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Read the Bible from start to finish, from Genesis to Revelation.
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New Chhattisgarhi Translation (नवां नियम छत्तीसगढ़ी) (NCA)
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दरसन 9-12

तब पांचवां स्‍वरगदूत ह अपन तुरही ला फूंकिस, अऊ मेंह एक तारा ला देखेंव, जऊन ह अकास ले धरती ऊपर गिरे रिहिस। ओ तारा ला अथाह कुन्‍ड के कुची दिये गीस। जब ओह अथाह कुन्‍ड ला खोलिस, त उहां ले अइसने धुआं निकरिस, जइसने कि एक बड़े भट्ठी ले निकरथे। ओ कुन्‍ड के धुआं ले सूरज अऊ अकास अंधियार हो गीन। अऊ ओ धुआं म ले धरती ऊपर फांफामन आईन अऊ ओमन ला धरती के बिच्‍छूमन सहीं सक्ति दिये गीस। ओमन ला ए कहे गीस कि धरती के कांदी, या कोनो पौधा या रूख ला हानि झन पहुंचावंय, पर सिरिप ओ मनखेमन ला नुकसान पहुंचावंय, जेमन के माथा म परमेसर के मुहर नइं लगे हवय। फांफामन ला ए सक्ति नइं दिये गीस कि ओमन मनखेमन ला मार डारें, पर ओमन ला ए सक्ति दिये गीस कि ओमन पांच महिना तक मनखेमन ला पीरा देवंय। ओ पीरा ह अइसने रिहिस, जइसने बिच्छू के डंक मारे ले मनखे ला पीरा होथे। ओ दिनमन म मनखेमन मिरतू ला खोजहीं, पर ओमन ला ओह नइं मिलही। ओमन मरे के ईछा करहीं, पर मिरतू ह ओमन ले दूर भागही।

ओ फांफामन लड़ई बर तियार घोड़ामन सहीं दिखत रहंय। अपन मुड़ म, ओमन सोन के मुकुट सहीं कुछू पहिरे रहंय अऊ ओमन के मुहूं मनखेमन के मुहूं सहीं रहय। ओमन के चुंदी ह माईलोगन के चुंदी सहीं रहय अऊ ओमन के दांतमन सिंह के दांत सहीं रिहिस। ओमन के छाती ह लोहा के कवच सहीं चीज ले ढंकाय रिहिस अऊ ओमन के डेना के अवाज ह लड़ई म दऊड़त बहुंते घोड़ा अऊ रथ मन के अवाज सहीं रिहिस। 10 ओमन के पुंछी अऊ डंक ह बिच्‍छूमन के पुंछी अऊ डंक सहीं रहय अऊ ओमन के पुंछी म मनखेमन ला पांच महिना तक दुःख देय के सक्ति रहय। 11 अथाह कुन्‍ड के दूत ह ओमन के राजा रिहिस। ओकर नांव इबरानी भासा म “अबद्दोन” अऊ यूनानी भासा म “अपुल्‍लयोन” ए[a]

12 पहिली बिपत्ती पड़ चुके हवय; एकर बाद दू अऊ बिपत्ती अवइया हवंय।

13 तब छठवां स्‍वरगदूत ह अपन तुरही ला फूंकिस, त मेंह एक अवाज सुनेंव, जऊन ह परमेसर के आघू म रखाय सोन के बेदी के चारों कोना म ले आवत रहय। 14 ओ अवाज छठवां स्‍वरगदूत ला जेकर करा तुरही रिहिस, ए कहत रहय, “ओ चारों स्‍वरगदूत ला छोंड़ दे, जऊन मन महान नदी फरात करा बंधाय हवंय।” 15 अऊ ओ चारों स्वरगदूतमन ला छोंड़ दिये गीस। ओमन ला एही घरी अऊ दिन अऊ महिना अऊ साल बर तियार रखे गे रिहिस कि ओमन एक तिहाई मनखेमन ला मार डारें। 16 घुड़सवार सेनामन के गनती ह बीस करोड़ रिहिस। मेंह ओमन के गनती ला सुनेंव।

