Beginning
1 परमेसर के चुने माईलोगन अऊ ओकर लइकामन ला, में कलीसिया के अगुवा ह ए चिट्ठी लिखत हंव। एमन ला मेंह सच्चा मया करथंव – अऊ न सिरिप में, पर ओ जम्मो झन घलो मया करथें, जऊन मन सत ला जानथें – 2 काबरकि सत ह हमन म रहिथे अऊ हमर संग सदाकाल तक रहिही।
3 परमेसर ददा अऊ ओकर बेटा यीसू मसीह कोति ले अनुग्रह, दया अऊ सांति हमर संग सत अऊ मया के संग बने रहिही।
सत अऊ मया
4 मेंह ए जानके अब्बड़ आनंद मनावत हवंव कि तोर कुछू लइकामन सत म चलत हवंय, जइसने कि परमेसर ददा ह हमन ला हुकूम दे हवय। 5 अब हे मयारू माईलोगन, मेंह तोला कोनो नवां हुकूम नइं लिखत हंव, पर ओहीच हुकूम, जऊन ह हमन ला सुरू म मिले रिहिस, जब हमन यीसू मसीह के ऊपर बिसवास करेन। मेंह कहत हंव कि हमन एक-दूसर ले मया करन। 6 अऊ मया के मतलब ए अय कि हमन परमेसर के हुकूम के मुताबिक चलन। जइसने कि तेंह सुने रहय, जब सुरू म यीसू मसीह ऊपर बिसवास करय: ओकर हुकूम ए अय कि तें मया के जिनगी जी।
7 कतको धोखा देवइयामन ए संसार म आ गे हवंय, जऊन मन ए नइं मानंय कि यीसू मसीह ह मनखे के देहें धरके आईस। ए किसम के मनखेमन आने मन ला धोखा देथें अऊ मसीह के बिरोध करथें। 8 सचेत रहव कि तुमन ओ चीज ला झन गंवावव, जेकर खातिर तुमन मिहनत करे हवव, अऊ तुमन ला ओकर पूरा इनाम मिलय। 9 जऊन ह मसीह के उपदेस ले भटक जाथे अऊ ओम बने नइं रहय, ओकर करा परमेसर नइं ए। पर जऊन ह ओकर उपदेस म बने रहिथे, ओकर करा परमेसर ददा अऊ बेटा दूनों हवंय। 10 कहूं कोनो तुम्हर करा आथे अऊ ए सिकछा नइं देवय, त ओला न तो अपन घर ले जावव अऊ न ही ओकर सुवागत करव। 11 जऊन ह अइसने मनखे के सुवागत करथे, ओह ओकर गलत काम म भागीदार होथे।
12 मोर करा तुमन ला लिखे बर बहुंते बात हवय, पर मेंह कागज अऊ सियाही के उपयोग नइं करे चाहत हवंव। मोला आसा हवय कि मेंह तुम्हर करा आहूं अऊ तुम्हर संग बईठके गोठियाहूं, ताकि हमर आनंद ह पूरा हो जावय।
13 परमेसर के दुवारा चुने तोर बहिनी के लइकामन तुमन ला जोहार कहत हवंय।
1 में कलीसिया के अगुवा, अपन मयारू संगवारी गयुस ला ए चिट्ठी लिखत हंव, जऊन ला मेंह सच्चा मया करथंव।
2 हे मयारू संगी, मेंह पराथना करत हंव कि तेंह भला चंगा रह अऊ हर एक बात म तोर भलई होवय, जइसने कि तेंह आतमा म सही अस। 3 मेंह आनंद ले भर गेंव, जब कुछू भाईमन आईन अऊ ए गवाही दीन कि तेंह परमेसर के सत बचन म चलत हवस। ओमन बताईन कि तेंह कइसने परमेसर के सत बचन के मुताबिक जिनगी बितावत हस। 4 एकर ले बड़के मोर करा अऊ कोनो आनंद के बात नइं हो सकय कि मेंह ए सुनंव कि मोर लइकामन परमेसर के सत बचन के मुताबिक चलत हवंय।
5 हे मयारू संगी, तेंह ओ काम म बिसवास लइक ठहिरे हस, जऊन ला तेंह भाईमन बर करत हवस, खास करके जब ओमन तोर बर अनजान अंय। 6 ओमन कलीसिया ला तोर मया के बारे म बताय हवंय। तेंह अइसने कर: ओमन के आघू के यातरा के अइसने परबंध कर कि परमेसर ह खुस होवय। 7 काबरकि ओमन मसीह के सेवा म निकरे हवंय अऊ मसीह ऊपर बिसवास नइं करइयामन ले एमन कुछू नइं लेवंय। 8 एकरसेति हमन ला अइसने मनखेमन के सेवा-सतकार करना चाही, ताकि हमन परमेसर के सत बचन खातिर एक संग काम कर सकन।
