आपस म पुछे लगिन, “हमन म ओह कोन हो सकथे, जऊन ह ए काम करही।”

चेलामन म कोन बड़े

24 ओमन म ए बिवाद घलो होय लगिस कि ओमन के बीच म कोन चेला सबले बड़े माने जाही। 25 यीसू ह ओमन ला कहिस, “आनजातमन के राजामन अपन मनखेमन ऊपर हुकूम चलाथें; अऊ जऊन मन ओमन के ऊपर अधिकार रखथें, ओमन अपन-आप ला भलई करइया कहिथें। 26 पर तुमन ला वइसने नइं बनना हवय। एकर बदले, जऊन ह तुम्‍हर बीच म सबले बड़े ए, ओह सबले छोटे सहीं बनय, अऊ जऊन ह हुकूम चलाथे, ओह सेवक के सहीं बनय। 27 कोन ह बड़े ए, ओ – जऊन ह खाय बर बईठथे या ओ – जऊन ह ओकर सेवा करथे? ओही ह जऊन ह खाय बर बईठथे। पर मेंह तुम्‍हर बीच म एक सेवक के सहीं अंव। 28 तुमन ओ मनखे अव, जऊन मन मोर दुःख के समय म मोर संग रहेव। 29 अऊ मेंह तुमन ला एक राज के ऊपर सासन करे के अधिकार देवत हंव, जइसने मोर ददा ह मोला एक राज के ऊपर सासन करे के अधिकार दे हवय, 30 ताकि तुमन मोर राज म मोर संग बईठके खावव अऊ पीयव अऊ सिंघासनमन म बईठके, इसरायल के बारह गोत्र के नियाय करव।

31 सिमोन, सिमोन, सुन! सैतान ह तुमन ला परखे बर अनुमती मांगे हवय कि जइसने किसान ह गहूं ला भूंसी से अलग करथे, वइसने ओह तुमन ला अलग करय। 32 पर मेंह तोर बर पराथना करे हवंव, सिमोन! ताकि तोर बिसवास ह बने रहय। अऊ जब तेंह मोर करा लहुंटके आ जाबे, त अपन भाईमन ला बिसवास म मजबूत करबे।”

33 पर सिमोन पतरस ह यीसू ला कहिस, “हे परभू, मेंह तोर संग जेल जाय बर तियार हवंव अऊ मरे बर घलो तियार हवंव।”

34 यीसू ह कहिस, “पतरस, मेंह तोला कहत हंव कि आज कुकरा बासे के पहिली, तेंह तीन बार इनकार करबे कि तेंह मोला जानथस।”

35 तब यीसू ह ओमन ले पुछिस, “जब मेंह तुमन ला बिगर पईसा, झोला या पनही के पठोय रहेंव, त का तुमन ला कोनो चीज के कमी होईस?”

ओमन कहिन, “कोनो चीज के कमी नइं होईस।”

36 यीसू ह ओमन ला कहिस, “पर अब जेकर करा पईसा हवय, ओह ओला ले लेय, अऊ झोला घलो धर ले; अऊ जेकर करा तलवार नइं ए, ओह अपन ओन्ढा ला बेंचके एक ठन तलवार बिसो ले। 37 परमेसर के बचन म ए लिखे हवय: ‘अऊ ओकर गनती अपराधी मन संग होईस,’ अऊ मेंह तुमन ला कहथंव कि ए बात के मोर ऊपर पूरा होना जरूरी ए। काबरकि जऊन बात ह मोर बारे म लिखे गे हवय, ओह पूरा होवत हवय।”[a]

38 चेलामन कहिन, “हे परभू, देख, इहां दू ठन तलवार हवय।”

ओह कहिस, “ए किसम के बात बहुंत हो गीस।”

यीसू ह जैतून के पहाड़ म पराथना करथे

(मत्ती 26:36-46; मरकुस 14:32-42)

39 यीसू ह घर के बाहिर निकरिस अऊ अपन रीति के मुताबिक ओह जैतून पहाड़ ला गीस अऊ ओकर चेलामन ओकर पाछू-पाछू गीन। 40 ओ जगह म हबरके यीसू ह ओमन ला कहिस, “पराथना करव ताकि तुमन परिछा म झन पड़व।” 41 तब ओह ओमन ले कुछू दूरिहा गीस अऊ माड़ी टेकके ए पराथना करे लगिस, 42 “हे ददा, कहूं तोर ईछा हवय, त ए दुःख के कटोरा ला मोर करा ले टार दे; तभो ले मोर नइं, पर तोर ईछा पूरा होवय।”

43 तब स्‍वरग ले एक स्‍वरगदूत ओकर करा आईस अऊ ओला मजबूत करिस। 44 अऊ ओह बहुंते बियाकुल होके, अऊ लगन से पराथना करे लगिस, अऊ ओकर पसीना ह लहू के बूंद सहीं भुइयां म गिरत रहय।

45 जब ओह पराथना करके उठिस, अऊ चेलामन करा गीस, त ओह ओमन ला दुःख के मारे सोवत अऊ थके पाईस। 46 ओह ओमन ला कहिस, “तुमन काबर सुतत हवव? उठव अऊ पराथना करव ताकि तुमन परिछा म झन पड़व।”

यीसू ह बंदी बनाय जाथे

(मत्ती 26:47-56; मरकुस 14:43-50; यूहन्ना 18:3-12)

47 जब यीसू ह गोठियावत रिहिस, तभे मनखेमन के एक भीड़ आईस; अऊ यहूदा जऊन ह यीसू के बारह चेलामन ले एक झन रिहिस, ओमन के आघू-आघू चलत रहय। ओह यीसू करा ओला चूमे बर आईस। 48 पर यीसू ह ओला कहिस, “हे यहूदा, चूमा देके का तेंह मनखे के बेटा ला पकड़वावत हस?”