17 मेंह अपन दरसन म देखेंव कि घोड़ामन अऊ ओकर सवारमन अइसने दिखत रहंय: घुड़सवार के कवच ह आगी सहीं लाल, गहिरा नीला अऊ गंधक के सहीं पीला रंग के रहय। घोड़ामन के मुड़ी ह सिंहमन के मुड़ी सहीं रहय अऊ ओमन के मुहूं ले आगी, धुआं अऊ गंधक निकरत रहय। 18 एक तिहाई मनखेमन ए तीन महामारी के दुवारा मार डारे गीन – याने कि आगी, धुआं अऊ गंधक के दुवारा, जऊन ह घोड़ामन के मुहूं ले निकरत रहय। 19 घोड़ामन के सक्ति ह ओमन के मुहूं अऊ ओमन के पुंछी म रहय; काबरकि ओमन के पुंछीमन सांपमन सहीं रहय, जेम मुड़ीमन रहंय अऊ मुड़ी ले ओमन मनखेमन ला चाबके तकलीफ देवत रिहिन।

20 बाकि बचे मनखे, जऊन मन ए महामारी म नइं मारे गीन, ओमन अपन गलत काम ले मन नइं फिराईन। ओमन दुस्‍ट आतमामन के, अऊ सोना, चांदी, पीतल, पथरा, अऊ कठवा के मूरती मन के पूजा करे बर नइं छोड़िन, जऊन मन न तो देख सकंय, न सुन सकंय अऊ न तो रेंग सकंय। 21 जऊन हतिया, जादू टोना, छिनारीपन अऊ चोरी ओमन करे रिहिन; ओमन ओकर बर घलो पछताप नइं करिन।

स्‍वरगदूत अऊ छोटे किताब

10 तब मेंह एक अऊ सक्तिसाली स्‍वरगदूत ला अकास ले उतरत देखेंव। ओह चारों कोति ले बादर ले घेराय रहय अऊ ओकर मुड़ी ऊपर मेघ-धनुस रहय। ओकर चेहरा ह सूरज सहीं रहय अऊ ओकर गोड़मन आगी के खम्भा सहीं रहंय। ओह अपन हांथ म एक छोटे किताब धरे रहय, जऊन ह खुला रहय। ओह अपन जेवनी गोड़ समुंदर ऊपर अऊ डेरी गोड़ ला भुइयां ऊपर रखिस, अऊ सिंह के गरजन सहीं ओह ऊंचहा अवाज म चिचियाईस। जब ओह चिचियाईस, त सात ठन बादर के गरजन मन गोठियाईन। अऊ जब सात ठन बादर के गरजन मन गोठियाईन, त ओला मेंह लिखनेच वाला रहेंव कि मेंह स्‍वरग ले एक अवाज ला ए कहत सुनेंव, “जऊन बात सात ठन बादर के गरजन मन कहिन, ओला गुपत म रख अऊ ओला झन लिख।”

तब जऊन स्‍वरगदूत ला मेंह समुंदर अऊ भुइयां ऊपर ठाढ़े देखे रहेंव, ओह अपन जेवनी हांथ ला अकास कोति उठाईस। अऊ ओह ओकर किरिया खाईस, जऊन ह सदाकाल तक जीयत हवय, जऊन ह स्‍वरग अऊ ओम जऊन कुछू हवय, धरती अऊ ओम जऊन कुछू हवय अऊ समुंदर अऊ ओम जऊन कुछू हवय, ओ जम्मो ला गढ़िस, अऊ ओ स्‍वरगदूत ह कहिस, “अब अऊ देरी नइं होवय! पर जऊन दिन सातवां स्‍वरगदूत ह अपन तुरही ला फूंकही, ओ दिन परमेसर के गुपत योजना ह पूरा हो जाही, जइसने कि ओह अपन अगमजानी सेवकमन ला कहे रिहिस।”