9 मेंह कलीसिया ला लिखे हवंव, पर दियुत्रिफेस, जऊन ह ओमन के मुखिया बने चाहत हवय, मोर बात ला नइं मानय। 10 एकरसेति जब मेंह आहूं, त ओ बातमन ला बताहूं जेला ओह करत हवय। ओह हमर बदनामी करत हवय। ओला एकर ले संतोस नइं होईस, त ओह भाईमन ला गरहन घलो नइं करय, अऊ जऊन मन भाईमन ला गरहन करे चाहथें, ओह ओमन ला मना करथे अऊ ओमन ला कलीसिया ले निकार देथे।
11 हे मयारू संगी, बुरई के नइं पर भलई के नकल कर। जऊन ह भलई के काम करथे, ओह परमेसर के अय, अऊ जऊन ह बुरई के काम करथे, ओह परमेसर ला नइं जानय। 12 देमेतिरियुस के बारे म जम्मो झन बने बात कहिथें – अऊ त अऊ सत ह खुद एही कहिथे। हमन घलो ओकर बारे म बने बात कहिथन, अऊ तेंह जानथस कि हमर गवाही ह सही ए।
13 मोर करा तोला लिखे बर कतको बात हवय, पर मेंह कलम अऊ सियाही ले लिखे नइं चाहत हंव। 14 मोला आसा हवय कि तोर संग जल्दी भेंट होही अऊ तब हमन एक संग बईठके गोठियाबो।
15 तोला सांति मिलय। इहां के संगवारीमन तोला जोहार कहत हवंय। उहां संगवारीमन ला नांव ले-लेके मोर जोहार कहि देबे।
1 ए चिट्ठी ह यीसू मसीह के सेवक अऊ याकूब के भाई यहूदा के तरफ ले, ओमन ला लिखे जावत हे, जऊन मन परमेसर के दुवारा बलाय गे हवंय, जऊन मन परमेसर के मयारू अंय अऊ जऊन मन यीसू मसीह खातिर रखे गे हवंय।
2 परमेसर के दया, सांति अऊ मया तुम्हर ऊपर अब्बड़ होवय।
अधरमीमन के पाप अऊ ओमन के बिनास
3 हे मयारू संगीमन हो, हालाकि मेंह तुमन ला उद्धार के बारे म लिखे बर बहुंत उत्सुक रहेंव, जऊन म हमन सहभागी हवन, पर मेंह ए जरूरी समझेंव कि तुमन ला लिखंव अऊ बिनती करंव कि तुमन ओ बिसवास खातिर पूरा मिहनत करव, जऊन ला परमेसर ह अपन मनखेमन ला जम्मो के सेति एकेच बार म दे हवय। 4 काबरकि कुछू मनखेमन गुपत रूप ले तुमन म आके मिल गे हवंय, जऊन मन के दंड के हुकूम बहुंत पहिली ले लिखे गे हवय। ओमन अधरमी मनखे अंय। ओमन हमर परमेसर के अनुग्रह ला दुराचार म बदल देथें अऊ हमर एकेच मालिक परभू यीसू मसीह के इनकार करथें।
5 हालाकि तुमन ए जम्मो बात ला पहिली ले जानत हव, पर मेंह सुरता कराय चाहत हंव कि परभू ह अपन मनखेमन ला मिसर देस ले छोंड़ाईस, पर बाद म ओमन ला नास कर दीस, जऊन मन बिसवास नइं करिन। 6 अऊ ओ स्वरगदूत, जऊन मन अपन अधिकार के सीमा म नइं रिहिन अऊ स्वरग म अपन खुद के घर ला तियाग दीन – ओमन ला परमेसर ह नियाय के महान दिन खातिर नरक के अंधियार म, कभू नइं टूटइया बेड़ी म बांधके रखे हवय। 7 एही किसम ले सदोम, अमोरा अऊ आस-पास के सहर के मनखेमन अपन-आप ला छिनारी काम अऊ खराप चाल-चलन म लगाईन। एमन ओमन बर एक नमूना ठहरिन, जऊन मन सदाकाल के आगी के सजा भोगत हवंय।