49 यीसू के चेलामन जब देखिन कि का होवइया हवय, त ओमन कहिन, “हे परभू, का हमन अपन तलवार चलावन?” 50 अऊ ओम ले एक झन महा पुरोहित के सेवक ऊपर तलवार चलाके ओकर जेवनी कान उड़ा दीस।

51 तब यीसू ह कहिस, “एला बंद करव।” अऊ ओह मनखे के कान ला छुईस अऊ ओला बने कर दीस।

52 तब यीसू ह ओ मुखिया पुरोहित, मंदिर के रखवारमन के अधिकारी अऊ अगुवामन ला कहिस, जऊन मन ओला पकड़े बर आय रिहिन, “का मेंह डाकू अंव कि तुमन तलवार अऊ बड़े-बड़े लउठी लेके आय हवव? 53 मेंह हर दिन तुम्‍हर संग मंदिर म रहेंव, अऊ तुमन मोला नइं पकड़ेव। पर एह तुम्‍हर समय ए, जब अंधियार के सक्ति ह राज करथे।”

पतरस ह यीसू के इनकार करथे

(मत्ती 26:57-58, 69-75; मरकुस 14:53-54, 66-72; यूहन्ना 18:12-18, 25-27)

54 तब ओमन यीसू ला पकड़िन अऊ ओला महा पुरोहित के घर ले गीन। पतरस ह कुछू दूरिहा म रहत ओकर पाछू-पाछू आईस। 55 पर जब ओमन मांझा अंगना म आगी बारके चारों अंग बईठ गीन, त पतरस ह ओमन के संग जाके बईठ गीस। 56 एक झन नौकरानी टूरी ओला आगी के अंजोर म उहां बईठे देखिस। ओ टूरी ह ओला धियान लगाके देखिस अऊ कहिस, “ए मनखे ह यीसू के संग रिहिस।”

57 पर पतरस ह इनकार करिस अऊ कहिस, “ए टूरी, मेंह ओला नइं जानंव।”

58 थोरकन देर बाद, एक आने मनखे ओला देखिस अऊ कहिस, “तेंह घलो ओमन ले एक झन अस।”

पर पतरस ह कहिस, “ए मनखे, मेंह नो हंव।”

59 करीब एक घंटा के बाद, एक आने मनखे ह जोर देके कहिस, “सही म, ए मनखे ह ओकर संग रिहिस, काबरकि एह घलो गलील प्रदेस के रहइया ए।”

60 पतरस ह जबाब देके कहिस, “ए मनखे, मेंह नइं जानंव कि तेंह का कहथस।” जब ओह ए कहितेच रिहिस कि तुरते कुकरा ह बासिस। 61 अऊ परभू ह लहुंटके पतरस ला सीधा देखिस, तब पतरस ह परभू के कहे ओ बात ला सुरता करिस, “एकर पहिली कि आज कुकरा ह बासे, तेंह तीन बार मोर इनकार करबे।” 62 पतरस ह अंगना के बाहिर गीस अऊ फूट-फूट के रोईस।

सैनिकमन यीसू के हंसी उड़ाथें

(मत्ती 26:67-68; मरकुस 14:65)

63 जऊन मनखेमन यीसू के रखवारी करत रहंय, ओमन यीसू के ठट्ठा करिन अऊ ओला मारे-पीटे लगिन। 64 ओमन यीसू के आंखी ऊपर कपड़ा बांधके ओकर ले पुछिन, “अगमबानी करके हमन ला बता कि तोला कोन मारिस?” 65 ओमन अऊ बहुंत बेजत्ती के बात ओला कहिन।

यीसू धरम-महासभा के आघू म

(मत्ती 26:59-66; मरकुस 14:55-64; यूहन्ना 18:19-24)

66 जब दिन होईस, त मनखेमन के अगुवा, मुखिया पुरोहित अऊ कानून के गुरू मन एक सभा के रूप म जुरिन, अऊ यीसू ह ओमन के आघू म लाने गीस। 67 ओमन यीसू ले पुछिन, “यदि तेंह मसीह अस, त हमन ला बता?”

यीसू ह जबाब दीस, “यदि मेंह तुमन ला बताहूं, त तुमन मोर ऊपर बिसवास नइं करहू, 68 अऊ यदि मेंह तुमन ले पुछहूं, त तुमन जबाब नइं दूहू। 69 पर अब ले, मनखे के बेटा ह सर्वसक्तिमान परमेसर के जेवनी हांथ कोति बईठही।”

70 ओमन जम्मो झन पुछिन, “त का तेंह परमेसर के बेटा अस?”

ओह ओमन ला जबाब दीस, “तुमन सही कहथव, काबरकि मेंह अंव।”

71 तब ओमन कहिन, “हमन ला अऊ गवाह के जरूरत नइं ए। हमन खुदे ओकर मुहूं ले सुन लेय हवन।”

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