तब अकास ले जऊन अवाज ला मेंह गोठियावत सुने रहेंव, ओह फेर एक बार मोर ले कहिस, “जा, अऊ जऊन स्‍वरगदूत ह समुंदर अऊ भुइयां ऊपर ठाढ़े हवय, ओकर हांथ ले ओ खुला किताब ला लेय ले।”

एकरसेति, ओ स्‍वरगदूत करा जाके मेंह ओला कहेंव, “मोला ओ छोटे किताब ला देय दे।” ओह मोला कहिस, “एला ले अऊ खा ले। एह तोर पेट ला करू कर दिही, पर तोर मुहूं म एह मंधरस सहीं मीठ लगही।” 10 स्‍वरगदूत के हांथ ले मेंह ओ छोटे किताब ला लेके, ओेला खा लेंव। ओह मोर मुहूं म मंधरस के सहीं मीठ लगिस, पर जब मेंह ओला खा चुकेंव, त मोर पेट ह करू हो गीस। 11 तब मोला ए कहे गीस, “तोला फेर बहुंते मनखे, देस, भासा अऊ राजा मन के बारे म अगमबानी करना जरूरी ए।”

दू झन गवाह

11 तब मोला एक झन नापे के एक ठन लउठी दीस अऊ कहिस, “जा अऊ परमेसर के मंदिर अऊ बेदी ला नाप अऊ जऊन मन उहां अराधना करत हवंय, ओमन के गनती कर। पर बाहिरी अंगना ला छोंड़ दे; ओला झन नाप, काबरकि ओला आनजातमन ला दिये गे हवय, अऊ ओमन बियालीस महिना तक पबितर सहर ला रौंदत रहिहीं। अऊ मेंह अपन दू झन गवाह ला सक्ति दूहूं, अऊ ओमन एक हजार दू सौ साठ दिन तक टाट पहिरके अगमबानी करहीं[b]।”

ए दू गवाहमन दू ठन जैतून के रूख अऊ दू ठन दीवट अंय, जऊन मन धरती के परभू के आघू म ठाढ़े रहिथें। कहूं कोनो ओमन ला हानि पहुंचाय के कोसिस करथे, त ओमन के मुहूं ले आगी निकरथे अऊ ओमन के बईरीमन ला भसम कर देथे। जऊन कोनो एमन के हानि करे के कोसिस करथे, ओह अइसने मरही। ए दूनों झन करा अकास के कपाटमन ला बंद करे के सक्ति हवय, ताकि जब ओमन अगमबानी करंय, त पानी झन गिरय, अऊ एमन करा ए सक्ति घलो हवय कि पानी ला लहू म बदल दें अऊ जब चाहंय, तब धरती ऊपर जम्मो किसम के महामारी लानय।

जब एमन अपन गवाही दे चुकहीं, त ओ पसु जऊन ह अथाह कुन्‍ड ले निकरही, एमन ले लड़ही, अऊ ओह एमन ला हराके मार डारही। एमन के लासमन ओ महान सहर के गली म पड़े रहिहीं, जिहां ओमन के परभू ला कुरुस ऊपर चघाय गे रिहिस। ए महान सहर ला सांकेतिक रूप म सदोम अऊ मिसर कहे जाथे। साढ़े तीन दिन तक जम्मो जाति, भासा, देस अऊ बंस के मनखेमन एमन के लास ला देखहीं, पर ओम के कोनो घलो ओमन ला माटी नइं दिहीं। 10 धरती के मनखेमन एमन के मरे ले आनंद मनाहीं अऊ खुस होवत एक-दूसर करा भेंट पठोहीं, काबरकि ए दूनों अगमजानीमन धरती के रहइयामन ला अब्‍बड़ दुःख देय रिहिन।