8 ओहीच किसम ले, ए मनखेमन सपना म अपन खुद के देहें ला असुध करथें; परमेसर के परभूता ला इनकार करथें, अऊ स्वरगदूतमन के बदनाम करथें। 9 अऊ त अऊ परधान स्वरगदूत मीकाएल ह जब सैतान के संग अगमजानी मूसा के लास के बारे म बिवाद करत रिहिस, त ओह सैतान ऊपर बदनामी के दोस लगाय के हिम्मत नइं करिस, पर ए कहिस, “परभू ह तोला दबकारय।” 10 पर ए मनखेमन, जऊन बातमन ला नइं समझंय, ओकर बारे म खराप गोठ गोठियाथें, अऊ जऊन बातमन ला, एमन जंगली पसुमन के सहीं सहज रूप म जानथें, ओहीच बातमन एमन ला नास कर देथें।
11 एमन ऊपर हाय! काबरकि एमन कैन के डहार म चलथें; एमन फायदा खातिर, बिलाम के सहीं गलती करथें; एमन कोरह के सहीं बिदरोह करथें, अऊ ओकरे सहीं नास हो जाथें।
12 ए मनखेमन तुम्हर मया के जेवनार म गंदगी के सहीं अंय, एमन तुम्हर संग बेसरम सहीं खाथें-पीथें अऊ सिरिप अपन-आप के खियाल रखथें। एमन बिगर पानी के बादर अंय, जऊन ला हवा उड़ा ले जाथे। एमन पतझड़ के ओ रूख सहीं अंय, जऊन म फर नइं लगय अऊ उखाने जाथें अऊ दूबारा मर जाथें। 13 एमन समुंदर के भयानक लहरा सहीं अंय, जऊन मन अपन लाज के फेन ला निकारथें। एमन गिंजरत तारामन सहीं अंय, जेमन खातिर परमेसर ह सदाकाल बर घोर अंधियार ठहिराय हवय।
14 हनोक, जऊन ह आदम के सातवां पीढ़ी के रिहिस, ए मनखेमन के बारे म ए अगमबानी करे रिहिस, “देखव, परभू ह हजारों-हजार अपन पबितर स्वरगदूतमन संग आवत हवय, 15 कि हर एक के नियाय करय, अऊ ओ जम्मो अधरमीमन ला दोसी ठहिराय, जऊन मन कुकरम करके अधरम के काम करे हवंय, अऊ परमेसर के बिरोध म ओ जम्मो कठोर बचन, ए अधरमी पापीमन कहे हवंय।” 16 ए मनखेमन कुड़कुड़ावत अऊ आने ऊपर दोस लगावत रहिथें; एमन अपन खराप ईछा के मुताबिक चलथें; एमन अपन खुद के बड़ई मारथें अऊ अपन खुद के फायदा बर दूसर के चापलूसी करथें।
बिसवास म बने रहव
17 पर हे मयारू संगवारीमन हो, तुमन ओ बातमन ला सुरता करव, जऊन ला हमर परभू यीसू मसीह के प्रेरितमन तुमन ला पहिली कहे रिहिन। 18 ओमन तुमन ला कहे रिहिन, “आखिरी समय म, ठट्ठा करइयामन होहीं, जऊन मन अपन खुद के खराप ईछा के मुताबिक चलहीं।” 19 एमन ओ मनखे अंय, जऊन मन तुम्हर बीच म फूट डारथें; एमन अपन संसारिक ईछा के मुताबिक चलथें अऊ एमन करा पबितर आतमा नइं ए।
20 पर हे मयारू संगवारीमन, तुमन अपन-आप ला अपन परम पबितर बिसवास म बढ़ावव, अऊ पबितर आतमा के सामरथ म पराथना करव। 21 अपन-आप ला परमेसर के मया म बनाय रखव, अऊ हमर परभू यीसू मसीह के दया के बाट जोहत रहव, जऊन ह तुमन ला परमेसर के संग सदाकाल के जिनगी दिही। 22 जऊन मन बचन ऊपर संका करथें, ओमन ऊपर दया करव; 23 आने मन ला लबरा गुरूमन के सिकछा ले बचावव, जइसने तुमन कोनो ला आगी ले खींचके बचाथव; भय के संग आने मन ऊपर दया करव; पर ओ मनखेमन के ओ ओन्ढा ले घलो घिन करव, जऊन म ओमन के पापी सरीर के दाग लगे हवय।
24 अब जऊन ह तुमन ला गिरे ले बचा सकथे अऊ तुमन ला निरदोस अऊ आनंद के संग ओकर महिमा ला देखा सकथे – 25 ओहीच एके परमेसर, हमर उद्धार करइया के महिमा, गौरव, पराकरम अऊ अधिकार, हमर परभू यीसू मसीह के जरिये सनातन काल, अब अऊ सदाकाल तक होवत रहय। आमीन।
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