11 पर साढ़े तीन दिन के बाद, परमेसर के जिनगी देवइया सांस, ए दूनों म हमाईस अऊ ओमन अपन गोड़ म ठाढ़ हो गीन, अऊ जऊन मन ओमन ला देखिन, ओमन म बहुंते भय छा गीस। 12 तब ओमन स्‍वरग ले एक ऊंचहा अवाज सुनिन, जऊन ह ओमन ला ए कहत रहय, “इहां ऊपर आ जावव।” अऊ ओमन अपन बईरीमन के देखते-देखत एक बादर म स्‍वरग चले गीन।

13 ओहीच बेरा एक भारी भुइंडोल होईस अऊ सहर के दसवां भाग ह भरभरा के गिर गीस। सात हजार मनखेमन ओ भुइंडोल म मारे गीन अऊ जऊन मन बच गीन, ओमन डर्रा गीन अऊ स्‍वरग के परमेसर के महिमा करिन।

14 दूसरा बिपत्ती बीत गीस, पर देखव! तीसरा बिपत्ती ह जल्दी अवइया हवय।

सातवां तुरही

15 तब सातवां स्‍वरगदूत ह अपन तुरही ला फूंकिस, अऊ स्‍वरग म ऊंचहा अवाज सुनई पड़िस, जऊन ह ए कहत रहय:

“संसार के राज ह हमर परभू
    अऊ ओकर मसीह के राज बन गे हवय,
    अऊ ओह सदाकाल तक राज करही।”

16 अऊ चौबीस झन अगुवा, जऊन मन परमेसर के आघू म अपन सिंघासन ऊपर बिराजे रिहिन, मुहूं के भार गिरिन अऊ ए कहत परमेसर के अराधना करिन:

17 “हे सर्वसक्तिमान परभू परमेसर, तेंह हवस,
    अऊ तेंह रहय; हमन तोला धनबाद देवत हवन,
काबरकि तेंह अपन बड़े सामरथ ला उपयोग करके
    राज करे के सुरू करे हवस।
18 देसमन गुस्सा करत रिहिन अऊ तोर परकोप ह आ गे हवय।
    मरे मनखेमन के नियाय करे के बेरा आ गे हवय,
अऊ ओ बेरा घलो आ गे हवय कि तोर सेवक अगमजानी अऊ तोर पबितर मनखे अऊ जऊन मन तोर भय मानथें, छोटे बड़े,
    ओ जम्मो ला इनाम दिये जावय, अऊ जऊन मन धरती ला नास करथें, ओमन ला नास करे जावय।”

19 तब स्‍वरग म परमेसर के मंदिर ह खुल गीस, अऊ ओकर मंदिर म ओकर करार के संदूक ह दिखाई दीस। अऊ उहां बिजली के चमक, अवाज, बादर के गरजन अऊ भुइंडोल होईस अऊ भारी करा गिरिस[c]

माईलोगन अऊ सांप सहीं पसु

12 अकास म एक महान अऊ अद्भूत चिन्‍हां परगट होईस; एक झन माईलोगन ह सूरज ला पहिरे रहय। ओकर गोड़ के खाल्‍हे म चंदा रहय अऊ ओकर मुड़ी म बारह ठन तारामन के मुकुट रहय। ओह पेट म रिहिस, अऊ लइका जनमे के पीरा ले कलपत रिहिस। तब एक अऊ चिन्‍हां अकास म परगट होईस; एक बड़े लाल रंग के सांप सहीं पसु रहय। ओकर सात ठन मुड़ी अऊ दस ठन सिंग रहय अऊ सातों मुड़ी म सात ठन मुकुट रहय। ओकर पुंछी ह अकास के एक तिहाई तारामन ला खींचके धरती ऊपर फटिक दीस। सांप सहीं पसु ह ओ माईलोगन के आघू म ठाढ़ हो गीस, जेकर लइका होवइया रहय, ताकि ओह लइका के जनमतेच ही ओ लइका ला लील सकय। ओ माईलोगन ह एक बेटा ला जनमिस, जऊन ह लोहा के राजदंड ले जम्मो देस ऊपर राज करही। अऊ ओ लइका ला झपटके परमेसर अऊ ओकर सिंघासन करा लाने गीस। तब ओ माईलोगन ह सुनसान जगह ला भाग गीस; उहां परमेसर ह ओकर बर एक जगह तियार करे रिहिस, जिहां एक हजार दू सौ साठ दिन तक ओकर देख-भाल करे जा सकय।

तब स्‍वरग म लड़ई होय लगिस। मीकाएल अऊ ओकर दूतमन सांप सहीं पसु के संग लड़िन, अऊ सांप सहीं पसु अऊ ओकर दूतमन एमन के संग लड़िन[d] पर सांप सहीं पसु ह हार गीस, अऊ ओला अऊ ओकर दूतमन ला स्‍वरग म अपन जगह ला छोड़ना पड़िस। ओ सांप सहीं पसु ला फटिक दिये गीस। ए सांप सहीं पसु ह ओ पुराना सांप ए, जऊन ला इबलीस या सैतान कहे जाथे अऊ जऊन ह संसार के जम्मो मनखेमन ला धोखा देथे। ओला अऊ ओकर दूतमन ला धरती म फटिक दिये गीस।

10 तब मेंह स्‍वरग ले एक ऊंचहा अवाज आवत सुनेंव, जऊन ह ए कहत रहय:

“अब हमर परमेसर ले उद्धार ह आ गे हवय!
    परमेसर ह राजा के रूप म अपन सामरथ ला देखाय हवय,
    अऊ ओकर मसीह ह अपन अधिकार ला देखाय हवय।
काबरकि हमर भाईमन ऊपर दोस लगइया ला स्‍वरग ले फटिक दे गे हवय,
    जऊन ह दिन रात हमर परमेसर के आघू म ओमन ऊपर दोस लगावत रिहिस।
11 हमर भाईमन मेढ़ा-पीला के लहू
    अऊ अपन गवाही के बचन के दुवारा ओ सैतान ऊपर जय पाईन;
    ओमन अपन जिनगी ला देके मरे बर तियार रिहिन।
12 एकरसेति, हे स्‍वरग अऊ ओम रहइयामन,
    आनंद मनावव! पर हे धरती अऊ समुंदर तुमन ला धिक्‍कार ए,
    काबरकि सैतान ह उतरके तुम्‍हर करा आय हवय!
ओह कोरोध ले भरे हवय, काबरकि ओह जानथे
    कि ओकर करा अऊ थोरकन समय बचे हवय।”

13 जब ओ सांप सहीं पसु ह देखिस कि ओला धरती ऊपर फटिक दिये गे हवय, त ओह ओ माईलोगन के पाछू पड़ गीस, जऊन ह एक बेटा ला जनमे रिहिस। 14 ओ माईलोगन ला एक बड़े गिधवा के दू ठन डेना दिये गीस, ताकि ओह सुनसान जगह म ओ ठऊर ला उड़ के जा सकय, जिहां सांप के पहुंच ले बाहिर, ओकर साढ़े तीन साल तक देख-भाल करे जावय। 15 तब सांप ह अपन मुहूं ले ओ माईलोगन कोति नदिया सहीं पानी के धार छोंड़िस, ताकि माईलोगन ह पानी के धार म बोहा जावय। 16 पर धरती ह ओ माईलोगन के मदद करिस। धरती ह अपन मुहूं ला खोलके ओ पानी ला पी गीस, जऊन ह ओ सांप सहीं पसु के मुहूं ले निकरत रिहिस। 17 तब ओ सांप सहीं पसु ह ओ माईलोगन ऊपर गुस्सा करिस अऊ ओह माईलोगन के बांचे संतानमन ले लड़ई करे बर निकरिस – याने कि ओ मनखेमन ले, जऊन मन परमेसर के हुकूम ला मानथें अऊ यीसू के ऊपर बिसवास म अटल रहिथें। 18 अऊ ओ सांप सहीं पसु ह समुंदर तीर म ठाढ़ हो गीस।

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